Lokesh Singh 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lokesh Singh 27 Aug 2023 · 1 min read *मंज़िल पथिक और माध्यम* अहले सुबह उठ कर चले गए थे जो, दरख्तों पर लौट आते हैं परिंदे शाम को, आसमान उतर आयेगा अपने आंगन की आस में, हम थे जो घोंसलों से उड़े... Hindi · कविता 97 Share Lokesh Singh 18 Aug 2023 · 1 min read *साहित्यिक बाज़ार* मैं कुछ कहानियों को लिए बाजार में बैठा हूं। सस्ती, टिकाऊ, रसभरी, मज़ेदार कहानियाँ। उनपर भिनभिनाती मख्खियों को अपने अंगोछे से बार बार उड़ाता हुं। भिन्न से उड़ कर फिर... Hindi · कहानी 243 Share Lokesh Singh 25 Jul 2023 · 2 min read *क्यों बुद्ध मैं कहलाऊं?* सिद्दार्थ नहीं जो गृह त्याग कर, वन को मैं चला जाऊं, यशोधरा की सेज छीन कर, राहुल को मैं ठुकराऊ। जननी जनक के प्रेम को तज कर, अनजाने प्रेम में... Hindi · कविता 1 4 694 Share Lokesh Singh 23 Jul 2023 · 1 min read खुली आंखें जब भी, खुली आंखें जब भी, कोई ख़्वाब देख कर, एक शख्स खड़ा था सिरहाने, उन्हें साकार करने को। ।।मेरे पिता।। Quote Writer 239 Share Lokesh Singh 22 Jul 2023 · 1 min read रण प्रतापी वक्त कहता है ये झांकी है, असल सैलाब अभी बाकी है। कई मुश्किलों से मुक्कमल ये जिंदगी बनाई है, हमने पत्थर से सांसों की मशाल जलाई है। ढा सितम जो... Hindi · कविता 115 Share Lokesh Singh 21 Jul 2023 · 1 min read अपने अपने युद्ध। बस हुआ, विनय अब नहीं होगा। रक्त नशों में डोल रहा जो पुरखों के यश बोल रहा जो माटी की चीत्कार सुनी तो महाराणा सा खौल रहा जो उस आग... Hindi · कविता · गीत 2 2 1k Share Lokesh Singh 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत बदलने वाले लोग फितरत की फेहरिस्त लगाए हर पल बदलने वाले लोग आईने के उल्टे झूठ को सच बताने वाले लोग चित्र,चरित्र बेरंग बनाकर रंग बेचने वाले लोग इंसानी खाल ओढ़ कर गिरगिट... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीत 2 161 Share Lokesh Singh 10 Jul 2023 · 1 min read रास्ते और मुसाफिर कई साल भटका हूं तो सही रास्ते मिले, कई लोग मुसाफिर ही रहे, नहीं मंजिलें मिली। गम और गुरबतों के कई काफिले मिले, चुटकी भर मुस्कुराहट की, कई तन्हाईयां मिली।... Hindi · कविता · ग़ज़ल · शेर 1 2 98 Share Lokesh Singh 4 Jul 2023 · 1 min read मुस्कुराहट हो गमज़दा, हो लाख नासूर चुभे तेरे दिल में, ऐ दोस्त, जब भी मिलना रकीबो से, मुस्कुरा देना। किसी के जिंदा जलने का जश्न, इससे उम्दा न होगा। Hindi · कोटेशन · शेर 64 Share Lokesh Singh 4 Jul 2023 · 1 min read शब्द शब्दों को चाहिए कि दिल के जीनों पर चुपचाप चले और होठों के गलीचों में, मुस्कुरा कर बिखर जाए। मैने देखा है बेरुखी के अल्फाजों को, लंबी ख़ामोशी का शबब... Hindi · कोटेशन · शेर 74 Share Lokesh Singh 24 Jun 2023 · 1 min read मेरे चेहरे पर मुफलिसी का इस्तेहार लगा है, मेरे चेहरे पर मुफलिसी का इस्तेहार लगा है, मेरी आंखों में मेरी बादशाहत के चर्चे आम है। Quote Writer 1 147 Share Lokesh Singh 24 Jun 2023 · 1 min read जिंदगी के दर्द कभी आँखों से टपकी लकीरों को, अपने हाथों से मिटाया करती थी। वही जिंदगी आज मुझे, हर पल रुलाये बैठी है। दुखों की संदूक पर, हंसी का ताला लगा दिया... Hindi 1 88 Share Lokesh Singh 23 Jun 2023 · 1 min read जब स्वार्थ अदब का कंबल ओढ़ कर आता है तो उसमें प्रेम की गरमाह जब स्वार्थ अदब का कंबल ओढ़ कर आता है तो उसमें प्रेम की गरमाहट नहीं होती षड्यंत्रों की शिलवटें होती हैं जिसमें विश्वास घुट कर दम तोड़ देता है। Quote Writer 1 214 Share Lokesh Singh 23 Jun 2023 · 1 min read कुछ यूं मेरा इस दुनिया में, कुछ यूं मेरा इस दुनिया में, कालिदास सा रसूख रहा। कि जलता रहा मेरा घर,भयंकर लपटों में, और मैं धुंए से महल बनाने में मसरूफ रहा। Quote Writer 133 Share Lokesh Singh 15 Jun 2023 · 1 min read प्रेमिका या जीवन माना के हुनर है तुम्हे जफा की, मुझे भी गिर कर संभलने की अदा जाती है। आँखें पिघलती रही और तुमने जाने की जिद्द की थी, मिटा गालों की गीली... Poetry Writing Challenge 331 Share Lokesh Singh 15 Jun 2023 · 1 min read आज दिल बेचैन बड़ा है, आज दिल बेचैन बड़ा है, सामने ये बड़ा सवाल क्यों है? दिल ने हर बार, दिमाग को किया अनसुना। आज दिमाग ने ना सुना, तो ये बवाल क्यों है? छोड़... Poetry Writing Challenge 1 183 Share Lokesh Singh 15 Jun 2023 · 1 min read तुम तो हमेशा से बेकसूर थे गलती मेरी ही थी, तुम तो हमेशा से बेकसूर थे। बिना पूछे सपने मैने बुने, तुम्हारे होठों पर गीत अपने मैने सुने। तुम्हारे आने से चमक उठी थी आँखें, जबकि... Poetry Writing Challenge 409 Share Lokesh Singh 15 Jun 2023 · 1 min read नारी एक लाश, पड़ी थी आंगन में, रूदाली का क्रंदन था। क्षमा याचना करती थी, रोती थी बिलखती थी, चली गई वो जननी, जो श्रृजन की अवतारी थी। सिर पटक कर... Poetry Writing Challenge 180 Share Lokesh Singh 15 Jun 2023 · 1 min read गुरुजन के चरणों में जिन चरणों में सीखा मैने, निज को तज, परोपकार करना। दया, करुणा ममता, प्रेम, धर्म कर्म को स्वीकार करना। आंखों में बड़े ख़्वाब पालना, और छोटे कदमों से उन्हें साकार... Poetry Writing Challenge 143 Share Lokesh Singh 15 Jun 2023 · 1 min read देश की खड़ी है खाट छीन झपट मार काट, हर तरफ़ है लूट पाट। भावहीन चेहरे सपाट, देश की खड़ी है खाट। जात पात नरबली, क्यों तुम्हारे सिर चढ़ी? राजनीति की बिसात, देश की लगी... Poetry Writing Challenge 49 Share Lokesh Singh 14 Jun 2023 · 1 min read मेरी क्षमता मेरी क्षमता को तुम क्या नापोगे? समंदर होते तो गहराई समझ लेते, हवा होते तो रफ्तार समझ लेते, पंछी होते तो ऊंचाई समझ लेते, तमस होते तो अंधकार समझ लेते,... Poetry Writing Challenge 295 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read इंसान खुदा बनने की होड़ में, मैंने तेरी शख्सियत बदल डाली l मस्जिदों के खुदा, मंदिरों की देवियां बदल डाली l क़ुरान की आयतें, गीता की चौपाइयां बदल डाली l पैगम्बर... Poetry Writing Challenge 1 177 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read एक रात एक सर्द काली रात में, हम थे मोहब्बत के लिहाफ में l मर्यादा की सिलवटें थी जो, उन्हें तह कर रहे थे l वो नफरत के चोले में, दबे पाव... Poetry Writing Challenge 1 239 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 2 min read मुट्ठी भर चंद लोग मुट्ठी भर चंद लोग किसी मुल्क को गुलाम, किसी राष्ट्र को स्वतंत्र बनाते हैं, किसी तहजीब को थोप कर, किसी संस्कृति को नोच जाते हैं। मुट्ठी भर चंद लोग। वही... Poetry Writing Challenge 1 83 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read मेरी तलाश एक दिन, मेरी तलाश सबको होगी l जख्म दिल का मेरे, कहते हैं आम है l पर दर्द हर दिल में, ख़ास सबको होगी l एक दिन, मेरी तलाश सबको... Poetry Writing Challenge 1 244 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सरहदी कुत्ते तुम अपनी गली के कुत्ते हो, हम अपनी गली के कुत्ते हैं l तुम अपनी टशन में जीते हो, हम अपनी टशन में जीते हैं l हंगामा बस एक हड्डी... Poetry Writing Challenge 1 1 356 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read कक्षा – संसद रूमा मैडम की क्लास में, एक प्रश्न पर विचार है l पहली पंक्ति का “विनीत”, बड़ा ही होशियार है l बड़ी ही उम्दा तर्कों से, वो प्रश्न का उत्तर देता... Poetry Writing Challenge 1 125 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सूरज को रौशन करना है l लपट तेज थी, लपक तेज थी, जब वो जला था चमक तेज थी l निस्तेज करती थी किरणें, चाँद के घमंड और तारों की चाकरी को l दमकती आंखें, चमकते... Poetry Writing Challenge 1 117 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read कौम और काफिर लहूलुहान इस धरती पर वो देखो किसकी लाश पड़ी। शेख साहब की लड़की है अभी देखा था उसे वहीं खड़ी। रोती थी, चिल्लाती थी अब्बू पुकारती थी अड़ी। गोली आई... Poetry Writing Challenge 1 214 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read हम आगाज़ी हैं। तुम्हारा लहू तो ठंडा है, तुम्हारा लहू तो पानी है। नब्जों में उबाल उठा है, गर्व है हम आगाज़ी हैं। आसमां के सीने पर चढ़ कर ऐसे हम हुंकारेंगे, सागर... Poetry Writing Challenge 165 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 2 min read बेसुध मां, लड़खड़ाता पिता काली अंधेरी घुप्प सी रात, हृदय में तामसिक छाया है। एक सिंहनी का “काजल” पोंछकर, दुष्टों ने नभ पर फैलाया है। छाती पर मनो भार, पथराई आँखे, हृदय गले में... Poetry Writing Challenge 1 395 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read औरत तुम संपन्नता हो, हर्षोल्लास हो, जीवन की प्रगति हो, जीवित होने का एहसास हो। तुम जाया हो, तुम जननी हो। तुम ही ब्रह्मांड, तुम ही अवनि हो। गर्भ भी तुम,... Poetry Writing Challenge 1 234 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read ज़हर का व्यापार व्यापार करना है मंडी में, तो आओ एक हवा बेचते हैं. तुम जहर बेचना, हम उसकी दवा बेचते हैं. व्यापारी हैं हम, बस व्यापार समझते हैं. नगद हो तो ठीक,... Poetry Writing Challenge 1 298 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read भारत क्या भूल जायेगा? शाहीन बाग के प्रपंच को, जेएनयू के उस मंच को। एएमयू की द्रोही धरती पर कब्र खोदने वाली भीडतंत्र को, तेरा मेरा रिश्ता क्या, रटे जा रहे तेरे मंत्र को।... Poetry Writing Challenge 1 1 268 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read इरफ़ान इरफान तेरी जिक्र कौन करे? तू सो गया कफ़न इन्सानी ओढ़ कर वाकई ऊपरवाले का सगा निकला जो माह ए रमज़ान में तेरी अकीदत रंग लाई कुछ लोग सहरी इफ़्तार... Poetry Writing Challenge 314 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read पड़ोसी कलम चलती रही मेरी, संगीनों के साए में। स्याह करती रही पन्नो को, जिस पर मैने"अमन" लिखा था। कफ़न लपेटे मेरे भाई बहन, आंगन में लेटे थे, बाहर बारूद का... Poetry Writing Challenge 1 47 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read देश मेरा! मेरे लहू में दौड़ता है, मेरी सासों में फूलता है, मेरी आँखों में चमकता है, मेरी ज़ुबान पर झूलता है, मेरे दिल में धड़कता है, मेरे दिमाग में पलता है।... Poetry Writing Challenge 1 43 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read केसरिया तिलक लगाता हूं। रक्त अगर शीतल हो बैठा तो लो उबाल मैं लाता हूँ। सदियों से गुंजायमान जो, एक कीर्ति कथा सुनाता हूँ। चंद्र के कौशल में मैं, पद्मिनी के जौहर में मैं,... Poetry Writing Challenge 1 40 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read मूक चट्टानों की भाषा श्रृष्टि का हर जीवन ढल कर मृत्यु की ओर जाता है। और इस जीवन मृत्यु के बीच है मेरा अस्तित्व। समेटा है इन कुछ आड़ी तिरछी रेखाओं को, इन चट्टानों... Poetry Writing Challenge 1 129 Share Lokesh Singh 7 Jun 2023 · 1 min read कौन ख़बर नवीस हैं? जात जज़्बात औकात ढक कर मिला करो प्रेम चरित्र सौगात छुप कर खोला करो सांस आंखें धड़कन सोच कृत तुम्हारी तड़पन पैनी निगाहों में हैं तुम्हे नापा जा रहा है... Poetry Writing Challenge 1 81 Share