Mugdha shiddharth Tag: कविता 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read हां हम नाराज़ हैं... हाँ हम नाराज़ हैं हम किसी और से नहीं शायद, खुद ही से नाराज हैं अपनी बेवसी, अपनी कुछ न कर पाने की लाचारी से, देख... लोगों का इंसान से... Hindi · कविता 3 228 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मैं कुछ नहीं पूछती... मरे हुए लोगों से... मैं नहीं पूछूंगी क्यूं लटका दिया गया 23 मार्च को भगत और उनके साथियों को, मैं ये भी नहीं पूछूंगी क्यूं जलते हुए शब्दों के रचियेता "पाश" को भून दिया... Hindi · कविता 4 1 238 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read भगत होते तो क्या होता? भगत होते तो क्या होता? क्या मन्दिरों में घंटा बज रहा होता ? क्या भूखे बच्चों के भूख पे भी सत्ता चुप होता? क्या युवाओं को अशिक्षा के खाई में... Hindi · कविता 4 1 408 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read यार आंखें सोए कैसे यार से उसकी हमनवाई है जागती आंखों में ही तो यार ने जगह बनाई है.? गुजरते वक़्त के दरारों में लम्स है यार के हाथों का क्या... Hindi · कविता 3 291 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तेरी सांसों में घुल जाने की फ़क़त आरजू हैं दिल की क्या करूं जो लोग कहते हैं तेरी सांसों से ही खतरा है ~ सिद्धार्थ 2. छलके हुए मोती गालों... Hindi · कविता 2 408 Share Mugdha shiddharth 20 Mar 2020 · 1 min read खुद को बड़ी शिद्दत से कोशिश की, कि समझ जाऊं खुद को, कि निकाल लाऊं खुदी में से खुद को जो हर छोटी बात पे खुश हो जाती है और उस से... Hindi · कविता 3 6 262 Share Mugdha shiddharth 20 Mar 2020 · 1 min read हम सोए नहीं पलकें मूंदी हुई है मगर हम सोए नहीं सपने हिज्र की हैं मगर हम रोए नहीं ऊंघती सी आंखों में पलाश उतर आया है अब तुम से क्या कहें हम... Hindi · कविता 2 215 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक हम बेकारों ने ही तो सम्भाल रखा है वर्ना दुनियां में दिखती नहीं प्रेम ओर करुणा ~ सिद्धार्थ 2. हम लिखते नहीं, कभी कभी घसीट देते हैं बीच में कोई... Hindi · कविता 3 299 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मन की बात साहेब के मन की बात पे अपनी मन की बात कुछ तेरी कुछ मेरी कुछ हम सब के मन की बात गिरे हुए, कुचले हुए, दबे हुए लोगों के उस... Hindi · कविता 3 199 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read हम ढूंढ़ लेंगे हम ढूंढ़ लेंगे अपने कांपते हाथों से अंधेरे में भी रौशनी का कतरा, शर्त ये है हमारी आंखों से हाथ तो हटाओ... हम आवाज दे लेंगे अपने लरजते होठों से... Hindi · कविता 3 193 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मैं नहीं बुलाऊंगी तुम को जाना मैं नहीं बुलाऊंगी तुमको जाना मगर तुम बहाने से ही आ जाना हम दोनों के दरमियाँ जो गिरे लम्हें उन्हें पलकों पे ही उठा के ले जाना तुम आना तो... Hindi · कविता 2 435 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 2 min read लेख 2012 की वो सर्द सुबह आज भी मुझे याद हैं। उस सुबह मैं दिल्ली में ही थी जब टीबी खोलते ही जो पहली खबर सामने आई वो " निर्भया" रेप... Hindi · कविता 3 225 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read प्यार में हारे हुए लोग शब के मारे हुए हैं ये जागे हुए लोग चश्म के प्याले से नींद को छलकाए हुए लोग अपने पहलु में दबा के यार की याद को जीबह शब भर... Hindi · कविता 3 181 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक एक उम्मीद लिय बैठी थी वस्ल ए यार की क्या वजह उसे समय लगा मैयत में भी आते आते. न वो आया न उसके नाम की सदाएं एआई एक उम्र... Hindi · कविता 3 347 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read अपेक्षित प्रेम पुराने किताब के पन्नों में दबे गुलाब के साथ गुलाब की हिफाज़त में कांटे भी सूख जाते हैं वो रोते नहीं, वो चुभते नहीं पन्नों को वो हिफाज़त करते है... Hindi · कविता 5 414 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read हम बेकारों ने जमाने को क्या क्या न दिया हम बेकारों ने जमाने को क्या क्या न दिया शब ए सोज़ को साज़ में क्या पिरो कर न दिया हिज्र के पहलू से लिपटे रहे हम शब भर क्या... Hindi · कविता 4 229 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मैंने हर्फ़ हर्फ़ में लिखा तुझे, जो कभी दिखा नहीं तुझे मैंने लब्ज़ लब्ज़ में सवारा तुझे, ये भी नहीं क्यूं है गवारा तुझे खुदा के अक्स को मिटाया मैंने... Hindi · कविता 3 185 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read आधा आधा सपने बिना नयन है आधा अपने बिना रिश्ते हैं आधा मुस्कान बिना अधर है आधा सामान बिना बाजार है आधा सुर बिना संगीत है आधा प्रीत बिना मनमीत है आधा... Hindi · कविता 3 4 500 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read हम रह गए आधे एक उम्र गुजर गई तेरे इंतजार में राधे सारी दुनियां कहे ... मैं उसका हूं ...मगर ... हम रह गए आधे ... होठों पे मुस्कान, ....दिल में तनहाई है नयनों... Hindi · कविता 3 198 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read तुमने... देखा है ए दोस्त इंसानियत से गिरते किसी को देखा है... दोस्त जब कोई गिर जाता, पतली लकिन मजबूत धारदार इंसानियत की दीवार से एक सड़ांध सी उठती है उसके बदबूदार, सड़े हुए दिमाग... Hindi · कविता 3 189 Share Mugdha shiddharth 14 Mar 2020 · 1 min read दिल सीने में ही छलक गया अभी अभी दिल सीने में था उसकी आहट से महक गया यादों के खुशबू से उसकी बैठे - बैठे ही लहक गया अभी - अभी एक धड़का हुआ और सीने... Hindi · कविता 4 5 273 Share Mugdha shiddharth 14 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1 पैसा गर न होता तो...जी में जी बचा होता रिश्ते में कुछ तो रिश्ता भी बचा होता ~ सिद्धार्थ 2. आंधियों में वो जब्र कहां जो मुझे बहा के... Hindi · कविता 3 2 248 Share Mugdha shiddharth 14 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1 पैसा गर न होता तो...जी में जी बचा होता रिश्ते में कुछ तो रिश्ता भी बचा होता ~ सिद्धार्थ 2. आंधियों में वो जब्र कहां जो मुझे बहा के... Hindi · कविता 3 1 188 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read काश चिरैया तू बिटिया न होती काश चिरैया तुम बेटी न होती बेटी भी होती तो इतनी छोटी न होती मगर क्या ही बदल जाता तुम नौ साल की न होती नब्बे की ही होती... होती... Hindi · कविता 3 485 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read तस्वीर बदली तो जा सकती है इस जहां की तस्वीर को बदली तो जा सकती है एक कोशिश तेरी एक कोशिश मेरी तरफ से की तो जा सकती है और कुछ नहीं तो घरों को जलाने... Hindi · कविता 3 4 251 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read पुरुष अब तक स्त्री न हो सका स्त्री सदियों से स्त्री बनी हुई है पुरुष अब तक स्त्री न हो सके बुद्ध बुद्ध हुए पर वो भी स्त्री न हुए नानक, कबीर, मोहम्मद ये सब पुरुष तो... Hindi · कविता 4 399 Share Mugdha shiddharth 12 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. तुम मुहब्बत के राहों में दर्द उठाए फिरते हो हम दश्त ए शहर रानाई में चाक-ए-गरेबाँ सिलते हैं ~ सिद्धार्थ 2. दिल दिया है तो उसमें मुहब्बत भी देना... Hindi · कविता 3 327 Share Mugdha shiddharth 8 Mar 2020 · 2 min read मेरे नाम में बुद्घ निहित है " सिद्धार्थ" मेरे नाम में बुद्घ निहित है " सिद्धार्थ" पर मैं बुद्ध नहीं, बुद्ध होना भी चाहूं तो... हो नहीं सकती, क्यूं कि... मैं स्त्री हुं, स्त्री जिस के लिए खींचे... Hindi · कविता 4 3 276 Share Mugdha shiddharth 7 Mar 2020 · 1 min read वस्ल की चाहत तुमने नहीं बुलाया या मैंने नहीं सुना ये जो न बुलाना ओर न सुनना है कहीं यही इश्क तो नहीं और अगर ये इश्क है तो ये कहां से गिरा... Hindi · कविता 2 234 Share Mugdha shiddharth 7 Mar 2020 · 1 min read आज लिख देती हूं... आज लिख देती हूं कल सूख कर शब्द याद बनेगा हम न होंगे फिर भी ... हमारे न होने का ये विवाद बनेगा वक़्त की धूल भी जम जाए अगर,... Hindi · कविता 3 316 Share Mugdha shiddharth 21 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक ख्वाहिशें गुमनाम रहे लबजों से ये न हो जाहिर इश्क की बात चले फिर दर्द कैसे न हो जहिर डाल पे लगी फूल यक-ब-यक मुरझाता तो नहीं बिछड़ के डाल... Hindi · कविता 4 458 Share Mugdha shiddharth 20 Feb 2020 · 1 min read तुमने ही छुपाए थे... क्या बाबा तुमने ही छुपाए थे... क्या बाबा मेरे नन्ही हंथेलियो में खेलती रंग बिरंगी तितली को जाने कहां खो गई है, जाने किस आंगन जाकर सो गई रहती थी वो मेरे... Hindi · कविता 3 359 Share Mugdha shiddharth 10 Dec 2019 · 2 min read स्त्रियों का स्त्रियों से घृणा मेरी प्यारी बेटी ' ओशी ' दुनियां को खूबसूरत ही होना था प्रेम प्यार से लबा लब भरे होना था नानी दादी की परिकथा सा ही रहना था मगर कुछ... Hindi · कविता 3 1 213 Share Mugdha shiddharth 8 Dec 2019 · 1 min read राष्ट्रहित कबूतर उतरे नहीं उतारे गए है दाना डाल कर ललचाए गए हैं अब शिकारियों का तांता लगेगा पाव पाव मांस राष्ट्रहित में बटेगा फिर डकार के साथ शांति दूत के... Hindi · कविता 2 375 Share Mugdha shiddharth 24 Nov 2019 · 1 min read मैं अभागी भारत हूँ मैं भारत हूँ, अब जर्जर और संतप्त हुई हूँ अब तक गैरों ने ही लूटा था अब अपनों के हांथो ही अभिशप्त हुई हूँ डलहौजी तो ग़ैर था फिर भी... Hindi · कविता 4 229 Share Mugdha shiddharth 23 Nov 2019 · 1 min read कोई नहीं ... आओ, साथ में मेरे कोई नहीं... आओ, साथ में मेरे ले चलूं तुझे मैं... सच से रूबरु कराने... बर्दास्त न कर पाओ तो छोड़ जाना साथ मेरा... बढ़ कर धर लेना राह नया जो... Hindi · कविता 2 202 Share Mugdha shiddharth 23 Nov 2019 · 1 min read ये अहले बतन ' वादा ' सर तेरा झुकने न देंगे अपनी अंगुलियों को बना कर कलम आंखों को अपने रक्तिम कर रखा है । इस दविस के दौर में भी हमने खुद को इश्के इंकलाब से लबरेज कर रखा है... Hindi · कविता 1 489 Share Mugdha shiddharth 22 Nov 2019 · 1 min read ये मेरी मर्जी थी ये मेरी मर्जी थी नाम तेरे एक अर्जी थी रात के सिरहाने में तेरे दिलकश तराने में डूब जाने की जाने मुझ में कैसी खुदगर्जी थी आंचल में टांका था... Hindi · कविता 2 256 Share Mugdha shiddharth 21 Nov 2019 · 1 min read तुम्हारे पीठ पे... यूँ तो कई बार मिले हो तुम मगर खाबों में... एक बार... बस एक बार पीछे से धपाक करने की चाहत तुम्हारे पीठ पे... छोटे बच्चे की तरह झूल जाने... Hindi · कविता 3 400 Share Mugdha shiddharth 14 Nov 2019 · 1 min read अब फ़रियादें घुटेंगी नहीं अब फ़रियादें घुटेंगी नहीं अब शब्द अटकेंगे नहीं सिले होठों को अब चीखना होगा रुंधे हुए गले को चितकरना होगा पर्ची चाहे जो भी निकले 'कहो' या 'सुनों' उसे कहने... Hindi · कविता 1 163 Share Mugdha shiddharth 13 Nov 2019 · 1 min read और हो गए हम...अछूत पैदा होने से अब तक... न जाने कब से कब तक... माँ के पेट की भीत को को लात मारने से धरती को लातों के निचे रौदने तक हवा पानी... Hindi · कविता 1 1 255 Share Mugdha shiddharth 13 Nov 2019 · 2 min read माँ कहती थी माँ कहती थी देश घर है मेरा…अब मेरे घर में आग लगी है कैसे चुप बैठूँ … कैसे न तन के एठुं कुछ लोग कहतें हैं शब्द मेरे तल्ख क्यूँ... Hindi · कविता 2 2 243 Share Mugdha shiddharth 12 Nov 2019 · 1 min read सिगरेट फूंक रही हूँ मैं सिगरेट फूंक रही हूँ मैं नए जीवन के प्रवेश द्वार पे डर कर छुप कर खड़ी हूँ मैं... अंदर कुछ लकड़ी सा है... उसी को अबकी धूक रही हूँ मैं... Hindi · कविता 4 2 199 Share Mugdha shiddharth 12 Nov 2019 · 2 min read छोटी-छोटी कविता १. 10.11 ये चमन, ये गुल, ये गुलिस्तां सब अपनी ही जगह रह जाएंगे लोग आते हैं, आते रहेंगे अपनी अदाकारी दिखा कर लौट जाएंगे ... सिद्धार्थ २. राम जाने... Hindi · कविता 2 1 673 Share Mugdha shiddharth 12 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक 1. 8.11.2019 जागती आंखों के मेरे सपने से जाके कह दो मेरा नींद मेरा चैन ले गया सुबह से रात तक को सुलगता ख़्वाब कर गया। ...सिद्धार्थ 2. कभी किताबों... Hindi · कविता 2 200 Share Mugdha shiddharth 5 Nov 2019 · 1 min read मैं सोचता हूँ... मैं सोचता हूँ... शहर की हर दीवार पे 'भगत'... तुम्हें उकेर दूँ फिर सोचती हूँ... तुम्हारी सोच को, हर स्कूल के आंगन में ही क्यूं न बिखेर दूँ फिर, मैं... Hindi · कविता 3 198 Share Mugdha shiddharth 1 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. मुझे तो आती नही... जिसको जो मानना है मान लो तस्बीरें एक सी हैं देवनागरी से ही मुझे पहचान लो ! ...सिद्धार्थ २. ये रौनकें देख बता किस कदर... Hindi · कविता 2 338 Share Mugdha shiddharth 31 Oct 2019 · 1 min read जाति - धर्मों में बटा आधा इंसान हरगिज न मुझको चाहिए जाति - धर्मों में बटा, आधा इंसान न मुझको चाहिए, न मुझको काजी - मुल्ला, न पंडित - पुरोहित चाहिए, भाता नहीं धर्मों में बटना, आता नहीं हिंदू मुसलमां करना,... Hindi · कविता 4 246 Share Mugdha shiddharth 28 Oct 2019 · 1 min read छटाक भर "रौशनी" सब को मुबारक... कोई जिद नही, बस दीपों का कनार्क नही बनती थी परोश के अंधेरे घर को देख खुद पे ही लाज आती थी किसी ने आज हंस के पूछा, अच्छा, दिवाली... Hindi · कविता 2 198 Share Mugdha shiddharth 26 Oct 2019 · 1 min read ख़ुशियाँ बेचने हम आये हैं माटी के हांथों से माटी के दिए बनाए हैं ले लो सोने के दिलवाले इन्हें, ख़ुशियाँ बेचने हम आये हैं, रहे उजाला तुम्हारे घर आंगन में सब को ख़ुशियों का... Hindi · कविता 1 203 Share Previous Page 6 Next