Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next Mahender Singh 22 Jul 2021 · 1 min read व्यवाहरिक त्रुटि जैसा की सभी को ज्ञात है. व्यवाहरिक कला साथ है. हंसी ठहाके निकलने लगे. सहनशक्ति कमतर होती गई, मनुष्य जाति विक्षिप्त हो गई. व्यवाहरिक प्रभाव घूमिल हुआ, चमन का चैन... Hindi · कविता 3 2 485 Share Mahender Singh 22 Jul 2021 · 1 min read प्रबंधन क्या मिलेगा आपको. लोगों की बद दुआ लेकर, पीछा करेगी आसमां श्मशान सफर तक, आपका मकसद क्या है लाचारी, बेरोजगारी फैला देना, क्या मिलेगा तुम्हें, न विदेश नीति न व्यापार... Hindi · लघु कथा 6 4 693 Share Mahender Singh 21 Jul 2021 · 1 min read मनोबल हर व्यक्ति डायरी नहीं लिखता, अतीत की गलतियां समझ नहीं आती, आपका ध्येय क्या है, समय निर्धारण समय समायोजन कैसे है. मनोबल की मजबूती निर्भर करती है. रण में डटे... Hindi · लघु कथा 5 3 611 Share Mahender Singh 20 Jul 2021 · 1 min read धार्मिक जवानी मनुष्य विचारवान है. वह याद रख सकता है. वह कल्पना कर सकता है, वह हंस सकता है, वह परिवार नियोजन कर सकता है. वह मूलभूत आवश्यकताओं को जुटा सकता है... Hindi · लेख 8 5 544 Share Mahender Singh 20 Jul 2021 · 1 min read बाहुबली वैक्सीन वैक्सीन का इतिहास बहुत पुराना है हैजा, चेचक,खसरा, कंफेड,रूबेला, टॉयफायड रेबीज (जो की कुत्ते की मुँह की लार से फैलता है. पोलियो ड्रॉप एक मात्र वैक्सीन जिसका रूट ओरली है,... Hindi · लघु कथा 5 5 357 Share Mahender Singh 20 Jul 2021 · 1 min read व्यवस्था परिवर्तन व्यवस्था चाहे व्यक्तिगत हो,पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, व्यवासायिक हो. आईना बनती है, उसकी प्रगति, विस्तार वा कर्मचारियों के प्रति समर्पित भाव की. *घंटू कथा के पात्र ने एक खराब ईंजन वाली... Hindi · लघु कथा 5 4 607 Share Mahender Singh 19 Jul 2021 · 1 min read कुछ ही समय पहले कुछ ही समय पहले की बात है, आपदा प्राकृतिक हो, समझ आती है. मामले प्रबंधन के हों, गैर जमानती है. बात रोटी की हो, भूख पहली बात है. मजदूरी देने... Hindi · कविता 5 3 370 Share Mahender Singh 18 Jul 2021 · 1 min read फैसले चंद लोग ही लेते है फैसले सक्षम भी वे ही, कुछ विभिषण हैं, कुछ जयचंदी. असफल फैसले में, लोग हर नंदी, . फँसे रहते मुख मायावी, जीव मुख एक ईश्वर-वादी,... Hindi · कविता 4 3 477 Share Mahender Singh 18 Jul 2021 · 1 min read झनक झनक आती रही हम बजाते रहे वो बुझाती रही हम जलाते रहे. उनके जोर जुल्म उस दीये को बुझा न सके. जो सबको मिला. . रात आती कभी चांदनी लेकर... Hindi · शेर 6 4 513 Share Mahender Singh 18 Jul 2021 · 1 min read विचार और बुद्धि किसी को पहचानने में दिक्कत न हो, . आँख मिली है, कान है, स्पर्श है, इन सबका तारतम्य विचार और बुद्धि. . जिसे जानना ही नहीं, भक्ति करनी है, असहाय... Hindi · कविता 7 7 533 Share Mahender Singh 16 Jul 2021 · 1 min read दोहन करें उसूलों को रख ताक पर बने रहा सुजान, मुट्ठीभर राख जा बनी,नाम जाको श्मशान, कहते कहते न थके, प्रशंसा में प्रसंग, मदमस्त चले चाल , तुरंग जस् मतंग. . पोती... Hindi · दोहा 3 2 423 Share Mahender Singh 15 Jul 2021 · 1 min read पतंग झूमते उसे आते देखते, चढते उसे आकाश में देखते, . कटी है जुडी है जरा डोर को संभाल पाते अटक गई सांस गर्दन से लिपट कर . उतर गई एक... Hindi · कविता 4 4 1k Share Mahender Singh 15 Jul 2021 · 1 min read लेखनी लेखक कुछ लिखते हैं क्या लिखते हैं क्यों लिखते है किसलिए लिखते है चातक ही जाने एक बूंद पानी की कीमत किल्लत समझ आती है, जरूरतें पूरी न हो, व्याकुलता... Hindi · कविता 3 3 552 Share Mahender Singh 14 Jul 2021 · 1 min read धोखे खाकर उभर थोडे से और रुक जाते, जल्दी भी क्या है, विश्वास में लेकर जनता को,धोखे दिए है. अभी बहुत लोग है,इसी पथ के मुसाफिर. लोग भी बडे जटिल हैं,बने रहते हमसफर.... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 502 Share Mahender Singh 14 Jul 2021 · 1 min read खोल दें मुठ्ठी लेकर आये जो कहानी झूठी, खुली नहीं कभी देने को मुठ्ठी, दोनो हाथ बढा कर खाए मठ्ठी पकौड़े तले नाले पर लगा भट्ठी, नाले की गैस के सूत्रधार कट्टी. मजाक... Hindi · कविता 4 3 428 Share Mahender Singh 13 Jul 2021 · 2 min read मरीज और अशिक्षा गौरव ने अपना चिकित्सकीय संपूर्ण जीवन दवा, रोग,रोगी पर समर्पित भाव से बिन ऐशोआराम, भौतिक संचय इकट्ठा किये लगाते जा रहे है, अशिक्षा इतनी प्रभावी है, मरीज आकर उसे इलाज... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 508 Share Mahender Singh 12 Jul 2021 · 2 min read दफन रहस्य से भरपूर कहीं भ्रम, मोह, माया जाल जैसे *विपीन को जीवन में चौतरफ़ा रहस्यमयी घटनाओं से आच्छादित परतों को परत दर परत भेदने की ठान रखी हो, आने वाली... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 725 Share Mahender Singh 11 Jul 2021 · 2 min read नीजि संस्थान आज आधुनिकता में मनुष्य निसर्ग स्वभाव व्यवाहारिकता से दूर होते जा रहा है, यही हर्ष और गौरव के साथ हुआ, शहरी परिवेश के पर्व और उत्सव और मौज मस्ती तरह... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 8 428 Share Mahender Singh 7 Jul 2021 · 3 min read कंगाली में आटा गीला "आपदा में अवसर" श्लोगन सुनने में कितना प्यारा लगता है. नीचे कहानी में पढ़कर देख लो. दिनभर के काम से हारे थके मांदे रौनक अपनी बीवी और तीन बच्चों के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 1k Share Mahender Singh 5 Jul 2021 · 3 min read अच्छे दिन सबकुछ ठीकठाक चलते चलते अचानक, एक आवाज उठी, एक तूफान सा आया, एक सुनामी जैसे सबकुछ ध्वस्त करके, एक नये भौगोलिक क्षेत्र का निर्माण होने वाला हो, कुछ समस्याएं जैसे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 723 Share Mahender Singh 2 Jul 2021 · 1 min read हास्य-व्यंग्य परहेज़ का है आजकल बहुत बडा करेज. मीडिया का है. बहुत घटिया कवरेज. पहले आओ पहले पावो, अब आने की जरूरत नहीं, कंपनियों को दिवालिया करो, संभालने के नाम से... Hindi · कविता 2 3 409 Share Mahender Singh 30 Jun 2021 · 1 min read तस्वीर उसे देख कर खींच दी,कुछ तस्वीरे, हुबहु उससे मेल खाती ' जो वो है ! बस कपडे से नहीं ढाँप पाया उसे . वह बहुत मजबूत वा खूबसूरत जैसे, .... Hindi · कविता 3 3 453 Share Mahender Singh 30 Jun 2021 · 1 min read हादसा हादसों से डरों मत, कवायद जारी रख, पर परखने से पहले, हंस खुद को परख जन्म हुआ जिस तरहा, वो भी एक हादसा था, चले जाना है इक दिन. वो... Hindi · कविता 4 3 272 Share Mahender Singh 29 Jun 2021 · 1 min read वो कौन है जो भागे जा रहा है वो कौन है जो भागे जा रहा है, हम क्या बतलाते, शायद ! उसे खुद मालूम नहीं है, उसके परिवार वाले भी. इसी असमंजस में, हमें तो बतलाकर ही नहीं... Hindi · लघु कथा 1 1 252 Share Mahender Singh 29 Jun 2021 · 1 min read संवरती है संवार लो, संवरती है तो संवार लो, संभलती है तो संभाल लो, वरन गुजर तो जानी ही है, मत तुम मन में अवसाद लो. कडी नहीं है घडी, संचालक तुम हो. बदलने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 506 Share Mahender Singh 19 Jun 2021 · 1 min read साझा आप किसकी मानते हो, शायद, अपनी, ना ..ना..ना ये तो बहुत बडी जानकारी की बात की बात है, शायद, दूसरों की, हाँ यह आम बात है. ऐसा आसान भी, पल्लू... Hindi · लेख 2 1 576 Share Mahender Singh 16 Jun 2021 · 1 min read मेरे कहने पे न जाना मेरे कहने पे न जाना, तुम्हें पसंदीदा हो उसे चुनना, मेरे दर्शन से गर बादल तुम्हारे छँटने लगे तो देखना, मैं सुनाऊं लौरिया सुलाने को, तुम जागरण मनाना, गर बिगड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 222 Share Mahender Singh 3 Jun 2021 · 1 min read कौन है ये ऊपर वाला ? जी हाँ, पटकथा, ऊपर वाला लिखता है, आदमी तो बेचारा, उस पर अभिनय करता है, और लोग ऊपर वाले को भूलकर, वह दर्जा, उसी को दे देते हैं, वे और... Hindi · लेख 4 4 686 Share Mahender Singh 14 Apr 2021 · 1 min read विडंबना पर दोहे स्कूल क्यों बंद है,खुले कुंभ के कपाट शिक्षा संशय हटाये खोले सब बंद पाट . थक हारकर बैठे मिटे न मन की पीर, अग्रीम संयोग मन के जो खींचे लकीर,... Hindi · दोहा 1 1 262 Share Mahender Singh 23 Mar 2021 · 1 min read इतिहास और वर्तमान इतिहास अतीत का वह दस्तावेज है, जिससे हम जानकारी लेकर वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है, इतिहास की सही वा सटीक जानकारी तथ्य... Hindi · लेख 1 1 377 Share Mahender Singh 8 Mar 2021 · 1 min read महिला की महिमा तुम तरस खाते हो,इसलिए महिला है, तुम रहम करो,इसलिए कि वो कन्या है, कि लड़की है, तुम में कतई समझ नहीं, वो तुम्हारे वजूद की एक कडी है, कहो तुम्हें... Hindi · कविता 2 3 587 Share Mahender Singh 27 Feb 2021 · 1 min read जीवन दर्शन गुरु रैदास जी समझ तो अपनी ही *काम आयेगी, धरातल पर जब वो *बाहर आयेगी. बात सियासती कब समझ आयेगी. आग जब घर के चूल्हे तक आयेगी. मत बैठ पलडो में, तोल(मात्रक) है... Hindi · कविता 5 5 542 Share Mahender Singh 25 Feb 2021 · 1 min read सनातन शाश्वत किसने पसारा निथरे को गदला देना, सुथरे को नकारना, बहके को फुसला लेना, दुकान चलाने की पटरी है. गठरी भर लेना, प्रवचन में पत्थर बता देना. बछड़े को हटाकर, दूध दोहन करना,... Hindi · कविता 3 1 314 Share Mahender Singh 15 Feb 2021 · 1 min read देशहित राष्ट्रवाद में शामत आई ये कैसा प्रबंधन है साहेब, सरकारी कुछ छोडा नहीं, भत्ते रुठकर खडे हो गये, रसोई गैस पर लगाम नहीं, बदत्तर हुये घर के हालात, राम-मंदिर एक सहारा बताया, जो बिगाड़... Hindi · कविता 1 4 171 Share Mahender Singh 14 Feb 2021 · 1 min read वोट और राजा आज जो बात तुम कह रहे हो, कल किसी और ने कही थी, भविष्य में कोई और कहेगा, ये सिलसिले हैं, यूँ ही ये सिलसिले हैं यूँ ही अनवरत चलते... Hindi · कविता 3 3 284 Share Mahender Singh 1 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मोहब्बत के नाम कुछ खत मोहब्बत के,जस् उड़ते पंछी, उन्मुक्त गगन में, जुडे हुए डोर जीवन से. कबूतर को माध्यम बना, खत उसे डाला. जीवन को उसके, रंग में अपने ढहाला. रंग भरे... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 54 808 Share Mahender Singh 22 Jan 2021 · 1 min read तीन कृषि कानून की प्रस्तावना तीन कृषि कानूनों के कारण और खौफ की वजह ? धरातल पर परिणाम. जमीन एक भौतिक ऐसेट है. जो व्यक्ति परिवार समाज को एक भौतिक सामाजिक पहचान देती है. कुछ... Hindi · लेख 2 2 302 Share Mahender Singh 22 Jan 2021 · 1 min read तीन कृषि कानून पर पक्ष विपक्ष वास्तव में जनता को नहीं मालूम, ये तीन कृषि कानून है क्या ? समर्थन करने वालों का तर्क है. मोदीजी पर विश्वास ✍️ कैसा विश्वास मालूम नहीं. वे लाए है... Hindi · लेख 1 3 284 Share Mahender Singh 8 Jan 2021 · 1 min read किस ओर किस ओर जाये हम, सूरजमुखी सम संदेश देते हम, या खुद को छुईमुई समझे हम, एक तर्जनी से मुरझाए हम. चट्टान पर्वतों की उठे ज्वार मखमल सी सौगात हम, उठे... Hindi · कविता 4 5 377 Share Mahender Singh 25 Dec 2020 · 1 min read सुन ले सरकार 2 कुछ बदरी के फल कंदराओं से भी स्वादिष्ट मगर सूओं ने पहले चख लिए भूख से पीडित खाकर तृप्त कुछ ने मूर्छित होकर चखे. मुश्किल में जब प्राण पडे, व्याकुल... Hindi · कविता 1 1 230 Share Mahender Singh 23 Dec 2020 · 1 min read सुन ले सरकार रवि से छाया छवि की माया छुब्ध मन कठपुतली तन, बन धूम चढ़े व्योम कड़क तड़क भड़क फड़ाक रौद्र भान ढके शान मान सम्मान ठोर ठिकाने झूठा भान ले संज्ञान... Hindi · कविता 3 2 243 Share Mahender Singh 22 Dec 2020 · 1 min read कोरोना और स्वस्थवृत्त विचलितता कैसी कौन भ्रम संशय कैसा लडना क्यों भागना क्यों हो तेजस् जैसा विवेक जगा ज्ञान विज्ञान उग्र भय कैसा पंच-तत्व ये पिण्डारा पवन से भय कैसा जानकर अंजान हो... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 26 643 Share Mahender Singh 21 Dec 2020 · 1 min read डरा सो मरा डर डरकर जो जीवन जिआ करते है डरकर ही **डर से वो *मरा करते है. सीना तान कर जो *सामना करते है वे ही आखिर *इतिहास *रचा करते है. प्रधानमंत्री... Hindi · कविता 4 9 232 Share Mahender Singh 16 Dec 2020 · 1 min read खेती और जज्बा डरी सहमी स्तब्ध जनता खडी, विज्ञापनी आहट से रुसवा हुई. चेतावनी भरी दस्तक ये कौन शाश्वत सनातनी हठी फरमान रोंदने आये सुनहरे मेरे अरमान पत्तों की तरह उडते बिखरते पल,... Hindi · कविता 2 5 290 Share Mahender Singh 15 Dec 2020 · 1 min read नज़र चलन के दौर से बाहर आइए जरा जलन पीडा पर नज़र डालिए जरा रुठ बैठे क्यों नब्ज टटोल लेते जरा, हर मुकाम पर आज उतरे जो खरा, वो भी जीवित... Hindi · मुक्तक 1 1 521 Share Mahender Singh 20 Oct 2020 · 1 min read देश और भेष बहुआयामी क्षेत्र से जो देश परहेज़ रखता हो उसे ✍️ कोई भी हरा सकता है. ब्यौरे अतीत के होते है. वर्तमान योजना रहित भविष्य एकदम धुंधला अंधकारमय. राग एक ही... Hindi · लेख 1 2 672 Share Mahender Singh 11 Sep 2020 · 1 min read कृषि प्रधान देश में कृषक की अनदेखी *कृषि प्रधान देश में ही कृषकों की अनदेखी* * * * * * * * * * * * * * * * * आज कर्ज़ जो चुका नहीं पाता... Hindi · कविता 2 2 207 Share Mahender Singh 7 Sep 2020 · 1 min read धर्म एक नीजि व्यवस्था धर्म एक व्यक्तिगत विषय * * * * * * * * * * * * * कुछ महान् आत्माओं को , सोशल-मीडिया मंच पर सिर्फ़ किसी देवी देवताओं के... Hindi · लेख 2 1 202 Share Mahender Singh 1 Jul 2020 · 1 min read गालिब कूटनीति कहे या कहे फूटनीति कल भी थी आज भी है गालिब भी है काबिल भी खुद को जिया ओरों को जीवन दिया प्रेम पथ पर उतरे खरा, हर बज़्म... Hindi · कविता 1 2 308 Share Mahender Singh 19 Jun 2020 · 1 min read तलाश दो रोटी की आश में सुकून की तलाश में दर दर भटकता रहा दो रोटी की आश में स्वाभिमान लिए मन में हुनर था हाथ में जमीर लिये साथ में... Hindi · कविता 5 2 632 Share Previous Page 10 Next