अनिल कुमार Tag: ग़ज़ल/गीतिका 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार 8 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है, ख़ुद खारा है मगर हंसता, नाचता, गाता है। अपनी मिठास भले ही समा दें सारी नदियाँ उसमें, उसकी फितरत में तो मीठा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 3 190 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे, जहां के सारे सवालात मद्देनजर रखे। हमारे दरमियाँ क्या है मैं जानूं, वो जाने, उसके भी सारे हालात मद्देनजर रखे। ये गाँव का प्यार है... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · ग़ज़ल/गीतिका · जज़्बात · नज़्म · प्यार 2 2 179 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ, तो क्या हो, इश्क़ की झील में गोते लगा लूँ, तो क्या हो। भीनी सी मदहोशी में जैसे बीतती जाए सारी रात,... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · ग़ज़ल/गीतिका · चाहत · नज़्म · प्यार 1 470 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा के नज़र झुकाने की, हमको भी आदत लग गई इज़हार-ए-प्यार समझ जाने की। उसका अक्स आकर बैठने लगा आँखों के दरवाजों पे, हमको लत... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · नज़्म · प्यार 1 416 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया, और बार-बार ताश के पत्ते सा ढ़ह गया। इज़हार-ए-प्यार ना कर पाया उससे कभी, यूँ ही ज़माने की दुश्वारियों को सह गया। उसके... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · चाहत · नज़्म · प्यार 1 239 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं, नज़र ना लग जाए किसी की तो दिल से नहीं निकाले हैं। साल-दर-साल ही निखर रही है रौनकें चाहत... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · चाहत · नज़्म · प्यार 1 191 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की, उसको पास लाने की ऐसे कोशिशें अपनी जारी की। बहुत दूर लगी मंजिल मेरे अरमानों की मुझे, मगर, उसके वास्ते सब भूल... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · ग़ज़ल/गीतिका · चाहत · नज़्म · प्यार 1 243 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है, इस दिल की धड़कनों में ये स्पन्दन सा क्यूँ है। अपनी मुलाकातों की ये पहली ख्वाहिश तो नहीं, बरसों... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · नज़्म · प्यार और खलिश 1 267 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था एक दिन खुद में बड़ा सा मैं जहां जोड़कर आया था, अपने दिल की धड़कनों का मैं आसमाँ जोड़कर आया था। पास आने की मनुहार की थी हौले से हाथ... Poetry Writing Challenge · अहसास · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · नज़्म · प्यार 1 226 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ, मैं किसी के प्यार का कुछ असर छोड़ रहा हूँ। जागती आँखों वास्ते वसीयत लिखी है मैंने, मैं नींदों से उसका... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · प्यार · शायरी 1 209 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर हुस्न से तू तकरार ना कर, रुसवा सरे बाजार ना कर। इश्क़ आग है ख़तरनाक बड़ी, इसमें घी की बौछार ना कर। कुछ कारण होगा बेवफ़ाई का, अपनी वफ़ा का... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · नज़म · प्यार 1 366 Share अनिल कुमार 1 Mar 2022 · 1 min read आपबीती सोचता हूँ आग की तरहां खबर फ़ैलाई जाए, क्यूं ना अपनी आपबीती सबको बताई जाए। बार-बार मुस्करा के जिसने मेरा क़त्ल किया, क्यूं ना उस हसीना पे एक FIR लगाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 479 Share अनिल कुमार 1 Mar 2022 · 1 min read वो बकरा सजा रहे हैं कार्यकर्ता आज फिर से तंबू लगा रहे हैं, फिर से कुछ नए वादे होंगे बता रहे हैं। तीन-चार साल बाद ऐसे मौके आते हैं, घोषणाएं होने की उम्मीदें जगा रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share अनिल कुमार 1 Mar 2022 · 1 min read हलचलें और शोर दिल में ये हलचलें और, है शोर कैसा, पल में जो चुरा ले गया, है चोर कैसा। खामखां के इल्ज़ाम भले, लगते इसपे, खूब नाचे जो हंसकर ये, है मोर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share अनिल कुमार 1 Mar 2022 · 1 min read रिआया यहाँ अपने छालों से ही, केवल जिसका रिश्ता है, रिआया ही तो है वो और, गम भी उसका सस्ता है। बेकार होती कोशिशें, खरोंचें छिपाने की उसकी, दिल खुला रखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share अनिल कुमार 1 Mar 2022 · 1 min read अच्छा है क्या बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या? सच को झूठ से आईना दिखाना, अच्छा है क्या? देश और अवाम वास्ते हो सियासत, तो क्या कहने, हाकिम का जनता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share अनिल कुमार 1 Mar 2022 · 1 min read पिता... अनजान पहलू वो जानता है के मौत, एक दिन मुकर्रर है, फिर भी जीने के पल, कहाँ उसे मयस्सर है। जोड़ता है आशियां वो, कतरों में टूट कर, घर में हर इल्ज़ाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share अनिल कुमार 7 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - मज़मा भा गया (ग़ज़ल/नज़्म - मज़मा भा गया) गालियाँ देता, हर वो मज़मा भा गया, तेरे नाम संग, जिसमें मेरा नाम आ गया । सुनता हूँ सबके-सब, तंज़ मैं चाव से, एक-एक गहरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share अनिल कुमार 7 Jun 2021 · 2 min read ग़ज़ल/नज़्म -- पसन्द आता है (ग़ज़ल/नज़्म -- पसन्द आता है) मुझे दुश्मनों की गलियों में रहना, पसन्द आता है, उनका तेरे नाम से मुझे गाली देना, पसन्द आता है । एक तू ही है जिसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 283 Share अनिल कुमार 27 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - मद्देनजर रखे सब उसके जज़्बात मद्देनजर रखे, जहां के सवालात मद्देनजर रखे । ये गाँव का प्यार है सरेआम ना हो, छोटे-बड़े झंझावात मद्देनजर रखे । हमारे बीच क्या मैं जानूं वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share अनिल कुमार 19 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था (ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था) एक दिन मैं खुद में बड़ा सा, जहां जोड़ के आया था, अपने दिल की धड़कनों में, आसमां जोड़ के आया था ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share अनिल कुमार 17 May 2021 · 1 min read प्यार की रायशुमारी वजूद-ए-हुस्न को जानने की, पहले मैंने तैयारी की, उसको अपने पास लाने की, फिर कोशिशें जारी की । मंजिल बहुत ही दूर लगी मुझे, मेरे अरमानों की, मगर, उसके वास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share अनिल कुमार 16 May 2021 · 2 min read महबूब के लिए अहसास... मेरे महबूब के दीदार में, बहार बहुत हैं, उसकी हर नजाकत में, चमत्कार बहुत हैं । उसके जज़्बात हैं भले, अनकहे से, पर, उसकी झुकी पलकों में, समाचार बहुत हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 481 Share अनिल कुमार 15 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म -- सोच सकारात्मक (ग़ज़ल/नज़्म -- सोच सकारात्मक) खामखां दिलेरी दिखाने में, कोई बड़ाई नहीं, बेवजह ही जान गंवाने में, कोई भलाई नहीं । दुश्मन कर रहा कोशिशें, तेरे घर में सेंध की, ढ़ील... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share अनिल कुमार 15 Mar 2021 · 1 min read भ्रष्टाचारी आसान नहीं है (ग़ज़ल/नज़्म -- भ्रष्टाचारी आसान नहीं) ये रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी का, काम बहुत आसान नहीं है, मेहनत है दिन-रात की, दिलो-दिमाग में आराम नहीं है । जिस काम को लेता हूँ हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 317 Share