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19 Nov 2016 · 1 min read

न सोच की मकान ये अभी कच्चे हैं

न सोच कि मकान ये अभी कच्चे हैं
न दिल में गिला कोई सभी अच्छे हैं
****************************
न वहम न अहम अपने दिल मे कोई
हम आज भी छोटे से वही बच्चे हैं
***************************
कपिल कुमार
20/11/2016

Language: Hindi
227 Views
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