Santosh Shrivastava Language: Hindi 724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Santosh Shrivastava 30 Jul 2019 · 1 min read आभार माता पिता का माता पिता होते है सेतू माँ ढकती ऑचल में पिता सिखाता फतेह करना पहाड़ हर मुश्किल में खड़ा रहता साथ हटा हर काँटा माँ शीतल जल है तो पिता होता... Hindi · कविता 218 Share Santosh Shrivastava 30 Jul 2019 · 1 min read जीवन में चुनौती होता नहीं मुकाम नज़दीक लक्ष्य गर दिख जाए लगाओ दौड़ बिना रूके मंजिल पहुँच जाऐंगे हिमा है भारत की शान इच्छाशक्ति जगाई मन से उसने आत्मविश्वास बढ़ाया उसने फिर लगाई... Hindi · कविता 460 Share Santosh Shrivastava 29 Jul 2019 · 1 min read सिकुड़ती जिन्दगी ज्यों ज्यों बढने लगी रिश्तों में सिकुड़न होते गये दूर हम अपनों से सिकुड़न जब दूर होने लगी चादर में अदालत तलक जाने लगे हम दो देख कर सिलवट बिस्तर... Hindi · कविता 242 Share Santosh Shrivastava 29 Jul 2019 · 1 min read पिता तुझ सा कोई नहीं माता पिता होते है सेतू बच्चों के माँ रखती है ध्यान ऑचल में छिपा कर पिता सिखाता है फतेह करना पहाड़ हर मुश्किल में खड़ा रहता है पिता चट्टान बन... Hindi · कविता 424 Share Santosh Shrivastava 28 Jul 2019 · 1 min read सोनचिरईया कहाँ हो तुम कहाँ कहाँ न ढूंढा कहीं न मिली वो कभी आ खिड़की से झांकती थी वो बड़े प्यार से बुलाती थी वो कभी घरोंदा बनती थी वो कभी दाना चुगती थी... Hindi · कविता · बाल कविता 442 Share Santosh Shrivastava 27 Jul 2019 · 1 min read भ्रम है जवानी एक धोखा मत होओ मदहोश इसमें कर्म ही पहचान है गर रहे संयमित जवानी में नहीं होगी बदनामी जीवन में यौवन है पानी सा बुलबुला उड़ जाऐगा एक... Hindi · कविता 305 Share Santosh Shrivastava 27 Jul 2019 · 1 min read कारगिल विजय हमारी हैं प्रहरी देश के वीर जाबांज विजय पताका फहराया तिरंगा कारगिल पर मनाते है हम विजय दिवस हर सैनिक का है बलिदान अमूल्य रखना है इसे अक्षुण्ण मिटा के अपने... Hindi · कविता 198 Share Santosh Shrivastava 25 Jul 2019 · 1 min read पहुँचना है मंजिल तक राही न थक तू बढता चल अविरल हैं राहें लम्बी मुश्किल हैं डगर अनजान हैं पगडंडियाँ पहचान बनाते चल तू रूका, होंगी मंजिल दूर एक एक कदम दूर करते हैं... Hindi · कविता 227 Share Santosh Shrivastava 23 Jul 2019 · 1 min read जरुरत एक क्रान्ति की हर एक को पसंद है आजादी हैं कुछ उसूल आजादी के रहें देश के प्रति वफादार सोचे देश के बारे में होते हैं जो सच्चे क्रान्तिकारी वो आजाद भगत कहलाते... Hindi · कविता 339 Share Santosh Shrivastava 20 Jul 2019 · 1 min read बचपन बनाम बुढ़ापा नहीं सोचा था बचपन में बुढापा आऐगा कागज की नाव बुढ़ापे तलक लकड़ी की हो जाऐगी मम्मी पापा की फटकार अब यादें रह जाएंगी मास्साब की छड़ी निशान छोड़ जाएंगी... Hindi · कविता 1 393 Share Santosh Shrivastava 20 Jul 2019 · 1 min read दिलों को जोड़ती है भाषा भाषा जोड़ती है दिलों को भाषा है अभिव्यक्ति का साधन हिन्दी है राजभाषा हमारी सबसे प्यारी सबसे निराली सहज सरल और मृदुभाषा करों सब भाषाओँ का सम्मान तिरंगा है सबका... Hindi · कविता 1 451 Share Santosh Shrivastava 19 Jul 2019 · 1 min read बुढ़ी आँखे और एक उम्मीद रखा यूँ संजो कर उसने आँसूओं को गिर न जाएं किसी झील में उफनते सैलाब बयां करते है किसी मजबूर के उम्मीद थी वो आएगी एक दिन पतझड़ के बाद... Hindi · कविता 323 Share Santosh Shrivastava 19 Jul 2019 · 1 min read चिराग 1 जले चिराग तड़पता दरिन्दा रोशन जग 2 अंधेरी रात बुझ गया चिराग भटके लोग 3 बढ़ा आतंक गुम हुए चिराग बेबस मन 4 है देशभक्ति ज़ज्बात ए हौसले जले... Hindi · हाइकु 483 Share Santosh Shrivastava 18 Jul 2019 · 1 min read चिराग तेरी गजब कहानी होते है बच्चे चिराग माता पिता के रखते हैं उम्मीद करेंगे नाम रोशन उनका टूटता है दिल तब गलत कामों से बदनाम करते है बच्चे चिराग जलते ही आ जाते... Hindi · कविता 374 Share Santosh Shrivastava 18 Jul 2019 · 1 min read बरसात (एक विचार ) देश में पानी के बहाव जगह पर अतिक्रमण से , बरसात का पानी बाढ़ जैसे हालात पैदा करते है जिससे तबाही मचा जाती है और लोग बारिश को कौसने लगते... Hindi · लेख 346 Share Santosh Shrivastava 17 Jul 2019 · 1 min read सब हो सुखी चाहिए समाज में मेहनतकश आधी आधी रोटी खायें पर रहें सब एक सूत्र में फैलाना है संदेशा समाजवाद का अन्न जल पर हो सब का समान अधिकार रहे सब सुखी... Hindi · कविता 205 Share Santosh Shrivastava 17 Jul 2019 · 1 min read संयुक्त परिवार, खुश परिवार है संयुक्त शब्द शक्तिशाली रखता हमेशा घर को बलशाली संयुक्त परिवार है सब के साथी दुःख सुख में हैं एक दूसरे के साथी पश्चिमी संस्कृति है अकेले रहने की न... Hindi · कविता 217 Share Santosh Shrivastava 16 Jul 2019 · 1 min read जिंदगी के पहलू दिनांक 16/7/19 जिन्दगी से उनकी दूर चले जाएंगे यादें हैं दिल में, लौटना नहीं है है कैसी कशमकश है जिन्दगी आँखे बंद तो यादें खुले तो सपना बस कल तलक... Hindi · कविता 1 380 Share Santosh Shrivastava 16 Jul 2019 · 1 min read गुरू है मार्गदर्शक दिनांक 16/7/19 है जीवन गुरू आश्रित होता सब मंगल है गुरू बिन भटकाव जीवन में मार्गदर्शक बनते गुरू जीवन में है जीवन क्षणभंगुर बढ़ना है गर सही दिशा राह पर... Hindi · कविता 203 Share Santosh Shrivastava 15 Jul 2019 · 1 min read रात भर का मेहमान है अंधेरा होती नहीं रात हमेशा के लिए रात होती है रात भर के लिए रात और दिन का है नाता एक दूसरे का होता नहीं समय हर किसी का खराब वक्त... Hindi · कविता 365 Share Santosh Shrivastava 15 Jul 2019 · 1 min read प्यार जिन्दगी में इतना प्यार करते है उनसे , हर तरफ बस वो ही नजर आने लगे हैं स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 456 Share Santosh Shrivastava 14 Jul 2019 · 1 min read बेवफा बारिश कविता बारिश भी आज हो रही बेईज्ज़त खुश होने के बजाय कोसते हैं बारिश को इन्सान भर जाता है पानी शहर, मोहल्ले, गली में करता है त्राहि त्राहि इन्सान बांध... Hindi · कविता 364 Share Santosh Shrivastava 13 Jul 2019 · 1 min read बेईनसाफी प्रकृति से (समसामयिक ) कविता बारिश भी आज हो रही बेईज्ज़त खुश होने के बजाय कोसते हैं बारिश को इन्सान भर जाता है पानी शहर, मोहल्ले, गली में करता है त्राहि त्राहि इन्सान बांध... Hindi · कविता 178 Share Santosh Shrivastava 13 Jul 2019 · 1 min read नहीं मिली खुशियाँ थी बहुत खुश वो फैरती बार बार हाथ पेट पर वो शरारते उसकी याद कर कर मुस्कुरा उठती थी वो गूंज उठेगी अब तो किलकारी घर में होगी दुनियां की... Hindi · कविता 1 1 203 Share Santosh Shrivastava 13 Jul 2019 · 2 min read पैसो की इज्जत ट्यूशन संगीता घर में सबसे छोटी बहू बन कर आयी है, रामलाल के तीन लड़के हैं जो नौकरी करते हैं । दो की शादी हो गयी है बहुएं बड़े घरों... Hindi · लघु कथा 260 Share Santosh Shrivastava 12 Jul 2019 · 1 min read न टूटे संवाद टिकी है संवादों पर दुनियाँ सच्चे संवाद देती हैं खुशियाँ बने रहे परिवार में आपसी संवाद होंगे आपस में दूर मतभेद , बढ़ेगा प्यार माता पिता रखें संवाद बच्चों से... Hindi · कविता 218 Share Santosh Shrivastava 12 Jul 2019 · 1 min read सखी और साखी द्विपदी लेखन जो रहे साथ सदा, है वही सखी है भ्रम रिश्ते देती , साखी स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 434 Share Santosh Shrivastava 11 Jul 2019 · 1 min read गुमराह मत हो जिन्दगी हो रहे नशे के गर्त में गुमराह बच्चे उन्हें सही राह दिखाना है हाथ पकड़ कर चलना है बन कर उनके साथी सच्चे इन्सान आज खुद ही है गुमराह भ्रष्टाचार... Hindi · कविता 232 Share Santosh Shrivastava 10 Jul 2019 · 1 min read कठिन राह जीवन की विधा - सायली 1 जिन्दगी जीवन मृत्यु प्रेम खुशी गम अंतिम यात्रा श्मशान 2 बेटी प्रीत दुलारी मायके ससुराल प्रेम पत्नी बहू माँ स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 228 Share Santosh Shrivastava 10 Jul 2019 · 1 min read है नहीं अकेला दिनांक 10/7/19 नहीँ है अकेला तू इन्सान है साथ ईश्वर तेरे हर अच्छे बुरे का है लेखा मौला के पास कर्म कर अच्छे नहीं रहेगा अकेला दुनियाँ में हैं लोग... Hindi · कविता 219 Share Santosh Shrivastava 9 Jul 2019 · 1 min read उम्मीद जिन्दगी से यादें उनकी दिल में रखते हैं सलामती की दुआ हमेशा रखते हैं डगर हो मुश्किल हौसले बुलंद रखते है मंजिल मुश्किल , उम्मीद आसान रखते हैं प्यार बच्चों से माता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share Santosh Shrivastava 9 Jul 2019 · 1 min read खेल वक्त का वक्त नहीं उन्हें परवाह करने की हमारी हमने उनकी यादों में काट दी जिन्दगी चिता भी है बड़ी बेशरम जलाती रहती है शरीर और कहती है चिंता से जला इन्सान... Hindi · कविता 1 266 Share Santosh Shrivastava 8 Jul 2019 · 1 min read सफलता के मंत्र दिनांक 8/7/19 मंत्र सफलता के है दूर नहीं मंजिल फासले कट जाते है गर थामें हाथ एक दूसरे के छोड़ना नहीं हाथ जब हों सब साथ कैसी भी हो कठिन... Hindi · कविता 462 Share Santosh Shrivastava 8 Jul 2019 · 1 min read जीवन बन सौभाग्यशाली दिनांक 8/7/19 सौभाग्य और दुर्भाग्य हैं एक दूसरे पूरक दुर्भाग्य के बिन नहीं है सौभाग्य का मूल्य सोच है अपनी सौभाग्य दुर्भाग्य की मेहनत और ईमानदारी बदल देता है भाग्य... Hindi · कविता 438 Share Santosh Shrivastava 7 Jul 2019 · 2 min read बौछारें लघुकथा बौछारें रात से पानी बरस रहा था , आज रामकुमार बगीचे में पानी डालने नही गये । बरामदे में शेड के नीचे बैठ कर वह बारिश का आनंद ले... Hindi · लघु कथा 242 Share Santosh Shrivastava 6 Jul 2019 · 1 min read सहारा जीवन में दिनांक 6/7/19 बड़ा बेबस शब्द है सहारा बूढ़े माता पिता ढूंढते फिरते अपनों से सहारा बच्चों को दे सहारा पैरों पर जब कर दिया खड़ा सहारा देने वाले को कर... Hindi · कविता 385 Share Santosh Shrivastava 6 Jul 2019 · 1 min read ये खामोशियां खामोशी न कह कर भी बहुत कह जाती है खामोशी दर्द दिल में समेटे रहती है मुस्कान चेहरे पर रहती है खामोशी नहीं होती गर मेरे दोस्त राज छिपे न... Hindi · कविता 321 Share Santosh Shrivastava 5 Jul 2019 · 1 min read संस्कार है दर्पण दिनांक 5/7/19 संस्कार सिखाते माता पिता निखरता व्यक्तित्व बच्चों का बेटी के संस्कार होते दर्पण दो घरों के होतीं बेटियाँ लाड़ली मायके - ससुराल में जाओ घर किसी के दिखते... Hindi · कविता 397 Share Santosh Shrivastava 5 Jul 2019 · 1 min read सफर जिन्दगी का दिनांक 5/7/19 गर होतीं तुम हमसफर बुनते ताने-बाने जिंदगी के बांटते दुख-दर्द आपस में सफर आसान होता गुजर गये किस तरह दिन चूल्हे चौके में मगन हो गये सब अपने... Hindi · कविता 470 Share Santosh Shrivastava 4 Jul 2019 · 1 min read दूर रहे गवाहों से दिनांक 4/7/19 गुनाह आसान है आज करना गुनाह मुश्किल है रहना बेगुनाह ईमानदार होना है गुनाह मेहनतकश होना है गुनाह भ्रष्टाचार में लिप्त है जो मानता सुखी अपने को वो... Hindi · कविता 202 Share Santosh Shrivastava 4 Jul 2019 · 1 min read जीवन में तन्हाई न दे खुदा किसी को तन्हाई करीब होते हुए भी वो हो जाते है बेगाने तन्हा जिन्दगी का सफर उम्मीद बस मिलन अच्छी लगती है अब तन्हाई न मिला साथ... Hindi · कविता 1 296 Share Santosh Shrivastava 3 Jul 2019 · 1 min read पंचतत्व की सेवा (सदविचार) प्रकृति की सेवा ही मातृभूमि का ॠण उतारना है पंचतत्व में विलीन शरीर और पंचतत्व की सेवा ही मातृभूमि समतुल्य है पृथ्वी अग्नि वायु आकाश जल सब मातृभूमि ही है... Hindi · लेख 484 Share Santosh Shrivastava 3 Jul 2019 · 2 min read मृत्यु एक उमंग मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं जो मनुष्य पर चढ़े रहते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए हैं देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि... Hindi · लेख 1 459 Share Santosh Shrivastava 2 Jul 2019 · 1 min read अपना न कर सके दिनांक 2/6/19 हम चाह कर भी उन्हें अपना न कर सके वो सामने से गुजरते रहे बात न कर सके बदनाम गलियों में भी हम उन्हें अपना न कर सके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 432 Share Santosh Shrivastava 2 Jul 2019 · 1 min read लोकतंत्र और अधिकार लोकतंत्र की है जान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देश हित में कार्य मत अधिकार का उपयोग स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 490 Share Santosh Shrivastava 2 Jul 2019 · 1 min read बने रहिये कर्मठ करें अधिकार की बात बाद में पहले बने कर्मठ मेहनती और ईमानदार है अधिकार सब के बराबर चाहे बेटा हो या हो वह बेटी जल और जमी पर है सबका... Hindi · कविता 427 Share Santosh Shrivastava 1 Jul 2019 · 1 min read रूठने की वजह दिनांक 1/7/19 छंदमुक्त कविता रूठ जाने की कोई तो वजह होगी बेवजह अपने तो पराये हुआ नहीं करते पूछी थी वजह कृष्ण ने राधा से रूठ जाने की सुर लहरियां... Hindi · कविता 516 Share Santosh Shrivastava 1 Jul 2019 · 1 min read मेरा सपना मेरा मकान दिनांक 1/7/19 विधा - सेदोका मेरा मकान 1 जहाँ है छत मकान कहलाता बरसे प्रेम रस प्रसन्न सब ईश्वर करे वास आशीर्वाद सदैव 2 बुने सपने हो मकान अपना छोटा... Hindi · कविता 168 Share Santosh Shrivastava 29 Jun 2019 · 1 min read फासले जिन्दगी के अजब पहेली है ये जिन्दगी कभी देती खुशी तो गम दिखने लगे हैं फासले उम्र की कगार पर झुर्रिया बताने लगी हैं हाले ए मिजाज के दूरियाँ कुछ यूँ बढ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 350 Share Santosh Shrivastava 29 Jun 2019 · 1 min read ऐ लड़की मत बोलो मैं मम्मी की लाडली बेटी हूँ। मेरे जन्म से पहले ही पापा और दादा-दादी तो कह रहे थे , लड़का मही होगा । खैर मेरा जन्म हुआ , मातम सा... Hindi · लघु कथा 1 570 Share Previous Page 8 Next