आलोक कौशिक 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आलोक कौशिक 1 Jul 2020 · 1 min read मिथिला मिश्री जैसी मधुर है हमारी बोली हम प्रेमी पान मखान और आम के भगवती भी जहाँ अवतरित हुईं हम वासी हैं उस मिथिला धाम के संतानों को जगाने मिथिला की... Hindi · कविता 2 4 355 Share आलोक कौशिक 16 Jun 2020 · 1 min read मृत्यु जीवन से मोह ही जीवन को जटिल बनाता है और मृत्यु का भय ही मृत्यु को भयावह मृत्यु तो विश्राम देती है अपनी गोद में आराम देती है मृत्यु ही... Hindi · कविता 2 4 503 Share आलोक कौशिक 9 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल मैं जानता हूँ कि अब तू ग़ैर है मुझे जीना भी तेरे बग़ैर है फिर भी मोहब्बत है तुझसे मेरे दिल को मुझसे ही बैर है बसा रखा है तुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 294 Share आलोक कौशिक 27 May 2020 · 2 min read सफलता सन् दो हज़ार अठारह में प्रशासनिक सेवा हेतु बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के अंतिम चरण का परिणाम आया था। मनीषा को सफलता प्राप्त हुई थी लेकिन मानव... Hindi · लघु कथा 1 2 358 Share आलोक कौशिक 5 May 2020 · 3 min read दिल वाला टैटू क्षमा मिश्रा नाम था उसका। लेकिन मोहल्ले के सारे लड़के उसे छमिया कह कर पुकारते थे। महज़ अठारह बरस की उम्र में मोहल्ले में हुई अठाईस झगड़ों का कारण बन... Hindi · लघु कथा 2 2 786 Share आलोक कौशिक 1 May 2020 · 2 min read मज़दूर कामिनी देवी जब कभी भी अपने राइस मिल पर जाती थीं, माधो से ज़रूर मिलती थीं। माधो उनकी राइस मिल में कोई बड़ा कर्मचारी नहीं, बल्कि एक मज़दूर था। राइस... Hindi · लघु कथा 2 2 591 Share आलोक कौशिक 30 Apr 2020 · 2 min read अंधविश्वास प्रत्येक दिन किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही थी। पिछले दस दिनों में पंद्रह लोगों की जानें जा चुकी थीं। पूरे गांव में दहशत का माहौल था। "कोई... Hindi · लघु कथा 2 461 Share आलोक कौशिक 24 Apr 2020 · 4 min read जिस्म मंडी की रेशमा सीमा परवीन उर्फ रेशमा को बेगमसराय के महबूबा जिस्म मंडी में उसके चाहने वाले उसके हसीन और आकर्षक जिस्म के कारण सनी लियोन के नाम से पुकारते थे। उसके आशिक़ों... Hindi · लघु कथा 1 368 Share आलोक कौशिक 20 Apr 2020 · 3 min read जानकी का घर कई वर्ष पश्चात दूरदर्शन पर धारावाहिक 'रामायण' के पुनः प्रसारण से कौशल्या देवी बहुत खुश थीं। सुबह के नौ बजते ही टेलीविजन के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाती थीं।... Hindi · लघु कथा 2 2 423 Share आलोक कौशिक 19 Apr 2020 · 1 min read जीवन मिलता है विषाद इसमें इसमें ही मिलता हर्ष है कहते हैं इसको जीवन इसका ही नाम संघर्ष है दोनों रंगों में यह दिखता कभी श्याम कभी श्वेत में कुछ मिलता... Hindi · कविता 1 2 277 Share आलोक कौशिक 16 Apr 2020 · 3 min read बेइंतहा प्यार डीएम ऑफिस से आने के बाद से ही दीपमाला बहुत दुखी और परेशान थी। वह आईने के सामने खड़ी होकर अपने ढलते यौवन और मुरझाए सौंदर्य को देखकर बेतहाशा रोए... Hindi · लघु कथा 2 2 603 Share आलोक कौशिक 13 Apr 2020 · 1 min read नन्हे राजकुमार मेरे नन्हे से राजकुमार करता हूं मैं तुमसे प्यार जब भी देखूं मैं तुझको ऐसा लगता है मुझको था मैं अब तक बेचारा और क़िस्मत का मारा आने से तेरे... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 404 Share आलोक कौशिक 11 Apr 2020 · 2 min read नाजायज़ रिश्ता "अगले हफ्ते डैडी घर आ रहे हैं। मैं आप दोनों की करतूतों के बारे में डैडी को जरूर बताऊंगी। घर को नर्क बना कर रख दिया है।" ज्योति ने अपनी... Hindi · कहानी 1 385 Share आलोक कौशिक 10 Apr 2020 · 1 min read बनारस की गली में बनारस की गली में दिखी एक लड़की देखते ही सीने में आग एक भड़की कमर की लचक से मुड़ती थी गंगा दिखती थी भोली सी पहन के लहंगा मिलेगी वो... Hindi · गीत 1 2 537 Share आलोक कौशिक 2 Apr 2020 · 1 min read जय श्री राम त्याग का पर्याय प्रतीक शौर्य का पुरुषों में उत्तम संहर्ता क्रौर्य का परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ कर्तव्य परायण नृप सर्वश्रेष्ठ शरणागत वत्सल हैं आश्रयदाता दशरथ नंदन भाग्य विधाता भजे... Hindi · कविता 2 4 500 Share आलोक कौशिक 1 Apr 2020 · 1 min read साहित्य के संकट संकट साहित्य पर है बड़ा ही घनघोर धूर्त बना प्रकाशक लेखक बना है चोर भूखे हिंदी के सेवक रचनाएं हैं प्यासी जब से बनी है हिंदी धनवानों की दासी नकल... Hindi · कविता 2 4 538 Share आलोक कौशिक 30 Mar 2020 · 1 min read पलायन का जन्म हमने गरीब बन कर जन्म नहीं लिया था हां, अमीरी हमें विरासत में नहीं मिली थी हमारी क्षमताओं को परखने से पूर्व ही हमें गरीब घोषित कर दिया गया किंतु... Hindi · कविता 1 2 458 Share आलोक कौशिक 28 Mar 2020 · 1 min read प्रकृति विध्वंसक धुंध से आच्छादित दिख रहा सृष्टि सर्वत्र किंतु होता नहीं मानव सचेत कभी प्रहार से पूर्वत्र सदियों तक रहकर मौन प्रकृति सहती अत्याचार करके क्षमा अपकर्मों को मानुष से... Hindi · कविता 1 2 288 Share आलोक कौशिक 23 Mar 2020 · 1 min read बहन दिखती है जिसमें मां की प्रतिच्छवि वह कोई और नहीं होती है बान्धवि जानती है पढ़ना भ्राता का अंतर्मन अंतर्यामी होती है ममतामयी बहन है जीवन धरा पर जब तक... Hindi · कविता 4 3 504 Share आलोक कौशिक 21 Mar 2020 · 2 min read नालायक़ बेटा रामानंद बाबू को अस्पताल में भर्ती हुए आज दो महीने हो गये। वे कर्क रोग से ग्रसित हैं। उनकी सेवा-सुश्रुषा करने के लिए उनका सबसे छोटा बेटा बंसी भी उनके... Hindi · लघु कथा 2 2 559 Share आलोक कौशिक 17 Mar 2020 · 1 min read कवि सम्मेलन स्वार्थपरायण होते आयोजक संग प्रचारप्रिय प्रायोजक भव्य मंच हो या कोई कक्ष उपस्थित होते सभी चक्ष सम्मुख रखकर अणुभाष करते केवल द्विअर्थी संभाष करता आरंभ उत्साही उद्घोषक समापन हेतु होता... Hindi · कविता 2 2 447 Share आलोक कौशिक 14 Mar 2020 · 1 min read पिता के अश्रु बहने लगे जब चक्षुओं से किसी पिता के अश्रु अकारण समझ लो शैल संतापों का बना है नयननीर करके रूपांतरण पुकार रहे व्याकुल होकर रो रहा तात का अंतःकरण सुन... Hindi · कविता 2 2 256 Share आलोक कौशिक 11 Mar 2020 · 2 min read डॉग लवर ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के... Hindi · लघु कथा 2 2 274 Share आलोक कौशिक 7 Mar 2020 · 1 min read क्योंकि मैं सत्य हूं मैं कल भी अकेला था आज भी अकेला हूं और संघर्ष पथ पर हमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म का नहीं मैं किसी दल का नहीं सम्मुख आने से... Hindi · कविता 2 287 Share आलोक कौशिक 23 Feb 2020 · 3 min read सदमा दो महीने हो गये। शांति देवी की हालत में कुछ भी सुधार ना हुआ। पुरुषोत्तम बाबू को उनके मित्रों और रिश्तेदारों ने सुझाव दिया कि एक बार अपनी पत्नी को... Hindi · कहानी 6 6 660 Share आलोक कौशिक 18 Feb 2020 · 1 min read भारत में भारत में पूर्ण सत्य कोई नहीं लिखता अगर कभी किसी ने लिख दिया तो कहीं भी उसका प्रकाशन नहीं दिखता यदि पूर्ण सत्य को प्रकाशित करने की हो गई किसी... Hindi · कविता 3 2 490 Share आलोक कौशिक 13 Feb 2020 · 1 min read गीत (मैं तो हूं केवल अक्षर) *गीत* मैं तो हूं केवल अक्षर तुम चाहो शब्दकोश बना दो लगता वीराना मुझको अब तो ये सारा शहर याद तू आये मुझको हर दिन आठों पहर जब चाहे छू... Hindi · गीत 3 2 323 Share आलोक कौशिक 9 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल गोली नहीं चली है यारों फिर एक बार दिमाग चला है किसी का घूम रहे पत्थर लेकर वो लगता है पेड़ फला है किसी का इरादे नापाक़ हैं उसके और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 264 Share आलोक कौशिक 8 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल जब शाहीन बाग़ में गुज़ारी हमने रात थी एक अजीब एहसास से हुई मुलाक़ात थी मत पूछ क्या क्या देखा हमारी नज़रों ने बस यूं समझ कि बिन बादल बरसात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 393 Share आलोक कौशिक 24 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल आग नहीं हूं मैं कुछ लोग फिर भी जलते हैं मुझको गिराने में वो हर बार फिसलते हैं उनसे भी मिला करो जिनकी ज़ुबां है कड़वी बचो उनसे जो कानों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 270 Share आलोक कौशिक 22 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल सारे शहर में चर्चा ये सरेआम हो गया दोस्ती से ऊपर हिंदू इस्लाम हो गया खड़ी कर दी मज़हब की दीवार तो सुन अब भगवान मेरा परशुराम हो गया गिरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 298 Share आलोक कौशिक 19 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल खुद को तुम समझाकर तो देखो दर्द में भी मुस्कुराकर तो देखो जरूरतें हो जाएंगी कम तेरी भी ईमानदारी से कमाकर तो देखो बढ़ जाएगा एक और दुश्मन किसी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 292 Share आलोक कौशिक 14 Jan 2020 · 2 min read उत्तरायण उत्सव (मकर संक्रांति) यह सत्य है कि मनुष्य के जीवन की दिशा और दशा में परिस्थितियों का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन खुशियों का संबंध मनुष्य की प्रकृति और उसके दृष्टिकोण से... Hindi · लेख 2 349 Share आलोक कौशिक 13 Jan 2020 · 1 min read सरस्वती वंदना हम मानुष जड़मति तू मां हमारी भारती आशीष से अपने प्रज्ञा संतति का संवारती तिमिर अज्ञान का दूर करो मां वागीश्वरी आत्मा संगीत की निहित तुझमें रागेश्वरी वाणी तू ही... Hindi · कविता 2 2 560 Share आलोक कौशिक 10 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल बेबसी की आख़िरी रात कभी तो होगी रहमतों की बरसात कभी तो होगी जो खो गया था कभी राह-ए-सफ़र में उस राही से मुलाक़ात कभी तो होगी हो मुझ पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 379 Share आलोक कौशिक 9 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल मानव ही मानवता को शर्मसार करता है सांप डसने से क्या कभी इंकार करता है उसको भी सज़ा दो गुनहगार तो वह भी है जो ज़ुबां और आंखों से बलात्कार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 295 Share आलोक कौशिक 6 Jan 2020 · 2 min read पशुओं से बलात्कार : एक मानसिक विकार अगर मैं कहूं कि बलात्कार एक मानुषिक प्रवृत्ति है तो शायद आप इसे मनुष्य का अपमान समझेंगे। लेकिन अगर आप इसे पाशविक प्रवृत्ति कहेंगे तो यह पशु का अपमान होगा,... Hindi · लेख 2 2 630 Share आलोक कौशिक 5 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल यह दावा है मेरा मैं तुझे याद आता रहूंगा हवा बनकर सांसों में तेरी समाता रहूंगा तेरी रूह भी हो जाये बेचैन सुनकर जिसे लिखकर ग़ज़लें ऐसी मैं अब गाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 341 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल ज़िंदगी ने इस क़दर रूलाया है सारे ख्वाबों को हमने जलाया है ऐसा था हमारी बेबसी का आलम पतझड़ में भी शाख़ों को हिलाया है देखो सुक़ून से सोया है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 294 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल हर दिन होली और हर रात दिवाली है जब बिहारी की महबूबा होती नेपाली है ग़र यकीं ना आये तो इश्क़ करके देखो फिर समझ जाओगे क्या होती कंगाली है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 220 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल वो जो कहते थे कि तुम ना मिले तो ज़हर मुझे पीना होगा खुश हैं वो कहीं और अब तो उनके बगैर ही जीना होगा चोट नहीं लगी है दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 340 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल तुम मुझे लगती बहुत ही प्यारी हो सच-सच बताओ क्या तुम बिहारी हो अब तो होने लगा है प्यार भी तुमसे लगता है फ़नां होने की बारी हमारी हो जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 278 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल तन्हाई किसी की मुस्तकबिल न हो खुशियां इतनी भी मुश्किल न हो और पाने की आशा हो अंतिम लक्ष्य हासिल न हो प्यार तो सच्चा हो लेकिन उसकी मंजिल न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 281 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल शेरनी भी पीछे हट गयी बछड़े की मां जब डट गयी हमारी कलम वो खरीद न सके लेकिन स्याही उनसे पट गयी हमारे मुंह खोलने से पहले दांतों से जीभ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल बहुत हुई आवारगी अब तो संभल जाने दो निभाना है मुझे राष्ट्रधर्म मत रोको जाने दो अंधेरा बहुत गहरा है एक चिराग़ जलाने दो खोल दो पिंजरें सारे परिंदों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 286 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल तक़दीर में केवल खुशियां कब आती हैं सच्चे प्यार में परेशानियां सब आती हैं छुपा ना रहे जब राज़ कोई दरमियां मोहब्बत में गहराइयां तब आती हैं सोचा भूल गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल हर राम का जटिल जीवन पथ होगा जब पिता भार्या भक्त दशरथ होगा करके ज़ुल्म करता है वो इबादत कहो फिर कैसे पूर्ण मनोरथ होगा नींद आयेगी तुझे भी सुकून... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 223 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल आज लौटकर मिलने मुझसे मेरा यार आया है शायद फिर से जीवन में उसके अंध्यार आया है बचकर रहना अबकी बार चुनाव के मौसम में मीठी बातों से लुभाने तुम्हें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 253 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल जुबां से कहूं तभी समझोगे तुम इतने भी नादां तो नहीं होगे तुम अपना दिल देना चाहते हो मुझे मतलब मेरी जान ले जाओगे तुम भड़क उठी जो चिंगारी मोहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 245 Share आलोक कौशिक 4 Jan 2020 · 4 min read प्राकृतिक आपदाएं : कितनी प्राकृतिक, कितनी मानवीय सभी आपदा मनुष्य द्वारा उत्पन्न माने जा सकते हैं। क्योंकि कोई भी खतरा विनाश में परिवर्तित हो, इससे पहले मनुष्य उसे रोक सकता है। सभी आपदाएं मानवीय असफलता के परिणाम... Hindi · लेख 2 2 1k Share Page 1 Next