डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Language: Hindi 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत 'भक्ति गीत गीत बनकर माँझी पार उतारो बिगड़ी बना दो हे गोपाल! अँधियारा मन विचलित करता माया जग को ठगने आई भव सागर में डूबे नैया कैसी मैंने किस्मत पाई।... Hindi · लेख 245 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत "यादें"(गीत) बैठ सँजोए कितने सपने यादों पर मनमीत लिखूँ, महक उठी बेला उपवन में नूतन मैं इक गीत लिखूँ। रजनीगंधा की खुशबू सी घर-आँगन को महकाती कोयल मिश्री बैन सुनाकर... Hindi · लेख 1 274 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आ रदीफ़-रखिए बह्र- 2122 1212 22/112 ज़िंदगी को न यूँ ख़फ़ा रखिए। दरमियां यूँ न फ़ासला रखिए। ज़ख्म मिलता है तो हरा रखिए दर्द सहने का हौसला रखिए। प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल 122 122 122 12 झुकी है नज़र कुछ सँभलने तो दो। ज़रा देर हमको ठहरने तो दो। अभी प्यार से मन भरा ही नहीं चरागों को थोड़ा सा जलने तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत 'सावन की रुत' गीत कागा दे संदेश पिया को सावन की रुत चमन खिलाए। क्यारी-क्यारी महके बेला मेरा भीगा बदन जलाए। बैरी बदरा गरजे-बरसे बागों में हरियाली छाई मोर, पपीहा,... Hindi · लेख 505 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत "मुझे बचालो मेरी माँ!" प्रभु कृपा से गर्भ में आई मुझे बचा लो मेरी माँ, बोझ नहीं हूँ इस दुनिया पर गले लगा लो मेरी माँ! मैं आँचल की गौरव... Hindi · गीत 460 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत "मुझे बचालो मेरी माँ!" प्रभु कृपा से गर्भ में आई मुझे बचा लो मेरी माँ, बोझ नहीं हूँ इस दुनिया पर गले लगा लो मेरी माँ! मैं आँचल की गौरव... Hindi · गीत 238 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल बह्र- 1222 1222 122 काफ़िया-आ रदीफ़-करेंगे तुम्हारी याद में रोया करेंगे। समंदर आँख से छलका करेंगे। फ़रेबी आइना भी हो गया है बताओ किससे हम शिकवा करेंगे। फ़कत अहसास बन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 May 2018 · 1 min read कृष्ण का भक्ति गीत कृष्ण का भक्ति गीत ***************** बनकर माँझी पार उतारो बिगड़ी बना दो हे गोपाल! अँधियारा मन विचलित करता माया जग को ठगने आई भव सागर में डूबे नैया कैसी मैंने... Hindi · गीत 443 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 May 2018 · 1 min read "धूप"हाइकु "धूप" (1)धीमी बौछार तन-मन भिगोए धूप नहाए। (2)जलती धरती छिपती वन-वन तपती धूप। (3)हर झरोखा खिड़की दरवाज़ा झाँकती धूप। (4)आँख-मिचौली बादल संग खेले चंचल धूप। (5)आई भू पर लहरों संग... Hindi · हाइकु 420 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 May 2018 · 1 min read "वसंत" हाइकु "वसंत" हाइकु (1)आया वसंत मेरे घर-आँगन खिले पलाश। (2)नव कोपलें मदमाती सी प्रीत मनवा झूमे। (3)प्रीत के रंग प्रणय का उत्सव लाया वसंत। (4)पिया वसंत चंचल चितवन बौराया मन। (5)वासंती... Hindi · हाइकु 348 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2018 · 1 min read "समर्पण" "समर्पण" ******** तन समर्पित मन समर्पित क्या तुझे उपहार दूँ जन्मदिन पर आज तेरे क्या तुझे सौगात दूँ? पुष्प वेणी केश में मधुमास बनकर जा बसूँ प्रीत का रसपान कर... Hindi · कविता 1 536 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2018 · 1 min read कुल्हड़ की चुस्की (कविता) "कुल्हड़ की चुस्की" **************** घाट किनारे ठाट-बाट से यारों की महफ़िल सजती थी, चाय के संग धूम धड़ाका कुल्हड़ की प्याली जमती थी। चीनी मिट्टी के प्यालों में मधुर छुअन... Hindi · कविता 593 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2018 · 1 min read "प्राकृतिक आपदाएँ" हाइकु "प्राकृतिक आपदाएँ" (प्रलय, आँधी, ज्वालामुखी, अकाल, भूकंप, बाढ़, तूफ़ान, सुनामी) (1)बढ़ी आबादी प्रकृति की बर्बादी जीवन हानि। (2)रेतीली आँधी तबाही का मंज़र दबी सभ्यता। (3)ईर्ष्या की आँधी उड़ा ले चली... Hindi · हाइकु 195 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2018 · 1 min read "आतंकवाद" हाइकु "आतंकवाद"हाइकु (1)गिद्द नज़र मौत के सौदागर ये घुसपैठी। (2)मेरी ज़ुबानी दहशती बोलियाँ लहू कहानी। (3)आतंकवाद दरिंदगी का नाम रोए इंसान। (4) है अमानुष तेज़ाब सा हैवान खूनी शैतान। (5)आतंकी छली... Hindi · हाइकु 217 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 May 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आत रदीफ़- करती है बह्र- 1222 1222 1222 1222 हया से मुस्कुराकर वो नज़र से बात करती है। पिला कर जाम नज़रों का सुहानी रात करती है। बहारों से चुरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 263 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 May 2018 · 1 min read "ग्रीष्म ऋतु" हाइकु "ग्रीष्म ऋतु" हाइकु *************** भीषण ताप पनघट उदास प्यासा सावन चेहरा पीला यौवन मुरझाया मन वीरान तपती गर्मी पतझड़ सा सूखा मेघा बरसो लू का कहर बरगद की छाँव ढूँढ़े... Hindi · हाइकु 534 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 May 2018 · 1 min read कुल्हड़ की चुस्की "कुल्हड़ की चुस्की" **************** घाट किनारे ठाट-बाट से यारों की महफ़िल सजती थी, चाय के संग धूम धड़ाका कुल्हड़ की प्याली जमती थी। चीनी मिट्टी के प्यालों में मधुर छुअन... Hindi · कविता 420 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 May 2018 · 1 min read बुढ़ापे की सौगात विषय- "बुढ़ापे की सौगात" है बुढ़ापे का तकाज़ा दिल लगाना चाहिए। धूल दर्पण पर जमीं उसको हटाना चाहिए। भूल पाते हम नहीं गुज़रा ज़माना चाहकर हर किसीको अब यहाँ कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 513 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2018 · 2 min read मुक्तक छलकता जाम नयनों से पिलाने चाँदनी आई। समा आगोश में चंदा सितारे माँग भर लाई। मचलता झूमता मौसम खिलाता रूप यौवन का- लुटा कर जिस्म की खुश्बू सुहानी रात मुस्काई।... Hindi · मुक्तक 494 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2018 · 2 min read मुक्तक मुक्तक सितारे आसमाँ से जब जमीं पर टूट के बिखरे। बहारों ने किया सज़दा जवाँ फूलों से सब उभरे। मची हलचल हवाओं में शरारत झूमके बरसी- फ़िसलती चाँदनी आई धड़कते... Hindi · मुक्तक 434 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2018 · 1 min read आरजू काफ़िया- आनी रदीफ़-सनम दे दो बह्र-1222 1222 1222 1222 "आरजू" ******** अकेले रो लिए तुम आज वीरानी सनम दे दो। तरसती आरजू को आज हैरानी सनम दे दो। बहुत तड़पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 594 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Apr 2018 · 1 min read प्रेम के रंग "प्रीत के रंग" प्रीत नैनों में बसा चाहत लुटाके देखना बन हिना सूनी हथेली को रचाके देखना। जानते हो पीर हरके कुछ सुकूँ मिल जाएगा बन निवाला भूख दूजी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 351 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Apr 2018 · 1 min read नारी तख़्तोताज़ पलटती "नारी तख़्तोताज़ पलटती" ********************* अधिकारों का मोल जानकर नारी तख़्तोताज़ पलटती, धर्म, अर्थ, संसद, न्यायालय राजनीति की चालें चलती। अंगारों के पथ पर चलकर ज़ुल्म कँटीले सह जाती है, देकर... Hindi · कविता 445 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read दर्द का सिलसिला ग़ज़ल काफ़िया-आ रदीफ़-वो क्या जाने बह्र-2122 1212 22 "दर्द का सिलसिला" **************** दर्द का सिलसिला वो क्या जाने। ज़िंदगी का मज़ा वो क्या जाने। अश्क देकर गया जो आँखों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read बेरुखी (ग़ज़ल) बेरुखी” रदीफ़–बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 475 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read भाषा (ग़ज़ल) बह्र-1222 1222 1222 1222 काफ़िया-आर रदीफ़-की भाषा *भाषा* सजाना प्रीत अधरों पर मिटा तकरार की भाषा। भुलाकर बैर अपनाना मृदुल उद्गार की भाषा। किया ज़ख्मी ज़माने ने यहाँ अपने हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 303 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2018 · 3 min read "माँ" "माँ" ***** "माँ" शब्द को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि इस एक शब्द में समस्त सृष्टि समाहित है। माँ तो साक्षात् ईश्वर की छवि है। माँ के कदमों में... Hindi · लेख 1 636 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2018 · 1 min read सहमा सा कश्मीर है मनहरण घनाक्षरी छंद विधान- कुल 31 मात्राएँ। 16, 15 पर यति। अंत में लघु गुरु। ******************************* "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" ?सहमा सा कश्मीर है? **************** झेलता आतंकी गाज,सहमा कश्मीर आज... Hindi · घनाक्षरी 1 256 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2018 · 1 min read बेटी बचाओ बेटी बचाओ" अधखिली कली गर्भ में कहे दो वचन माँ-पापा स्नेह से अभिसिंचित कर बगिया का फूल बनाओेगे। नयनों की ज्योति बनकर मैं दीप द्वार सजाऊँगी शक्ति स्वरूपा बेटी खोकर... Hindi · कविता 353 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2018 · 1 min read बेटी बचाओ बेटी बचाओ" अधखिली कली गर्भ में कहे, दो वचन माँ पापा, स्नेह से अभिसिंचित कर बगिया का फूल बनाओगे? नयनों की ज्योति बन कर मैं,द्वीप द्वार सजाऊँगी, शक्ति स्वरूपा बेटी... Hindi · कविता 444 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read घनाक्षरी छंद मनहरण घनाक्षरी छंद विधान- कुल 31 मात्राएँ। 16, 15 पर यति। अंत में लघु गुरु। ******************************* "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" ?सहमा सा कश्मीर है? **************** झेलता आतंकी गाज,सहमा कश्मीर आज... Hindi · घनाक्षरी 3 2 728 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read ग़ज़ल मिसरा-कहीं जहां में वफ़ा नहीं है। वज्न- 12122-- 12122 काफ़िया-आ रदीफ़-नहीं है नज़र मिलाना ख़ता नहीं है। कहीं किसी से छिपा नहीं है। सदा मुहब्बत निभाई हमने मिटाया' खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read भूख(ग़ज़ल) बह्र-1222 1222 1222 1222 काफ़िया-आते रदीफ़-हैं "भूख" ****** ग़रीबों की न पूछो जात आँसू ये बहाते हैं। छुपाकर ज़ख़्म अपनों से नज़र उनसे चुराते हैं। पड़ा जब भूख से पाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 501 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read लघुकथा *खुशहाली* " खुशहाली" *********** पूजा की थाली से प्रतीक को आरती देते हुए आज सुमित्रा बहुत खुश थी। "बेटा! अपने जन्मदिन के अवसर पर सभी मित्रों को आमंत्रित कर लेना, होटल... Hindi · लघु कथा 338 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक "ताबीज़" लिए ताबीज़ सी तासीर उर में प्यार भरती हूँ। ग़मों को खींच लोगों के अधर मुस्कान बनती हूँ। लगा विषधर गले अपने उन्हें सद्भाव बख़्शा है- बहाकर प्रीत... Hindi · मुक्तक 449 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Mar 2018 · 1 min read मुहब्बत बह्र-2122 1212 22 काफ़िया-ओं रदीफ़-में "मुहब्बत" ********* रोज़ आते रहे ख़्यालों में। गुल महकते रहे किताबों में। मुस्कुराने का' दौर आया है गीत छेड़ा गया बहारों में। ये मुलाकात बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Mar 2018 · 1 min read मुहब्बत बह्र-2122 1212 22 काफ़िया-ओं रदीफ़-में "मुहब्बत" ********* रोज़ आते रहे ख़्यालों में। गुल महकते रहे किताबों में। मुस्कुराने का' दौर आया है गीत छेड़ा गया बहारों में। ये मुलाकात बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 398 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक _________मुक्तक त्रयी-------- नफ़रतें आबाद कर ज़ालिम बनाती रोटियाँ। भूख से तड़पा यहाँ चोरी करातीं रोटियाँ। धर्म का ले नाम रोटी सेकते नेता यहाँ- पाप दुनियाँ से करा सबको लुभाती रोटियाँ।1... Hindi · मुक्तक 299 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2018 · 1 min read शारदे की आराधना सोमवार दिनांक-19.2.2017 रचनाकार-डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' प्रदत्त समानार्थी शब्द- चेतन, विलय, मन, पापी सिंदूरी, संगिनी, स्वर्णिम, प्रमुदित, हर्षित, सुंदर। "शारदे की आराधना" शारदे माँ ! पद्म आसन, श्वेतवर्णी आप... Hindi · कविता 292 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read उदास पनघट "उदास पनघट" ************ छुपा कर दर्द सीने में नदी प्यासी बहे जाती। बसा कर ख्वाब आँखों में परिंदे सी उड़े जाती। निरखते बाँह फैलाकर किनारे प्यार से इसको- समेटे प्यास... Hindi · कविता 1 1 289 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read दानी सुमन 'दानी सुमन' ********* फूल खिलके यहाँ मुस्कुराने लगे। गीत मधुमास के गुनगुनाने लगे।। प्रीत चूनर पहन चाँदनी तन सजी। ओस मुक्तक गिरे झिलमिलाने लगे।। अंक झूला झुला शाख हँसने लगी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 377 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read बादल विषय:-बादल नदिया सागर नीर चुराकर बादल बनना बाकी है। शुष्क धरा पर नेह लुटाकर मेघ बरसना बाकी है। पनघट प्यासे गगन ताकते गीत अधूरे बिन सावन। दीप जलाए बैठी आँगन... Hindi · गीत 1 465 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read होली(हाइकु) हाइकु विषय-होली होली के रंग प्रियतम के संग कान्हा मलंग ब्रज की होली हुड़दंगों की टोली रँगी है चोली रंग गुलाल दहके टेसू लाल मचा धमाल कान्हा ने मारी भर... Hindi · हाइकु 322 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read फागुन फागुन किरीट सवैैया छंद 211×8 गोकुल में प्रभु रास रचावत गोपिन ग्वाल धमाल मचावत। होठ धरी मुरली मन भावत छीन सखी तरु शाख लुकावत। फागुन की रुत देख सखा सब... Hindi · कविता 265 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read बेवफ़ा (ग़ज़ल) काफ़िया- आ रदीफ़-देखते देखते बह्र-212 212 212 212 *बेवफ़ा* ******** इश्क उनसे हुआ देखते देखते। हुस्न पर मर मिटा देखते देखते। कातिलाना अदा रोग देकर गई बेख़बर फ़िर रहा देखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 447 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read बेवफ़ा (ग़ज़ल) काफ़िया- आ रदीफ़-देखते देखते बह्र-212 212 212 212 *बेवफ़ा* ******** इश्क उनसे हुआ देखते देखते। हुस्न पर मर मिटा देखते देखते। कातिलाना अदा रोग देकर गई बेख़बर फ़िर रहा देखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jan 2018 · 3 min read मुक्तक छा गई पनघट उदासी गीत बिन सूना जहाँ। घाट आतप से तपे हैं प्रीत बिन सूना जहाँ। कृषक अंबर को तके खलिहान सूखे रो रहे- सरित सागर खार बनती मीत... Hindi · मुक्तक 626 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jan 2018 · 1 min read भिखारी हूँ! भिखारी हूँ! 'भिखारी हूँ ! भिखारी हूँ ! ******************* भूख जब रोंदती उर को निवाला खोजता था मैं। बहुत तकलीफ़ होती थी जेब जब नोंचता था मैं। पढ़ाया गर मुझे होता न... Hindi · कविता 413 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jan 2018 · 1 min read 'उजाला रास ना आया' 'उजाला रास ना आया' ****************** कहूँ किससे व्यथा अपनी यहाँ कितना सहा मैंने। दरिंदों से हुई लाचार लब को सिल लिया मैंने। कदम बढ़ते नहीं थल पर भयावित काँपती हूँ... Hindi · कविता 1 357 Share Previous Page 9 Next