Girija Arora Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read दिसम्बर की ठंड़ ओढ़ाया तुमने हमदर्दी का कम्बल सौहार्दपूर्ण गर्माहट के संग बाहर हो तो हो दिसम्बर की ठंड़ मूंगफली सी चटकती बातों ने तिल तिल ख्वाहिशें उघाड़ी जिसमें घोल दिए फिर गुड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 103 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read तब बसंत आ जाता है जब मौन के बाग में पक्षियों का कलरव गाता है जब सूने सूने कानों को प्रकृति का संगीत लुभाता है तब बसंत आ जाता है जब पीले पत्तों के रिक्त... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 87 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read ओ चिरैया ओ चिरैया मैंने देखा है तुम्हें एक एक तिनका लाकर घोंसला बनाते रात दिन तपस्या कर अंडों को सेते, बच्चों को बचाते सहमते हुए डर को दृढ़ता में छिपाकर दाना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 115 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read होटल के कमरे से नैनीताल की झील होटल के कमरे से नैनीताल की झील मचलती दिखती हरदम झिलमिल झिलमिल झील की सतह पर बनते आकार दर्शा जाते हैं मछलियों का विहार एक मछली का निकल कर गोता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 82 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read कैक्टस साथ ही तो उगे थे दोनों पौधे एक को बूंद मिली एक को सूर्य की कर्करी एक नमी से खिल उठा एक दर्द से झुलस गया एक गर्व से महक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 69 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read कोशिश चिड़िया ने नन्हें विशाव के उगते परों को सहलाकर बड़े प्यार से समझाया जैसे कभी उसे उसकी माँ ने था बताया कि घोंसले से बाहर की दुनिया आसान नहीं है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 91 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read मन के घाव ये जो संग्रहालय में बड़ी बड़ी कलाकृतियाँ देख रहे हो न ये वही मन के घाव हैं जो तुमने दिए थे और मैंने सहेज कर रख लिए थे हर टीस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 91 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read पंखुड़ी गुलाब की सुबह सुबह हवा के साथ उड़ते उड़ते मेरे हाथ जाने कहाँ से आ गई एक पंखुड़ी गुलाब की वातावरण में लिख आई वो पाती सुगंध की आँगन में खेल गई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 72 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read मोबाइल के बाहर देखो तुम्हें दिखा रही हूँ एक सुंदर संसार मोबाइल के बाहर जिसके डिस्प्ले को नहीं देना पड़ता क्रिस्टल क्लेरिटी का आधार जिसकी ब्राइटनेस के सुबह की ताज़गी दिन की फुर्ती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 46 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read छलका छलका प्यार मन के पौधे पर उगा एक संसार नदी बनी भावनाएं गीला हुआ व्यवहार संभाले संभला नहीं छलका छलका प्यार सूर्य सा तेज पुंज उतरा मेरे द्वार कोने कोने छा गया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 89 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read सूर्य की पहली किरण सूर्य की पहली किरण लेती है चुनौती अंधेरे की सत्ता में प्रविष्ट होने की और उसके साथ ही प्रवेश हो जाता है प्रकाश के साम्राज्य का जाग जाती है सारी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 50 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक जैसे किसी बीज को गोद में धरती सुलाती पालन पोषण करती और संबल उसका बनती सही समय आने पर उसे वह उठाती बीज में बसी थी जो दुनिया धरती उसमें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 73 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read शब्द भेदी बाण दशरथ निपुण था शब्द भेदी बाण चलाने में शब्द सुनकर कौशलपूर्ण अनुमान लगाने में और अपने लक्ष्य को भेद जाने में और इसी निपुणता का बन गया था शिकार श्रवण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 88 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read कृतज्ञता मेरे प्रभु रहा संग तू न मैं ये भूलूं, मेरे प्रभु असमर्थता की निर्जीवता में तू विश्वास के प्राण भरता रहा निराशा के अंधेरों में अक्सर टिमटिमाता, उजाला करता रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 53 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read चलो बीज बोते हैं चलो बीज बोते हैं। हरे भरे जीवन का सपना संजोते हैं। चलो बीज बोते हैं। संयम की धरती पर सब्र का बीज बोयेंगे सदाचार के पानी से सींचेंगे सुना है,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read गीत गज़ल की बातें गर्मी में हो जैसे बरसातें जब हों गीत गज़ल की बातें इंद्रधनुष रहता जिसके उर ऐसे नील गगन की बातें शहनाइयों की तान जैसी मन्द रम्य पवन की बातें बागों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 81 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read संजीवनी सी बातें होती हैं कुछ बातें जो हमें हौंसला देती हैं बुझते हुए मन को जो उमंग खोज ला देती है होती हैं कुछ बातें जो हमें हौंसला देती हैं। वो सार्थक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 111 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read गॉड पार्टिकल चलते चलते, उठते बैठते, यूं ही इधर उधर मिल जाता है अक्सर गॉड पार्टिकल वो बीज बन भूमि में जाता, सूर्य बन रश्मि छिटकाता वायु बन लहराता जंगल, बरसता बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 64 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read बेहतर कल पाने को एक बेहतर कल उद्यम की ली है राह पकड़ इन राहों की नींदों को बोला कुछ विश्राम कर भेदने रात का कम्बल सूर्य क्षितिज में गया निकल पंछी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 64 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read कल एक बेहतर दिन होगा कल एक बेहतर दिन होगा। मनचाहा जब हासिल होगा। कल एक बेहतर दिन होगा। जो आज अधूरा छूट गया, जग जिससे मानो रूठ गया उद्यम की राह चलते चलते कल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 55 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read डर आंसू से डरते रहे आँखे रहीं भरी आने से पहले ही मुस्कुराहट चली गई रातों से डरते रहे शबनम नहीं मिली उपवन से फूलों से सजावट चली गई पतझड़ से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 109 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read क्या होता जो इस दुनिया में गम न होता क्या होता जो इस दुनिया में गम न होता? सच पूछो तब हँसने का भी मौसम न होता। कांटों की जो सेज न होती, फूल कहाँ पर सोते? जो ये... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 76 Share Girija Arora 19 Feb 2024 · 1 min read माँ वीणावादिनी माँ स्वरदायिनी बन मेरी रागिनी मुझको तरानों से भर दे गुनगुनाएं गीत मेरे सब ऐसी मेरी कलम कर दे माँ वीणावादिनी बन मेरी रक्षिणी मुझको अपना संबल दे लड़खड़ाएं न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 98 Share