मुझे चाँद में मेरा मेहबूब नज़र आता है
मुझे चाँद में मेरा महबूब नजर आता है
उसकी सूरत देख चाँद भी क्या खूब नज़र आता है
तन्हा बैठे रहते है अक्सर
जब से चाँद निकल आता है
पलके बिछाए उसकी यादों में
आँखों से अश्रु का कतरा आता है
खाट लगाये बतियाते है
चाँद रातों की नींद उड़ाने आता है
भूपेंद्र रावत
5।08।2017