लक्ष्मी सिंह Language: Hindi 999 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2024 · 1 min read सत्य ईश्वर ही परम सत्य है,शाश्वत है अविनाशी है। निराकार ज्योति-बिन्दु है,परम शक्ति विश्वासी है।। सत्य आनंद,शुभ,पवित्र,सतत्-शांति का गागर है। उच्चतम-कल्याणकारी,सुखद स्नेह का सागर है।। सच पर धूल नहीं चढ़ती, सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका 3 1 40 Share लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज "सत्य की खोज” मनुज का,है अद्भुत प्रयास। अंधकार से निकलकर,पाता सुखद प्रकाश।। चिंतन-मंथन कीजिए , अन्तर्मन से रोज । दिव्य दृष्टि होगी प्रखर,सहज सत्य की खोज ।। पाप तिमिर सब... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 6 38 Share लक्ष्मी सिंह 29 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य खोजने चला फकीरा, फिरता मारा-मारा। मकड़जाल में फँसा हुआ वह, घूम रहा जग सारा। स्वयं न अंतर्मन में झाँके,न स्वयं को पहचाने। सच की पगड़ंडी पर घूमे, मगर न... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 1 49 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2024 · 1 min read भव्य भू भारती भव्य भूमि भव भारती,नतशिर बारंबार। भक्ति-भाव से आरती,तेरा रहें उतार।। भूमि भवानी भाविनी,क्षीर सुधा रसधार। अर्पित है श्रद्धा सुमन,कुसमित कोमल हार।। रत्नाकर धोये चरण,गिरिवर सिर श्रृंगार। सदा नमस्ते वत्सले,करो नमन... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 2 101 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2024 · 1 min read संविधान दुनिया की सबसे बड़ी, ऐसी एक किताब। संविधान कहते जिसे,हक का जहाँ हिसाब।। भीमराव आंबेडकर,इसके रचनाकार। अथक परिश्रम से लिखें,सब मौलिक अधिकार।। क्या करना है क्या नहीं, संविधान से जान... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 81 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2024 · 1 min read प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर) मंगल ही मंगल हुआ, मंगलमय सब काज। प्राण प्रतिष्ठा हो रही,राम लला की आज।। सत्य सनातन धर्म की,बहुत बड़ी है जीत।। पूरे भारत वर्ष में,गूंज उठा यह गीत।। पावन बेला... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 69 Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2024 · 1 min read जी20 “वसुधैव कुटुम्बकम्” का, हुआ स्वप्न साकार। जी20(ट्वेंटी)ने विश्व को,दिया नया आकार।। “वसुधैव कुटुम्बकम्”है,महामंत्र का मंत्र।। भाईचारा शांति का,सुख समृद्धि का तंत्र।। पूरी धरती एक है,विश्व एक परिवार। सबका एक भविष्य... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 81 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2024 · 1 min read युद्ध नहीं अब शांति चाहिए विश्व शांति साधक बने,रोके सारे जंग। रहे प्रेम-सौहार्द से,मेल-जोल के संग।। महाविनाशक युद्ध है,कहे वेद-इतिहास। मिले सफलता शांति से,समृद्धि और विकास।। नहीं फायदा युद्ध से,केवल करे विनाश। चुनो शांति का... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 88 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2024 · 1 min read युद्ध के बाद मंजर बिलकुल ही अलग दिखे युद्ध के बाद। बस्ती है उजड़ी हुई,टूटा घर बर्बाद।। कैसी लपटें उठ रहीं,विभीषिका की आग। मिटे कभी मिटता नहीं,ऐसा गहरा दाग।। जर्रा-जर्रा कांपता,बहुत भयावह हाल।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 62 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2024 · 1 min read दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा मै था भारत देश का,वीर सिपाही एक। पर मेरी मजबूरियाँ,लगा रहीं हैं टेक।। कभी देश के वास्ते,खूब लड़ा था जंग। मगर हाल मेरा अभी,ज्यों टूटी हुई पतंग।। धूम मचाया युद्ध... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 2 90 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2024 · 1 min read फौजी की पत्नी फौजी की पत्नी बनी,सात वचन के साथ।। नींद गवाईं मैं पिया,जगी तुम्हारे साथ।। अपने सपने छोड़ कर,रँगी तुम्हारे रंग। लेकिन तुम लड़ते रहे,मुझे छोड़ कर जंग।। डटे रहे तुम देश... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 86 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2024 · 1 min read वापस आना वीर वापस आना लौट कर,जाने वाले वीर। भर देना फिर से सभी,आहत मन का पीर।। जो वादा माँ से किया,उसे न जाना भूल। आकर आँचल में भरो,फिर ममता का फूल।। राह... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read हटा 370 धारा भारत माँ के शीश से, हटा पुरातन पीर। लहर तिरंगा कह रहा,अपना है कश्मीर।। सपना अखण्ड हिन्द का , अब होगा साकार। आज राष्ट्र को मिल गया, इक नूतन आकार।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 88 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read सर्जिकल स्ट्राइक बंद कलम को मिल गई, ताजी नई खुराक। कानों में जैसे पड़ा, छप्पन इंची धाक।। मंगल ही मंगल रहा, शुभ मंगल है आज। गढ़ दुश्मन का हिल गया, ढ़ाया कहर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 64 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 2 min read पुलवामा अटैक आँखों से आँसू बहे, कलम रक्त की धार। हुआ आज कश्मीर में, वीरों का संहार।। काँप रहा धरती गगन, चहुँ दिश हाहाकार। रँगा हिमालय रक्त से,गूंज उठा चित्कार।। टोली वीर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 66 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read माँ भारती की पुकार उठो वीर जागो सुनो,माँ की करुण पुकार। तड़प-तड़प माँ भारती,तुम से करे गुहार।। अब रणभेरी बज उठी,चिर निन्द्रा को त्याग। माँ की पीड़ा बढ़ रही,देशभक्त अब जाग।। उठो त्याग आलस्य... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 68 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read हम कितने आजाद आजादी के पर्व पर,सुन माँ की फरियाद। चीख-चीख कर कह रही, हम कितने आजाद।। पूर्ण रूप से है नहीं, अभी देश आजाद। जाति-धर्म के नाम पर, दंगा कहीं फसाद।। तड़प... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 66 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read आजादी दिवस आया आजादी दिवस, है आज पन्द्रह अगस्त। भेद-भाव को भूल कर, हो जाये सब मस्त।। जन-गन-मन के गान से, झंकृत मन का तार। आज सजी माँ भारती, कर सोलह श्रृंगार।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 42 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read तिरंगा तीन रंग से है सजा,अपना राष्ट्र निशान। केसरिया सफेद हरा,है इसकी पहचान।। केसरिया मस्तक सजा,अध्य हरा का रंग। श्वेत हृदय के मध्य में,अशोक चक्र के संग।। केसरिया बलिदान का,सत्य शांति... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 57 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jan 2024 · 2 min read भारत देश बसा प्रकृति की गोद में,भारत देश महान। जिसके पावन भूमि पर,जन्म लिये भगवान।। सागर धोता है चरण, बना हिमालय ताज। ऐसे भारत देश पर, हमे बड़ा है नाज़।। गंगा ,जमुना,प्रेममय... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 1 68 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2024 · 1 min read बलिदान मातृ भूमि के वास्ते , हो जाऊँ कुर्बान। कफन तिरंगा से बने, इतनी-सी अरमान।। जो करते हैं देश हित, सुख सुविधा बलिदान। ऐसे वीर जवान से, भारत बना महान।। हर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 69 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2024 · 1 min read वीर-जवान जब भी आया देश में,आतंकी तूफान। माँ की रक्षा के लिए,हुए वीर कुर्बान।। रणभेरी बजते उठे,मोह निद्रा को त्याग। चले वीर सन-सन करें, देश-भक्ति की आग।। "भारत ही सर्वस्व मम”,कहकर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 1 96 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2024 · 1 min read सीमा प्रहरी सरहद जिसका घर बना, जंग बना त्योहार। माथे मिट्टी का तिलक,करे शत्रु संहार।। सरहद पर तैनात है,खोए अपना चैन । नींद त्याग कर जागते, सैनिक सारी रैन।। रहते सरहद पर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 67 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2024 · 1 min read इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है । इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है । बिछा मोह का ताना-बाना, मानव इसमें क्यों जलता है। मृणमय जीव ब्रह्म है चिन्मय, अणु -कण में उसकी सत्ता... Hindi · Quote Writer · कोटेशन · मुक्तक 129 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2024 · 1 min read जाति-धर्म अलग-अलग हर खोपड़ी, बोल रहा इक मंत्र। सब धर्मों को मान दो,तभी देश गणतंत्र।। अपना ये संसार है, अपने हैं सब लोग। फिर क्यों अंतस में भरा, भेद-भाव का रोग।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 86 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2024 · 1 min read सरहद विहग पवन स्वच्छंद है, और नदी की धार । खींच लिये खुद ही मनुज,सरहद की दीवार।। दो देशों के बीच में,खींची एक लकीर। जिसका सरहद नाम है,मानवता का पीर।। सरहद... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 99 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2024 · 1 min read गणतंत्र आज बहुत पावन दिवस, आया है गणतंत्र। अमर तिरंगा देश का,गाओ गौरव मंत्र।। आज दिवस गणतंत्र है, जिस पर हमको गर्व। देशभक्ति बलिदान की ,यह वीरों का पर्व।। हम सब... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 83 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2024 · 1 min read देश- विरोधी तत्व साँप-सपोलों की तरह, देश विरोधी लोग। करो शीघ्र उपचार कुछ, खतरनाक यह रोग।। खत्म जड़ों से कीजिये,देश विरोधी तत्व। धर्म जाति के नाम पर, मिटा रहे अपनत्व।। देश विरोधी तत्व... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 74 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2024 · 2 min read भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन भाव, ताल औ”राग से, निकला भारत देश। आज बना है इंडिया, बदल गया परिवेश।। देवों ने जिसको रचा, अपना भारत धाम। बदल दिया अंग्रेज ने, रखा इंडिया नाम।। भारत भावों... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 62 Share लक्ष्मी सिंह 30 Oct 2023 · 1 min read ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार। ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार। फिर भी जालिम ज़िन्दगी, नहीं मानती हार।। नहीं मानती हार,खेल है सब किस्मत का। किसने पाया पार,खुदा तेरी रहमत का। खुशी मिले या दर्द,ज़िन्दगी... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया · कोटेशन 4 310 Share लक्ष्मी सिंह 30 Oct 2023 · 1 min read छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं। छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं। मोहब्बत में मोहब्बत से मुँह मोड़ जाते हैं। किस्मत बडी जिद्दी रही हर मंज़र बदल डाला - वो इतने सलीके से... Hindi · Quote Writer · कोटेशन · मुक्तक 3 3 155 Share लक्ष्मी सिंह 27 Oct 2023 · 1 min read वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई, वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई, तुम्हें तो दौड़ना था, वक्त की रफ़्तार से। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 138 Share लक्ष्मी सिंह 26 Oct 2023 · 1 min read अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात। अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात। अंतहीन सीमा रहित,गम की गहन बिसात।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन · दोहा 1 100 Share लक्ष्मी सिंह 25 Oct 2023 · 1 min read अकेलापन गहन अकेलापन अंदर है। गहन अकेलापन बाहर है। सौ-सौ विष का ज्वार उमड़ता- गहन अकेलापन विषधर है। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 2 107 Share लक्ष्मी सिंह 6 Oct 2023 · 1 min read वर्षा ऋतु के बाद छाई हरियाली बहुत,वर्षा ऋतु के बाद। गूँज उठा चारों तरफ,अद्भुत मंगल नाद। बूँदें पड़ते ही धरा,देती जीवन दान। अंतर अंकुर फूटता,स्वंभू ब्रह्म समान। फैली मधुमय चाँदनी,नील गगन के तीर। बिखर... Hindi · दोहा 1 2 250 Share लक्ष्मी सिंह 3 Oct 2023 · 1 min read राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी प्यारे बापू का रहा, सीधा सादा वेश। राष्ट्र पिता के नाम से,जाने पूरा देश।। देश प्रेम के वास्ते, छोड़ें अपना ठाठ । सत्य अहिंसा शांति का, दिये सभी को पाठ।।... Hindi · दोहा 177 Share लक्ष्मी सिंह 26 Sep 2023 · 1 min read इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई। इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई। मेरी ज़िन्दगी में तेरी कमी रह गई। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 1 85 Share लक्ष्मी सिंह 26 Sep 2023 · 1 min read एक ख्वाब थे तुम, एक ख्वाब थे तुम, और कुछ भी नही। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 148 Share लक्ष्मी सिंह 26 Sep 2023 · 1 min read मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही, मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही, तूझे अपनी ज़िंदगी में। और उम्र खाक हो गई, ऐ खुदा! एक तुम्हारी ही बंदगी में। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 2 2 246 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2023 · 1 min read चौमासा विरहा चैत्र हृदय को चीरता,बढा रहा है पीर। पिया रहे परदेश में,कैसे पाऊँ धीर।। बना दिया है बावली,ये जालिम बैशाख। सुलग रहा है तन बदन,कहीं न कर दे राख।। जेठ जलाये... Hindi · दोहा 101 Share लक्ष्मी सिंह 17 Sep 2023 · 1 min read छलनी- छलनी जिसका सीना छलनी- छलनी जिसका सीना दर्द भरा है दिल में। मैंने अक्सर उसको देखा हँसते हर महफ़िल में।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 2 2 102 Share लक्ष्मी सिंह 16 Sep 2023 · 1 min read मिलेट/मोटा अनाज मिलेट एक प्रकार का,है प्राचीन अनाज। छुपे हुए हैं स्वास्थ्य के, जिसमें सारे राज़।। कोदो कुटकी काँगणी,चीना रागी ज्वार। अब मिलेट के नाम से, आया है बाज़ार।। साँवा,कोदो, बाजरा,झंगोड़ा,जौ,ज्वार। इसको... Hindi · दोहा 2 1 248 Share लक्ष्मी सिंह 15 Sep 2023 · 1 min read हिन्दी ब्रह्म कमंडल से बही,हिन्दी की रसधार। वरदहस्त वागेश्वरी,वीणा की झंकार।। वंदनीय निज मात सम,ईश्वर की वरदान। भारतवासी के लिए,हिन्दी है अभिमान।। मात भारती भाल पर,शोभित शुभ श्रृंगार। कालजयी भाषा रही,हिन्दी... Hindi · दोहा 2 1 110 Share लक्ष्मी सिंह 14 Sep 2023 · 1 min read तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर। तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर। वरना दे देता मैं तुझे अपना दिल निकाल कर।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 1 186 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2023 · 1 min read बादल आओ बादल आओ बादल। आकर नभ में छाओ बादल। प्यासी धरती तुझे पुकारे, छम-छम जल बरसाओ बादल। जीव-जन्तु सब तड़प रहें हैं सबकी प्यास बुझाओ बादल। ताल तलैया सूख रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · बाल कविता 5 8 316 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2023 · 1 min read बादल काले काले प्यारे बादल। नीर भरे कजरारे बादल। श्वेत रुई की फाहे जैसी, धुँधला धूम-धुआँरे बादल। इंद्रनील की माला डाले , मृदुल मनोरम सारे बादल। नील फर्श पर धना-धना-सा, बैठा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · बाल कविता 5 5 424 Share लक्ष्मी सिंह 1 Aug 2023 · 1 min read महादेव का भक्त हूँ महादेव का भक्त हूँ,पिया हलाहल रोज। नयनों में आँसू भरा,मुख मंडल पर ओज। दुख ताण्डव करता रहा,रही मुसीबत साथ। मगर शीश पर रख दिया, महादेव ने हाथ।। भोले भाले हैं... Hindi · दोहा 4 1 336 Share लक्ष्मी सिंह 25 Jul 2023 · 1 min read बरखा रानी बरखा रानी आ गई,कर सोलह श्रृंगार। बिजली की पायल पहन,करे मधुर झंकार।। काली चुनरी ओढ़ कर,बरसे धन बौछार। आगे आगे नाचती,गाती चले बयार।। इन्द्रधनुष का आभरण,बहुरंगा मनियार। नीलगगन में टाँक... Hindi · दोहा · बरसात 3 1 351 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2023 · 1 min read पंचतत्व धूमकेतु,धनरस,धरा,अंबर और बयार। पंचतत्व के रूप में, ईश्वर का उपहार।। पंचतत्व से है बना,जग के सकल पदार्थ। भव बंधन को खोलता,परम पूण्य परमार्थ।। पंचतत्व मिलकर बना,मनुज तूम्हारा देह। पंचतत्व में... Hindi · दोहा 4 1 470 Share लक्ष्मी सिंह 14 Jul 2023 · 1 min read अति वृष्टि अति वृष्टि में सृष्टि फँसी,जग में हाहाकार। आई विपदा की घड़ी,पड़ी प्राकृतिक मार।। पहले प्यासी मृत धरा,थी सूखे की मार। अब बरसी है क्रोध में,करने लगी प्रहार।। होती रहती रात... Hindi · दोहा · बरसात 4 1 450 Share Page 1 Next