Aman Sinha Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Aman Sinha 25 Aug 2024 · 1 min read हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू, दुनिया से क्यों डरती है? ये न समझे प्रेम को तेरे, इसमें तेरी क्या गलती है? प्रेम तेरा है निर्मल जल सा, थोड़ी भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · गीतिका · मुक्तक 62 Share Aman Sinha 4 Aug 2024 · 2 min read जॉन तुम जीवन हो तुमको पढ़ा, तुमको जाना, तो ये समझ में आया है, कितनी बेकरारी को समेट कर तूने कोई एक शेर बनाया है। रईसी ऐसी कि बस इशारों में मुआ हर काम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 46 Share Aman Sinha 2 Apr 2024 · 1 min read पहचाना सा एक चेहरा वर्षों हुए एक बार देखे उसको तब वो पुरे श्रृंगार में होती थी बात बहुत करती थी अपनी गहरी आँखों से शब्द कहने से उसे उलझने तमाम होती थी इमली... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक 1 152 Share Aman Sinha 31 Mar 2024 · 1 min read कई बात अभी बाकी है कुछ पल और ठहर जाओ के रात अभी बाकी है दो घूंट कश के लगाओ के कई बात अभी बाकी है जो टूटे है ख्वाब सारे वो बैठ के जोड़ेंगे... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 106 Share Aman Sinha 21 Mar 2024 · 2 min read विदाई कुछ दिन पहले तक ही तो,वो घुटनो के बल चलती थी अपनी तुतलाती भाषा में, पापा पापा कहती थी पहली बार जो अपने मुँह से, पहला शब्द वो बोली थी... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · मुक्तक · संस्मरण 108 Share Aman Sinha 19 Mar 2024 · 1 min read मेरा अभिमान उसकी एक हंसी से बगिया की सारी क्यारी खिल गयी आज हमारे उदासी घर को ढेर सी खुशियां मिल गयी दिए जलाओ ख़ुशी मनाओ फूलों का झूला तैयार करो लक्ष्मी... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक 95 Share Aman Sinha 16 Mar 2024 · 1 min read एक तरफ़ा मोहब्बत तू मुझे ना देखना चाहे तो ना सही मेरा तुझको ना देखना मुमकिन ही नहीं तेरा मुझको ना चाहना तेरी मर्ज़ी है पर तुझे मैं ना चाहूँ ये मुमकिन नहीं... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत 88 Share Aman Sinha 15 Mar 2024 · 1 min read मन का डर काँप उठता है बदन और धड़कने बढ़ जाती है लफ्ज़ रूकते है जुबां पर साँसे भी थम जाती है लाल हो जाती है नज़रे भौंह भी तन जाती है सैकड़ो... Hindi · कविता · गीत · शेर 106 Share Aman Sinha 14 Mar 2024 · 2 min read आंधी चिड़ियों के चहक में आज कोलाहल था शोर था उत्तर के पुरे आसमान में काले बादल का जोर था पेड़ अभी तक शांत खड़े थे धूल की न कोई रैली... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 93 Share Aman Sinha 13 Mar 2024 · 2 min read घर वापसी आज का दिन है बड़ा सुहाना, फ़िज़ा में खुशियां फैली है आओ मिलकर ख़ुशी मनाए, घाटी ने बाहें खोली है सत्तर साल से जिन पैरों को, जंजीरों ने जकड़ा था... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक 119 Share Aman Sinha 11 Mar 2024 · 4 min read नारी जीवन किवाड़ के खरकने के आवाज़ पर दौड़ कर वो कमरे में चली गयी आज बाबूजी कुछ कह रहे थे माँ से अवाज़ थी, पर जरा दबी हुई बात शादी की... Hindi · कविता · मुक्तक · संस्मरण 110 Share Aman Sinha 8 Mar 2024 · 1 min read कम्बखत वक्त कम्बखत ये वक्त, बड़ा बेरहम है खुद ही दवा है और, खुद में ये जखम है हाथ होता है मगर ये, साथ होता है नहीं हक़ में लगता है मगर... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 167 Share Aman Sinha 12 Feb 2024 · 2 min read नेता के बोल (वोट के पहले) वोट माँगने आए हैं , जोड़ कर दोनों हाथ बोले कभी ना छोड़ेंगे, हम जनता का साथ इस जनता का साथ, कभी जो हमने छोड़ा उम्मीदों का... Hindi · कविता · दोहा · मुक्तक · हास्य 136 Share Aman Sinha 5 Feb 2024 · 2 min read जीवन साथी जीवन साथी है वो मेरी, साथ हमेशा रहती है सुख हो या हो दुःख के दिन, पास सदा वो रहती है साथ फेरों का बंधन बांधे, घर मेरे जब आई... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · मुक्तक 163 Share Aman Sinha 25 Jan 2024 · 2 min read आक्रोष खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम सब चुप बैठे है? कायर है लोग आजके, जो कहने से भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 169 Share Aman Sinha 9 Jan 2024 · 2 min read वो सुहाने दिन कभी लड़ाई कभी खिचाई, कभी हँसी ठिठोली थी कभी पढ़ाई कभी पिटाई, बच्चों की ये टोली थी एक स्थान है जहाँ सभी हम, पढ़ने लिखने आते थे बड़े प्यार से... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · मुक्तक · संस्मरण 219 Share Aman Sinha 7 Jan 2024 · 3 min read भारत का लाल शत शत प्रणाम हैं उन वीरों को, जिन्होंने सबकुछ अपना वार दिया देकर बलिदान अपने प्राणो का, हमें विजय दिवस का उपहार दिया सुबह सौम्य थी शांत दोपहरी शाम भी... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · मुक्तक · शेर 1 118 Share Aman Sinha 6 Jan 2024 · 1 min read नौकरी मैंने उसे देखा वो काम में खोया रात भर जाग कर पूरी नींद ना सोया आंखे अभी बोझिल थी, भौंहे अब भी चढ़ी हुई बचे काम से उसकी जैसे, अब... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक · संस्मरण 1 215 Share Aman Sinha 6 Jan 2024 · 1 min read मैं क्या लिखूँ चाहता हूँ कुछ लिखूं , पर सोचता हूँ क्या लिखूं ? दिल में है जो वो लिखूं,या लब पे जो है वो लिखूं सोये हुए जज्बातो को, एक लफ्ज़ दूँ... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · मुक्तक · संस्मरण 1 254 Share