Sanjay ' शून्य' Tag: Quote Writer 126 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay ' शून्य' 19 Nov 2024 · 1 min read लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है। लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है। मन माया है और लक्ष्य ही साधना है।। मन के पीछे भागोगे,मनोरोगी बन मर जाओगे। लक्ष्य के पीछे तो,साधक बन कुछ कर... Quote Writer 1 15 Share Sanjay ' शून्य' 6 Nov 2024 · 1 min read कौन कमबख्त नौकरी के लिए आता है, कौन कमबख्त नौकरी के लिए आता है, तेरे दीदार की खातिर ये चला आता है। है मय्यशर मुझे जहां की हर शौक सुकून, मगर तेरे चेहरे में खुद का किरदार... Quote Writer 18 Share Sanjay ' शून्य' 3 Nov 2024 · 1 min read तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा। तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा। तू अपनी फ़ितरत से बाज़ नहीं आया,मैने भी सब्र का दामन कभी नहीं छोड़ा।। Quote Writer 1 24 Share Sanjay ' शून्य' 31 Oct 2024 · 1 min read हुए प्रकाशित हम बाहर से, हुए प्रकाशित हम बाहर से, अंतर्मन में घोर तम है। मानवमूल्य हीन नरपशु कहे, धरती के सूरज हम है।। जलाओ दीप, जगमगाए शहर। किसी को कभी न भगाए शहर।। कबूतर... Quote Writer 1 29 Share Sanjay ' शून्य' 23 Oct 2024 · 1 min read जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा। जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा। कायरों की दोस्ती, है मृत्यु की प्रतीक्षा।। दान ज्ञान का करो, जिसको इसकी भूख हो। सीख तुम उसी से लो, जिसके पास सीख हो।। Quote Writer 1 40 Share Sanjay ' शून्य' 21 Oct 2024 · 1 min read हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो पूंछ में कहकर, उसने ले ली विपदा भारी।। दुश्मन की हरकत को तुम, मत लेना जी सीधा सादा।... Quote Writer 35 Share Sanjay ' शून्य' 14 Oct 2024 · 1 min read स्वाभिमान की बात कर रहा, स्वाभिमान की बात कर रहा, वो पुश्तैनी भिखमंगो से। उम्मीद है उसको लाज शर्म की, त्रेता के बेशर्मों व नंगों से।। रामचरित जिसे जगा न पाया, ना योगेश्वर की गीता... Quote Writer 1 23 Share Sanjay ' शून्य' 13 Oct 2024 · 1 min read वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है। वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है। कोशिश है उसकी जारी, मगर बेअसर सा है।। सब तर्जुमें हैं फर्जी, हर नजीर है खयाली। चल फिर तो रहा है,... Quote Writer 1 37 Share Sanjay ' शून्य' 12 Oct 2024 · 1 min read दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने। दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने। इस तरह संजीदगी पर, फ़ज़ल किया हमने।। खुद्दारी वफादारी की कीमत ही घटा दी हमने। इस तरह इंसानियत का कतल किया... Quote Writer 1 37 Share Sanjay ' शून्य' 4 Oct 2024 · 1 min read पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्राकृतिक है और विश्वास अर्जित या कमाना पड़ता है। संबंध अपने आप में परिभाषित है और विश्वास की शुरुवात ही शंका... Quote Writer 1 32 Share Sanjay ' शून्य' 27 Sep 2024 · 1 min read प्रश्नों से प्रसन्न होते हो वो समझदार होते। प्रश्नों से प्रसन्न होते हो वो समझदार होते। मूर्ख सदा विपरीत चले,खबरदार हैं करते।। प्रश्न सदा अच्छे होते हैं ज्ञान बढ़ाते हैं रहते। इनसे जो घबराते हैं बड़ा काम कब... Quote Writer 1 35 Share Sanjay ' शून्य' 27 Sep 2024 · 1 min read वस्त्र की चिंता नहीं थी शस्त्र होना चाहिए था। वस्त्र की चिंता नहीं थी शस्त्र होना चाहिए था। देश था परतंत्र तो आज़ाद होना चाहिए था।। एक मिशन था युवक, सब दान होना चाहिए। लहू मांगे आजादी तो बलिदान... Quote Writer 1 45 Share Sanjay ' शून्य' 17 Sep 2024 · 1 min read भ्रम रिश्तों को बिखेरता है भ्रम रिश्तों को बिखेरता है और प्रेम से अजनबी भी बंध जाते है। समर्पण से प्रेम प्राप्त होता है, अतः "समर्पण" की कद्र करें। Quote Writer 1 60 Share Sanjay ' शून्य' 15 Sep 2024 · 1 min read अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी और कीमत भी आपक अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी और कीमत भी आपको ही चुकानी होगी - Jai Hind Quote Writer 1 35 Share Sanjay ' शून्य' 15 Sep 2024 · 1 min read अगर चुनौतियों को ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो अगर चुनौतियों को ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो बड़ा मत सोचो और समझो की साधारण जीवन बेहतर जीवन है और सरल बनो,सुखी रहो। जै श्री सीताराम Quote Writer 2 76 Share Sanjay ' शून्य' 30 Aug 2024 · 1 min read आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहेगी, इसे ही भविष्य कहते हैं, जो आनेवाली पीढ़ियों को प्रकाशवन रखती हैं। "निशि न अनल मिलि सुनु सुकुमारी। अस... Quote Writer 1 34 Share Sanjay ' शून्य' 11 Aug 2024 · 1 min read फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ, फिर भी बहुत थे खुश। सब एक जैसे लोग सबके एक थे विचार, कीचड़ से बहुत दूर थे... Quote Writer 2 45 Share Sanjay ' शून्य' 10 Aug 2024 · 1 min read मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ। मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ। जानो कलियुग माहि तब, कुनबा नहीं अटूट।। Quote Writer 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 8 Aug 2024 · 1 min read कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं। कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं। कल तलक कांटा था मैं,पर अब जिगर में हूं।। हुस्न पर कोई अदा मेरी कभी छाई भाई नहीं, हुस्न वाली... Quote Writer 1 82 Share Sanjay ' शून्य' 8 Aug 2024 · 1 min read झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से तुम सती सिया को हर लो। पा न सकोगे सत्य समर्पण दंभी मायाबल से,... Quote Writer 1 68 Share Sanjay ' शून्य' 2 Aug 2024 · 1 min read चरित्र अपने आप में इतना वैभवशाली होता है कि उसके सामने अत्यं चरित्र अपने आप में इतना वैभवशाली होता है कि उसके सामने अत्यंत्धनवान भी बौना दिखता है। आप चूक गए कोई बात नहीं अपने बच्चों को एक बार चरित्रवान होने का... Quote Writer 2 55 Share Sanjay ' शून्य' 30 Jul 2024 · 1 min read जिसकी विरासत हिरासत में है, जिसकी विरासत हिरासत में है, वही सबसे ज्यादा सियासत में है। है गौरव मिला या राजा बने वो, बताएं जरा, है क्या कुछ बचा, अब वरासत में है।। Quote Writer 2 73 Share Sanjay ' शून्य' 28 Jul 2024 · 1 min read शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता। शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता। सत्य नंगा होके भी वस्त्रहीन नहीं होता।। धन अपनी चमक कितना भी बिखेरे, भविष्य का आदर्श कोई चरित्रहीन नहीं होता।। Quote Writer 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 18 Jul 2024 · 1 min read आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति को देते हैं, जिसका आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति को देते हैं, जिसका कोई आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक आधार नहीं होता। तो यदि आप निर्माता रूप में जन्मे हैं, करेंगे और ईश्वर सदैव... Quote Writer 1 67 Share Sanjay ' शून्य' 17 Jul 2024 · 1 min read अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भुलाना आवारापन। Quote Writer 1 57 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jul 2024 · 1 min read सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने में लगे है वो। हमीं को केंद्र में रखकर लड़ाते हैं हमीं को जो, ज़रा सोचो और बतलाओ... Quote Writer 2 85 Share Sanjay ' शून्य' 13 Jul 2024 · 1 min read आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें है, आप नौकर से अनुशासन और संस्कार सिखाने की अपेक्षा कर रहें है। आप न तो जमीर पे... Quote Writer 1 64 Share Sanjay ' शून्य' 9 Jul 2024 · 1 min read पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था। पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था। फगुनिया के प्रेमी मांझी को देखो, छिनी हथौड़े से तोड़ेगा पर्वत ज़िद पे अड़ा था।। Quote Writer 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read संत का अपमान स्वप्न में भी न करें, चाहे स्वयं देवऋषि नारद आप संत का अपमान स्वप्न में भी न करें, चाहे स्वयं देवऋषि नारद आपके सलाहकार क्यों न हों। याद रखें " राम से बड़ा राम का नाम" । जै श्री सीताराम Quote Writer 1 75 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर जीव में राम को देखना हनुमत की भक्ति है। जय श्री राम Quote Writer 1 64 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। इसमें माता पिता दो स्तंभ हैं, जिनका सद्चरित और सदाचारी होना परम... Quote Writer 1 139 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुलाते हो, उसी प्रकार मनुष्य में जो फल दिखे, उसे भी सहजरूप में बुलाएं। आप दुर्जन और सज्जन को... Quote Writer 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place), समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place), इन चारों का ध्यान देनेवाला कर्ता कभी असफल नहीं होता। जय श्री सीताराम Quote Writer 1 118 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्विट कर सकें। वरना सब कुछ छिन जाएगा और हार आप अकेले की होगी। सोचें Quote Writer 1 68 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jul 2024 · 1 min read हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है। हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है। हो मधुर वचन, ललाट सूर्य सा दमकता है।। हो मित्र सारथी, युद्ध खेल जैसा लगता है। हो सभी मे सत्य, घर धर्म... Quote Writer 1 84 Share Sanjay ' शून्य' 23 Jun 2024 · 1 min read न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए। न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए। नेताजी दिल्लीवालों को सिर्फ पानी चाहिए।। बेपानी को नेता चुनकर खुद बिनपानी होगई दिल्ली। मौसी समझ सत्ता सौंपा तो सारा दूध ही पीगई... Quote Writer 2 70 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jun 2024 · 1 min read कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को, कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को, फिर कैसा अभिमान ज्ञान का। कर न सके जन में स्व जागृत, क्या मतलब फिर स्वाभिमान का। Quote Writer 2 131 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2024 · 1 min read एक छोर नेता खड़ा, एक छोर नेता खड़ा, दूजे छोर है चोर। कतहुं में चोरी करें, देश होय कमजोर।। नेता जी विनती सुनो, इनको भेजो जेल। अबकी जनता कर रही, सब चोरन को फेल।। Quote Writer 1 156 Share Sanjay ' शून्य' 20 May 2024 · 1 min read पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा। पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा। पर सर नहीं चढ़ने दिया, मैं अपने यार को।। Quote Writer 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है। है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है। वह बिंदास बेखबर जाता है, जब इंसान अपने घर जाता है।। "संजय" Quote Writer 1 176 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अधिकार और साधन समझ लेते हैं। उदार और स्वार्थी मनुष्य का यही भेद है। जय सियाराम Quote Writer 1 139 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया। मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया। भर गया हो पेट मौतों से तो अब तौबा करो।। Quote Writer 1 89 Share Sanjay ' शून्य' 30 Apr 2024 · 1 min read न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की दुश्वारियां। कट रही है ठाट से हाथ फैलाने से गर, जागकर मैं क्यूं खरीदूं सैंकड़ों बीमारियां।। Quote Writer 1 85 Share Sanjay ' शून्य' 28 Apr 2024 · 1 min read अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त। अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त। गर नहीं तो कोई बात नहीं, बनाना मेरे दोस्त।। औरों की कृपा से, यदि जगह भी मिल जाए। ऐसे मुसीबतों से खुद... Quote Writer 1 167 Share Sanjay ' शून्य' 11 Apr 2024 · 1 min read निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा हैं। शक्ति को समर्पित कर शक्तिवान बनें। जय मां जगदम्बे Quote Writer 1 122 Share Sanjay ' शून्य' 4 Apr 2024 · 1 min read जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं। जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं। कर्म मूल है और कोई बात नहीं।। जय श्री सीताराम Quote Writer 1 136 Share Sanjay ' शून्य' 19 Mar 2024 · 1 min read मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी, मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी, मकबरे तो देखो शाही का फ़कीर का। मरने बाद बैठी है मुमताज ताज में, सौ ईंट में बस बन गया चौरा कबीर... Quote Writer 1 145 Share Sanjay ' शून्य' 18 Mar 2024 · 1 min read व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि विचार और संबंध में चुनना हो तो संबंध चुने। हमारे महाकाव्य बताते हैं कि विचारों की उत्पत्ति संबंधों... Quote Writer 1 109 Share Sanjay ' शून्य' 16 Mar 2024 · 1 min read मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो विकल्प नहीं हैं। जनता के लिए काम करे, दिखता नहीं कोई, राष्ट्र समर्पित कोई व्यक्तित्व... Quote Writer 1 167 Share Sanjay ' शून्य' 8 Mar 2024 · 1 min read शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम। शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम। सिद्धि बांटे जगत में, स्वयं रहे निष्काम।। प्रभु गुरुओं के हो गुरु, देवों के हो देव। कालों के हो काल, कहते सब... Quote Writer 3 252 Share Page 1 Next