Comments (4)
7 Jun 2022 07:53 AM
बहोत ही गहरी संवेदना, समाज के लिए आईना, एक भयावह वास्तविकता आपने कथन की है, यह रचना बहोत ही उच्च कोटि की है
Anamika Singh
Author
1 May 2022 07:58 PM
धन्यवाद
30 Apr 2022 06:16 PM
बहुत ही मार्मिक भाव है।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर आभार।