Bhupendra Rawat 352 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Bhupendra Rawat 14 Aug 2017 · 1 min read भारत माँ भारत माँ को भी आ गयी शर्म देख कर अपने बच्चों के क्रम अब नही रही बच्चो को लाज़ कर दिया देश का नाम ख़ाक जिस थाली में खाया था... Hindi · कविता 1 797 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read माँ मेरी भाग्य विधाता है मैं तेरे चरणों की धूल माँ मेरी भाग्य विधाता है इस जहाँ में मेरा माँ से जन्मों का नाता है माँ ने मुझको जन्म दिया बना मैं माँ का साया... Hindi · कविता 1 779 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read एक बार दिल लगाते तो जरा एक बार दिल लगाते तो जरा । दिल लगा कर पास आते तो जरा। तुम तो मुस्कराए और चल दिए। कभी पास आकर हमें भी हंसाते तो जरा। हंस कर... Hindi · मुक्तक 1 384 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read ज़िन्दगी भर मैं सफ़र में रहा ज़िन्दगी भर मैं सफ़र में रहा तन्हा रहा फिर भी जिंदा रहा ज़िन्दगी बशर कर दी उनके इंतज़ार में उनके आने की आस लिये जिन्दा रहा हमनें कब माना था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 362 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read शहर में उड़ती हुई ख़बर आयी है शहर में उड़ती हुईएक ख़बर आयी है कुछ मासूमों ने अपनी जान गवाई है कही सफ़ेद कपड़ो में दाग ना लग जाए इसलिए आपातकाल में मीटिंग बुलाई है आज तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 425 Share Bhupendra Rawat 11 Aug 2017 · 4 min read सीमा का संघर्ष पार्ट – 1 हर रोज़ की तरह सीमा आज भी अपने घर से स्कूल के लिए निकली | घर से स्कूल चंद क़दमों की ही दूरी पर था . सीमा अपनी सहेलियों के... Hindi · कहानी 1 390 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2017 · 1 min read पेश वो अदब से आते नही पेश अदब से वो अब आते नही दुखड़ा अपना अब सुनाते नही दोस्ती फरिश्तों से कर ली है अपना अब वो हमें बताते नही मुस्करा कर वो दूर जाते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 320 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2017 · 4 min read सीमा का संघर्ष पार्ट 2 सीमा ने जैसे ही फांसी का फंदा गले में लगाया था, वैसे ही कमरे के दरवाजे से खट-खट की आवाज़ आई, बाहर दरवाजे पर सीमा की माँ खड़ी थी, सीमा... Hindi · कहानी 1 338 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ तो माँ ही होती है जब भी देखो अपने बच्चों की चिंता में होती है सोए हुए बच्चे होते है वो नींदे अपनी खोयी होती है माँ तो माँ... Hindi · कविता 1 807 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read क्या मेरे बिना भी जिंदा रहे पा रहे हो तुम उन्होंने मुझसे एक सवाल पूछा मेरे बिना भी क्या जिंदा रह पा रहे हो तुम हमनें भी मुस्कुराते हुए उनके दिए ज़ख्मो के दर्द को सिया वो ताज्जुब हो गए... Hindi · कविता 1 528 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read वो मेरे जर्रे जर्रे में बस्ती है मुझे अब हिचकी आती नही याद उसकी मुझे सताती रही वो मेरे जर्रे जर्रे में बस्ती है हर एक जर्रे में दर्द समाती रही गमज़दा है वो अब सदा के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share Bhupendra Rawat 8 Aug 2017 · 2 min read कभी मुझे पढ़ लेना तुम कभी मुझे पढ़ लेना तुम कभी मैं तुम्हे पढ़ लूँगा पढ़ कर तुम्हारे जज़्बातों को मैं कोरे पन्नो में लिख दूँगा कभी जो मेरे सपने में तुम चोरी से आ... Hindi · कविता 1 524 Share Bhupendra Rawat 8 Aug 2017 · 1 min read राखी रेशम की डोरी बाँध दी रेशम की डोरी बहना ने भाइयों की कलाई में भईया ने उपहार दिया दो शब्दों में इज़हार किया मैं तेरा रक्षक हूँ ऐसा क़रार किया क़रार किया था... Hindi · कविता 1 457 Share Bhupendra Rawat 7 Aug 2017 · 1 min read हम तो उनकी रवानी लिख रहे है हम तो उनकी रवानी लिख रहे है तेरी और मेरी कहानी लिख रहे है वो पढ़े उनकी महेरबानी लिखे रहे है उसके कर्मों की ज़बानी लिख रहे है उनके दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 505 Share Bhupendra Rawat 6 Aug 2017 · 1 min read तुम तो ठेहरे प्रदेशी तुम तो ठेहरे प्रदेशी यूं साथ छोड़ चले अपने किये वादों से क्यों मुंह मोड़ चले हमनें किया था वादा साथ निभाने का यूं मेरी दुनिया में तुम ख्वाब छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 385 Share Bhupendra Rawat 6 Aug 2017 · 1 min read मुझे चाँद में मेरा मेहबूब नज़र आता है मुझे चाँद में मेरा महबूब नजर आता है उसकी सूरत देख चाँद भी क्या खूब नज़र आता है तन्हा बैठे रहते है अक्सर जब से चाँद निकल आता है पलके... Hindi · कविता 1 269 Share Bhupendra Rawat 6 Aug 2017 · 1 min read ग़म ऐ दौर में भी सदा मुस्कुराते रहो ग़म ऐ दौर में भी सदा मुस्कुराते रहो अँधेरा हो, जुगनुओ की तरह जगमागते रहो कांटो में रह कर भी सदा फूलों की तरह महकाते रहो तूफानों में रहकर, कश्ती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 488 Share Bhupendra Rawat 5 Aug 2017 · 1 min read दिल है मेरा,धड़कन तू है दिल है मेरा,धड़कन तू है देख मेरे दिल में बस्ती तू है कैसे दिखाऊ,क्या मैं बताऊ ऐसी मुझको उलझन क्यों है दिल है बेचारा ,ये है हारा कैसी मुश्किल में... Hindi · गीत 1 463 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ है कभी भूली जाती नही माँ की याद हमेशा सताती रही। बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही। माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 828 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ है कभी भूली जाती नही माँ की याद हमेशा सताती रही। बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही। माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 691 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read कदम लडखडाये तो भी आगे चलना होता है क़दम लडखडाये तो सम्भलना होता है मंज़िल हो दूर फिर भी आगे चलना होता है हर कदम पर गिराने वाले मिल ही जाते है उनको पछाड़ मंज़िल की और बढ़ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 652 Share Bhupendra Rawat 3 Aug 2017 · 1 min read बहाने तो हमेशा होते है बहाने तो हमेशा होते है कभी सच भी बोल जाया करो दिल है मेरा अभी भी बच्चा सा दिल से ना यूं खेल जाया करो हर बार मज़बूरी तुम्हारी ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share Bhupendra Rawat 3 Aug 2017 · 1 min read मैं तेरा दीवाना हूँ ,,तू मेरी दीवानी है मैं तेरा दीवाना हूँ तू मेरी दीवानी है मेरे लबों पर तेरी, ही रवानी है बिन तेरे अब याँ जीना, है नही आसां तेरा साथ निभाने की मैंने भी ठानी... Hindi · कविता 1 348 Share Bhupendra Rawat 1 Aug 2017 · 1 min read झूठा निकला क़रार तेरा झूठा निकला क़रार तेरा अब कैसा इंतज़ार तेरा रात भर मोती आते रहे ऐसा है आज इंकार तेरा मयकदे से दोस्ती कर ली अब नही हूँ मैं यार तेरा मौसम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share Bhupendra Rawat 31 Jul 2017 · 1 min read जन्नत माता पिता के रूप में ही मुझे मेरा खुदा नज़र आया है माता पिता के चरणों में ही मैंने जन्नत को पाया है | माता पिता के चरणों में ही... Hindi · कविता 1 571 Share Bhupendra Rawat 28 Jul 2017 · 1 min read दर्द ऐ दिल अब तो बताना होगा दर्द ऐ दिल अब......तो बताना होगा जख्म जो दिया है......उसे दिखाना होगा | आशिक़ है याँ सब.........प्यार के मारे हुए कोरे पन्नो पर उनको......दर्द जताना होगा | बिखर जाते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 571 Share Bhupendra Rawat 22 Jul 2017 · 1 min read दो गज़ ज़मीन दो गज़ ज़मीन याँ किसे नसीब होती है ज़िन्दगी हमेशा मौत के करीब होती है दफ़न हो जाते है याँ लाशों के ढ़ेर में ज़िन्दगी सदा याँ गरीब होती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 581 Share Bhupendra Rawat 22 Jul 2017 · 1 min read ज़िन्दगी रोती और बिलखती हुई सी हो गयी ये ज़िन्दगी। ख़ुद जीने के लिए तरसती रह गयी ये ज़िन्दगी अमन, चैन की तलाश में खुशियों की आस में सिमट कर रह... Hindi · कविता 1 394 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read मैं आज जो भी हूँ मैं आज जो भी हूँ वो मेरे पापा की ही तो कमाई है। क्योंकि ख़ुद धूप में तपकर मुझे मेरी मंजिल बताई है। मैं जब भी चैन से सोता था... Hindi · कविता 1 332 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read तेरी यादों के बहाने तेरी यादों के बहाने शबनम बहाना ही तो इश्क़ है। तकिये से लिपट कर सो जाना ही तो इश्क़ है। रात को सपनो की बारात लाना और मुझे जगा जाना... Hindi · कविता 1 319 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read ना जाने कितनी बार ना जाने कितनी बार मैंने अपनी अंदर की इच्छाओं को दबाया। लेकिन हर बार इच्छाओं का बीज भीतर मेरे उग आया। कभी मैं हँसा तो कभी रोता हुआ खुद कों... Hindi · कविता 1 450 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read पत्थर को खुदा पत्थर को खुदा मानने लगे है लोग इंसानो को धुत्कारने लगे है लोग। फल तो इंसानो के कर्म का ही है यहाँ पत्थर को दोषी मानने लगे है लोग। जा-बा-जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 730 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read मेरी वफाओ मेरी वफाओ का इनाम मुझे क्यों नही देते। दिल से अपने मुझे निकाल क्यों नही देते। तुम्हारी किस्मत की लकीरों में नही मैं शायद तो मेरी खता का अंजाम मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 474 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read अमन की तलाश में अमन की तलाश में चैन भी खो बैठे हैं मज़हब के नाम पर इंसानियत से हाथ धो बैठे है। रोज़ खूँ की होली खेलते अल्लाह का फरमान बताते है खुद... Hindi · कविता 1 310 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read हम तेरी जुस्तजू हम तेरी जुस्तजू में शिवाले हो आये है। तेरी ख़ातिर नाजने कितनो को छोड़ आये है। अब मेरी रूह तुझमें ही बस्ती हैं हम कुछ इस तरह नदी का पानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 334 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read हम उनकी यादों में हम उनकी यादों में कुछ इस क़दर खोये रहते है। ख़्वाबों में अक्स उनका संजोए रहते है। चलती फ़िज़ाए भी एहसास उसका कराती है। कुछ इस तरह मेरी रूह में... Hindi · कविता 1 327 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read आज के जमाने में आज के जमाने में कौन किसे याद करता है। बिछड़ कर कौन याँ मिलने की फ़रियाद करता है। अक्सर भूल जाते है,अक्स भी कौन पाने की चाह में खुद को... Hindi · कविता 1 539 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read हमकों नहीं घबराना होगा हमकों नहीं घबराना होगा। नदी की बहती धारा जैसे, हमको बढ़ते जाना होगा आंधी,तूफाँ,बरसातों से भी नही हमको घबराना होगा। अटल खड़े पहाड़ो है,जैसे निर्भिक हो टकराना होगा आगे बढ़ते... Hindi · कविता 1 1 527 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read देर आये,दुरुस्त आये देर आये,दुरुस्त आये हर्फ़ों का बाज़ार साथ लाये। हर एक पहलू को समझ कर आये पन्नो में सजाते जाए,ये हर्फ़ ही सबको दर्द समझाये। विकास का मुद्दा नझर ना आये... Hindi · कविता 2 4k Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read ज़िन्दगी एक सवाल ज़िन्दगी एक सवाल बन जाती है हर कदम पर एक इम्तहाँ बन जाती है लावारिस लाश सी है ज़िन्दगी जितना कोशिश करो सुलझाने की उतनी और उलझती जाती है। आइना... Hindi · कविता 1 452 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read कदम और कदम घोलकर विष बातों में पिलाते रहे कदम और कदम घोलकर विष बातों में पिलाते रहे, हम भी विष पीते रहे,और उक़ूबत में भी सदा मुस्कुराते रहे। सब यूँ ही आज़माते रहे,रिसती नौका को हम भी आहिस्ता... Hindi · कविता 1 395 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read ढ़लती हुई उम्र में,यौवन को आ जाने दें ढ़लती हुई उम्र में,यौवन को आ जाने दें। बची हुई उम्र में,दबी हुई ख्वाईश को आज आज़माने दें। आईने में आज ख़ुद को सवंर जाने दें। जुल्फों को आज बिख़र... Hindi · कविता 2 1 355 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read एक मुठ्ठी भर ख्वाहिश थी तुझे पाने की एक मुठ्ठी भर ख्वाहिश थी तुझे पाने की। अब तो आदत सी हो गयी है क़िस्मत को भी रूठ जाने की। अब हर कदम पर क़िस्मत मुझे आज़माती है। ना... Hindi · कविता 1 434 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read माँ माँ माँ…............. माँ मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ इस जन्म क्या हर जन्म तेरा बेटा होने की मैं ख़ुदा से फरियाद करता हूँ। माँ तेरे आँचल जैसा सुकूँ कहाँ... Hindi · कविता 1 578 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read "चारों और फैला आज उजियारा बहुत है" चारों और फैला आज उजियारा बहुत है। उजियारे में व्याप्त(फैला) अंधियारा बहुत है। झुण्ड तो है,इंसानो का उन इंसानो में भी व्याप्त शैतानों का पहरा बहुत है। परिचित आज खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 345 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read जब भी तेरी यादो मे खोया करते है. जब भी तेरी यादो मे खोया करते है. अपने आप को कुछ इस कद्र बिखेरा करते है. आँख मे शबनम, लफ्ज़ो मे तेरा नाम जपते रहते है. खुली आँख के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 501 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read न हिन्दू मरा,न कोई मुसलमान,मरा है तो सिर्फ इंसान ना कोई हिन्दू मरा ना ही मरा है कोई मुसलमान इतिहास गवाह है, मरा है तो सिर्फ इंसान। धर्म तो था,और रहेगा नही रहेगा तो इसे चलाने के लिए इंसान।... Hindi · कविता 1 573 Share Bhupendra Rawat 14 Jan 2017 · 1 min read अक्सर दे देते ज़हर का मीठा ज़ाम मुझे अक्सर दे देते ज़हर का मीठा ज़ाम मुझे मैं भी पी जाता हूं, समझकर प्यार का पैगाम उसे। गिराते हैं हर कदम पर ग़मगुस्सार मुझे सम्भल जाता हूं, मैं भी... Hindi · शेर 340 Share Bhupendra Rawat 14 Jan 2017 · 1 min read हमकों नहीं घबराना होगा। हमको बढ़ते जाना होगा हमकों नहीं घबराना होगा। नदी की बहती धारा जैसे, हमको बढ़ते जाना होगा आंधी,तूफाँ,बरसातों से भी नही हमको घबराना होगा। अटल खड़े पहाड़ो है,जैसे निर्भिक हो टकराना होगा आगे बढ़ते... Hindi · कविता 1 286 Share Bhupendra Rawat 13 Jan 2017 · 1 min read ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी तुझसे शिक़ायत हो गयी है फिर भी तुझे जीने की सी आदत हो गयी है। गिले शिखवे तो बहुत है, ज़िंदगी मे इन्हें छुपाने की सी आदत भी... Hindi · कविता 1 335 Share Previous Page 7 Next