Comments (4)
7 Oct 2016 11:37 PM
मात्र चार लाइन में ज़िंदगी की पूरी हकीकत कही आपने ……
दुबार कमेन्ट करने को मज़बूर हो गया मैं ….
लाजवाब
डी. के. निवातिया
Author
7 Oct 2016 02:52 PM
Thanks
7 Oct 2016 04:58 AM
उम्दा …….,!,
Many Many Thanks Anuj for your appreciation !!