नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर Language: Hindi 376 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Oct 2022 · 27 min read जन्मों के प्यार का इंतजार जन्म दिन मुबारख हो बेटा रिया आज तुम्हारा दसवी का परिणाम भी आने वाला है आज का दिन तुम्हारे जीवन के लिये बहुत महत्व्पूर्ण है आज तुम्हे ढेर सारी खुशियाँ... Hindi 1 253 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 8 min read आस्तीक भाग-आठ आस्तीक - भाग- आठ अशोक का परिवार विशुद्ध रूप से ब्राह्मण था घर मे प्याज ,लहसुन ,गाजर, मूली, शलजम आदि आना वर्जित था खाना तो बहुत बड़ी बात । भारतीय... Hindi 207 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 7 min read आस्तीक भाग -सात आस्तीक - भाग - सात तीन तरफ से नदी से घिरा विकास से कोसो दूर रतनपूरा गांव उत्तर प्रदेश का अंतिम जनपद देवरिया का अंतिम गांव छोटी गंडक के किनारे... Hindi 181 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 4 min read आस्तीक भाग -छः आस्तीक - भाग -6 मझले बाबा अक्सर बाहर रहते आते भी तो एक दो माह के लिये फिर चले जाते अपने विद्वत समाज के बिभन्न कार्यक्रमो में सम्मिलित होने के... Hindi 191 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 5 min read आस्तीक -भाग पांच आस्तीक - भाग पांच अशोक कि शिक्षा के विषय मे परिवार को चिंता होने लगी एकाएक पण्डित छोटे बाबा उमाशंकर मणि त्रिपाठी एक दिन दोपहर को सोकर उठे लगभग दिन... Hindi 204 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 6 min read आस्तीक भाग-चार आस्तीक - भाग चार तीन तरफ से नदी ताल से घिरा उत्तर प्रदेश का आखिरी गांव पूर्वांचल के देवरिया जनपद का आखिरी छोर छोटी गंडक के बाढ़ का कहर लगभग... Hindi 1 2 258 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 6 min read आस्तीक भाग -तीन आस्तीक भाग - तीन अशोक को सत्रह जून सन् दो हज़ार सोलह का वह मनहूस दिन विपत्तियों के पहाड़ कि तरह टूट पड़ने वाला कैसे भूल सकता है वह ई... Hindi 222 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 9 min read आस्तीक भाग-दो आस्तीक भाग - दो ई डी एम एस देश के सबसे बड़ी बीमा कम्पनी का अपनी सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने का एक प्रोजेक्ट जिसमें अमूमन उन अधिकारियों कि नियुक्ति कि... Hindi 1 246 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Oct 2022 · 6 min read आस्तीक भाग-एक आस्तीक -भाग एक बलिया में नए प्रबंधकीय बदलाव पुरानी परंपरा कि क्रमबद्धता कि ही शसक्त कड़ी थी पंकज गोपाल जी के बाद उन्ही कि दूसरी कड़ी अजीत उपाध्याय जी ने... Hindi 1 217 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 18 Oct 2022 · 7 min read सच सच - अशोक को नई नई नौकरी मिली थी ना तो कोई कार्यालय मिला था ना ही सहयोगी कर्मचारियों का समूह मिला था सिर्फ एक कागज का टुकड़ा जिस पर... Hindi · कहानी 363 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 21 Nov 2018 · 1 min read गीत निर्गुण गीत - - - - - किस रंग, रंग लूँ अपनी चुनरिया कौन से रंग में रंग लूँ चुनरिया!!किस रंग, रंग लूँ अपनी चुनरिया कौन से रंग में रंग... Hindi · गीत 2 2 241 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 21 Nov 2018 · 1 min read भक्ति गीत - 3 माँ कि आराधना का गीत - - - - - जै जगदंबै जै माँ काली जै जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!!जै... Hindi · गीत 2 1 479 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 21 Nov 2018 · 1 min read भक्ति गीत - 2 मंगल मुरत शुभ देव गणेश वंदना - - - - - - - - - जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै... Hindi · गीत 2 1 342 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 21 Nov 2018 · 1 min read भक्ति गीत - 1 जै जै जै अम्बे मातु भवानी माँ दुर्गा जग कल्याणी!! जै जै जै अम्बे मातु भवानी माँ दुर्गा जग कल्याणी!! मनोकामना कि तू माता, ममता का आँचल वात्सल्य कि मुरत... Hindi · गीत 1 330 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 21 Nov 2018 · 1 min read भक्ति गीत जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ!! जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ, जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ!! तू भय भव भंजक... Hindi · गीत 274 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Nov 2018 · 1 min read क्रांति का युवा युग अभिमान मानव मानवता का स्वाभिमान.!! हर पल प्रहर मूल्यों महान का संग्राम. गर्जना मात्र से कंपन भूचाल. क्रान्ति की चिंगारी ज्वाला अंगार. हुकार कराल विकट विकराल!! पूर्णता पराक्रम का... Hindi · कविता 305 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Nov 2018 · 1 min read दीपक अन्याय अत्याचार बहुत है, अपराध भ्रष्टाचार बहुत है आतंक अराजकता का माहौल बहुत है!! चाँद, सूरज तारे और सितारे बहुत है फिर भी अंधेरे ही अँधेरा कहने को उजियार बहुत... Hindi · कविता 1 248 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Nov 2018 · 1 min read मैखाना मैखाने को कद्रदानाे का इंतजार!! दीवानों को शाम ढलने का इंतजार शमा रौशन हुई महफिल हुई गुलजार!! किसी के हाथ गम का पैमाना मैखाना किसी कि खुशियों का मधुशाला मैखाना!!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Nov 2018 · 2 min read ग़ज़ल चाँद कहता है कि आईना तेरा भी क्या कहना छुपा देता है तू तमाम दाग चेहरों के हसरत के हुस्न कि हस्ती बना देता मेरे जैसा!! आईना कहता है दुनियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 247 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Nov 2018 · 1 min read गज़ल चाहतें दिल में उठते तूफा कई मुकम्मल मुकाम जहां कि हस्ती हद से गुजर जाने का जुनून!!नज़रों से दिल में उतरती हुस्न कि अदा दौलत का तिलिस्म अंदाज़ का सुरूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 324 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 20 Nov 2018 · 2 min read आचरण संस्कृति और संस्कार बदल गए, आचरण व्यवहार बदल गए, भाव और विचार बदल गए!!वतर्मन इतिहास बदल गए मूल्य मूल्यवान बदल गए इल्म और ईमान बदल गए!! माँ बाप के आशा... Hindi · कविता 517 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Nov 2018 · 1 min read नशा - 1 प्यार का नशा यार के दीदार का नशा!! नशा, नशा नहीं मजा जिंदगी का।। कही दौलत का है गुरुर नशा कही शोहरत का सुरूर नशा!! हुस्न की हस्ती का नशा... Hindi · कविता 2 1 291 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Nov 2018 · 1 min read नशा - 1 प्यार का नशा यार के दीदार का नशा!! नशा, नशा नहीं मजा जिंदगी का।। कही दौलत का है गुरुर नशा कही शोहरत का सुरूर नशा!! हुस्न की हस्ती का नशा... Hindi · कविता 450 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 19 Nov 2018 · 1 min read नशा सुर्ती,गांजा, भांग, पान, धूम्रपान, मद्य पान जिंदगी का छद्म छलावा नशा!! गोरी,छोरी, हुस्न आशिकी इंसान के डोलते ईमान का नशा!! गंजेड़ी, भंगेड़ी, नशेड़ी शराबी, कबाबी, जुआरी, महान के तमाम नाम... Hindi · कविता 2 367 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 18 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ मैं जब रोता था तू बेचैन हो जाती मेरी खुशियों की खातिर दुनिया समेट लाती अपने दामन में जो भी मेरी चाहत की जिद्द होती , तेरी कोशिश... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 597 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 18 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ मैं जब रोता था तू बेचैन हो जाती मेरी खुशियों की खातिर दुनिया समेट लाती अपने दामन में जो भी मेरी चाहत की जिद्द होती , तेरी कोशिश... Hindi · कविता 2 1 363 Share Previous Page 8