अनिल कुमार निश्छल Language: Hindi 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मां से याचना माँ से याचना तेरा ही संबल सदा मैं पाँउ बदी से न कभी मैं घबराऊँ ममता के आँचल में छिप जाऊँ रज तेरे चरणों की ही बन जाऊँ पाकर आशीष... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 2 109 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read होश में आओ गरीबों की हाय लगेगी होश में आ जाओ देखो वरना गाज गिरेगी होश में आ जाओ ये जो धंधे काले-काले करते हो तुम इक दिन फिर कलई खुलेगी होश में... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 53 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read अब कहां वो बात रही इश्क़, मोहब्बत, प्यार में अब कहाँ वो बात रही। स्नेहिल पवित्र बंधन वाली अब कहाँ वो सौगात रही।। चंद लम्हों में रिश्ते टूट जाते अब यहाँ, अडिग रहें अपने शब्दों... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 60 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read अदब में रहें अदब में रहकर सब अदब से पेश आयें मदद की बात हो सब मदद करें करायें मानवता की सरहदी अदब में रहकर हम सब इंसानियत को पालें औ बचायें जात-... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 54 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read गीतिका आसमाँ की चाहत दिल में रखता रहा मंजिलों से मुहब्बत कब से करता रहा ख़्वाहिशें उड़ान को आतुर हैं कब से फिर हर तूफ़ान से हर कसर भिड़ता रहा हिम्मत... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 52 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मैं, मेरी मौत!! "मैं और मेरी मौत'' ______________________ ऐ मौत! जब भी आना तो, चुपके से तुम, मत आना। आना जब भी तुम अगर, हँस के ही मेरे पास आना। सिर पे मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 51 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मुक्तक सीना फ़ौलादी जान-ओ-ज़िगर हाथ रखते हैं मुहब्बत से रहते हैं मुहब्बत साथ रखते हैं बात जब वतन की आबरू पे आ जाए चीरते दुश्मन, माँ के चरणों पे माथ रखते... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 55 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read आंख का टूट गया है एक सितारा टूट गया है। आंख का तारा टूट गया है।। घर वाले तक समझ न पाए। चांद हमारा टूट गया है।। दुनिया के ताने सुन सुन के। दर्द बेचारा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 56 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read इतना है अरमान हमारा जीवन गाड़ी ठीक चले बस इतना है अरमान हमारा सूरत अच्छी नहीं तो क्या है ? काम बने पहचान हमारा गुस्से में ही मर जाता है अंदर का इंसान हमारा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · ग़ज़ल · शिवनी · हमीरपुर 62 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read दोहे सूरज की अपनी व्यथा; चंदा की कुछ और। या दु:खिया संसार में; चैन मिले ना ठौर।। तारे जलते रात में; किरणें करती भोर। सबका अपना वक्त है; सबका अपना दौर।।... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · दोहा · शिवनी · हमीरपुर 114 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read हमारा चांद आया है श्रृंगार पर एक अदनी सी कोशिश हमारा चाँद आया है कि बागों में खिली कलियाँ बहारों ने सजाया है कि बागों में खिली कलियाँ हंसीं चेहरो की दुनिया में मेरा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · ग़ज़ल · शिवनी · हमीरपुर 75 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल मुहब्बत की हंसीं दुनिया में जाना छोड़ देंगें हम बिना शिकवा किए रिश्ते निभाना छोड़ देंगें हम हमारा साथ देने का अगर वादा करो हमसे तुम्हारी एक ही हाँ पर... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · अनिल कुमार निश्छल · शिवनी · हमीरपुर 44 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read प्रेरणा गीत फूलों-सा हंसना मुश्किल है, भाव मधुर रखते रहना सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना एक हवा समभाव रखे बस, ऐसी जग में रीत नहीं पेड़ों पे फल... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · गीत · शिवनी 55 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read चला तू चल मुश्किलों से हारकर न बैठ मन को मारकर बुज़दिली उतारकर कदम-कदम संभालकर न सोच तूँ करेगा कल चला तूँ चल चला तूँ चल आँधियों से तूँ न डर बाज-सा तूँ... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · Motivation · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी 57 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read आम एक दिन पापा जब आम लाये तो बच्चे ने क्या कहा पापा लाये मीठे आम कितने रंग रंगीले आम मैं खाऊंगा खूब तमाम हैं ये रसीले कितने आम पापा लाये........... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अनिल कुमार निश्छल · बाल कविता · शिवनी 86 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 2 min read माता पिता भगवान कोई कहता है रब तुमको कोई कहता है राम कोई कहे सृष्टि नियन्ता कोई कहता घनश्याम कोई कहता रब ......... कोई कहे प्रभु निराकार कोई कहे हनुमान कोई कहे रचनाकार... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 52 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read बढ़ता चल चलता चल रे मुसाफ़िर चलता चल जिंदगी के सफर में आगे, बढ़ता-चल चलता-चल मुसाफ़िर_____ राह में फूल आए या आए शूल, बढ़ता-चल ठहर न कभी तूफ़ानों के डर से; बढ़ता... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 60 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read छिपा गई जिंदगी *राज जिंदगी का यूं हमसे छिपा गयी जिंदगी, सरे राह महफ़िल में यूं मूर्ख बना गयी जिंदगी। देखते रहे हम अपनी मौत का तमाशा, मालूम नहीं हमको, किस जन्म का... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 41 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read कलम ही नहीं हूं मैं किसी के दिल का साज हूँ तो किसी के दिल की आवाज हूँ किसी की नब्ज किसी की धड़कन किसी की मंजिल का आगाज हूँ किसी के लबों का संगीत... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 63 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मिट्टी के दिए जलाएं आयी है दिवाली; खुशियों में झूमें गाएँ, पर सारे भैया; मिट्टी के ही; दिए जलाएँ। सौंधी-सौंधी माटी की खुशबू; घर अपने भी लाएँ, आओ मिलकर भैया; माटी के ही दिए... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 41 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मिल गया होता न मैं यूँ तन्हा हरदफ़ा होता, गर न यूं हमसे बेवफ़ा होता। न मैं यूँ................... कश्ती प्यार की साहिल को पा ही लेती, गर वक्त पर साथ तेरा मुझे मिल... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 45 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 3 min read लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख़ रहा है और पतन अब दीख रहा है सत्ता लोलुपता है व्यापित राजनीति केवल है शापित जनता केवल लूटी जाती बात पड़े... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 80 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मां तुम्हारा जाना मां तुम्हारा जाना.... तुम्हारी याद आती है बहुत फिर याद आती है समझ कुछ भी नहीं आता बहुत फिर याद आती है हमारे वास्ते कितना किया तूने मुसीबत में हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 117 Share अनिल कुमार निश्छल 9 Sep 2023 · 1 min read चलते जाना चलते जाना ही मुसाफिर अब तुम्हारा काम है। सूरज कहाँ कभी करता दिन में आराम है बाधा बहुत आएगी मगर थकना नहीं तुम तुमको रोकेगी मगर रुकना नहीं तुम पाँव... Hindi · कविता 318 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Feb 2022 · 2 min read लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख़ रहा है और पतन अब दीख रहा है सत्ता लोलुपता है व्यापित राजनीति केवल है शापित जनता केवल लूटी जाती बात पड़े पर कूटी जाती जनता की... Hindi · गीत 404 Share अनिल कुमार निश्छल 9 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल शहर आया तो गाँव बुलाने लगा बुजुर्गों की बातें याद दिलाने लगा अब सबके सब समझदार हो गये सबको यूँ ही अकेलापन खाने लगा छोटी-छोटी बातों पे रूठने लगे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 294 Share अनिल कुमार निश्छल 9 Feb 2020 · 1 min read दोहा ग़ज़ल मन से होते काम हैं,मन से ही नाकाम। मन ही है सारी व्यथा,मन ईश्वर का धाम।। मन अपना हित साधता,घूमत चारों ओर। मन में ही यदि ठान लो,होते सारे काम।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share अनिल कुमार निश्छल 13 Jun 2019 · 1 min read अरे जाने दो छोड़ो भी ऐसे मुस्कुराना छोड़ो भी अब यूँ शरमाना छोड़ो भी रूप-रंग है चार-दिनों का इसपे इतराना छोड़ो भी मान लिया तुम अच्छे हो गाल बजाना छोड़ो भी रिश्तों का कोई मोल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 463 Share अनिल कुमार निश्छल 13 Jun 2019 · 1 min read माँ मकान तो पिता नींव है माँ ने तो बस क्षीर पिलाया पिता भी सम्बल देता है माँ ने सच-झूठ में फ़र्क बताया पिता आत्मबल देता है माँ की महिमा की गाथा सब ग्रंथों ने गायी... Hindi · कविता 270 Share अनिल कुमार निश्छल 21 Nov 2018 · 1 min read गजल काश मेरा भी एक फ़साना हो दिल मेरा उसका आशियाना हो दो जिस्म एक रूह हैं हम आजमा ले जिसे आजमाना हो मुस्कुरा दे गर देख वो मुझको लबों पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 355 Share अनिल कुमार निश्छल 16 Nov 2018 · 2 min read क्यों नहीं मिलते इन बेशकीमती आँसुओं के खरीदार नहीं मिलते न जाने क्यों पहले जैसे अब दिलदार नहीं मिलते ************************** 1.इस आबोहवा इस फ़िजा में किसने ज़हर घोला है न जाने क्यों पहले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 482 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Nov 2018 · 1 min read आम एक दिन पापा जब आम लाये तो बच्चे ने क्या कहा पापा लाये मीठे आम कितने रंग रंगीले आम मैं खाऊंगा खूब तमाम हैं ये रसीले कितने आम पापा लाये........... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 611 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Nov 2018 · 1 min read दुआ रब आपको इतनी खुशियां नसीब करे नसीब भी आपके नसीब की तारीफ़ करे यूँ तो जिन्दगी में सब को गम मिला करते हैं रब न आपको एक भी गम कुबूल... Hindi · कविता 2 3 310 Share अनिल कुमार निश्छल 7 Nov 2018 · 1 min read माँ-एक फ़रिश्ता ख़ुदा ने जब माँ को बनाया होगा ख़ुद को कदमों पे ही पाया होगा ममता का आँचल जब थमाया होगा बच्चा बन खुद आजमाया होगा जन्नत को कदमों पे बसाया... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 26 607 Share अनिल कुमार निश्छल 4 Apr 2018 · 1 min read उसको पाने की हसरत उसको पाने के हँसी ख्वाबों को पाले बैठा हूँ; आजकल मैं बड़ी कशमकश में रहता हूँ। दिल को कितना समझाता हूँ; पर राजी नहीं कुछ मानने के लिए, अक्सर उसी... Hindi · गीत 1 504 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Mar 2018 · 1 min read बढ़ता चल मुसाफ़िर चलता चल रे मुसाफ़िर चलता चल जिंदगी के सफर में आगे, बढ़ता-चल चलता-चल मुसाफ़िर_____ राह में फूल आए या आए शूल, बढ़ता-चल ठहर न कभी तूफ़ानों के डर से; बढ़ता... Hindi · कविता 1 471 Share अनिल कुमार निश्छल 19 Jan 2018 · 2 min read माता पिता मेरे भगवान कोई कहता है रब तुमको कोई कहता है राम कोई कहे सृष्टि नियन्ता कोई कहता घनश्याम कोई कहता रब ......... कोई कहे प्रभु निराकार कोई कहे हनुमान कोई कहे रचनाकार... Hindi · गीत 1 280 Share अनिल कुमार निश्छल 17 Jan 2018 · 1 min read राज जिंदगी का हमसे छिपा गयी जिंदगी *राज जिंदगी का यूं हमसे छिपा गयी जिंदगी, सरे राह महफ़िल में यूं मूर्ख बना गयी जिंदगी। देखते रहे हम अपनी मौत का तमाशा, मालूम नहीं हमको, किस जन्म का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 693 Share अनिल कुमार निश्छल 16 Jan 2018 · 1 min read वो वादा निभाते रहे प्यार करने का वादा वो हमसे निभाते रहे, रूठे हम गर तो वो हमें मनाते रहे। हम तो सदा किस्मत की ठोकरें खाते रहे, गम में भी खुद के लुटने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 528 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Jan 2018 · 1 min read तेरी यादें ये अश्क भी कितने बेवफा होते है; तेरी यादों के साथ-साथ चले आते हैं। कितना भी चाहे हम की ये इन आँखों को न नसीब हों; पर तेरे बहाने ही... Hindi · कविता 2 458 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read तुम आवाज तो दो तुम आवाज तो दो, वो दौड़ती आएगी, संग अपने अपनों की मंडली लाएगी। तुम आवाज तो... चल देती है उधर अपना संग किये, निश्चयी जीवन जाते हैं, जिधर अपना रुख... Hindi · गीत 1 346 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read जिंदगी से क्या सीखा तेरी जिंदगी की दौड़ में,क्या तुम्हें तालीमें मिलीं; नसीहतों के साथ मे कभी चाहतें भी खिलीं। जिंदगी की राह में दर-दर भटके कभी-कभी; जिंदगी की आपाधापी में कहीं अटके कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 585 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read कुछ करो ऐसा करो कुछ ऐसा कि जग तुम्हे याद करे, बनने को तुम जैसा, हर कोई फरियाद करे। अहिंसा,अस्तेय,दया जैसे गुणों की खान बन, नैतिकता उतार जीवन मे, सब तुम्हारा धन्यवाद करे... Hindi · कविता 2 403 Share