Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2019 · 1 min read

मुक्तक !

तेर-मेरे दिल कि बात, जो आज आग बन आई है
हर एक लब पे गर सुर सा सज जाए तो वही अच्छा।
/
भँवर से क्या डरें हम जिंदगी लहरों पे ही गुजरी है
पलट कर देखना क्या, लड़ के बढ़ते रहना ही अच्छा।
/
छाले पड़े हो पांव में, या हो जख्मी दिल ज़िगर
गिर कर संभलना फिर चलते रहना ही अच्छा।
***
08-05-2019

…सिद्धार्थ …

Language: Hindi
3 Likes · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
कवि दीपक बवेजा
तेरी मधुर यादें
तेरी मधुर यादें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
दानवता की पोषक
दानवता की पोषक
*Author प्रणय प्रभात*
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
होली के रंग
होली के रंग
Anju ( Ojhal )
*बेचारे नेता*
*बेचारे नेता*
दुष्यन्त 'बाबा'
*
*"ममता"* पार्ट-5
Radhakishan R. Mundhra
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
2533.पूर्णिका
2533.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
gurudeenverma198
स्वयं का बैरी
स्वयं का बैरी
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
PRATIK JANGID
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
डॉ. दीपक मेवाती
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
Neelam Sharma
देश के राजनीतिज्ञ
देश के राजनीतिज्ञ
विजय कुमार अग्रवाल
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
अबला नारी
अबला नारी
Buddha Prakash
*कर्मठ व्यक्तित्व श्री राज प्रकाश श्रीवास्तव*
*कर्मठ व्यक्तित्व श्री राज प्रकाश श्रीवास्तव*
Ravi Prakash
आज और कल
आज और कल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
किसी की हिफाजत में,
किसी की हिफाजत में,
Dr. Man Mohan Krishna
"बिरसा मुण्डा"
Dr. Kishan tandon kranti
2
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं
कैसे कहूँ ‘आनन्द‘ बनने में ज़माने लगते हैं
Anand Kumar
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
Kshma Urmila
Loading...