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8 Jul 2017 · 1 min read

ढूंढ़ रहे…

बे वक्त के इन परिंदों को देख़ो….कही आशियाना ढूंढ़ रहे,
बे वजह घूम रहे इन दरिन्द्रो को देखो…कही अपना घर ढूंढ़ रहे,
आंखिर उड़ानों का अंत आसमानों में कहा होता हैं,
फिर भी कोख़ के बेवफाओ को देखो…कही पर प्यार ढूंढ़ रहे।
–सीरवी प्रकाश पंवार

Language: Hindi
Tag: शेर
263 Views
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