seervi prakash panwar 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid seervi prakash panwar 30 Nov 2017 · 1 min read आख़िर वो शायर टूट गया...... वो कलम टूट गया, वो शायर रूठ गया, अपने ही एक रूप में, एक शायर डूब गया, क्या वजूद रहा उस शायर का इन नन्ही पलकों के आगे, आखिर खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share seervi prakash panwar 10 Nov 2017 · 1 min read मेरा यार नज़र आएगा.... मोहबत की इन रंगीन तस्वीरो में देखो,ऐतबार नज़र आएगा! इन तस्वीरों से धुल हटा कर देखो, एक अहसास नज़र आएगा! जज्बातो की हैं मेरी यह कहानी, कोई क्या तोड़े पल... Hindi · शेर 423 Share seervi prakash panwar 28 Oct 2017 · 1 min read मुसाफ़िर हूँ कलम का... सुनो ऐ इश्क़ वालों, मै तुम्हारा एक अख़बार लिखने आया हूँ! जो छोड़ दिया तुमने अपनों को, मै वो एक रूप गढ़ने आया हूँ! आखिर सब कुछ भूल कर नयी... Hindi · शेर 414 Share seervi prakash panwar 22 Oct 2017 · 1 min read मेरा इश्क़... कोई ख़ामोश हैं मेरी चौखट पर मग़र..आना जाना काफ़ी हैं! कोई घूर रहा हैं नम आँखों से मगर..बात गहरी काफ़ी हैं! आख़िर जी कर भी मरना तो आसां नही ..फिर... Hindi · शेर 388 Share seervi prakash panwar 19 Oct 2017 · 1 min read मत रो माँ .आँगन भीग रहा, कहा जलाऊ में फुलझड़ी.. यह अंधड़ सी क्यों चल रही, दीप जलने क्यों नहीं दे रही, क्यों यह सुना-सुना आंगन, फुलजड़ी जलने नहीं दे रहा, आखिर क्यों वो टेढ़ी-मेढ़ी, अपना रास नहीं आ रही,... Hindi · कविता 265 Share seervi prakash panwar 18 Oct 2017 · 1 min read ये पल-पल बरसते बादल ये पल-पल बरसते बादल, मै कैसे नहाऊं आज! ये हर पल रूठते अपने, मै कैसे मनाऊ आज! बरसों कि एक कहानी को भी, एक पल में ही मोड़ दिया! ये... Hindi · शेर 531 Share seervi prakash panwar 10 Oct 2017 · 1 min read तारीख़ अखबारों से मत पूछो कि आज तारीख क्या हैं...उन्हें तो हर रोज बदलना हैं! बीहड़ के बाग़ी से मत पूछो कि मक़सद क्या हैं...उन्हें तो हर रोज लड़ना हैं! मेरी... Hindi · शेर 292 Share seervi prakash panwar 7 Oct 2017 · 1 min read नफ़रत एक नफ़रत सी हो गयी ए जिंदगी इस शहर से! ख़ुद गर्ज सी हो जिंदगी खुद में ही समा गयी खुद से! बहूत कुछ खोया इस जमी से,कुछ पाया भी... Hindi · शेर 630 Share seervi prakash panwar 25 Sep 2017 · 1 min read ज़रा छुपा ले.... ज़रा छुपा ले... चेहरें की इस मुस्कुराहट को, कोई घूर रहा था...कही नज़र न लग जाए! ज़रा छुपा ले...आँखों की इन उम्मीदों को, कोई गुन-गुना रहा था...कोई चुरा न ले... Hindi · शेर 426 Share seervi prakash panwar 21 Sep 2017 · 1 min read बेउम्मीद मुसाफ़िर ज़लज़ला न कहो मुझे... अभी आग की जरूरत हैं! शायर न कहो मुझे.... अभी शब्दों की जरूरत हैं! मै इश्क की इस दुनिया का ... बेउमीद एक मुसाफ़िर हूँ! देवदास... Hindi · शेर 383 Share seervi prakash panwar 17 Sep 2017 · 1 min read आख़िरी हम सफ़र... जो खेल रचा हैं मैने...उसे खत्म करने आया हूँ! जो रूप गढ़ा हैं मैने...उसे मिटाने आया हूँ! आखिर खत्म होती हैं मेरी,इश्क़ की यह दुनिया! ऐ मेरे आख़िरी हमसफ़र..मै तुझे... Hindi · शेर 373 Share seervi prakash panwar 15 Sep 2017 · 1 min read ग़ज़ब हो रहा............. "आखिरकार.... साहब माफ़ करना, सोचने की बात हैं कि, "ग़ज़ब हो रहा था" या "सब कुछ ग़ज़ब हुआ था" साहब..... इसमें अज़ीब यह नहीं कि, जिसके नाम की साँसे चल... Hindi · कविता 249 Share seervi prakash panwar 15 Sep 2017 · 1 min read नाजायज़ रहती अग़र माँ............... "नाजायज़ रहती अग़र माँ तुम तो,वक्त का अहसास नहीं होता, दुध का दर्द तो होता पर,कानों को आहाट की ज़रूरत नहीं होती, माना कि तूम ना दुध का दर्द रख... Hindi · मुक्तक 414 Share seervi prakash panwar 15 Sep 2017 · 3 min read " भाषा" " भाषा" --सीरवी प्रकाश पंवार शरू कहा से करू थोडा मुश्किल तो हैं। वैसे हमेशा अकेला चलना पसंद करता हूँ पर आज डर लग रहा हैं। बात आजादी कि करे... Hindi · लेख 413 Share seervi prakash panwar 14 Sep 2017 · 1 min read आखिर मेरा लल्ला फिर घर आएगा! उम्मीदों का ताज फिर से पहनाएगा!! आख़िर मेरा लल्ला फिर घर आएगा! उम्मीदों का ताज फिर से पहनाएगा!! इन्तजार हैं इस चौखट पर, कल मेरा लल्ला फिर घर आएगा! थक चुकी हैं आँखे, मगर उम्मीद बाँधने... Hindi · कविता 241 Share seervi prakash panwar 3 Sep 2017 · 1 min read एक तुम्हारा नाम तुम जिन्दा रहोगी हर पल इस अज़ीब से रूह में! क्यों कि जिन्दा 'था' मै तेरे जीने के तरीकों में! अग़र इतिहास लिखा गया मेरी ऊचाईयों का तो! एक तुम्हारा... Hindi · शेर 453 Share seervi prakash panwar 2 Sep 2017 · 1 min read जरूरी नही था ज़रूरी नहीं था की दुनिया के रंग देखूँ, ज़िगर का टुकड़ा बनाना भी ज़रूरी नहीं था, बस ज़रूरी था की तेरे गर्भ में पल भर रहूँ, वैसे तो बेटी कहना... Hindi · कविता 491 Share seervi prakash panwar 1 Sep 2017 · 1 min read भूलने को भूल जाता हूँ... एक जीत है तुझमे की पास खीच ले जाती हैं! कोई बात हैं तुझमे की भूलने को भुला देती हैं! आख़िर कहा-कहा रोकूँ में खुद को कि! ज़िन्दगी नयी शरुआत... Hindi · शेर 453 Share seervi prakash panwar 30 Aug 2017 · 1 min read वक्त रात पर अड़े अब काँच पर पत्थर गिरे, फर्क न पड़ता अब जिद को! अब वक्त रात पर अड़े, इंतजार न होता अब आँखों को! आख़िर कब तक तक़दीर पर डालकर मै खेल... Hindi · शेर 423 Share seervi prakash panwar 27 Aug 2017 · 1 min read मेरी ज़िद हैं इस... मेरी ज़िद हैं इस जग़ह के कण-कण में, मै यहाँ कैसे राह बनाऊँ! मै टूटा हूँ इस जग़ह पर एक पल में, मै यहाँ कैसे घऱ बनाऊँ! ये जो बड़े-बड़े... Hindi · मुक्तक 364 Share seervi prakash panwar 26 Aug 2017 · 1 min read क़ीमत...... जो घर -घर घूमने वाला आवारा समझा हैं मुझे, क्या यही कीमत थी मेरे विश्वास की.... जो चौराहे पर खड़ा कर मुर्ख समझा हैं मुझे, क्या यही कीमत थी मेरे... Hindi · मुक्तक 421 Share seervi prakash panwar 23 Aug 2017 · 1 min read हस लेना आज... हस लेना आज..मेरी परछाईयों पर, तुम जी भर के! आख़िर जिन्दगी की राह पर कब तक आँखे झुकाता मै! रोना पड़े कभी..मेरी धुंधली इन परछाईयों पर, तुम्हे जी भर के!... Hindi · मुक्तक 323 Share seervi prakash panwar 22 Aug 2017 · 1 min read राखी मै कैसे आऊँ बाहर यहाँ हर कोई इश्क़ में जाया दिखता हैं! कही खोये इस जहाँ में ये राखी बिन हाथों नजऱ आती हैं! वज़ह पूछी उनसे तो कह दिया... Hindi · शेर 512 Share seervi prakash panwar 17 Aug 2017 · 1 min read दीये की बाती ....... अब उसके बिना जीना दीये की बाती सा लगता! और उसके संग जीना बेवजूद अफ़सानों सा लगता! ऐ ख़ुदा..... एक तेरी आस, पर तू मुख़बधिर बन सब देख रहा! ज़न्नत... Hindi · मुक्तक 334 Share seervi prakash panwar 10 Aug 2017 · 2 min read नेता और सैनिक साहब, किसी नेता की गाड़ी का काँच तोड़ने से इतना बवाल क्यों मचा देते हैं। जब किसी सैनिक पर पत्थर फेके जाते हैं तो कहा छुप जाते हो?? पहला सवाल... Hindi · लेख 670 Share seervi prakash panwar 5 Aug 2017 · 1 min read अग़र ना बोली तो... अग़र ना बोली तेरी हरकतों पर तो मज़ाक समझ लोंगे, मज़बूर हैं तेरे रिश्ते से तो घर का अख़बार समझ लोगें, वो मुख़बधिर तक बन गयी तेरी हैवानियत पर भी,... Hindi · मुक्तक 427 Share seervi prakash panwar 4 Aug 2017 · 1 min read दिल की ज़मी में खो गयी कही.... शहरों के इन अंधेरों से निकाला तो... परछाईयों में खो गयी कही, अफ़साने से लफ्ज़ो से निकाला तो... बेवजूद बातों में खो गयी कही, आंखिर कब तक ढूँढू में..... ईश्क... Hindi · मुक्तक 358 Share seervi prakash panwar 29 Jul 2017 · 1 min read कोई जब रूह गढ़ता हूँ तो....... कोई जब रूह गढ़ता हूँ तो वो शब्द बन जाता हैं, कोई जब शब्द गढ़ता हूँ तो वो आवाज़ बन जाता हैं, मै क्या दर्द लिखु इश्क़ और इश्क़ बाज... Hindi · मुक्तक 336 Share seervi prakash panwar 29 Jul 2017 · 1 min read "हाऊ मच दिस... "हाऊ मच दिस... इक दोई चार... ना बेटा, इक दोई चार ना, एक दो तीन चार... सुबह सुबह की यह करतल ध्वनि, कानों को महफूज़ करती थी, आज भी सुनता... Hindi · कविता 346 Share seervi prakash panwar 28 Jul 2017 · 1 min read मै इश्क़ विरोधी हूँ.... हम तो उस महफ़िल में ही मर गए थे जहाँ आवाज़ उठाई थी, मेरी उठाई हर एक आवाज को गलत बताई थी, मै इश्क़ करता हूँ यह बात हर बार... Hindi · मुक्तक 357 Share seervi prakash panwar 26 Jul 2017 · 1 min read जो दरारों में दिख जाए...... जो दरारों में दिख जाए उससे उम्मीद क्या करना, जो दिलो में दिख जाए उनसे एतबार क्या करना, घर-घर दो पल की उम्मीद लिए फिरने वालो, जो हाथों की लकीरों... Hindi · मुक्तक 230 Share seervi prakash panwar 25 Jul 2017 · 1 min read उम्मीद न होंगी... साहब..... शहर में कुछ अशांति सी दिख रही, कोई बोल रहा था कि.... जो किया वो अच्छा ही था, मगर कोई बोल रहा हैं... चौखट के बाहर निकाली ही क्यों?.... Hindi · कविता 339 Share seervi prakash panwar 19 Jul 2017 · 1 min read देश भक्ति साहब धूर्त हो तुम की बलिदान का कर्ज पैसो से चुकाते हो, पागल हो तुम की उनके घर जाकर साल ओढ़ाते हो, हमने एक खोया तो क्या हुआ एक ओर... Hindi · मुक्तक 291 Share seervi prakash panwar 16 Jul 2017 · 1 min read तुम जिन्दा रहोंगीं.... तुम जिन्दा रहोगी हर पल इस अज़ीब से रूह में, क्यों कि जिन्दा हूँ मै तेरे जीने के तरीकों में, अग़र इतिहास लिखा गया मेरी ऊचाईयों का तो, एक तुम्हारा... Hindi · मुक्तक 286 Share seervi prakash panwar 12 Jul 2017 · 1 min read हमें मंजूर तो है..... कोई लिख रहा हैं हमकों, हमे मंजूर तो हैं... थोड़े पागल थोड़े मासूम हम, हमे मंजूर तो हैं... हालातों से जले हैं मगर बंजर तो नही, थोडा सरल बहुत कठीन... Hindi · शेर 227 Share seervi prakash panwar 9 Jul 2017 · 1 min read कुछ पलो की नाराजगी को... कुछ पलो की नाराजगी से तुम खुद पर दाग मत समझना, जो ना मिलु पल भर तो खुद को अकेली मत समझना, मै गहरा समंदर हूँ जिसका मुक्कमल किनारा कही... Hindi · शेर 425 Share seervi prakash panwar 9 Jul 2017 · 1 min read मरहम लगा दे ज़ख्मो पर.... मरहम लगा दे ज़ख्मो पर, तड़प रहा में तेरे लफ्ज़ो पर, एक रूप जड़ा था आँखों में, बह रहा हैं आज अश्क़ों में, धूप पड़ी तेरे हाथों पर, छवि बना... Hindi · मुक्तक 425 Share seervi prakash panwar 8 Jul 2017 · 1 min read ढूंढ़ रहे... बे वक्त के इन परिंदों को देख़ो....कही आशियाना ढूंढ़ रहे, बे वजह घूम रहे इन दरिन्द्रो को देखो...कही अपना घर ढूंढ़ रहे, आंखिर उड़ानों का अंत आसमानों में कहा होता... Hindi · शेर 262 Share seervi prakash panwar 6 Jul 2017 · 1 min read एक गीत रचा हैं मैने.... एक गीत रचा हैं मैने.... एक गीत रचा हैं मैने........ एक गीत सुना हैं तूने.......... फिर याद मेरी यू आई, आँखों से आँसू निकला, एक गीत रचा हैं मैने............... वो... Hindi · गीत 265 Share