Anamika Singh 380 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Anamika Singh 29 Apr 2022 · 2 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता हैं [भाग९] माना सब युद्ध खत्म हो जाते हैं , यह युद्ध भी खत्म हो जाएगा! सब हाथ मिला लेंगे और समझोता भी हो जाएगा ! गले लगाकर सब अपनी तस्वीरे भी... Hindi · कविता 4 1 664 Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 2 min read फूलो की कहानी,मेरी जुबानी एक दिन मैं अपने बगिया मे ऐसे ही घूम रही थी। तरह- तरह के फूलों को देखकर मन ही मन खुश हो रही थी। एक बात मन में बार-बार आ... Hindi · कविता 5 5 601 Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 2 min read काश बचपन लौट आता काश जिन्दगी तु मेरी एक बात मान जाती । एक बार फिर मेरा बचपन मुझको तुम लौटा देती । जिंन्दगी की कशमकश से, मैं बहुत दूर निकल जाती। अपनी सारी... Hindi · कविता 7 8 1k Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 2 min read वैश्या का दर्द भरा दास्तान मेरे जीवन की कहानी, दुख से ही शुरू हुई है। क्या कहूँ आज जो मैंने अब तक कभी किसी से कहीं नहीं हैं। अँधेरा है जीवन मेरा । अँधेरे में... Hindi · कविता 5 4 1k Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 2 min read माँ तुम अनोखी हो माँ मुझे इतना बताओं तुम्हारे पास दुनियाँ की वह कौन सी टेली-पेथी वाली मशीन है , जो तुम्हारे पास वर्षों से थी और दुनियाँ को इसकी कोई खबर ही न... Hindi · कविता 7 4 820 Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 2 min read जीवन इनका भी है बैठ जाती हूँ मैं जमीं पर थक हारकर उस समय , जब नन्हें हाथों को देखती हूँ हाथ फैलाएं भीख मांगते हुए , दर - बदर , दर - बदर।... Hindi · कविता 5 2 1k Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 5 min read प्रकृति और कोरोना की कहानी मेरी जुबानी हे ईश्वर सुन लो मेरी पुकार। अब आप ही करो हमारे जीवन का उद्धार। धरती लोक से यह आवाज़ चारों तरफ से गुंज रही थी। और ईश्वर के कानों तक... Hindi · कविता 2 980 Share Anamika Singh 29 Apr 2022 · 1 min read माँ दुर्गे! हे माँ दुर्गे! हम नारी पर, इतनी कृपा कर दो। थोड़ी सी अपनी वाली , हिम्मत हमें भी दे दो। थोड़ी सी उर्जा दे दो, थोड़ा सा बल दे दो... Hindi · कविता 4 2 629 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read बेटी का संदेश माँ तु बड़ी प्यारी है। तु बहुत भोली-भाली है। तु मुझे बचपन में गुड़ियाँ बुलाती थी, तेरे प्यार का यह नाम मुझे बहुत प्यारा लगता था। पर माँ एक बात... Hindi · कविता 3 408 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 2 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग ७] फिर भी मैं आपसे पूँछती हूँ पापा, क्यों न इस रस्म से इनकार किया । क्यों समाज की कठपुतली बन, आपने मेरा कन्यादान किया। मैं फिर आपसे पूछती हूँ पापा... Hindi · कविता 3 4 563 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read माँ गंगा आओं गंगा को एक बार, फिर से पावन कर देते है। माँ इन्हें कहा हैं तो, माँ का रूप फिर देते है। चलो एक बार फिर अंर्तमन से, उनको सम्मान... Hindi · कविता 5 478 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 2 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग६] इस रस्म के कारण मेरे पापा सारे रिशते बदल जाएँगे। फिर न इन रिश्तों पर अधिकार, किसी का किसी पर रह जाएगा। फिर मैं क्या पापा आपको , पहले सा... Hindi · कविता 5 442 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग ५] सच कहती हूँ मेरे पापा , अब न कोई घर मेरा होगा । अब न किसी घर को मैं पापा , फिर से मेरा कह पाऊँगी। आप कहते हो मेरे... Hindi · कविता 5 491 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग४] इसकी हर एक शब्द पर पापा, जाने कितनी मौत मैं मरती हूँ। शरीर तो रहता हैं, पापा पर आत्मा वहीं दफन हो जाता। आप कहते हो मेरे पापा, नया घर... Hindi · कविता 5 419 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग३] आप कहते थे मेरे पापा , मान है तू इस घर की। ऐसा कुछ मत करना बेटी , जो अपमान हो कभी इस घर की। आज उसी मान को पापा... Hindi · कविता 5 620 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग २] फिर क्यों ऐसा वो दिन आया, जब आपने मुझको कर दिया पराया। बेबुनियादी रस्मों के कारण, आप ने कर दिया मेरा दान। एक ही झटके में आपने पापा , इस... Hindi · कविता 4 616 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग१] पापा क्यों करते हो कन्यादान , मैं कोई दान की वस्तु नहीं। फिर क्यों किया मेरा दान ! पापा क्यों करते हो कन्यादान! जन्म हुआ था जब मेरा , आप... Hindi · कविता 6 4 920 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read मैने खुद को बदल दिया जब तुमने मुझसे प्यार करना है छोड़ दिया । मैने भी तुम पर अपना हक जताना छोड़ दिया । जब तुमनें मुझे समझना ही छोड़ दिया । मैंने भी अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 145 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 2 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता हैं [भाग८] युद्ध में बिखरा हुआ शहर अपने आप रो रहा हैं! अपनी दुर्दशा को देखकर उसका आँसु थम न रहा हैं! कल तक मेरे चारो तरफ रोनक ही रोनक रहता था!... Hindi · कविता 3 4 417 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है। [भाग ७] युद्ध में खो चुकी पत्नी के बेजान शरीर से वह लिपट- लिपट रो रहा था! उसके आँखो से आँसु का धारा बह रहा था! अब किसके साथ मै अपना जीवन... Hindi · कविता 4 435 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है [भाग६] एक बुढा बाप जो युद्ध मे अपने बेटे को खो चुका था, अपने बेटे के अर्थी को लेकर वह श्मशान जा रहा था! जाते जाते सब से वह यह बोले... Hindi · कविता 4 4 303 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 2 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है [भाग ५] इस युद्ध ने न जाने कितने ही माँ-बाप से ओलाद को छिन लिया है! जिस ओलाद के लिए माँ ने न जाने कितनी मिन्नत मांगी थी! कहाँ- कहाँ वह बेचारी... Hindi · कविता 3 248 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है [भाग४] नई नवेली दुल्हन जो साजन के घर आई थी। अपने आँखो में न जाने कितने सपने वो लाई थी। अभी अभी तो वह पिया से, कहाँ ठीक से मिल पाई... Hindi · कविता 2 410 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 1 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है [भाग३] युद्ध में मरा हुआ परिवार, जिसके घर में कोई न बचा था! बेज़ान पड़ी दीवारें आज, अपने मालिक के लिए रो रहा था! कल तक इस घर में कितनी खुशियाँ... Hindi · कविता 4 399 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 2 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है [भाग२] युद्ध में अपने बेटे को खो चुकी , एक बुढ़िया की कराहने की आवाज, दूर-दराज तक सबको रुला रही थी। उसका बेटा युद्ध का भेट चढ गया था। उसका शरीर... Hindi · कविता 3 367 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 2 min read मतदान का दौर मतदान का दौर हैं आया। नेताओं ने हैं दौड़ लगाया। सबने अपने- अपने ढंग से हैं बढा दी चाल । कोई खरगोश की चाल चल रहा, कोई कछुए की चाल।... Hindi · कविता 3 472 Share Anamika Singh 28 Apr 2022 · 3 min read मन में लगन होनी चाहिए। ठेला चलाता हुआ एक बच्चा "आम ले लो, आम ले लो" ,चिल्ला रहा था। मैंने खिड़की से देखा और आम लेने पहुँच गई। दाम पुछते हुए मैंने उससे पुछा! "अरे... Hindi · लघु कथा 3 171 Share Anamika Singh 27 Apr 2022 · 3 min read नदियों का दर्द नदियाँ ओ मेरी नदियाँ क्यों धीमी सी लगती है, आज तेरी यह रफ्तार ! क्यों सुस्त-सुस्त सी लगती है आज तेरी यह धार! क्या भूल गई है तू अपनी पहले... Hindi · कविता 7 5 765 Share Anamika Singh 27 Apr 2022 · 1 min read युद्ध सिर्फ प्रश्न खड़ा करता है [भाग१] एक नन्हा बच्चा जो युद्ध में अपने माँ-बाप को खो चुका था! अपने नन्हें-नन्हें हाथों से माँ का आँचल खीच रहा था ! कभी पिता का हाथ को पकड़ उसे... Hindi · कविता 4 4 382 Share Anamika Singh 27 Apr 2022 · 2 min read वसंत का संदेश वसंत आया बोला हमसे, न रहो तुम उदास। समय चाहे जैसा हो पर, एक न एक दिन गुजर जाता है। दुख के बाद ही जीवन में, सुख का अनुभव हो... Hindi · कविता 3 470 Share Previous Page 8