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18 Jul 2021 · 1 min read

झनक

झनक आती रही
हम बजाते रहे
वो बुझाती रही
हम जलाते रहे.
उनके जोर जुल्म
उस दीये को
बुझा न सके.
जो सबको मिला.
.
रात आती
कभी चांदनी लेकर
कभी खुद सो जाती
लौरिया सुनाकर,
रोक लिये आंगन,
सतत देखकर,
छाया है,
ढलती भी है.
हर हुजूम पर.
.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 4 Comments · 483 Views
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