डी. के. निवातिया Language: Hindi 384 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next डी. के. निवातिया 21 Feb 2017 · 1 min read हमारे नेता—डी के निवातिया विकास की डोर थाम ली है हमारे नेताओ ने । अब नये शमशान और कब्रिस्तान बनायेंगे।। कही भूल न जाओ तुम लोग मजहब की बाते याद रखना इंसानियत को इसी... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 20 Feb 2017 · 1 min read मांझी लड़ाई गर मुद्दे पर हो तो लड़ने में मजा आता है उलझकर उलझनों में जीने का आनद आता है चिकनी सडको पर रफ़्तार आजमा लेते है सभी तूफानी लहरो में... Hindi · कविता 861 Share डी. के. निवातिया 17 Feb 2017 · 1 min read मेरा चमन...... जालिम बहुत है वो हर घर, गली , मुहल्ले में छुपे बैठे है उनसे अपना चेहरा छुपाये रखना, नजरे बचाये रखना, कही कर न जाए दागदार पाक दामन को, पाकर... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 15 Feb 2017 · 2 min read कलयुगी भक्ति में शक्ति कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान ! कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !! लूट खसोट कर अमीर बन... Hindi · कविता 682 Share डी. के. निवातिया 6 Feb 2017 · 2 min read बसंत बहार --- डी. के. निवातिया बसंत बहार बागो में कलियों पे बहार जब आने लगे, खेत-खलिहानों में फसले लहलाने लगे ! गुलाबी धूप पर भी निखार जब आने लगे, समझ लेना के बसंत बहार आ... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 2 Feb 2017 · 1 min read बेटियाँ -- निवातिया डी. के. बेटियाँ घर आँगन की पहचान होती है बेटियाँ हर चेहरे की मुस्कान होती है बेटियाँ राम, कृष्ण भी लेकर आते है अवतार ममता का ऐसा भण्डार होती है बेटियाँ !!... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 19 Jan 2017 · 1 min read दिल कि खोली खाली है दिल कि खोली इसको भर दो कुछ दौलत अपनी हमे ईनाम कर दो नहीं चाहिये कुबेर या जमीं का टुकड़ा थोड़ी सी चाहत अपनी मेरे नाम कर दो... Hindi · कविता 831 Share डी. के. निवातिया 10 Jan 2017 · 1 min read मुझको मेरा हक दो --::---मुझको मेरा हक दो--::--- मुझको मेरा हक दो पापा बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी ! लेने दो खुली हवा में सांसे बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !! मुझको मेरा ……………… कर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 4 14k Share डी. के. निवातिया 9 Jan 2017 · 1 min read आज का नवयुवक आज का नवयुवक अजीब हाल में दिखता है आज का नवयुवक जागा है मगर कुछ खोया खोया सा हँसता भी है पर कुछ रोया-रोया सा जीवन संघर्ष की इस दौड़... Hindi · कविता 1 828 Share डी. के. निवातिया 5 Jan 2017 · 1 min read सुनो सुनो, कुछ नही है तो यादो में आते क्यों हो पल - पल ख्यालो में आकर सताते क्यों हो न किस्मत अपनी, न जिगर तुममे इतना फिर सपने दीद के... Hindi · शेर 783 Share डी. के. निवातिया 4 Jan 2017 · 1 min read तैयार हो जाओ .... तैयार हो जाओ .... आया है मौसम चुनावी बरसात का, बरसाती मेंढक अब तैयार हो जाओ चल निकलेगी अब तुम्हारी लाटरी थाम झोला छतरी तैयार हो जाओ !! जम के... Hindi · कविता 668 Share डी. के. निवातिया 3 Jan 2017 · 2 min read अमीरी-गरीबी अमीरी-गरीबी बहस छिड़ गयी एक दिन अमीरी और गरीबी में !! नाक उठा ‘अमीरी’ बोली बड़े शान से काम बन जाते है सिर्फ मेरे नाम से हर किसी की चाहत... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read नया साल खड़ा हूँ दहलीज़ पर फिर एक नये साल की पोटली थामे, जिंदगी में हुए बर्बाद पलों की !! ! ! D. K Nivatiya____@@@ Hindi · शेर 656 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read कुछ पल मुस्कुराये होते तुम अगर मेरी जिंदगी में आये होते तो हम भी कुछ पल मुस्कुराये होते !! न रहते जिंदगी में तुम भी यूँ तन्हा न अकेले में हमने आँसू बहाये होते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 543 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 2 min read मुस्कान मुस्कान, मात्र एक नाम या शब्द नही ये पहचान है……………. !! किसी से प्रीत की मिली हुई जीत की चाहत के गीत की मिलन पे मीत की !! ! मुस्कान,... Hindi · कविता 1 1 690 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read धीरे धीरे भोर की चादर से निकलकर शाम की और बढ़ रही है जिंदगी धीरे धीरे ! योवन से बिजली सी गरजकर बरसते बादल सी ढल रही है जिंदगी धीरे धीरे !... Hindi · कविता 708 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read एक पथ और आओ चले एक पथ और छोड़ पदचिन्ह एक छोर ! नई उमंग ह्रदय धरे भोर कनखियों में ख़ुशी का शोर ! आओ चले एक पथ और !! चलना ही जीवन... Hindi · कविता 1 490 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read जी लो हर लम्हे को न रोको जाते हुए लम्हो को न टोको आते हुए लम्हो को हार सुख दुःख के मनको का बस जी लो हर एक लम्हे को !! ! ! ! डी.... Hindi · कविता 2 4 541 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read नोट के तेवर—मुक्तक—डी. के. निवातिया नोट के तेवर क्या बदले, बहुत कुछ बदल गया ! छोड़ काम धाम इंसान लंबी कतार में ढल गया !! कल तक तिजोरी में बंद सर चढ़कर बोलता था वो... Hindi · मुक्तक 646 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read वाह रे नोट —हाइकु —डी. के. निवातिया वाह रे नोट कभी लगे तू प्यारा सबसे न्यारा । । कभी जग को दिखे तुझमे खोट वाह रे नोट । नोट बदले हाल बदल गये आम जन के !... Hindi · हाइकु 518 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read राज क्या है……… राज क्या है……… कर दूँ बयान अगर हकीकत तो लाज़ क्या है ! तेरी खूबसूरती के आगे, भला ताज़ क्या है !! अंदर भी कब्ज़ा और पहरा बाहर भी तुम्हारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 554 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read क्यों… (मुअद्दस मुसल्सल ग़ज़ल) माना के बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है ! पर क्यों इसमें आमजन को ही फ़ना होना जरूरी है !! ! क्यों नही जलते शोलो में हाथ आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 477 Share डी. के. निवातिया 28 Nov 2016 · 2 min read मजदूर (कर्म पुजारी)—डी. के. निवातियाँ क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ ! दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !! उठ चलता हूँ रवि संग हर पल ताप... Hindi · कविता 623 Share डी. के. निवातिया 25 Nov 2016 · 1 min read नादान दिल साथ निभाना नही था तो जिंदगी में आये क्यों थे जन्मो के बंधन रिश्तो के धागे में पिराये क्यों थे जब मालूम था खिलना तुम्हे किसी और के चमन फिर... Hindi · शेर 606 Share डी. के. निवातिया 24 Nov 2016 · 1 min read उसूल देखा, मुस्कुराये और चल दिये, भला ये भी कोई बात हुई ! ! मुहब्बत हो या नफरत जनाब, सबके कुछ उसूल होते है !! ! D. K. Nivatiya Hindi · शेर 1 1k Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2016 · 1 min read रहम कर अरे ओ जाने वाली हवा, सुन ज़रा इन बिखरी यादो को समेट ले ज़रा बहुत सताती है ये तेरे जाने के बाद वफ़ा के नाते रहम कर हम पर जरा... Hindi · मुक्तक 1 2 341 Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2016 · 1 min read गाँव-चौबारे पर खेल—कविता—डी. के. निवातियाँ नन्हे मुन्ने खेल रहे थे, गाँव – चौबारे पर खेल हाथ में लिये हाथ दूजे का, वो बना रहे थे रेल !! कोई सिपाही बन कर ऐंठे कोई चोर बन... Hindi · कविता 514 Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2016 · 1 min read करीब तो आने दे एक बार मुझे तू अपने करीब तो आने दे ! हसरत आज इस दिल की ये मिट जाने दे !! किस तरह तड़पा है ये दिल, एक तेरे बैगर धड़कन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 363 Share डी. के. निवातिया 3 Nov 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना–१०—मुक्तक—-डी के निवातिया सीना ताने खड़ा रहूँ, हर पल दुश्मन हो निशाना अंत घडी जाये प्राण, लबो पे हो जयहिंद का नारा चाह नही मुझे किसी, धन दौलत या शोहरत की देश सेवा... Hindi · मुक्तक 569 Share डी. के. निवातिया 3 Nov 2016 · 1 min read इल्जाम ऐ बेवफाई—शेर —डी के निवातियाँ निवातियाँ ऐ जिंदगी किस मोड़ पर तू ले आयी ना मैं खुद का रहा न किसी और का !! ! दोष किस्मत का कहे या फिर कमी खुद की मुहब्बत को... Hindi · शेर 274 Share डी. के. निवातिया 21 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-९ ---मुक्तक---डी के निवातियाँ मैया कहे परिलोक से आयी, कुंवर देश तोहे जाना पराया धन मेरे आंगन जिसे ब्याज समेत चुकाना ससुराल में सब ताने मारे, तू अपने मायके जा ना बिटिया बाबुल से... Hindi · मुक्तक 1 500 Share डी. के. निवातिया 21 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-८ –मुक्तक—डी के निवातियाँ दरख्त मिटे गए मिटा परिंदो का आशियाना खेत खलिहानों को मिटा, बना लिया घराना इस कदर विकास हावी हुआ इस जमाने में पशु पक्षी दूजे से पूछे, कहाँ है मेरा... Hindi · मुक्तक 493 Share डी. के. निवातिया 18 Oct 2016 · 1 min read सरहद--मुक्तक--डी के निवातियाँ भायी न भाई को भाई की सूरत, बंटवारा कर डाला जन्मे थे एक कोख में, लालच ने दुश्मन बना डाला हमने तो सरहदे बनायी थी अमन-ओ-चैन के लिये ज़ालिमो ने... Hindi · मुक्तक 1 402 Share डी. के. निवातिया 11 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक---विजय पर्व---डी के निवातिया *----विजय पर्व ----* पूजा, भक्ति, ज्ञान, ध्यान में था वो देवो का ख़ास । सुत, बंधू, सगे, सेवक सहित किया कुल का नाश । अधर्म और अहंकार सदैव अहितकारी होते... Hindi · मुक्तक 2 536 Share डी. के. निवातिया 10 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-८ --मुक्तक---डी के निवातियाँ दरख्त मिटे गए मिटा परिंदो का आशियाना खेत खलिहानों को मिटा, बना लिया घराना इस कदर विकास हावी हुआ इस जमाने में पशु पक्षी दूजे से पूछे, कहाँ है मेरा... Hindi · मुक्तक 2 258 Share डी. के. निवातिया 8 Oct 2016 · 2 min read हमको लड़ना होगा---कविता--- डी. के. निवातियाँ हमको लड़ना होगा …….. बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !! कब तक बहेगा रक्त वीरो का खेल खून... Hindi · कविता 526 Share डी. के. निवातिया 8 Oct 2016 · 1 min read सैनिको की सहादत को सलाम----डी. के. निवातिया सैनिको की सहादत को सलाम.............. धरती माता को लगे आघात, आसमान भी रोने लगता है जब जलती चिताये वीरो की सूरज भी पिंघलने लगता है !! नमन ऐसे वीरो की... Hindi · कविता 510 Share डी. के. निवातिया 8 Oct 2016 · 2 min read दे ताली ---गीत---डी. के. निवातिया दे ताली ............... वो क्या जाने मोल दाल भात का, जिनके घर रोज़ बनती मेवे की तरकारी नाश्ता होता जूस और फल से खाने में बनती हो हर रोज़ बिरयानी... Hindi · गीत 645 Share डी. के. निवातिया 8 Oct 2016 · 1 min read नाम जवानी लिख देंगे .......डी. के. निवातियां नाम जवानी लिख देंगे ....... हम देश प्रेमी है, अपनी जान हथेली रख देंगे वतन की रखवाली पे नाम जवानी लिख देंगे ! इस दुनिया को हमने, लोहा कई बार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share डी. के. निवातिया 8 Oct 2016 · 1 min read मेरा चमन...... मेरा चमन...... जालिम बहुत है वो हर घर, गली , मुहल्ले में छुपे बैठे है उनसे अपना चेहरा छुपाये रखना, नजरे बचाये रखना, कही कर न जाए दागदार पाक दामन... Hindi · कविता 244 Share डी. के. निवातिया 7 Oct 2016 · 1 min read दो गज जमीन---शेर---डी के निवातियाँ लोग कहते है दो गज कफ़न के साथ दो गज जमीन काफी है मरने के बाद । हमने कई बीघे जमीन कब्जाये देखा है नामचीं हस्तियों को मिटने के बाद... Hindi · शेर 297 Share डी. के. निवातिया 7 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-७---मुक्तक---डी के निवातिया तेरे दिल के खंडहर में पड़ा है फटा-टुटा बिछाना कल होते थे जहाँ पल गुलजार, आज है वीराना अल्फाज लंगड़े हो गये, जज्बातो की ज़ुबाँ गयी देह तो बेजान है... Hindi · मुक्तक 242 Share डी. के. निवातिया 6 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना -६---मुक्तक---डी. के. निवातियाँ हर किसी का होता है जहान में एक ठिकाना राहे भले हो जुदा-जुदा मंजिल सभी को पाना उम्र बिता देता है हर कोई ये पहेली बुझाने में ना जान पाता... Hindi · मुक्तक 4 326 Share डी. के. निवातिया 5 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-5---मुक्तक---डी के निवातियाँ जान लीजिये आज मेरा ठिकाना आपके संग में है वक़्त बिताना दिलबरों की नजरो का नूर हूँ मैं दुश्मनो की नजरो का निशाना !! ! ! ! @@@__डी के निवातियाँ__@@@ Hindi · मुक्तक 2 337 Share डी. के. निवातिया 5 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-4---मुक्तक---डी के निवातियाँ क्या करोगे जानकर तुम मेरा ठिकाना मैं ठहरा घुमक्कड़ रिवाजो का दीवाना रहता हूँ सफर -ऐ- जिंदगी में देह संग जाने कब छूट जाये ये मृद आशियाना !! ! !!... Hindi · मुक्तक 278 Share डी. के. निवातिया 4 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-3---मुक्तक ---डी के निवातियाँ अक्सर लोग पूछते है मुझ से मेरा ठिकाना अब किसे बताये कहाँ नही मेरा आशियाना हूँ यारो से दुश्मनो तक के जहन में शामिल ढूंढ लो खुद में, वैसा ही... Hindi · मुक्तक 2 838 Share डी. के. निवातिया 3 Oct 2016 · 1 min read कलयुग की रीत----मुक्तक----डी के निवातियां देख कलयुग की रीत दुनिया भ्रमित होती है नारी का सम्मान नही पूजा देवी की होती है मंदिर में चढ़ते फूल माल दंडवत करे प्रणाम घरो में उनके अक्सर बेटी... Hindi · मुक्तक 479 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read नादान परिंदा………..डी. के. निवातियाँ मैं आया नादान परिंदा अनजान की तरह ! लौट जाऊँगा एक दिन मेहमान की तरह !! क्या सहरा,क्या गुलिस्ता, हूँ सब से वाकिफ कट जायेगा ये भी सफर जाते तूफ़ान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 531 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read अकेलापन लोग कहते है अकेलेपन में वीरानापन महसूस होता है ! कमबख्त एक अपना दिल है अकेले में झगड़ता बहुत है !! ! ! ! डी. के. निवातियाँ Hindi · शेर 271 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read मेरे घर का पता……….(डी. के. निवातियाँ) न पूछो यारो तुम मुझ से मेरे घर का पता, अभी तो मै खुद ही के घर से अनजान हूँ ! कहने को तो ये सारा जहान मेरा अपना है,... Hindi · कविता 621 Share Previous Page 6 Next