AJAY PRASAD Language: Hindi 446 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid AJAY PRASAD 25 May 2024 · 1 min read Ghzal विधा :- ग़ज़ल 2212 है ईश्क़ गर तो फिक्र कर । मेरी तरफ़ देखा तू कर । ख्वाबों में आ फ़िर रात भर । दिल में समा आँखों के दर।... Hindi 2 172 Share AJAY PRASAD 15 Jun 2023 · 13 min read बगावत की बात 41 जब होनी ही नहीं कबूल तो दुआ क्या करूँ हो गए हैं मेरे खिलाफ अब खुदा क्या करूँ। खुशियों ने करी है खूबसूरत साज़िश दोस्तों कर दिया गमों को... Hindi 1 341 Share AJAY PRASAD 15 Jun 2023 · 13 min read बेअदब कलम दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़लें ) *मेरी बात * इस दौर का दीवान लिख रहा हूँ मैं हक़ीक़त-ए-जहान लिख रहा हूँ मैं। हुस्नोईश्क़ पर लिखनेवाले हैं बहुत बेबसों की... Hindi 1 366 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़ल संग्रह) इस दौर का दीवान लिख रहा हूँ मैं हक़ीक़त-ए-जहान लिख रहा हूँ मैं। हुस्नोईश्क़ पर लिखनेवाले हैं बहुत बेबसों की दास्तान लिख रहा हूँ मैं। गुजर जाऊँ गुमनाम कोई गम... Poetry Writing Challenge 1 176 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़ल संग्रह) ज़्ख्मों को कुरेदने का हुनर जो है दुशमनी निभाने में बेहतर वो है । दे रक्खा जिसने दिल किराये पर यारों इश्क़ में बेहद मोतबर वो है। जब कर लिया... Poetry Writing Challenge 1 143 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर (आज़ाद गज़ल संग्रह) दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़लें ) खतरे में तो अब हर समाचार है हरेक शख्स आजकल पत्रकार है । मोबाईल और ये सोशल मिडिया बन गया एक भयंकर हथियार... Poetry Writing Challenge 1 99 Share AJAY PRASAD 14 May 2023 · 16 min read दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें) रेत की तरहा ये फ़िसल रही है ज़िंदगी हाथों से निकल रही है । -अजय प्रसाद धूप जब बर्फ़ सी पिघल जाती है मजदूरों के पसीने में उतर आती है।... Poetry Writing Challenge 2 3 197 Share AJAY PRASAD 4 Mar 2023 · 1 min read क़तील की तरह वो है ताबूत में आखिरी कील की तरह झपट लेता है हर मौका चील की तरह। गल्तियां करके भी मानते हैं कहाँ हुजूर देने लगतें है सफाई वकील की तरह... Hindi 1 181 Share AJAY PRASAD 25 Dec 2022 · 1 min read झेला अच्छा भीड़ से हूँ अलग मैं अकेला अच्छा किस को लगता है झमेला अच्छा। यूँ तो कोसते रहते हैं हम दुनिया को वैसे लगता है यहाँ का मेला अच्छा। ये मुसलसल... Hindi 1 289 Share AJAY PRASAD 25 Dec 2022 · 1 min read मत देना सुनी सुनाई बातों पर ध्यान मत देना जहालत में पड़के कभी जान मत देना लोग भूल जाते हैं इस्तेमाल करके यहाँ औरों के तलवारों को मयान मत देना। लाख बुरी... Hindi · आइना मुझको मेरी औकात बताता है 1 294 Share AJAY PRASAD 6 Nov 2022 · 1 min read आईना आइना मुझको मेरी औकात बताता है कुछ इस तरह से हर रोज़ सताता है । जब कभी भी सामने गया हूँ मैं उसके उम्र ढल जाने का एहसास कराता है... Hindi 2 168 Share AJAY PRASAD 6 Nov 2022 · 1 min read वक्त बदल रहा है वक्त सचमुच बदल रहा है खोंटा सिक्का ही चल रहा है। सिधा-सादा सच्चा औ अच्छा आजकल सबको खल रहा है। बद्तमीज़ बच्चे,बेबस बुजुर्ग समय दोनो को छ्ल रहा है ।... Hindi 1 353 Share AJAY PRASAD 22 Oct 2022 · 1 min read लाया हूँ छीन के काँटो से गुलाब लाया हूँ हुस्न का तेरे मैं जवाब लाया हूँ । देखो कहीं दरक न जाए आइना बला की तुझपे मैं शबाब लाया हूँ। भरेंगे चांद... Hindi 1 191 Share AJAY PRASAD 18 Oct 2022 · 1 min read आकर निखरने लगा हूँ मैं उनसे नजरें मिला कर करता हूँ बातें अब तो सबसे मुस्कुरा कर। हो गया यकीन उस वक़्त खुदा पे मुझको जब किया इकरार उसने आँखें झुका... Hindi 1 148 Share AJAY PRASAD 6 Oct 2022 · 1 min read रह गई दरमियां दिलों में दोनो की दूरियां रह गई ढल तो गई उम्र मगर मजबूरियाँ रह गई । हिचकिचाहट आज भी है मौजूद मन में लबों पर दोनो के ही खामोशियां... Hindi 1 270 Share AJAY PRASAD 4 Oct 2022 · 1 min read प्यार से पहले बेहद सकून था तेरे दीदार से पहले जिन्दगी खुशगवार थी प्यार से पहले। थी बेताबी,बेचैनी न कोई हसरत न थे यारों इतने बेक़रार से पहले । नींद,थी ख्वाब थे,थी तन्हाइयां... Hindi 1 141 Share AJAY PRASAD 30 Sep 2022 · 1 min read पनाह में जो है नही उसे पाने की चाह में दिन-रात गुजरता है बस आह में । महफ़िलों में अब वो रौनक नहीं है लज़्ज़त भी नहीं वाह!वाह!में। मंजिल की तलाश ही... Hindi 1 287 Share AJAY PRASAD 26 Sep 2022 · 1 min read लिख रहा हूँ मैं इस दौर का दीवान लिख रहा हूँ मैं हक़ीक़त-ए-जहान लिख रहा हूँ मैं। हुस्नोईश्क़ पर लिखनेवाले हैं बहुत बेबसों की दास्तान लिख रहा हूँ मैं। गुजर जाऊँ गुमनाम कोई गम... Hindi 1 141 Share AJAY PRASAD 25 Sep 2022 · 1 min read खातिरदारि मे खाक़ से पूछा है खाक़सार का पता क्या कहूँ मैं ए दिल अब तू ही बता । **** बड़े खुश हो अपनी खुद्दारी पे बन के जमूरा मन के मदारी... Hindi 1 262 Share AJAY PRASAD 25 Sep 2022 · 1 min read भुला पाऊंगा देखना तू हद से मैं गूजर जाऊँगा तेरे बगैर तुझे जी कर दिखाऊँगा । बड़ा नाज़ है न तुझे खूबसूरती पे तेरे सामने तुझ से,मुकर जाऊँगा । अब देखना मेरी... Hindi · ग़ज़ल 1 156 Share AJAY PRASAD 13 Sep 2022 · 1 min read पुराना है लहज़ा -ए-क़ातिल शरिफ़ाना है और फिर ज़ालीम ये ज़माना है । चाहता नहीं हूँ मैं कि तुझे चाहूँ मगर दिल ये तेरा ही दीवाना है । मुद्दतों बाद मुस्कुरा रहे... Hindi 1 249 Share AJAY PRASAD 21 Aug 2022 · 1 min read जला रहा हूँ मैं यूँ खयाली पुलाओ पका रहा हूँ मैं उम्मीदों के अलाव जला रहा हूँ मैं । देके तकलीफ़ों को तसल्ली दिल से बेवकूफ खुद को ही बना रहा हूँ मैं। अब... Hindi 1 198 Share AJAY PRASAD 18 Aug 2022 · 1 min read हिस्सा नहीं मैं कोई भीड़ का हिस्सा नहीं क्या आपको ये दिखता नहीं। मुझे पढ़कर आप फैसला करें मैं अनर्गल कुछ लिखता नहीं। नज़रिया है मेरा सबसे अलग मेरआंखों से सच बचता... Hindi 1 154 Share AJAY PRASAD 11 Aug 2022 · 1 min read कयोण हुनर गर हाथ में है तो बेरोजगारी क्यों नौकरी चाहिए तुम्हें बस सरकारी क्यों । जहाँ पे है जरूरत मेघ मल्हार की बेहद वहाँ गा रहे हो आप राग दरबारी... Hindi 1 142 Share AJAY PRASAD 9 Aug 2022 · 1 min read देख रहा हूँ साहिल पे बैठ के समंदर देख रहा हूँ है कितना लाचार धुरंधर देख रहा हूँ। बेजान नज़ारे कश्तियाँ और किनारे बाहर नहीं खुद के अंदर देख रहा हूँ । लहरें... Hindi 2 184 Share AJAY PRASAD 31 Jul 2022 · 1 min read जो ज़िंदा है मौत भी मय्यसर है उस को जो ज़िंदा है ज़िंदगी के लिए जद्दो-जहद भी धंधा है । ज़िस्म को तो जकड़ रक्खा है ज़रूरतों ने मन भटक रहा यूँ जैसे... Hindi 1 516 Share AJAY PRASAD 14 Jul 2022 · 1 min read बैताल भी मैं हूँ सुन,बिक्रम भी मैं और बैताल भी मैं हूँ हर सधे हूए जवाब का सवाल भी मैं हूँ । इस तरह हैरान मत हो मेरी फितरत पे यारों उस क़ुदरत का... Hindi 1 309 Share AJAY PRASAD 2 Jul 2022 · 1 min read क्या करूँ जब होनी ही नहीं कबूल तो दुआ क्या करूँ हो गए हैं मेरे खिलाफ अब खुदा क्या करूँ। खुशियों ने करी है खूबसूरत साज़िश दोस्तों कर दिया गमों को मुझ... Hindi 1 157 Share AJAY PRASAD 23 Jun 2022 · 1 min read और मैं ..... हैं तबाही के तलातुम और मैं है वही संगदील सनम और मैं। वही दीवारें हैं दरमियां हमारे वही फ़ासले वही वहम और मैं। वही सरगोशीयाँ हैं वही लोग वही जमाने... Hindi 2 2 422 Share AJAY PRASAD 16 Jun 2022 · 1 min read भाईजान की बात न गीता,न बाईबल न कुरान की बात मैं तो करता हूँ भले इन्सान की बात । न पूजा,न नमाज,न अज़ान की बात मैं कहता हूँ बेहतर इमकान की बात। न... Hindi 2 1 349 Share AJAY PRASAD 16 Jun 2022 · 1 min read की बात न गीता,न बाईबल न कुरान की बात मैं तो करता हूँ भले इन्सान की बात । न पूजा,न नमाज,न अज़ान की बात मैं कहता हूँ बेहतर इमकान की बात। न... Hindi 2 1 565 Share AJAY PRASAD 14 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक मायने खुबसूरती के बदलने लगें हैं खोंटे सिक्के भी अब चलने लगें हैं । -अजय प्रसाद पछता रहे हैं पाँव सफ़र के बाद याद आ रहें हैं गाँव शहर के... Hindi 2 269 Share AJAY PRASAD 12 Jun 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल जल रहा है वतन ,आप गज़ल कह रहे हैं सदमे में है ज़ेहन ,आप गज़ल कह रहे हैं । कुछ तो शर्म करें अपनी बेबसी पे आप जख्मी है बदन... Hindi 2 138 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 12 min read काव्य संग्रह रेत की तरहा ये फ़िसल रही है ज़िंदगी हाथों से निकल रही है । -अजय प्रसाद संवर जाती है धूप जब बर्फ़ सी पिघल जाती है मजदूरों के पसीने में... Hindi 3 1 713 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 3 min read गज़लें चंद गज़लें 1. शायरों की महबूबा है गज़ल आशिकों की दिलरुबा है गज़ल । अब क्या कहें कि क्या है गज़ल बेजुबां शायरी की सदा है गज़ल । मीर,मोमिन,दाग,गालिब ही... Hindi 3 1 323 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 14 min read मुक्तक मौत तक ज़िंदगी को संभाल यार कुछ गलतफहमियां पाल। अब्र ,कब्र ज़ब्र और है सब्र भी यही तो है कुदरत का कमाल। -अजय प्रसाद सवाल ये है कि जवाब क्या... Hindi 1 287 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 13 min read नई गज़लें **** लो फ़िर से नया साल मुबारक हो ज़िंदगी ये खस्ताहाल मुबारक हो। बस चंद रोज की है ये चकाचौंध फ़िर वही जी जंजाल मुबारक हो। सुबहोशाम करना खुद को... Hindi 1 218 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल आइना मुझको मेरी औकात बताता है कुछ इस तरह से हर रोज़ सताता है । जब कभी भी सामने गया हूँ मैं उसके उम्र ढल जाने का एहसास कराता है... Hindi 1 186 Share AJAY PRASAD 4 Jun 2022 · 1 min read बुरा मान गए हक़ औ हिसाब मांगा तो बुरा मान गए काँटों से गुलाब मांगा तो बुरा मान गए । वर्षो तलक जिनको रक्खा गया गुमनाम जब उसने खिताब मांगा तो बुरा मान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share AJAY PRASAD 1 Jun 2022 · 1 min read तमाम तक़लीफ़ों के बीच अक़सर देखा है मैनें शहर में फुटपाथों पर फटेहाल , मैले कुचैले अनाथ बच्चों को भिखमंगों को बेघर लोगों को जिंदा रहने के लिए संघर्ष करते, लड़ते झगड़ते , गाली... Hindi · कविता 2 170 Share AJAY PRASAD 31 May 2022 · 1 min read निकाले जा रहे हैं बाल की खाल अब निकाले जा रहे हैं खामिया एक दूजे के खँगाले जा रहे हैं। आखिर चैनेल को चलाना भी ज़रूरी है हर रोज़ नये नये मुद्दे उछाले जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 194 Share AJAY PRASAD 31 May 2022 · 1 min read बनाते हैं कुछ लोग राई का पहाड़ बनाते हैं और कीमती को कबाड़ बताते हैं । उखाड़ रहे हैं जो आप ये गड़े मुर्दे क्यों उनकों यूँ आईना दिखाते हैं । दफ़न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share AJAY PRASAD 26 May 2022 · 1 min read समाचार है खतरे में तो अब हर समाचार है हरेक शख्स आजकल पत्रकार है । मोबाईल और ये सोशल मिडिया बन गया एक भयंकर हथियार है । जिसे देखो जुटा है सच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 319 Share AJAY PRASAD 26 May 2022 · 23 min read Ji lenge jhopdi (1) जी लेंगे झोंपड़ी में हुजूर चिंता न करें यही है गरीबी का दस्तूर चिंता न करें । आप तो फ़िक्र करें अमीरों के लिए हम लोग तो हैं मज़दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 461 Share AJAY PRASAD 21 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता शब्द नहीं परिवार पिता है खामोशी से प्यार पिता है । जग जाहिर है माँ की ममता मगर असली आधार पिता है । धूप,बारिश,सर्दी से बचने को जैसे छत... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 198 Share AJAY PRASAD 30 Mar 2022 · 13 min read नयी रचनाएँ **** लो फ़िर से नया साल मुबारक हो ज़िंदगी ये खस्ताहाल मुबारक हो। बस चंद रोज की है ये चकाचौंध फ़िर वही जी जंजाल मुबारक हो। सुबहोशाम करना खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 260 Share AJAY PRASAD 22 Mar 2022 · 1 min read पत्थर हैं तो आप सेक्युलर हैं मतलब,मीठा जहर हैं । खैर ये कोई बात नहीं मगर क्या रेग्युलर हैं ? क्या आप होतें चिंतित सबके लिए बराबर हैं ? आप फैसला करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 384 Share AJAY PRASAD 18 Mar 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल दुशमन उन्हें पसंद बहुत है अपने यहाँ जयचन्द बहुत है। जो है अंधा ,बहरा और गूँगा आवाज़ उसकी बुलंद बहुत है । जिसने सीखा है सच छिपाना समझ लो के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 550 Share AJAY PRASAD 13 Mar 2022 · 1 min read होली ये जीवन भी है जैसे होली जज्बातों की बनी रंगोली । सुख औ दुःख रंग हैं यारों मलतें हैं वो जैसे हमजोली खुशी की है पिचकारी भी तो कभी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share AJAY PRASAD 1 Mar 2022 · 1 min read आजमा रहा हूँ मुफ्तखोरी के सपने दिखा रहा हूँ लत बुरी ये अवाम को लगा रहा हूँ। क्या पता फ़िर झांसे में आ जाए जनता को भाषणों से भरमा रहा हूँ। बिजली,पानी,सड़कें,शिक्षा के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 382 Share Page 1 Next