Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2022 · 1 min read

आपबीती

सोचता हूँ आग की तरहां खबर फ़ैलाई जाए,
क्यूं ना अपनी आपबीती सबको बताई जाए।

बार-बार मुस्करा के जिसने मेरा क़त्ल किया,
क्यूं ना उस हसीना पे एक FIR लगाई जाए।

किस थाने में दर्ज कराऊं मामला दिल का है,
क्यूं ना उसके मयखाने से हाला चुराई जाए।

जब क़ातिल का दर्जा उसे मन नहीं देता तो,
क्यूं ना उसकी हर अदा दिल में बसाई जाए।

चुपचाप बैठीं सिरहाने यादें नींदें चुराने लगी,
क्यूं ना अंधेरे में इनसे बातें खूब बनाई जाए।

कुलबुलाहटों से चद्दर पे बेशुमार पड़ी सलवटें,
क्यूं ना अपनी खाट से चद्दर ही हटाई जाए।

ये सपनों की मुलाकातें रातें कटने नहीं देती,
क्यूं ना बोझिल आँखें अकेले में बहाई जाए।

हर लम्हा हर वाक्या जगजाहिर हो ठीक नहीं,
क्यूं ना खास सी बातें ज़माने से छुपाई जाए।

ये नाज ओ’ नखरे ओ’ अदाएं तुझे भाने लगे “अनिल”,
क्यूं ना इनके लिए प्यार से राहें सजाई जाए ।

©✍?09/02/2022
अनिल कुमार “खोखर”
anilk1604@gmail.com

433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार
View all
You may also like:
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
Dr MusafiR BaithA
You're going to realize one day :
You're going to realize one day :
पूर्वार्थ
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
किसान और जवान
किसान और जवान
Sandeep Kumar
मेरा हाल कैसे किसी को बताउगा, हर महीने रोटी घर बदल बदल कर खा
मेरा हाल कैसे किसी को बताउगा, हर महीने रोटी घर बदल बदल कर खा
Anil chobisa
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तुम बदल जाओगी।
तुम बदल जाओगी।
Rj Anand Prajapati
"आत्मा के अमृत"
Dr. Kishan tandon kranti
*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
Ravi Prakash
हार का पहना हार
हार का पहना हार
Sandeep Pande
2578.पूर्णिका
2578.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
वो वक्त कब आएगा
वो वक्त कब आएगा
Harminder Kaur
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
Satish Srijan
Jay shri ram
Jay shri ram
Saifganj_shorts_me
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
मंजिल छूते कदम
मंजिल छूते कदम
Arti Bhadauria
आप और जीवन के सच
आप और जीवन के सच
Neeraj Agarwal
मित्रता दिवस पर एक खत दोस्तो के नाम
मित्रता दिवस पर एक खत दोस्तो के नाम
Ram Krishan Rastogi
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
डुगडुगी बजती रही ....
डुगडुगी बजती रही ....
sushil sarna
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr Shweta sood
बांदरो
बांदरो
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
■ तेवरी
■ तेवरी
*Author प्रणय प्रभात*
धर्म सवैया
धर्म सवैया
Neelam Sharma
Loading...