Kapil Kumar Tag: मुक्तक 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kapil Kumar 19 Jan 2017 · 1 min read चलती नही है ज्यादा देर तक भी मक्कारी कर लो चाहे बेशक तुम कितनी भी तैयारी पड़ती हैं चालाकियां, अक्सर खुद पे भारी ******************************** आजमाना है गऱ तो आजमा के देख लो चलती नही है ज्यादा देर तक... Hindi · मुक्तक 381 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read शहर भी।तुम्हारा है संग भी तुम्हारे हैं शहर भी तुम्हारा है ,संग भी तुम्हारे है पत्थरो पे चाहत के किस्से सब हमारे है ****************************** सर पटक -2 के जब ये तराशे हैं पत्थर तब कहीं जमाने में,... Hindi · मुक्तक 670 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read क्या हुआ।जो नादानी में हमसे मुँह मोड़ बैठे बेहयाई की भी न थी ,वो हया सारी छोड़ बैठे बेफ़वाई की भी न थी,वो रिश्ते सारे तोड़ बैठे ********************************* रफ्ता -2 ही समझेंगे वो हमारे अंदाजे इश्क़ क्या हुआ... Hindi · मुक्तक 304 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read अजनबी हर बशर लगता है अजनबी हर बशर लगता है ख़ाली -2 सा , घर लगता है ********************** खायें हैं जख्म भी मीठे ऐसे मीठा भी अब जहर लगता है ********************** कपिल कुमार 17/01/2017 Hindi · मुक्तक 2 348 Share Kapil Kumar 15 Jan 2017 · 1 min read शहर भी तुम्हारा संग भी तुम्हारे हैं शहर भी तुम्हारा है ,संग भी तुम्हारे है पत्थरो पे चाहत के किस्से सब हमारे है ****************************** सर पटक -2 के जब ये तराशे हैं पत्थर तब कहीं जमाने में,... Hindi · मुक्तक 341 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read वजह वजह कुछ और थी कुछ और ही बताते रहे अपने थे इसलिये कुछ ज्यादा ही सताते रहे ********************************* दिये थे हमने चिराग रौशनी के लिये मगर उन चिरागों से वो... Hindi · मुक्तक 289 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने दुआयें भी उनको बेशुमार दी हमने **************************** बनी आखिर में वो तस्वीरे जाना कि अक्स दिल से उनकी उतार दी हमने ***************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 284 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने दुआयें भी उनको बेशुमार दी हमने **************************** बनी आखिर में वो तस्वीरे जाना कि अक्स दिल से उनकी उतार दी हमने ***************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 419 Share Kapil Kumar 5 Jan 2017 · 1 min read कैसे हैं दिन कैसी अजीब राते हैं कैसे हैं दिन , कैसी अजीब रातें हैं चाँद तारे भी गुमशुम करते बाते है *************************** ऐ सर्द हवा इधर से बह तो जरा तू जो आती है तो वो... Hindi · मुक्तक 316 Share Kapil Kumar 3 Jan 2017 · 1 min read मै हूँ न वजूद अपना मिटाने के लिये मै हूँ न वजूद अपना मिटाने के लिये आपको नजरे बद से बचाने के लिये *************************** कौन है जो यादों मे आज जीता है मै हूँ न आपके गुजरे जमाने... Hindi · मुक्तक 223 Share Kapil Kumar 31 Dec 2016 · 1 min read दिल अपना भी रुबारु जब भी आइना होगा सच का ही तो सामना होगा ********************* तोड़ोगे दिल जो किसी का तो दिल अपना भी अनमना होगा ********************* कपिल कुमार 31/12/2016 Hindi · मुक्तक 434 Share Kapil Kumar 23 Dec 2016 · 1 min read नोट बंदी आर्थिक डकैती है नोट बंदी आर्थिक डकैती है वोट मंडी तो हमारी खेती है ******************* हक़ ये दिया किसने उनको डकैती तो हमारी बपौती है ******************* कपिल कुमार 24/12/2016 Hindi · मुक्तक 672 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा खुद से खुद का पता पूछता रहा *********************** थी हरेक वजह तो मेरे अंदर ही बेवजह बाहर ही उसे ढूंढता रहा ************************ कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 450 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read जब ख़ुशी के पल हैं बहुत ही कम जब ख़ुशी के पल, हैं बहुत ही कम पालता है दिल कियूं बेवजह के गम *************************** तलाश ले तू जिंदगी चश्म न कर नम कुछ तो कर ए दिल खुद... Hindi · मुक्तक 318 Share Kapil Kumar 17 Dec 2016 · 1 min read हाथ संसद न चलने देने का कुछ तो इनाम आ गया इतने दिनों का रोना पीटना कुछ तो काम आ गया हाथ संसद न चलने देंने का कुछ तो इनाम आ गया ************************************* मिली जब छूट ओल्ड करंसी पे राजनितिक दलों... Hindi · मुक्तक 379 Share Kapil Kumar 14 Dec 2016 · 1 min read डरते नही जो डूबने से जो वही पार जाते हैं डरते नही डूबने से जो ,वही पार जाते हैं उठाते नही जो जोखिम ,वही हार जाते हैं ******************************* दौरे मुश्किलात से कभी न घबराना यारों राह कामयाबी की करके वही... Hindi · मुक्तक 182 Share Kapil Kumar 12 Dec 2016 · 1 min read कुछ तो छिपा 2000 के नोट में है कुछ मोदी जी ने छिपाया, ओट में है कुछ करने वाले वो आखरी चोट में है ***************************** पकड़े जा रहे हैं 2000 वाले ही कियूं कुछ तो छिपा 2000 के... Hindi · मुक्तक 281 Share Kapil Kumar 9 Dec 2016 · 1 min read उजड़े ख्वाबो का कोई मंजर लगता है उजड़े ख्वाबों का कोई मंजर सा लगता है बिखरी यादों का कोई समंदर सा लगता है ***************************** रख न तू गुल मजार पे भी हमारी ऐसे गुल तेरा दिल पे... Hindi · मुक्तक 293 Share Kapil Kumar 9 Dec 2016 · 1 min read और इससे ज्यादा गम क्या मिलेगा और इससे ज्यादा गम क्या मिलेगा कसाब हैं दुश्मन रहम क्या मिलेगा *************************** लगे हैं दुश्मन और दोस्त भी मेरे हुआ जो मेरा सर कलम क्या मिलेगा *************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 294 Share Kapil Kumar 5 Dec 2016 · 1 min read जवानी में चर्चे हमारे कम न थे बेकार के खर्चे हमारे कम न थे चलते तब पर्चे हमारे कम न थे ************************ हैं अब किस्से हमारे कम मगर जवानी में चर्चे हमारे कम न थे *********************** कपिल... Hindi · मुक्तक 292 Share Kapil Kumar 4 Dec 2016 · 1 min read रोज तोबा करके भी गुनाह करता हूँ रोज तोबा करके भी गुनाह करता हूँ शक औरों पे भी मै बेवजह करता हूँ **************************** यकीं खुद पे भी अब नही कोई बाकी शायद गुनाह अब मै बेपनाह करता... Hindi · मुक्तक 268 Share Kapil Kumar 1 Dec 2016 · 1 min read वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता ख्वाइश फिर से है आज भूखा सोने की ******************************* वो कहते हैं कि दिल का दर्द नही दिखता ख्वाइश फिर से है... Hindi · मुक्तक 518 Share Kapil Kumar 26 Nov 2016 · 1 min read बस आम आदमी लाइन में दिखाई देता है आज 500 हजार का दर्द रुलाई देता है दर्द नेताओं का भी नारे में सुनाई देता है ******************************* बड़े लोग लगे हैं अब भी जुगाड़ में साहब बस आम आदमी... Hindi · मुक्तक 436 Share Kapil Kumar 24 Nov 2016 · 1 min read वो ही देश पे शहीद हुआ नमन शहीदों और उनके परिवारों को ... कोई नोटों पे शहीद हुआ कोई वोटों पे शहीद हुआ जिसका था ईमान सच्चा वो ही देश पे शहीद हुआ ******************* कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 327 Share Kapil Kumar 22 Nov 2016 · 1 min read रुकी रुकी हैं हसरते रुकी रुकी हैं हसरते सरहदों पे ही कहीं दिल ही बता तू अब तेरी सरहदें कहां हैं ******************************* ठहरती हैं कब कहां दिलों में ये हसरतें अब तुम बताओ हौसलों... Hindi · मुक्तक 423 Share Kapil Kumar 20 Nov 2016 · 1 min read सुर्ख जोडे में वो इक बोसा दे गया देखा मायूस तो इक भरोसा दे गया पतझड़ मे बहार का झोंका दे गया ************************** शुकूं ओ चैन भी अब कब्र में कहाँ सुर्ख जोड़े में वो इक बोसा दे... Hindi · मुक्तक 246 Share Kapil Kumar 19 Nov 2016 · 1 min read न सोच की मकान ये अभी कच्चे हैं न सोच कि मकान ये अभी कच्चे हैं न दिल में गिला कोई सभी अच्छे हैं **************************** न वहम न अहम अपने दिल मे कोई हम आज भी छोटे से... Hindi · मुक्तक 232 Share Kapil Kumar 19 Nov 2016 · 1 min read बस्ती दूर कहाँ थी मेरी नजर उठा के देखा तो होता बस्ती दूर कहाँ थी मेरी उठा के नजर देखा तो होता चूमता तेरे पावों को भी कदम तू एक चला तो होता ************************************* सदके में तेरे वार दी जब मैने... Hindi · मुक्तक 237 Share Kapil Kumar 16 Nov 2016 · 1 min read बात न होती गऱ बात न होती गऱ बात ही कियूं होती नजर जुदा न कभी किसी से यूं होती **************************** जो न होता आइंदा हमारा जुदा-जुदा बात हर एक न फिर ज्यूं कि... Hindi · मुक्तक 312 Share Kapil Kumar 15 Nov 2016 · 1 min read माना कि बेखबर हूँ माना कि बेखबर हूँ,मगर बेसबर नही माना कि बाख़बर हूँ मगर बेहुनर नही **************************** रखता हूँ इज्जत भी मै ख़ासो आम में माना कि सरफिरा हूँ मगर बेकदर नही *****************************... Hindi · मुक्तक 224 Share Kapil Kumar 14 Nov 2016 · 1 min read बेशक इसको वक्त कहिये बेशक इसको वक्त कहिये या लेखनी ,सशक्त कहिये ******************** जो भी हूँ नजर आपकी हूँ बेशक मिली बेवक्त कहिये ******************** कपिल कुमार 13/11/2016 Hindi · मुक्तक 219 Share Kapil Kumar 12 Nov 2016 · 1 min read नमन मोदी जी को नमन मोदी जी को नमक की कीमत भी लोगो को सिखला दी नमन मोदी जी काले सफेद की अहमियत लोगों को बतला दी ********************************************* अब सियासी और काले धन वालो... Hindi · मुक्तक 255 Share Kapil Kumar 12 Nov 2016 · 1 min read क्या चंद रोज की परेशानी मुश्किल है 69 साल तक झेल लिया भ्रस्टाचार क्या चंद रोज की निगरानी मुश्किल है *************************** सियासत छोड़ वतन वालों उठो ऊपर क्या चंद रोज की परेशानी मुश्किल है *************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 210 Share Kapil Kumar 11 Nov 2016 · 1 min read कहीं पे कियूं बूंद बूंद को तरसता है आदमी कहीं पे कियूं बूँद बूँद को तरसता है आदमी कहीं पे कियूं पानी पानी भी होता है आदमी ********************************** कहीं पे पड़ता है कियूं समन्दर भी कम उसे कहीं कियूं... Hindi · मुक्तक 210 Share Kapil Kumar 11 Nov 2016 · 1 min read बुजुर्गो को अकेला न छोड़ो यारों ज़ख्मो को खुला न छोडो यारों हौसलों को जरा न छोडो यारों *********************** मिलेगी ख़ुशी दुआओं से उनकी बुजुर्गों को अकेला न छोडो यारों ************************ कपिल कुमार 11/11/2016 Hindi · मुक्तक 191 Share Kapil Kumar 10 Nov 2016 · 1 min read रफ्ता रफ्ता ही सही मानते थे न कभी , इकरार उनको हो गया रफ्ता रफ्ता ही सही , प्यार उनको हो गया ********************************* था नही जिनको यकीं कभी भी इश्क़ पर रफ्ता रफ्ता ही... Hindi · मुक्तक 196 Share Kapil Kumar 8 Nov 2016 · 1 min read 1000 का बंद है 1000 का बंद है 500 का बंद है ************** देश हित में कहो अब काला बंद है ************** कपिल कुमार 09/11/2016 Hindi · मुक्तक 478 Share Kapil Kumar 8 Nov 2016 · 1 min read बहकते हैं अक्सर वो जिन्हें प्यार नही होता ढूंढते हैं वजह वो जिन्हें ऐतबार नही होता बहकते हैं अक्सर वो जिन्हें प्यार नही होता ***************************** रहते हैं इक दूसरे के तसव्वुर में जो हरदम उनके ही दर्मियाँ अक्सर... Hindi · मुक्तक 194 Share Kapil Kumar 7 Nov 2016 · 1 min read दिल्ली की धुंध का इलाज संभव है दिल्ली की धुंध का इलाज , संभव है कुत्ते की पूछ का भी इलाज संभव है **************************** बेवजह राजनीति बेवजह का रोना बस ये ही इक तो इलाज असंभव है... Hindi · मुक्तक 211 Share Kapil Kumar 7 Nov 2016 · 1 min read ये होता न था रूठेगा कोई इस तरह सोचा न था इससे पहले तो कोई ,लोचा न था ************************** तोड़ देते हम भी उसका दिल मग़र अखलाख से हमारे, ये होता न था **************************... Hindi · मुक्तक 196 Share Kapil Kumar 5 Nov 2016 · 1 min read ढूंढ कर लायेगा कैसे हमसा कोई तो बता ढूंढ कर लायेगा कैसे हमसा कोई तो बता चश्म तर करेगा कैसे हमसा कोई तो बता ******************************* मांगते सभी मुहब्बत मिलने की चाह मे चाह कर मरेगा कैसे हमसा कोई... Hindi · मुक्तक 214 Share Kapil Kumar 2 Nov 2016 · 1 min read इश्क़ को बना लूं कलमा मेरा इश्क है मुकम्मल तुम्ही से मेरे जानी बना इश्क़ भी इबादत अब मेरी जिंदगानी ******************************* बने तू अग़र मुहब्बत बनू मै तेरी कहानी इश्क़ को बना लूं कलमा रखूं... Hindi · मुक्तक 213 Share Kapil Kumar 1 Nov 2016 · 1 min read छोटे हैं हम मगर ऊँची उड़ान है माना कि हम परिन्दे ,बेजबान हैं फिर भी हमारी मीठी सबसे जबान है *************************** छोटे हमारे पँखो पे जाना नही तुम छोटे हैं हम मगर , ऊँची उड़ान है ***************************... Hindi · मुक्तक 414 Share Kapil Kumar 31 Oct 2016 · 1 min read होता न गऱ इश्क़ होता न गऱ ये जिस्म तो अहसास भी न होता होता न गऱ ये इश्क़ तो कोई खास भी न होता *********************************** मिला देता है इश्क़ ही हर इक खासो... Hindi · मुक्तक 218 Share Kapil Kumar 27 Oct 2016 · 1 min read हरेक की यहां जोर आजमाइश है पल पल इंसा की नई फरमाइश है हरेक की यहां जोर आजमाइश है ************************** खत्म किये जाते हैं जिंदगी जो यहां उनकी भी यहां जीने की ख्वाइश है ************************** कपिल... Hindi · मुक्तक 391 Share Kapil Kumar 22 Oct 2016 · 1 min read दूसरों की देख खुशियाँ अपना गम ज्यादा लग़ा दूसरो की देख खुशियाँ अपना गम ज्यादा लगा दूसरो के देखे जो गम ,अपना गम आधा लगा *********************************** लिखी किसी ने दास्तां यूं दास्ताने इश्क़ की मिला उसमे बादशाह खुद... Hindi · मुक्तक 210 Share Kapil Kumar 22 Oct 2016 · 1 min read बनने दे तू हकीकत सपने को जरा जरा आने दे तू करीब ,आईने को जरा जरा सुनने दे जमीर की अपने को जरा जरा **************************** माना की सपना है हकीकत नही कोई बनने दे तू हकीकत सपने को... Hindi · मुक्तक 262 Share Kapil Kumar 21 Oct 2016 · 1 min read फिर कियुं जमाना वो ढूंढ रहा है किनारे पर किनारा वो ढूंढ रहा है फिर से इक बहाना वो ढूंढ रहा है ************************* हर तरफ है जब आइना उसके फिर क्यूं जमाना वो ढूंढ रहा है *************************... Hindi · मुक्तक 824 Share Kapil Kumar 18 Oct 2016 · 1 min read अब दरिया ए पाक उल्टा बहता है अब दरिया ए पाक, उल्टा बहता है बुलावल मोदी को कसाई कहता है *************************** छोटी सी ऊँगली से ही घबरा गये वो अभी तो बाकी पूरा जलवा रहता है ***************************... Hindi · मुक्तक 258 Share Kapil Kumar 17 Oct 2016 · 1 min read मुझे दो गुल ताजा ही बे बहारा न दो मुझे पानी दो , मग़र खारा न दो मुझे परेशानी दो पर दौबारा न दो ************************* रहूँ बेशक बैगर गुलों के उम्रभर मुझे दो गुल ताजा, बे बहारा न दो... Hindi · मुक्तक 1 210 Share Page 1 Next