Simmy Hasan Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Simmy Hasan 3 Sep 2021 · 1 min read गर इश्क़ है... गर इश्क़ है गुनाह तो मुझे इश्क़ की सज़ा तू दे ये मरज़ ही मेरा सुकून है मुझे ज़हर दे, दवा न दे ये नक़ाब तू हटा ज़रा मुझे दीदार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 412 Share Simmy Hasan 23 Aug 2021 · 1 min read अनाम की मौत पर नफरतों की आग तुम और भड़का कर गए जाते जाते ही सही दिल को जला कर के गए क्या हुआ गर तुम लगा लेते गले से भींच कर हिन्दू-मुस्लिम, ऊंच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 298 Share Simmy Hasan 31 Jul 2020 · 1 min read वादियां अपनी मस्ती में कोई दीवाना, गीत उल्फत के गा रहा होगा.. या कोई परवाना किसी शम्मा को, वफ़ा ए मुहब्बत सीखा रहा होगा.. चाँद फिर चांदनी के आंचल में, धीरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 5 470 Share Simmy Hasan 12 Apr 2020 · 1 min read इंसान रंजिशों नफ़रतों के दाग़ लिए सूनी आँखों में टूटे ख़्वाब लिए देखो कराहता है हिंद का दिल यकजहती की मुर्दा लाश लिए एक तो फैला है क़हर क़ुदरत का और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 261 Share Simmy Hasan 19 Jan 2020 · 1 min read आइन आईन के मुहाफ़िज़ सड़को पे लड़ रहें हैं तालिब मुहब्बतों के तख्ती लिए खड़े हैं हर एक का वतन ये हर एक का चमन है हिन्दोस्तां के बुलबुल मशाले लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 333 Share Simmy Hasan 20 Jun 2018 · 1 min read चाँद चाँद जैसे निर्जर वृक्ष का, एकलौता फल। जो ऊगा है सांझ की बेला में.. रात की शोभा बढ़ाने, की कम हो अंधेरा... ताकि न करना पड़े, जुगनुओं को मशक्कत.. राह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 618 Share Simmy Hasan 10 Jun 2018 · 1 min read अरमानों की बरसी.. "बांध लेते हैं अक्सर, धड़कते दिलों के गीत.. अपनी सहर भरी , मीठी आवाज़ों में.. जिन में हल्की सी , थरथराहट के साथ.. मचलते हुए अरमानो की सरगोशियां, तुम्हारे मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 450 Share Simmy Hasan 21 May 2018 · 1 min read तेरा ख़याल... पतझड़ की एक शाम चिनारों के साए में चलते हुए तेरा ख़याल ... यक ब यक ही आ पहुंचा.. मुस्कुराते हुए मेरी आँखों में झाँकता.. मेरा हाथ अपने हाथों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 294 Share Simmy Hasan 18 May 2018 · 1 min read मुल्क हर शख़्स यहाँ रोता हुआ मिल जाएगा, दामन अपना भिगोता हुआ मिल जाएगा.. चंद नोटों के लिए हो गयी ज़िन्दगी बर्बाद, हर शख्श ये कहते हुए मिल जाएगा.. भूख की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 522 Share Simmy Hasan 3 May 2018 · 1 min read दौर हर बड़े मुद्दे को एक नये मुद्दे से दबाया गया , जुल्म जब भी बढा और जुल्म ढ़ाया गया .. चीखें बेटियों की दबाने के लिए , तालिब ए इल्मों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 627 Share Simmy Hasan 1 May 2018 · 1 min read मेहनतकश हर शब् की तारीकी उम्मीद के सूरज बुझा देती है लौट आता हूँ सब्र के साथ रात की स्याही में अपने गम आंसुओ में ढाल बहा देता हूँ मजदूर हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 313 Share Simmy Hasan 28 Apr 2018 · 1 min read जनाज़ा ख्वाबों का ... ज़िन्दगी के कांधों पर , लेकर जनाज़ा ख्वाबों का ... उजड़े बिखरे ,टूटे फूटे चल रहे थे ..जल रहे थे ... न अश्क थे, न दर्द था .. बस खुश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 559 Share Simmy Hasan 19 Apr 2018 · 1 min read इंसाफ बुझ रहीं हैं अब तो जल जल के मशालें भी यूँ आँधियों से कब तक लड़ते चराग होंगे कब तक रहेंगे फिरते इंसाफ की तलब में कब तक लूटेगी अस्मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 694 Share Simmy Hasan 17 Apr 2018 · 1 min read असीफा ! किस किसपे रोऊं ? अब आँसू भी नहीं आते .. आती है तो बस हँसी , हर बात पे ; असीफा ! जो कुचली गई , झुलसी ,मसली गई ..... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 497 Share Simmy Hasan 14 Apr 2018 · 1 min read दर्द भी शर्मा जाए है इतना दर्द की दर्द भी शर्मा जाए इब्ने आदम बता हम बेटियां कहाँ जाएं इल्जाम किरदार का मुझ पे जो तुम लगाते हो गोद से छीन के मसली गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 459 Share