Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2017 · 1 min read

कोई जब रूह गढ़ता हूँ तो…….

कोई जब रूह गढ़ता हूँ तो वो शब्द बन जाता हैं,
कोई जब शब्द गढ़ता हूँ तो वो आवाज़ बन जाता हैं,
मै क्या दर्द लिखु इश्क़ और इश्क़ बाज का,
जब मै रूप गढ़ता हूँ तो वो “माँ” बन जाता हैं।
–सीरवी प्रकाश पंवार

Language: Hindi
335 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
शिल्पी सिंह बघेल
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
कृष्णकांत गुर्जर
मेरे नन्हें-नन्हें पग है,
मेरे नन्हें-नन्हें पग है,
Buddha Prakash
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
मेरी इबादत
मेरी इबादत
umesh mehra
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
सत्य की खोज........एक संन्यासी
सत्य की खोज........एक संन्यासी
Neeraj Agarwal
किसी को फर्क भी नही पड़ता
किसी को फर्क भी नही पड़ता
पूर्वार्थ
प्रकृति पर कविता
प्रकृति पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
1) आखिर क्यों ?
1) आखिर क्यों ?
पूनम झा 'प्रथमा'
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
Paras Nath Jha
प्राप्ति
प्राप्ति
Dr.Pratibha Prakash
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
"महान ज्योतिबा"
Dr. Kishan tandon kranti
किताब
किताब
Sûrëkhâ Rãthí
बनाकर रास्ता दुनिया से जाने को क्या है
बनाकर रास्ता दुनिया से जाने को क्या है
कवि दीपक बवेजा
दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!!
दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!!
Kanchan Khanna
24/237. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/237. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम ही जीवन है।
प्रेम ही जीवन है।
Acharya Rama Nand Mandal
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत - शत प्रणाम*
*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत - शत प्रणाम*
Ravi Prakash
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
नजरअंदाज करने के
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
Loading...