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26 Jul 2017 · 1 min read

जो दरारों में दिख जाए……

जो दरारों में दिख जाए उससे उम्मीद क्या करना,
जो दिलो में दिख जाए उनसे एतबार क्या करना,
घर-घर दो पल की उम्मीद लिए फिरने वालो,
जो हाथों की लकीरों में दिख जाए उस पर अधिकार क्या करना।
–सीरवी प्रकाश पंवार

Language: Hindi
229 Views
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