Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2017 · 1 min read

ना जाने कितनी बार

ना जाने कितनी बार मैंने अपनी
अंदर की इच्छाओं को दबाया।
लेकिन हर बार इच्छाओं का

बीज भीतर मेरे उग आया।
कभी मैं हँसा तो कभी

रोता हुआ खुद कों पाया।
लेकिन समय ने हर कदम
पर मुझे एक पाठ सिखाया।

समय के अनुरूप स्वयं
को ढालना आया।

ढ़लती उम्र के साथ नयी कोपल की
तरह इच्छा रुपी बीज भीतर उग आया।

लेकिन भीतर की इच्छा रुपी
प्यास को नही शांत कर पाया।

Language: Hindi
1 Like · 430 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काश
काश
हिमांशु Kulshrestha
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
कुत्तों की बारात (हास्य व्यंग)
कुत्तों की बारात (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
गलतियां
गलतियां
Dr Parveen Thakur
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
"ख़राब किस्मत" इंसान को
*Author प्रणय प्रभात*
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
सिलसिला रात का
सिलसिला रात का
Surinder blackpen
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
“मां बनी मम्मी”
“मां बनी मम्मी”
पंकज कुमार कर्ण
मौत से किसकी यारी
मौत से किसकी यारी
Satish Srijan
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं निकल पड़ी हूँ
मैं निकल पड़ी हूँ
Vaishaligoel
साड़ी हर नारी की शोभा
साड़ी हर नारी की शोभा
ओनिका सेतिया 'अनु '
बड़ा मन करऽता।
बड़ा मन करऽता।
जय लगन कुमार हैप्पी
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
यही समय है!
यही समय है!
Saransh Singh 'Priyam'
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
قفس میں جان جائے گی ہماری
قفس میں جان جائے گی ہماری
Simmy Hasan
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
दशहरा
दशहरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
जी करता है...
जी करता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मिली भाँग की गोली 【बाल कविता 】
मिली भाँग की गोली 【बाल कविता 】
Ravi Prakash
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
इश्क की वो  इक निशानी दे गया
इश्क की वो इक निशानी दे गया
Dr Archana Gupta
मेरे अल्फाज़
मेरे अल्फाज़
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-247💐
💐प्रेम कौतुक-247💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
किसान आंदोलन
किसान आंदोलन
मनोज कर्ण
Loading...