Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Jan 2024 · 1 min read राम मंदिर शीर्षक-राम मंदिर बूढे से ले कर बच्चों तक सब ने किया था, जिस का इंतजार। गाँव से ले कर शहर तक, जिस के लिए थे सब बेकरार।। राम लला के... Hindi 1 1 100 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Jan 2024 · 1 min read Temple of Raam -Ram Mandir Everyone did it, from old people to children. Waiting for. From village to city, For which everyone was desperate. The moment has come for Ram Lala's coronation. A... English 1 1 90 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 7 Jul 2021 · 1 min read Dear love Dear love I am not find you in restaurant I am not find you in long drive I am not find you in fashion mall I am not find you... English · Poem 3 1 331 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 3 Jul 2021 · 2 min read तेजाब रास्ते मे लड़को का झुंड खड़ा उसे ताक रहा था। लड़कों की गंदी नजर उस के बदन को घूर रही थी। खुद को दुप्पटे से ढंकती हुयी,वो जैसे ही निकलने... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 9 372 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 3 Jul 2021 · 2 min read मुंबई सपनों की नगरी निकिता छोटे शहर कानपुर की रहने वाली साधरण सी लड़की थी।उस का सपना था कि वो अपने दम पर कुछ कर के दिखाए और उस का ये सपना उसे मुंबई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 5 876 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 3 Jan 2019 · 1 min read एक लड़का,जो मुझसे प्यार करता है एक लड़का हैं,जो प्यार मुझसे करता है। हालांकि दुनियाँ से कहने से डरता है। थोड़ा दीवाना सा, थोड़ा प्रेमी सा कुछ पागलपन सा,वो करता है। एक लड़का है,जो प्यार मुझे... Hindi · कविता 5 2 492 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तुम जननी हो जीवन जन्म दायनी कितनी पावन सादर नमन है। हे माता तुमसे ही जीवन संभव हुआ मातृ दिवस पे आज तुम्हे वंदन। ओ मेरी जननी तुम से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 41 163 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Nov 2018 · 2 min read वो दीपावली कब आयेगी दीपावली का त्यौहार भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है। प्राचीन मान्यता के अनुसार जब सतयुग में श्री रामचंद्र 14 वर्ष का वनवास हुआ था,तब अयोध्या... Hindi · लेख 5 2 248 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Nov 2018 · 2 min read मेरे प्यारे बेटे,दिवाली पर घर आ जाओ मेरे प्यारे बेटे राजा जल्दी से घर आ जाओ। दिवाली पर राह तके माँ, कुछ दीप तुम भी जला जाओ, आज बनाई घर मे गुजिया मीठी, मावे की जगह प्यार... Hindi · कविता 4 291 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 25 Oct 2018 · 1 min read आज धरा पर चाँद का मान मर्दन होगा आज धरा पर चाँद का मान मर्दन होगा। जब धरती पर सुहागिनों का मंगल होगा। लगा हाथों में सुंदर मेहंदी लगी हुई होगी। काँच की लाल लाल चूडियों से सजा... Hindi · कविता 5 323 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 9 Oct 2018 · 1 min read नवरात्रि नौ अवतार जय अंबे ,अष्ट भवानी अंबे माँ सिंह भवानी जय माँ, जगदंबे अंबे माँ।। १)जय माँ शैलपुत्री ,आ जाओ मेरी माँ, धन - धान्यप्रदायिनी मेरी माँ । शेर पर सवारी कर... Hindi · गीत 409 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 27 Sep 2018 · 4 min read श्राद्ध और ब्राह्मण भोज श्राद्ध और ब्राह्मण भोज आज कल एक नई फैशन और नई सोच समाज में तेजी से बढ़ रही है ।जहां शिक्षित वर्ग इसका अनुसरण करते नजर आ रहे हैं, वहीं... Hindi · लेख 325 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Sep 2018 · 1 min read ब्रज भाषा हाँ मैं ही ब्रज भाषा हूँ कृष्ण की प्यारी हूँ मैं ब्रजभूमि की सुकमारी हूँ मैं काहे शर्माते हो ब्रज बोली बोलन में हमे तो नाज है अपने मोहन पे... Hindi · कविता 653 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Sep 2018 · 3 min read धर्म की रक्षा धर्म के विषय में एक श्लोक है : स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः अर्थात अपने धर्म के लिए मरना भी श्रेष्ठ है ।दूसरे धर्म के लिए मरना भयानक यानी की... Hindi · लेख 1 771 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 17 Sep 2018 · 1 min read राधा रानी जन्म भाद्र मास शुक्ल पक्ष अष्टमी को , प्रकट भयी राधे रानी सुकमार। दैव लोक से आ रहे, सभी दैवता दर्शन को आज। धन्य धन्य हो रही ब्रज भूमि, जहाँ रावल... Hindi · कविता 413 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Sep 2018 · 1 min read एक पगली लड़की सुनो एक पगली सी लड़की तुम्हे बहुत चाहती है तुम सिर्फ उस के हो ये सोच के इतराती है बेइंतहा कोई किसी को चाहे ये मुमकिन तो नही बस खूबसूरत... Hindi · कविता 519 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Sep 2018 · 2 min read हिंदी मेरा मान, मेरा सम्मान सच सोचनीय विषय है,जब हिंदुस्तान में हिंदी का सम्मान नही तो और कही कैसे होगा? सर्वप्रथम हम सब को अपनी मातृ भाषा से प्रेम करना होगा। हर कोई अंग्रेजी स्कूल... Hindi · लेख 215 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 8 Sep 2018 · 2 min read कलम तो जरिया है कलम तो एक जरिया है, दिल के दर्द जताने का। असल मे हर्फों में बयां हो जाये वो हम नही है। जन्मो लगेंगे तुम्हे हमे समझने में। बहुत आसानी से... Hindi · कविता 309 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 3 Sep 2018 · 1 min read कृष्ण भजन १)कृष्णा संग बसे राधा बिन श्याम सब आधा मन बसे रूप सादा ये ही सच्ची प्रीत है। २)श्याम जब से मिले हो कष्ट सारे ही हरे हो बजे मधुर सँगीत... Hindi · घनाक्षरी 2 1 565 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 23 Aug 2018 · 1 min read राखी का त्यौहार विधा-दोहा ''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' भाई घर की शान है, बहना है अभिमान। देखो बहना के बिना,सुना लगता मकान।। भाई कि कलाई सजे, बहना के ही हाथ। छूटे से छूटे नही,इन दोनों का... Hindi · दोहा 281 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 18 Aug 2018 · 1 min read अटल कहानी दे गये रोता अंबर भी आज व्यथित हो धरती पर छाया सन्नाटा कैसा। जो थे अटल स्वयं एक रक्षक। सोते हैं आज धरती की गोदी में। होनहार थे जन्म से ही वो... Hindi · कविता 441 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Aug 2018 · 1 min read मेंहदी विषय -मेंहदी विधा -धनाक्षरी कर सोलह श्रंगार वधू चली ससुराल लगती आज गजब मेंहदी सजी हाथों में। पिता का प्रेम इस मे पति का नेह इस मे सजती रहे हाथ... Hindi · घनाक्षरी 1 320 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Aug 2018 · 1 min read सावन में साजन का संग अच्छा लगता है सावन में साजन से मिलना अच्छा लगता है । मेहंदी और महावर से सजना अच्छा लगता है । ये चूड़ी और कंगना अच्छा लगता है । अमवा की डाली पर... Hindi · कविता 1 434 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 2 Aug 2018 · 2 min read यूँ ही नही एक माँ ,माँ बन जाती है। यूँ ही नहीं एक माँ, माँ बन जाती है। रखती नौ मास गर्भ में सहेज के भूर्ण को वहाँ अपने रक्त से सींच कर उसे शिशु बनाती सहती प्रसव पीड़ा... Hindi · कविता 463 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Aug 2018 · 1 min read दिल तुझ पर हम अपना हार बैठे दिल तुझ पे हम अपना हार बैठे। सागर में कसती..... उतार बैठे। हसरतों को दी जब उड़ान हम ने। सारी हदें हम अपनी भुला बैठे। मिलता है प्यार नसीबों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Aug 2018 · 1 min read वो लड़का बहुत याद आता है कभी मुझ को रुलाता कभी मुझ को हँसाता कितना सताता है। वो लड़का बहुत याद आता है..2 कभी मुझ को मनाता कभी खुद रूठ जाता कभी सीने से लगाता वो... Hindi · गीत 1 353 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Aug 2018 · 1 min read सावन के दोहे प्रदत्त शब्द-छाता, घटा,रिमझिम १)महिना सावन आ गया, रिमझिम है चहुँ ओर। पेड़ों पर फल लद गये, नाचे वन में मोर।। २)छाता साजन ले गये, भीगे मन के तार। तडप रहा... Hindi · दोहा 2 1 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Mar 2018 · 1 min read वर्ण पिरामिड मै सीता पावन पवित्र हूँ सहूँगी नही जुल्म तेरे अब।। ये आज की नारी कमजोर समझ मत तेरी भूल है ये।। हूँ राधा कोमल सुकमारी तेरी दामिनी कमजोर नही हूँ।।... Hindi · कविता 360 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 14 Mar 2018 · 1 min read कह मुकरियां ??????? उस से जो मै मिल ना पाऊँ सच कितना ही मैं घबराऊँ मिले चैन, देखु जब तेरा लुक का सखी साजन,ना सखी फेसबुक।। जब से वो जीवन मे आया... Hindi · कविता 270 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read तू सहारा विधा-मनहरण धनाक्षरी तू ही जीने का सहारा तू ही है बस हमारा तुझसे जीवन सारा ये तनमन वारा। लगे तू ही बस प्यारा मेरे जीने का सहारा सारे जग से... Hindi · घनाक्षरी 236 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read साजन विधा कह मुकरियां विधा कह मुकरियां रात भयी वह मोहे सताये दिल को मेरे चैन ना आये। है नही कोई लगे मेरा अपना है सखी साजन,ना सखी सपना।। छीन गयी निदिया, ले गया... Hindi · गीत 409 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read आतंकवाद एक कुंडली प्रयास आतंकवाद पर आतंकी गठजोड़ से,मची देश में त्राहि। जतन करो रोक लो,फैल रही है तबाही।। फैल रही तबाही,देशहित कौन हो आगें। रोक सके जो इसे,ऐसा अब मानुस... Hindi · कुण्डलिया 478 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 11 Feb 2018 · 1 min read निभाऊंगी वचन वर्ण पिरामिड लो किया वचन निभाऊंगी सात जन्म मै हो कर तुम्हारी अर्धांगनी पिया की।। दो तुम वचन साथ दोगे जब तक है जिस्म में जान भूलोगे ना प्यार रहूँगी... Hindi · मुक्तक 391 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 2 Feb 2018 · 1 min read जिस दिन साँसे रुक जाएगी जिस दिन साँस मेरी रुक जाएगी। देखने मेरी लाश को भीड़ उमड़ आएगी। जो पूछते नही हाल चाल भी मेरा। देखना उन को ही रुदायी तड़फाएगी। मरना है जानते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 483 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read खुद के लिए जी लूँ ख़ुद के लिए जी लूँ....... सोचा है आज थोड़ा सा खुद के लिये जी लूँ । दुनियाँ की बातों का जहर हँस के पी लूँ ।। जालिम हैं दुनिया वाले,दर्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read ए मेरी जान ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ। है दिल कितना बेकरार लिखुँ। तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 271 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read महाकाल कालो के काल महाकाल। प्रचंड है। अखंड है। अलौकिक है। अद्भुत है। क्षम्य है। रक्षक है। भक्षक है। सर्वव्यापी है। अन्तर्यामी है। महाव्यापी है। रुद्र है। महाक्रोध है। ज्ञानी है।... Hindi · कविता 559 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 20 Jan 2018 · 1 min read असर धीरे धीरे तेरे प्यार का हो रहा असर धीरे-धीरे। चढ़ रहा मुहब्बत का जहर धीरे-धीरे।। आसान नही डगर मुहब्बत की देखो। करना है तय इश्क़ का सफर धीरे - धीरे। बड़ रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read सागर ??????? तेज रेत सी तपती हूँ मै, एक कतरा पानी का जो मिल जाये। ये अगन प्यासे दिल की जो बुझ जाये। हो तुम मेरी जलती हुयी काया के सागर।... Hindi · कविता 448 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 4 Jan 2018 · 1 min read अपना हाल लिखूँ ए मेरी जान सुन आज तुझे हिसाब लिखू दिल ए बेचैन का राज लिखूँ कैसे गुजरे मेरे दिन मेरी रात लिखूँ है दिल कितना बेकरार लिखुँ तुझ पर कुर्बान अपनी... Hindi · कविता 218 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read कह मुकरियां विधा-कह मुकरियां "रात भयी आके सताये। भोर भयी वो चला जाये। है वो मुझे बहुत प्यारा, है सखी साजन,ना सखी तारा।। आगे पीछे हर पल घूमे गालों को मेरे चूमे... Hindi · कविता 361 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read गजल जागती रात अकेली -सी लगे। तन्हाई एक सहेली-सी लगे। मुद्दतो से वीरान है ये दिल मुहब्बत अब पहेली सी लगे छोड के गये वो इस तरह रूह वीरान हवेली सी... Hindi · कविता 1 417 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 24 Sep 2017 · 1 min read मै एक किसान हुँ रोती धरती और अम्बर मै परेशान हुँ हाँ मै एक किसान हुँ।। होती घोषणा नित नयी जीवन से बेहाल हुँ हाँ मै एक किसान हुँ।। टूटी झोपड़ी फ़टे हैं कपड़े... Hindi · गीत 552 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 21 Apr 2017 · 1 min read अधिकार बात करते हो जब अधिकार की, दिया किस ने है अधिकार नारी को। किया छलनी उस के आत्म-सम्मान को, किया हनन हमेशा ही उस के अधिकार को। बात करो जब... Hindi · कविता 1 376 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read नफ़रतें यु पनपती है नफरतो की ना बात करो जनाब हर दिल में रहती है आजकल प्यार से ज्यादा नफरते पनपती है आजकल बदले बदले से रहने लगे है जज्बात सभी बिगड़े बिगड़े रहते... Hindi · कविता 268 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read तुम से कुछ कहना है **सुनो ** आज तुम से कुछ कहना है क़ौन हो तुम मेरे लिये ये सब पूछ रहे है जरा उन को भी हाल ए दिल बता दो मेरा धड़क रही... Hindi · कविता 298 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 16 Apr 2017 · 1 min read काश मेरे भी एक बेटी होती ए काश मेरे भी एक प्यारी सी बेटी होती परियों से उसे सजाती दो प्यारी सी चोटी तेरी बनाती सुंदर सपनो की दुनियॉ में मैं अक्सर खो जाती खूब सारी... Hindi · कविता 2 1k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 13 Apr 2017 · 4 min read संस्मरण-आरक्षण एक कोढ संस्मरण-आरक्षण एक कोढ बात मई 2008 की है,हम मुम्बई रहते थे और गर्मी की छुटियाँ बिताने अपने शहर मथुरा आते थे।पति जी को ऑफिस से इतना लम्बी छुटियाँ नही मिलती... Hindi · कविता 271 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Apr 2017 · 1 min read मेरे हमसफ़र एक आहट सी होती है, तो लगता है कि तुम हो। कोई खिड़की कही खुलती है तो लगता है कि तुम हो।। हो नही रु-ब-रु तो क्या मेरे, सरीक-ए-हयात भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 532 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 12 Apr 2017 · 1 min read इश्क़ - ए- करम 12 /4/ 17 वार -बुधवार विधा -गजल काफिया-आते रदीफ़-रहे हम *********** इश्क़-ए-करम निभाते रहे हम तेरे हिज्र में मुस्कुराते रहे हम नजर जो मिली थी नजर से वो नजर अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 312 Share Page 1 Next