डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Oct 2018 · 1 min read लघुकथा "नया सवेरा" ----------------- उन्मादित भोर की ढ़़लती शाम सी निढ़ाल स्वरा को बिस्तर पर पड़े देखकर गर्व ने उसके सिर को सहलाते हुए कहा-" खुद को सँभालो स्वरा, मन छोटा... Hindi · लघु कथा 1 454 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Oct 2018 · 3 min read लघुकथा "सरप्राइज़्ड गिफ़्ट" मि. मेहरा के लिए पदोन्नति होना आसमान को छूने जैसा था। पिता की पदोन्नति की ख़बर सुनकर रूपल के पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे थे। आज खुली... Hindi · लघु कथा 417 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक भरी गागर बुराई की छलकना भी ज़रूरी है। नज़र से दूर होने पर तड़पना भी ज़रूरी है। गरजते जो ज़माने में बरसते वो नहीं भू पर- खरी-खोटी सुनाए तो मसलना... Hindi · मुक्तक 308 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक वक्त में ताक़त बहुत ख़ुद ही बदलना सीखले। छोड़कर आलस्य तू ख़ुद ही सँभलना सीखले। रेत के मानिंद मुठ्ठी में रुका है वक्त कब- कर्म कर पथ शूल को ख़ुद... Hindi · मुक्तक 261 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Oct 2018 · 1 min read लघुकथा "अनुभव बोलता है" ------------------------ नौकरी के लिए विदेश जा रहे रौनक की तैयारी में सारा घर लगा हुआ है। माँ का वश चले तो पूरा घर रौनक के साथ कर... Hindi · लघु कथा 252 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Oct 2018 · 1 min read लघुकथा "नया सवेरा" ----------------- उन्मादित भोर की ढ़़लती शाम सी निढ़ाल स्वरा को बिस्तर पर पड़े देखकर गर्व ने उसके सिर को सहलाते हुए कहा-" खुद को सँभालो स्वरा, मन छोटा... Hindi · लघु कथा 420 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Oct 2018 · 1 min read लघुकथा "नया सवेरा" ----------------- उन्मादित भोर की ढ़़लती शाम सी निढ़ाल स्वरा को बिस्तर पर पड़े देखकर गर्व ने उसके सिर को सहलाते हुए कहा-" खुद को सँभालो स्वरा, मन छोटा... Hindi · लघु कथा 284 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "तुम्हारे बिन" तुम्हारी याद के साए सताते हैं चले आओ हमें जीने नहीं देते रुलाते हैं चले आओ। तुम्हारे गेसुओं में पा पनाह हर शाम गुज़री थी फ़लक से चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "तुम्हारे बिन" तुम्हारी याद के साए सताते हैं चले आओ हमें जीने नहीं देते रुलाते हैं चले आओ। तुम्हारे गेसुओं में पा पनाह हर शाम गुज़री थी फ़लक से चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक गुलामी गैर की करना मुहब्बत हो नहीं सकती। ख़ुशामद यार की करना ख़िलाफ़त हो नहीं सकती। भरम में डाल दूजे को सज़ा ख़ुद को ही दे दोगे- किया महफ़िल... Hindi · मुक्तक 1 563 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बहर २१२२ १२१२ २२ काफ़िया- आ रदीफ़- देना ख्वाब आए नहीं जगा देना। बुझ गया तो दिया जला देना। रात आकर मुझे सताती है नींद आती नहीं सुला देना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बहर २१२२ १२१२ २२ काफ़िया- आ रदीफ़- देना ख्वाब आए नहीं जगा देना। बुझ गया तो दिया जला देना। रात आकर मुझे सताती है नींद आती नहीं सुला देना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read गीत विषय-बदरा विधा-गीत बिजली कौंधे #बदरा छाए बारिश की रुत अगन लगाए बैरी नैना झमझम बरसे मेरा भीगा बदन जलाए। #बैरी बदरा गरजे-बरसे बागों में हरियाली छाई मोर, पपीहा, कोयल झूमें... Hindi · लेख 265 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read गीत रक्षा बंधन (गीत) ******** तुम्हें नेह रोली तिलक लगाऊँ बढ़े प्रीत अपनी भैया ये चाहूँ तुम्हें बाँध राखी खुशियाँ मनाऊँ रक्षा कवच का उपहार पाऊँ। (१)बढ़े उम्र भैया की करूँ... Hindi · गीत 2 273 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल “कहाँ इंकार करता हूँ” बहर- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ रदीफ़ करता हूँ काफ़िया- आर सुनाके हाल दिल का आपसे इकरार करती हूँ। मुहब्बत है अजी कब आपसे इंकार करती हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read कविता मुक्त काव्य समारोह - 240 दिन - गुरुवार दिनांक -२८/१२/२०१७ अध्यक्ष - आदरणीय श्री शिवानंद सहयोगी जी संचालक- आदरणीय श्री धीरज श्रीवास्तव जी संरक्षक- आदरणीय श्री ओम नीरव जी हास्य-रचना... Hindi · कविता 349 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read कविता "कौन मनाएगा दीवाली?" घर -आँगन लक्ष्मी बिन सूना, नहीं तेल, दीया, बाती। रौशन दुनिया लड़ियों से है, जगमग ज्योति नहीं भाती। मान दीप का ही ग्रसता है- जेब कुम्हार की... Hindi · कविता 1 316 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल “अनबुझी प्यास” बह्र 1222×4 काफ़िया-आ रदीफ़- जाओ छलकते जाम बन कर आप नयनों से पिला जाओ। महकते ख़्वाब बन कर आप नींदों में समा जाओ। धधक रिश्ते यहाँ नासूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read कविता 'दानी सुमन' ********* फूल खिलके यहाँ मुस्कुराने लगे। गीत मधुमास के गुनगुनाने लगे।। प्रीत चूनर पहन चाँदनी तन सजी। ओस मुक्तक गिरे झिलमिलाने लगे।। अंक झूला झुला शाख हँसने लगी।... Hindi · कविता 386 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल मापनी-2122 2122 2122 212 काफ़िया-"अरने" रदीफ़-"आ गया" रंग खुशियों के तेरे दामन में भरने आ गया। नफ़रतों को पर्व होली दूर करने आ गया। भूल मजहब बैर हम सब एक-दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 398 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read गीत परदेसी मीत मेरे मेरी प्रीत बुलाती है, बन जाओ गीत मेरे तेरी याद सताती है। बारिश के मौसम में बूँदों की सरगम में चूड़ी की खनखन में पायल की छमछम... Hindi · गीत 282 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल बेरुखी” रदीफ़–बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "प्रीत के रंग" प्रीत नैनों में बसा चाहत लुटाके देखना बन हिना सूनी हथेली को रचाके देखना। जानते हो पीर हरके कुछ सुकूँ मिल जाएगा बन निवाला भूख दूजी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read तांका छंद तांका (वार्णिक छंद) विधान-5,7,5,7,7=31वर्ण विषय-"राधा कृष्ण" (1)श्याम रंग में साँवरी हुई राधा होके मगन सुनाओ वंशी धुन व्याकुल मेरा मन। (2)सुनो उद्धव मन न दस-बीस जाने माधव ढूंढूँ नंद के... Hindi · हाइकु 2k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read दोहे हास्य-व्यंग्य दोहे हास्य व्यंग्य दोहे रचे, कर लेना स्वीकार। हँसे बिना जो पढ़ लिए, लिखना है बेकार।। ऐसी वाणी बोलिए, अपनापन जग खोय। गंजे सिर बेलन पड़ें, बाल न बांका... Hindi · दोहा 917 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता *यादें* आज फटे गत्ते की उस डायरी में पीछे छूटी यादों का एक पुलंदा मिला रिश्ते निभाते हुए बिसराया हुआ पतझड़ का एक गुलाब मिला। दम तोड़ते पृष्ठों पर काली... Hindi · कविता 275 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता जन्मदिवस तन समर्पित मन समर्पित क्या तुझे उपहार दूँ जन्मदिन पर आज तेरे क्या तुझे सौगात दूँ? पुष्प वेणी केश में मधुमास बनकर जा बसूँ प्रीत का रसपान कर मैं... Hindi · कविता 386 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "चाय नशीली बन जाती"(गीत) ******************* गर्म चाय की प्याली थामे मन की बातें कह आती। प्यास बुझाती प्रिय की अपने चाय नशीली बन जाती। अलसाई नज़रों से तक कर मेरा... Hindi · गीत 256 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत *बिगडी बना दो हे गोपाल* --------------------------------- बनकर माँझी पार उतारो बिगड़ी बना दो हे गोपाल! अँधियारा मन विचलित करता माया जग को ठगने आई भव सागर में डूबे नैया कैसी... Hindi · गीत 498 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल 122 122 122 122 *जवाँ हसरतें ------------------ झुकी है नज़र कुछ सँभलने तो दो। ज़रा देर हमको ठहरने तो दो। अभी प्यार से मन भरा ही नहीं चरागों को थोड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत *भ्रूण की पुकार* ---------------------- प्रभु कृपा से गर्भ में आई मुझे बचा लो मेरी माँ, बोझ नहीं हूँ इस दुनिया पर गले लगा लो मेरी माँ! मैं आँचल की गौरव... Hindi · गीत 245 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "बुझता दिन बहुत रुलाता है" *********************** देख विरह की तपती संध्या बुझता दिन बहुत रुलाता है, दिवस ढले अँधियारा आकर प्रीतम की याद दिलाता है। तपित सूर्य थक कर लौटा... Hindi · गीत 254 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता *मैं नारी हूँ ,मैं नारी हूँ!!* ********************** मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूँ जीवन में कभी न हारी हूँ मैं अद्भुत इक चिंगारी हूँ मैं सौ पुरुषों पर भारी हूँ। मत... Hindi · कविता 534 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत विरह गीत "बहुत रोते सनम तुम बिन" बसे किस देश में जाकर यहाँ हमको भुला करके, बहुत रोते सनम तुम बिन रात सपने सजा करके। (1)छुआ जब धूप ने तन... Hindi · गीत 256 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "नन्हीं परी" ********* ख्वाबों की नगरी से चलकर घर परी अनोखी आई है, अरमानों की डोली चढ़कर मन द्वारे खुशियाँ लाई है। अलसाई किरणों ने आकर उपवन में फूल खिलाए... Hindi · गीत 503 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आस रदीफ़-बाक़ी है बह्र-1222 1222 1222 1222 *मिलन की प्यास बाकी है* --------------------------------- तरसता प्यार को तेरे मिलन की आस बाक़ी है। जलाए दीप नयनों के सनम विश्वास बाक़ी है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया- अर रदीफ़- जाऊँ मैं बह्र-122 122 122 12/22 *वफ़ा की महक* उतर प्रीत दरिया उबर जाऊँ मैं। वफ़ा की महक से सँवर जाऊँ मैं। नज़ारे अगर साथ दे दें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 227 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल काफ़िया-आम रदीफ़ -कर बैठा तर्ज़-ग़रीब जान के हमको न..... *मुहब्बत के नाम* जो करना था मुझे वो आज काम कर बैठा। मैं ख़ुद से ख़ुुद को ही तेरा गुलाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 471 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "आशाओं के दीप" आशाओं के दीप जलाकर सुंदर स्वप्न जगाए रखना, नया जोश उल्लास भरे तुम सुरभित सुमन खिलाए रखना। मन में उपजी प्रीत पिया की रोम-रोम हर्षित कर देती... Hindi · गीत 297 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "कितना रुलाओगे" *************** खड़ी तन्हा किनारे सोचती कैसे भुलाओगे। करूँ फ़रियाद आ जाओ हमें तुम छल न पाओगे। अनबुझे प्रश्न लेकर खोजतीं नज़रें जवाबों को ज़माने के सवालों से कहो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "शुष्क धरा की प्यास बुझाएँ" *********************** वृक्ष, पवन, जल छिनते जाते जन-जीवन को आज बचाएँ दूषित नदियाँ सूख रही हैं शुष्क धरा की प्यास बुझाएँ। ज्वलित चिमनियों से दम घुटता... Hindi · गीत 510 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता "पर्यावरण बचाओ" **************** मानव दानव बने धरा पर #वृक्ष समूचे काट रहे हैं बेघर पंछी घर को तरसें #जंगल सारे पाट रहे हैं। #नीर बिना प्यासी है धरती पनघट हुए... Hindi · कविता 1 293 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक झुका ये शाख-ए-गुल चंदा' गज़ब की प्रीत बरसाए। ज़मीं पे ख़ुशनुमा मौसम फ़िज़ा में गीत भरमाए। छिटकती चाँदनी करती बहारों को यहाँ सजदा- लिए आगोश में लतिका शज़र सा... Hindi · मुक्तक 1 620 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल आशिक़ी रोग उल्फ़त का लगा हमको जगाया रातभर। जाम चितवन का चख़ा हमको सताया रातभर। प्रीत की तहरीर नज़रों से बयाँ की आपने वार सीने पर किया आशिक़ बनाया रातभर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता “पिता” आँगन की फुलवारी हरदम लहू दे सींचते हैं जो, दु:ख हरते पोषण करते सबल सशक्त पिता हैं वो। प्रसव समय दे मातु सहारा परिवार का आधार बने , रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आना रदीफ़-हो गया वज़्न-2122 2122 2122 212 *हमसफ़र* हमसफ़र का साथ जीने का ठिकाना हो गया। बाँट लीं तन्हाइयाँ ये दिल दिवाना हो गया। प्रीत अधरों पे सजा मुझको हँसाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत *बूंदों की खनखन* बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है धड़कन में साँसों की सरगम गीत प्रेम के गाती है। घटा घिरी घनघोर गगन में धरती भी हर्षाती... Hindi · गीत 582 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "अविरल नीर बरसता है" ******************** समझ न पाऊँ प्रेम विधा मैं, उर में नेह उपजता है। रोम-रोम मदमाता मेरा, अविरल नीर छलकता है।। निश्छल प्रेम सहज जीवन में, अनुरागी मन... Hindi · गीत 179 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read गीत "दीप जला रख छोड़ा है" ******************** काली रात विरह की आई, दीप जला रख छोड़ा है। सजल नयन सूरत को तरसें, तम से नाता जोड़ा है।। यौवन से मदमाती रजनी,... Hindi · गीत 1 1 666 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता "दोस्ती" दोस्ती दिलों में महकता अनमोल एक रिश्ता है मेरी दोस्त मन में बसा प्यारा सा फरिश्ता है। सुख में लुटाती प्यार जो निश्छल प्रेम विश्वास है दोस्ती का मोल... Hindi · कविता 476 Share Previous Page 6 Next