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20 May 2024 · 2 min read

मन्नतों के धागे होते है बेटे

अलग होती है लड़को की दुनियां लड़कियों से,

बचपन से ही इन को मजबूत बनाया जाता है।
मर्द को कभी दर्द नही होता यही सिखाया जाता है।।

चोट भी लगे तो यह रोते नही है
क्योंकि यह लडके है यह नाजुक नही होते है।

बहन छोटी हो या बड़ी जब भाई के साथ होती है।
खुद को महफूज महसूस वो करती है।

दिल मर्दों को औरत से ज्यादा कोमल होता है।
मर्द कभी माँ,बहन या बीवी को रोते नही देख पाता।

कभी नम हो जाये आँख बहन की तो,
झूठी बातों से उस को हँसाता है ।
यह बात और है कि यह सच वो छिपाता है।

घर में खुशहाली आये इसलिए चट्टान को भी तोड़ लाता है।
यह मर्द ही है जो घर का सारा खर्च चलाता है।

जेब फ़टी हो तो रूखी रोटी आचार से खाता है।
पर बच्चों के लिए टॉफी जरूर लाता है।।

हो ऑफिस या व्यापार में कितनी भी दिक्कत ,
शाम को हँसता हुआ घर आता है ।

बच्चे उदास न हो जाये पापा को उदास देख कर,
इसलिए सारी परेशानी छिपाता है।

माँ की साड़ी,बीवी की चूड़ी और बहन की चुनरी लाने को।
कड़ी धूप में भी हसँ कर काम पर जाता है।
शाम को कुछ न कुछ ले कर ही घर आता है।

मर्द के ही मजबूत कंधे होते है
जो बहन को डोली में विदा करते है
और माँ को चिता पर विदा करते है।।

सब की ख्वाहिश पूरी करने में वो अपनी इच्छा भूल जाते है।
जहाँ औरतें खुद पर इतना खर्च करती है शादियों में।
यह शेरवानी पहन कर ही शहजादे बन जाते है।

यू ही नही खुदा ने इन को लड़कियों से अलग बनाया है
वो जानता था कि इन की ताकत बिना यह दुनीयाँ अधूरी है।

यह दुनियाँ लड़कों से ही पूरी है।
घर की शान होते है बेटे ,
बाप का सहारा तो माँ के लिए वरदान होते है बेटे।
मन्नतों के धागे और बुजुर्गों के आशीष होते है बेटे।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा,उप

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