Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Mugdha shiddharth 1 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुझे मेरे हिस्से का दर्द बहुत अजीज है पहली बार मिला है आखिरी तक रखूंगी। दो पर दिए थे कुदरत ने नेमत कह कर परवाज़ छोड़ के अब मौत को... Hindi · मुक्तक 290 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक अक्सर दिलों में पुर्दिल, शैतान चुपके से सोता है देख के दूसरों का दुख, मन ही मन वो हंसता है। हस लो तुम अब जी भर के, दर्द न अब... Hindi · मुक्तक 420 Share Mugdha shiddharth 27 May 2019 · 1 min read मुक्तक कुछ स्याह से दिख रहे हो तुम... कुछ बदला है क्या ? तुम तो लड़ाकों के पहचान हो... तुम्हें याद दिलाना पड़ेगा क्या ? अपने लाल पंखों को लहराओ फिर... Hindi · मुक्तक 1 169 Share Mugdha shiddharth 11 May 2019 · 1 min read मुक्तक ! 56 इंच का सीना लेकर कह रहे खुद को चौकीदार हम ने देखा है भईया देश को लूटते इनको ही बार-बार कैसा अजब-गज़ब माया है, चोर कहे खुद को चौकीदार... Hindi · मुक्तक 2 235 Share Mugdha shiddharth 11 May 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हें अपनी आना को सरे बाम सहलाना था बस इस लिए अहले बतन को बेच आना था। हिन्दू - मुस्लिम जो कभी थे भाई- भाई उनके हाथों में नफ़रत की... Hindi · मुक्तक 253 Share Mugdha shiddharth 9 May 2019 · 1 min read माँ है वो मेरी ! कौन है वो जो, मेरे 'ऐब' को भी आंचल समोता है 'खूबियों' को भी मेरे, अपने दामन में संजोता है। देखने वालों ने बस अपनी आँखों की पुतली से देखा... Hindi · मुक्तक 2 319 Share Mugdha shiddharth 8 May 2019 · 1 min read मुक्तक ! बस दो टका दे के, सौ टका का ईमान खरीदने आई है हमारी सरकार हमें हाशिये पे धकेलने कि क़वायद लाई है। हम जिन्दा लाशों के ढेरो से खून की... Hindi · मुक्तक 2 185 Share Mugdha shiddharth 8 May 2019 · 1 min read मुक्तक ! तेर-मेरे दिल कि बात, जो आज आग बन आई है हर एक लब पे गर सुर सा सज जाए तो वही अच्छा। / भँवर से क्या डरें हम जिंदगी लहरों... Hindi · मुक्तक 3 201 Share Mugdha shiddharth 29 Apr 2019 · 1 min read मुक्तक ! इस चुनावी मौसम में कुछ अलग कर के देख राम-रहीम नहीं, अपनी जेब को टटोल के देख तू दूसरों के फ़र्जी वादों को चुप-चाप न सुन अपनी हालात को एक... Hindi · मुक्तक 3 351 Share Mugdha shiddharth 27 Apr 2019 · 1 min read मुक्तक कुछ लोग उसे फकीर समझते हैं हम तो भईया हुआ गिरा ज़मीर समझते हैं। देश को जो बेच दे, बाँट दे और तोड़ दे उसे,वाहियात-नकारा सरकार समझते हैं ! ...सिद्धार्थ... Hindi · मुक्तक 3 303 Share Mugdha shiddharth 27 Apr 2019 · 1 min read मुक्तक आईना ने पलट कर पूछा है ... बता आमदनी का जरिया क्या है ...? / हम ने भी उठ के कह दिया ... नफ़रत के बाज़ार में मुहब्बत बेचती हूँ... Hindi · मुक्तक 3 228 Share Mugdha shiddharth 27 Apr 2019 · 1 min read मुक्तक वो मुझे लफ़्ज़ों से अपने लबरेज़ कर गया आखों से छलका ऐसे मुझे मोती कर गया... / जिन्हें वस्ल-ए-यार कि हवस हो ख़्वाबों से करते कहां परहेज़ वो मुस्कुरा भी... Hindi · मुक्तक 3 207 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! टेढ़े-मेढे रास्ते मैंने अपने वास्ते खुद ही चुन लिए बेबसों की आवाज़ जो अचानक ही मैंने सुन लिए ! *** बीरान कमरे से कोई आवाज़ सी आती है देखो तो,... Hindi · मुक्तक 1 247 Share Mugdha shiddharth 9 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! वो बदन ही नहीं तू ध्यान से देख तू बदन के आगे भी कुछ और देख के देख लड़कियां हर दौर में बेहतरीन होती हैं ढलेंगी हर सांचे में एक... Hindi · मुक्तक 3 198 Share Mugdha shiddharth 9 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! मेरा बचपन मेरे दामन को छोड़ती ही नही जब भी छुड़ाती हूँ और जोर से लिपट जाती है ! ** हमें अपने घऱ-आंगन गए जमाने हो गए माँ के हाँथ... Hindi · मुक्तक 2 218 Share Mugdha shiddharth 9 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! आज की औरत हूँ, आज़ाद होना है उड़ती हवा हूँ माहताब होना है। हवाओं के पर पे सबार होना है, उड़ने-खुलने के लिए तैयार होना है। तेरी झूठी रिवायतों कि... Hindi · मुक्तक 2 214 Share Mugdha shiddharth 9 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! खुले पिंजड़े में बैठी चिड़िया से कोई पूछो पर होने पे भी परवाज़ क्यूँ नहीं करती। घर की देहरी पे बैठी औरत से भी पूछो आंगन से ख़ुद को आज़ाद... Hindi · मुक्तक 2 1 250 Share Mugdha shiddharth 1 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! दुख इसका नही कि वो शांति की बात नही करते हैं हम परेशां हैं कि वो इंसानियत भुलाने की बात करते हैं। हथियारों के व्यपारी हैं जो, शांति दूत बना... Hindi · मुक्तक 4 491 Share Mugdha shiddharth 1 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! आज तुम्हारी हर कही बात झूठ ही लगती है हमें एक वो भी दिन थे तुझ पे एतबार कर लिया था। चापलूसी देख के गलतियां हो ही जाया करती हैं... Hindi · मुक्तक 3 355 Share Mugdha shiddharth 27 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे शब्द वो चीख़ है जो हर जख्म पे निकल आती है तू वो हाकिम है जिसके सीने में धडकता दिल ही नहीं। मौत नंगी नाचती रही हर दिन घर... Hindi · मुक्तक 2 515 Share Mugdha shiddharth 25 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक हम मुतमइन हो नहीं सकते इस दौरे सियासत में ख़िलाफ़त के लिए बोलना अभी बेहद जरूरी है ! उन्माद बेचने वालों की बड़ी-भीड़ लगी है प्यारे उन के मुहों में... Hindi · मुक्तक 3 430 Share Mugdha shiddharth 25 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे दिल को सुकून क्यों नहीं कुछ टुटा है क्या ? मेरे दिल के पिंजर में दो नाम चीख़ कि तरह आया है चित्रकूट की गलियों से ! ।।सिद्धार्थ।। Hindi · मुक्तक 4 456 Share Mugdha shiddharth 7 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "मुझे मेरे पुरखों ने हक दिया है, जुवा पे अपने आग रख लो तुम्हें सत्ता ने हक दिया है,लहू लगे हाथों को बेदाग़ कर लो !" *** 07-02-2019 (सिद्धार्थ) Hindi · मुक्तक 2 219 Share Mugdha shiddharth 7 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक ! "तीर तलवार कि जरूरत नहीं मुझे, तुम्हें हो तो सँभाल लो, मुल्क़ मुहाने पे है धर्मयुद्ध के, हम कलम से काम चलालेंगे !" *** 07-02-2019 (सिद्धार्थ) Hindi · मुक्तक 1 362 Share Mugdha shiddharth 5 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक खैरात नहीं हमें हमारा हक़ का तो दीजिए जो हमारे हक का है बस उतना ही दे दीजिए चंद सिक्के उछाल के मातमपुर्सी कर रहें हैं आप हमारे हक़ पे... Hindi · मुक्तक 2 458 Share Mugdha shiddharth 4 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक जब कभी इस दौर का इतिहास लिखा जायगा बग़लगीर नीरो का ही तुझको समझा जाएगा, जल रहा था देश मेरा धर्म के उन्वान पर, तू बैठ मजे में जुमले कि... Hindi · मुक्तक 1 394 Share Previous Page 7