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23 Mar 2017 · 1 min read

सुसंगति – दोहे

दोहे

मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव !
कोइ कथन बने औषधि, कोइ दे घने घाव !!………..(१)

दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ !
सुख में तो बहुरे मिले, संकट न आवे पास !!……..(२)

संगती ऐसी राखिये, जित मिले सुविचार !
झूठा सारा जग भया, सुसंगति तारे पार !! ………(३)

विद्या मन से पाइये, जा में जग समाये !
जोइ या में डूब गयो, सो सफल हो जाये !!………..(४)

करम ऐसे तुम कीजे, मन को ठंड मिल जाय !
रात चैन की नींद मिले, दिन सुख से कट जाय !! …….(५)
!
!
!
—::–डी. के. निवातिया —::–

Language: Hindi
622 Views
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