डी. के. निवातिया Tag: दोहा 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे **** सज धज के नारी खड़ी, होकर भाव विभोर ! सम्मोहन के दाँव से, खींच रही खुद ओर !! *** लब जब मुस्काने लगे, खिलने लगे कपोल ! संकेतक... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 2 104 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे ***** सृष्टि ये तुमने रची, तुम जीवन आधार । कोटि कोटि तुम्हे नमन, हे जग पालनहार ।। *** देव-दैत्य सब करम फल, तन से सब इंसान । जनम भए... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 75 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे ****** मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव ! कोइ कथन औषधि बने, कोइ दे घने घाव !! *** दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ ! सुख... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 127 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे **** पत्नी पूजा कीजिये, इनसे घर की शान ! जिस पर कृपा ये करे, हो जाए धनवान !! पत्नी घर की स्वामिनी, रखे सबका ध्यान ! इनसे सुख समृद्धि... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 89 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे **** सृष्टि ये तुमने रची, तुम जीवन आधार । कोटि कोटि तुम्हे नमन, हे जग पालनहार ।। देव-दैत्य सब करम फल, तन से सब इंसान । जनम भए सम... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 141 Share डी. के. निवातिया 16 Jan 2024 · 1 min read राम - दोहे - डी के निवातिया *राम दोहे* *** घट-घट में रावण बसे, करे राम का जाप ! द्वेष भाव मन से मिटा, राम मिलेंगे आप !! राम जगत के देव है, देते सबको नाम !... Hindi · कविता · दोहा 93 Share डी. के. निवातिया 10 Jun 2023 · 3 min read गुरु चालीसा ।।दोहा।। गुरु चरणों में शीश रख, करता हूँ प्रणाम। कृतज्ञ मुझको कीजिये, आया तुमरे धाम।। मूरख मुझको जानके, गलती जाना भूल। झोली फैला मैं खड़ा, पाने पग की धूल।। ।।चौपाई।।... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत · दोहा 307 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2020 · 1 min read पितृ पक्ष पितृ पक्ष को पूजते, तन मन धन से लोग । जीवित तरसे भोज को, मरे को पंच भोग ।। Hindi · दोहा 1 1 457 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2020 · 3 min read गुरु चालीसा - डी के निवातिया ।।दोहा।। गुरु चरणों में शीश रख, करता हूँ प्रणाम। कृतज्ञ मुझको कीजिये, आया तुमरे धाम।। मूरख मुझको जानके, गलती जाना भूल। झोली फैला मैं खड़ा, पाने पग की धूल।। ।।चौपाई।।... Hindi · दोहा 2 5 671 Share डी. के. निवातिया 23 Mar 2017 · 1 min read सुसंगति - दोहे दोहे मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव ! कोइ कथन बने औषधि, कोइ दे घने घाव !!………..(१) दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ ! सुख में तो... Hindi · दोहा 656 Share