डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Language: Hindi 514 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 3 min read पिता का हम करें सम्मान अंबर जी हमारे परम मित्र हैं। हम और वो तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे।यात्रा लंबी था, मौन रहकर यात्रा करना संभव नही था ।अंबर जी हमेशा से विवेकी और... Hindi · कहानी 6 474 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read घनाक्षरी सारे जग में प्रकाश ,होता जग में विकास । और लोगों का कयास, दूर अब कीजिए। ज्ञान का आलोक दे दें ,अंधकार दूर करें। अमृत की बूँदें पिरो, ऐसा वर... Hindi · घनाक्षरी 2 601 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read घनाक्षरी जग में आलोक भरे, अंतस उजास करे। मन की अशान्ति झरे, चंद्रप्रभा दीजिए। पुष्पों की बहार मिले, अंजुमन यूं ही खिले, ममता व प्यार मिले, स्नेह सब कीजिये। खेल-खेल में... Hindi · घनाक्षरी 2 387 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read शिव स्तुति हरिगीतिका छन्द हे उमापति ,सोमनाथं ,नाथ पशुपति, पूज्यतम। हे रमापति, विश्वनाथं हेत्र्यम्बक पूज्य सम। नीलकंठे, अम्बरीषं,आदिदेवा शोभिते। देवदेवा ,शंकरा शिव, नर्मदा पति, पूज्य मम। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 695 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन दोहा मुक्तक सावन बरसे झूम के, कोयल गाये गीत। पिया अभी आओ मिलो, सुन बिरहा के गीत। क्यों चातक की टेर, को नहीं सुनें भगवान, धानी चूनर ओढ़ ली,धरती ने... Hindi · मुक्तक 2 712 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन घनाक्षरी सावन में झूल झूल ,सब नाचें गायें झूम। विरह व्यथा को भूल, कजरी जो गाती है राधा कान्हा अब मिले, कालिंदी के तट चले। कान्हा वंशी जब बजे, सुधि... Hindi · घनाक्षरी 2 609 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन पर दोहे सप्तक सावन आया झूम के,सखियाँ झूला झूल। रिमझिम वर्षा हो रही,सखी गयीं सब भूल। शिव विवाह संपन्न हो,,हरियाली में मीत। निर्जल व्रत पूजन करें,सखियाँ गायें गीत। ताल तलैया भर उठे, हुई... Hindi · दोहा 4 2k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read तन मन तड़पत डमरू घनाक्षरी तन मन तड़पत, फडकत तन मन। दम दम दमकत , नटखट जन जन। टप टप टपकत,घर घर छत छत। बरसत रह रह, समय समय पर। पल पल तरसत,... Hindi · घनाक्षरी 481 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सींच सींच प्रेम बेल कलाधर घनाक्षरी। सींच-सींच प्रेम बेल, रीझ-रीझ गोप खेल, संग-संग प्रीत मेल, रास आज कीजिए। खींचने लगी प्रवीन, कुंभ कूप से नवीन। प्रेम बेल को कुलीन, सींच-सींच दीजिए । नंद गोप... Hindi · घनाक्षरी 1 2 369 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read घनाक्षरी मनहरण घनाक्षरी घने घने उपवन ,मलय पवन संग, छनी छनी धूप संग, बहती बयार हो। शाख संग शाख मिले,वृक्ष घन राशि हिले. बेल लतिकाओं खिले, उलझी बहार हो. हरी हरी... Hindi · घनाक्षरी 3 2 286 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read रुप घनाक्षरी रूप घनाक्षरी मिलें जब हम सब , मोदी जी की बात करें, साधक प्रधानजी का, ध्यान रखें लगातार। भारत अखण्ड बने, सेवारत सभी रहें, स्वाभिमान संयम से, जीवन का हो... Hindi · घनाक्षरी 2 2 237 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read रुप घनाक्षरी रूप घनाक्षरी हरी हरी धरती है,हरे भरे उपवन, कल कल बहते है, अविरल नदी ताल. प्रेमी मनुहार करे, मन में विहार करें, साथ में पहनते हैं , जन जन वनमाल।... Hindi · घनाक्षरी 2 2 437 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी मनहरण घनाक्षरी सबका है साथ और ,सबका विकास करें । माता जशोदा के लाल, सर्वप्रिय मोदी जी । साधना महान करें, देशभक्ति जान करें । गाते जन जन मान धर्म... Hindi · घनाक्षरी 1 334 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read घनाक्षरी मित्रों ग्रामीण समाज की व्यथा घनाक्षरी में प्रस्तुत है । खेत खलिहान डूबे, बारिश फुहार छूटे, भूख से बेहाल टूटे , आज दिखे सारे लोग। काकी को पुकारे पुत्र, काका... Hindi · घनाक्षरी 1 348 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2020 · 1 min read घनाक्षरी मित्रों ग्रामीण समाज की व्यथा घनाक्षरी में प्रस्तुत है । खेत खलिहान डूबे, बारिश फुहार छूटे, भूख से बेहाल देखो, आज दिखे सारे लोग। काकी को पुकारे पुत्र, काका दुलरावैं... Hindi · घनाक्षरी 1 564 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 2 min read लेख मित्रों, अर्थ की प्रधानता हमारे जीवन में वैसे है जैसे जीने के लिए ऑक्सीजन। जब हम विचार करते हैं ,कि,अर्थ ,धर्म, काम, मोक्ष का हमारे जीवन में क्या उपयोग है... Hindi · लेख 2 2 268 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 2 min read लेख मित्रों, अर्थ की प्रधानता हमारे जीवन में वैसे है जैसे जीने के लिए ऑक्सीजन। जब हम विचार करते हैं ,कि,अर्थ ,धर्म, काम, मोक्ष का हमारे जीवन में क्या उपयोग है... Hindi · लेख 2 527 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read माँ मित्रों सादर समर्पित है, कुंडलिया । पनघट पर माता खड़ी, घट भर देती रोज। चल तू बेटी घट उठा, पनघट पर है खोज। पनघट पर है खोज ,सखी कर रही... Hindi · कुण्डलिया 1 2 430 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read माँ मित्रों सादर समर्पित है, कुंडलिया । पनघट पर माता खड़ी, घट भर देती रोज। चल तू बेटी घट उठा, पनघट पर है खोज। पनघट पर है खोज ,सखी कर रही... Hindi · कुण्डलिया 1 524 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read कोरोना गीत कोरोना उपचार नहीं है, रोकथाम ही करना है। पूरा बन्द हुआ है भारत, घर में प्रतिदिन रहना है । श्वसन तंत्र मजबूत बनायें, हम सब प्राणायाम करें । योग भ्रामरी... Hindi · गीत 1 378 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read कुण्डलिया भारत का प्रतिबिंब है, सत्य सनातन धर्म। जय गणेश मां शारदा ,है वसुधा का मर्म। है वसुधा का मर्म, संक्रमण इसको जानो। कोरोना से बचो, रोगियों को पहचानो। कह प्रवीण... Hindi · कुण्डलिया 1 393 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read दोहे चूल्हे पर रोटी चढ़ा ,मम्मी जातीं भूल । दीदी चल चिमटा उठा, भूख बन गई शूल। चूल्हे की रोटी बनी ,औ सरसों की साग, छक कर सब भोजन करो, बिना... Hindi · दोहा 234 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 2 min read लेख मित्रों, पति पत्नी का संबंध वैसे ही होता है जैसे दूध और पानी का संबंध होता है। गृहस्थ आश्रम को सभी आश्रमों में श्रेष्ठ आश्रम माना गया है ।क्योंकि इस... Hindi · लेख 1 228 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 2 min read लेख अभियंता श्रेष्ठ अंबरीष जी एक विलक्षण व्यक्तित्व, संस्मरण अंबरीष जी से मेरी भेंट अचानक हिंदी सभा के वार्षिक उत्सव समारोह में हिंदी सभा के द्वार पर हुयी थी ।मैं नया-नया... Hindi · लेख 1 578 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read कोरोनाकाल मित्रों कल कोरोना ना वायरस की खोज में व्यस्त था ,आज रिपोर्ट का इंतजार है। इसी संदर्भ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए एक गीत प्रस्तुत कर रहा हूं। सादर... Hindi · गीत 1 431 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read गीत जब राज धर्म को अपनायें, अधिकार हमें मिल जाये। तब साधु संत की रक्षा का, अधिभार हमें मिल जाये। ये अपराधी क्यों खुले आज, विधि कल्प अधूरा क्यों है? अब... Hindi · गीत 289 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read गीत रूप माला छंद साक्षर अभियान अब हो, वृक्ष वट की छाँव। योग्य पढ-लिख कर बनें तब, हो सुखी यह गाँव। ग्राम्य भारत ही बड़ा है, क्यों दुखी संसार। गाँव से... Hindi · कविता 260 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read श्री राम का कोप मित्रों मत सवैया छंद पर एक प्रयास समर्पित है आप सब सुधि जनों को प्रणाम करता हूँ।अगर कोई त्रुटि हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ। समर्पित है । " श्री राम... Hindi · गीत 252 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read श्री राम का कोप मित्रों मत सवैया छंद पर एक प्रयास समर्पित है आप सब सुधि जनों को प्रणाम करता हूँ।अगर कोई त्रुटि हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ। समर्पित है । " श्री राम... Hindi · कविता 482 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 2 min read भजन विचार श्रंखला : मित्रो ,भजन पर मेरे विचार निम्न वत हैं।भजन भक्ति योग का माध्यम है ।भक्ति योग याने ईश्वर के प्रति समर्पणहै। शब्द को ब्रह्म कहा गया है, और नाद भी... Hindi · लेख 2 527 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read मई दिवस मित्रों समर्पित हैं मई दिवस पर कुछ हाइकु (1) ये मजदूर । लाचार औ हताश। हैं मजबूर। ( 2)ये कामगार। बढ़ती नाकाबंदी। बेरोजगार। (3) दो दिन भूखा । मिल जाए... Hindi · हाइकु 2 260 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read माँ सरस्वती वंदना मित्रोंहरिगीतिका छंद पर एक और प्रयास ,प्रस्तुत है। संसार से तम दूर कर मां, ज्ञान हमको दीजिये। मन है कुटिल कपटी हमारे ,दूर अवगुण कीजिये। मां ज्ञान के भंडार से... Hindi · कविता 4 247 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read दोहा आतंकी पर्याय है ,भय हिंसा का मूल। चुन चुन कर मारे सभी, देश द्रोह के शूल। Hindi · दोहा 2 212 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read पूज्य पिता की स्मृति में मेरे पिता श्री श्री प्रेमचंद प्रसाद वर्मा हमेशा मेरे साथ इस स्मृतियों में रहते हैं उनका साथ आप विश्वास सामर्थ व प्रेरणा बनकर मेरे संभल को बढ़ाता है 1 दिन... Hindi · लेख 1 186 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 3 min read चिकित्सा व्यवसाय एक उत्कृष्ट उदाहरण चिकित्सा व्यवसाय एक उत्कृष्ट उदाहरण। मित्रों, मै स्व चिंतन के द्वारा स्व अनुभव से इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं ,कि, चिकित्सा कार्य एवं चिकित्सक होना, मनुष्य के जीवन का उत्कृष्ट... Hindi · लेख 1 411 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read जलवायु प्रदूषण जल वायु प्रदूषण का मुख्य कारण खनिज ईंधन के द्वारा प्रदूषण फैला जाना है । खेती की पराली जलाए जाने से सामूहिक रुप से धूम्र प्रदूषण फैलता है जिससे कार्बन... Hindi · लेख 1 237 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 2 min read समीक्षा, चश्मे का नम्बर बदल गया है, कविता, संदीप सरस ?????????? 【गीत-चश्में का नम्बर बदल गया】 सुनो! आज अखबार मुझे दिखता है धुंधला, सम्भवतः चश्मे का नंबर बदल गया है। संबंधों में आना जाना कम हो यदि तो, रिश्तों में... Hindi · लेख 1 349 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read मानवाधिकार दिवस आज राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया जा रहा है ।हम भारतीय अपने मानवाधिकार को जानते और समझते हैं किंतु मानते नहीं ।सर्वप्रथम शिक्षा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। किंतु अभिभावक अपने... Hindi · लेख 505 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 20 min read समीक्षा, डिफाल्टर कहानी ,डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव [22/01, 08:06] Amberish Srivastava: सुप्रभात सम्मानित साथियों, आज बुधवार है। आज के स्तंभ सृजन विविध के अंतर्गत *डॉ0 मनोज दीक्षित के संचालन व कवि विनोद शर्मा सागर के सह संचालन*... Hindi · लेख 1 362 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 16 min read समीक्षा, कुकुरमुत्ता, कविवर सूर्य कान्त त्रिपाठी, "निराला" मित्रों, आज की साहित्यिक विचार गोष्ठी में प्रस्तुत है आदरणीय श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की प्रसिद्ध कविता "कुकुरमुत्ता "।आप समस्त से अनुरोध इस कविता को ध्यान से पढ़ें ,और... Hindi · लेख 1 3k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 2 min read समीक्षा ,आचार्य शिव प्रकाश अवस्थी आचार्य शिव प्रकाश अवस्थी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। संगीत, साहित्य ,कला, धर्म, आध्यात्म, दर्शन ,मनोविज्ञान, कर्मकांड ,पूजन ज्योतिष विद्या में उन्हें सिद्धि हासिल है। मैं आचार्य जी की... Hindi · लेख 2 1 872 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read समीक्षा -कविवर गोपाल दास मित्रों, आदरणीय गोपाल दास नीरज हायकु सम्राट हैं ।उनका दर्शन हायकु में परिलक्षित हो रहा है । जैसे, जन्म मरण। समय की गति के । हैं दो चरण । श्री... Hindi · लेख 419 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read मैकू रिक्शा चला रहा, कवि संदीप मिश्रा "सरस" मित्रों, आदरणीय सरस जी की कविता , यथार्थ वाद व साम्यवाद से प्रभावित है। कविता में एक ऐसे किसान का वर्णन है ,वह अपने सपनों को भुलाकर, अपना खेत खलिहान... Hindi · लेख 208 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read समीक्षा ,कवि देवेंद्र कश्यप निडर। आदरणीय देवेंद्र कश्यप निडर जी की रचनाएं कुंडलिया,मुक्तक आदि समसामयिक व व्याकरण की दृष्टि से निर्दोष रचनायें हैं। कृषकों की पीड़ा को महसूस करते हुए देवेंद्र कश्यप जी लिखते हैं... Hindi · लेख 456 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 2 min read धर्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक आदरणीय मित्रों आज की धर्म चर्चा में विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय के विषय में विचार विमर्श चल रहा है ।एक समय था, जब हम सब मानते थे, कि जहां... Hindi · लेख 242 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read कवि दुष्यंत कुमार, समीक्षा आज के परिप्रेक्ष्य में। शाहकार श्री दुष्यंत कुमार जी समाज के विद्रोही कवियों के प्रतिनिधि हैं। उनकी रचना इसका प्रमाण है । हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिये। इस हिमालय से कोई... Hindi · लेख 261 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 2 min read समीक्षा कवि कमलेश चन्द्र मौर्य "मृदु" आदरणीय कमलेश मृदु जी राष्ट्रवादी कवियों में प्रमुख हस्ताक्षर हैं ।उनकी कविता में राष्ट्रप्रेम के दर्शन होते हैं, साथ में एक वियोगी कवि की कविता का मर्म छुपा हुआ है।... Hindi · लेख 390 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 3 min read समीक्षा- कवि केदारनाथ शुक्ल आदरणीय कविवर केदारनाथ शुक्ला कि रचना धर्मिता अमर है। एवं सराहनीय है । विश्व को रंगमंच मानकर और उसमें पात्रों को कलाकार मानकर शुक्ल जी ने कल्पना की है वह... Hindi · लेख 682 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read नारी, लावणी छंद कितना सुंदर रूप तुम्हारा, कितनी सुंदर काया है । मां ममता का रूप तुम्हारा, कितनी सुंदर माया है । नारी बनकर बेटी अपनी ,आस्था का है रूप बना। बहन बन... Hindi · गीत 447 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read लावणी छंद यह कैसी वासना दृगों में, लखन देखकर घबराये। बेचारी उर्मिला भवन में, कैसी होगी कुम्हलाये। शूर्पणखा सुंदरी अनूठी, छल से माया रच लायी। पर्णकुटी में राम दिखे थे, सहज लालसा... Hindi · गीत 378 Share Previous Page 7 Next