संजीव शुक्ल 'सचिन' Language: Hindi 827 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Dec 2019 · 1 min read देशभक्ति ग़ज़ल मुलाहिज़ा फरमाइए... देशभक्ति ...ग़ज़ल **************************************** मौत को दावत मैं दे हरबार सरहद पे खड़ा हूँ। मौत सीने से लगाकर यार सरहद पे खड़ा हूँ। लड़ रहा हूँ दुश्मनों सें है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 345 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल मापनी ? २१२२ २१२२ २१२२ २१२ ग़ज़ल ? गाँव अपना है मगर अब गाँव जैसा कुछ नहीं। मिल रहा है भाव लेकिन भाव जैसा कुछ नहीं। मिट गये रिश्ते पुरातन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Dec 2019 · 1 min read हाइकु ठंड की मार बेरहम बयार सिहरे हाड़। ठण्ड है प्रचण्ड कापता तन मन है ठिठुरन। कापते लोग आग का उपयोग ठण्ड भगाये। शीत लहर बरपारे कहर कापे शहर। छाया कोहरा... Hindi · हाइकु 2 260 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Dec 2019 · 1 min read सचिन के दोहे नारायण उर मे बसें, भटक रहा है जीव। दुग्ध बिना कैसे मिले, जग को उत्तम घीव।। कष्ट सहन होता नहीं, रघुवर देखो आज। दुष्ट दनुज सब मस्त हैं, बजे पखावज... Hindi · दोहा 2 420 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2019 · 1 min read बेटे का अवतरण दिवस ...बधाई संदेश देता हूँ शुभकामना, बेटे बारंबार। जन्मदिवस पे आपको, खुशियाँ मिले अपार।। खुशियाँ मिले अपार, जगत में नाम कमाओ। सुंदर स्वच्छ विचार, पिता का मान बढाओ।। रहो सदा खुशहाल, कष्ट सारे... Hindi · कुण्डलिया 3 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2019 · 1 min read सार छंद आधारित गीत #विधा - सार छंद आधारित गीत #रचना -? इच्छाओं के वस में होकर, कष्ट मनुज पाता है। अभिलाषा के महा भँवर में, धसता ही जाता है।। प्रेम स्वार्थ से हटकर... Hindi · गीत 2 453 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2019 · 1 min read लावनी छंद आधारित गीत (रौद्र रस) #विधा ?गीत (लावनी छंद आधारित) #रचना ? ----------------------------------------------------- #मुखड़ा अग्रज दो आशीष मुझे मैं, वाण करूँ संधान अभी। कुलघाती आया है लड़ने, ले लूँ उसकी जान अभी।। #अंतरा वन वन... Hindi · गीत 2 258 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2019 · 1 min read सरसी छंद आधारित गीत #विधा ? गीत (सरसी छंद आधारित) #रचना: ? ------------------------------------------------------------------ #मुखड़ा पहने चोला अंधभक्ति का, अंधा हुआ जहान। धर्म कहे क्या समझ न पाते, मुश्किल में इंसान।। #अंतरा फैला है आडम्बर... Hindi · गीत 2 225 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2019 · 1 min read सरस्वती वंदना (अनुराधा घनाक्षरी) माँँ पद्मनीलया को प्रणाम - पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' माता का नाम:- श्रीमती मंजू देवी शहर का नाम:- मुसहरवा (मंशानगर), पश्चिमी चम्पारण, बिहार प्रदत्त छंद,, अनुराधा घनाक्षरी ______________________________________________ नमामि हंसवाहिनी, नमामि... Hindi · घनाक्षरी 3 1 917 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद शहरों की बस चमक में, भुला दिये हैं गाँव। लेकिन शहरों में कहाँ, पीपल की वह छाँव। पीपल की वह छाँव, दे सदा शीतल छाया। हर्ष रहे अतिरेक, रहे अरु... Hindi · कुण्डलिया 2 442 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक विधा - #मुक्तक जिये जा रहा हूँ, अकेले अकेले। सिये जा रहा हूँ, अकेले अकेले। जहर जिन्दगी बन गई आज मेरी- पिये जा रहा हूँ, अकेले अकेले।। न आँसू बचे... Hindi · मुक्तक 3 279 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Nov 2019 · 1 min read प्रेम रंग (कुंडलिया) प्रेम- रंग ********************************** प्याला पीकर प्रेम का, कृष्णा, हुई निहाल। सुधबुध तन है खो रहा, देख मोहना हाल।। देख मोहना हाल, अजब है प्रीत तुम्हारी। पीकर हुई निहाल, गई मैं... Hindi · कुण्डलिया 3 395 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक करो कुछ काम तुम ऐसा, जगत में नाम हो जाये। भले पथ पे सदा चलना, जगत सम्मान हो जाये। बुराई है जहर जग में, बुरे से दूर ही रहना- बुरे... Hindi · मुक्तक 2 239 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read अमर्ष (क्रोध) #विषय--- #अमर्ष का समानार्थी #क्रोध **************************** नवीन एक शोध कर। शत्रु पे तू क्रोध कर। रक्त में रहे उबाल। शत्रु से करो सवाल। कुरीति का विरोध कर। शत्रु पे तू... Hindi · कविता 2 247 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read जीवन चक्र जीवन चक्र (कविता) जन्म मरण जीवन का पहिया, नित्य यहाँ पर चलता है। बात सत्य यह कालचक्र भी हमसे हरपल कहता है। जन्म मरण के बीच का जीवन बचपन, प्रौढ़,... Hindi · कविता 1 476 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read भुजंगप्रयात छंद भुजंगप्रयात छंद १२२ १२२ १२२ १२२ जिये जा रहा हूँ, अकेले, अकेले। सिये जा रहा हूँ, अकेले, अकेले।। नहीं . एक साथी, न कोई सहारा। बता भाग्य कैसे, लिखा है... Hindi · कविता 1 698 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read भुजंगप्रयात छंद भुजंगप्रयात छंद १२२ १२२ १२२ १२२ शुचे ! पास मेरे, कथाएँ पड़ी हैं। निशानी तुम्हारी, व्यथाएँ पड़ी हैं।। हरे वक्ष के है,अभी घाव सारे। मिले थे, मुझे जो, तुम्हारे सहारे।।... Hindi · कविता 1 516 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद नेता से नाता नहीं, नेता करे अनेत। देख दशा अब देश की, जाओ सब हीं चेत।। जाओ सब ही चेत, नेत से नाता जोड़ो। करे नहीं जो काम, सभी मिल... Hindi · कुण्डलिया 350 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद सादर नमन ......?? न्यायपालिका ने किया, सुंदर सा उदघोष। हरि जीते सँग में खुदा, हुआ परम संतोष।। हुआ परम संतोष, फैसला सुंदर आया। हुआ नहीं अन्याय, सभी के मन को... Hindi · कुण्डलिया 1 234 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद बरसे नयना याद में, पिया गये परदेश। निर्मोही आया नही, ना भेजत संदेश।। ना भेजत संदेश, कहूँ मैं किससे दुखड़ा। भये दूज के चाँद, दिखावत नाही मुखड़ा।। कहे सचिन कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 279 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Sep 2019 · 1 min read विजात छंद 【गीत】 छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों... Hindi · गीत 3 5 2k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Sep 2019 · 1 min read समय 【मुक्तक】 मात्राभार - २८ विषय - समय --------------------------------------------------------- लगाकर पंख उड़ता है, समय क्या खूब चलता है। समय संग जो नहीं चलते, वहीं फिर हाथ मलता है। समय रुकता नहीं पथ... Hindi · मुक्तक 1 419 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Sep 2019 · 1 min read घनाक्षरी 【 आरक्षण 】 #आयोजन--#मासिक_प्रशस्ति_पत्र_ #विधा-- घनाक्षरी ?????????????? .....आरक्षण.... ===\===//=== करें क्या जतन कैसे, मुक्त हों आरक्षण से। मेधावी के सपनों का , सुन्दर संसार हो।। न आपस म़े द्वेष हो, न जन मन... Hindi · घनाक्षरी 1 230 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2019 · 1 min read कहाँ गये वो दिन विषय--चाय ************************** कहाँ गये वो दिन? ^^^^^^^^^^^^^^^^^ वो दिन भी कितने सुन्दर थे। हम तुम जब साथ में रहते थे। हाथों में चाय की प्याली ले- मन की बातों को... Hindi · कविता 502 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2019 · 1 min read विजात छंद ???प्रार्थना??? ************************ प्रभु मेहमान बन आओ। साक घर मेरे भी खाओ।। विदुर के घर गये थे तुम। चखे थे बेर सबरी तुम। अहिल्या तार आये थे। दैत्य संहार आये थे।... Hindi · कविता 429 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Sep 2019 · 1 min read चोट दिल पे लगी मुस्कुराते रहे। ******** #सादर_समीक्षार्थ******* चोट दिल पे लगी मुस्कुराते रहे। बस खुशी ही खुशी हम दिखाते रहे। जख्म दिल पे लगा क्यों दिखायें भला- बस यही सोचकर ग़म छुपाते रहे। लोग मय्यत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 273 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Sep 2019 · 1 min read मनोरम छंद #छंद - मनोरम #विधान - 【२१२२ २१२२】 ******************************** मीत मन के द्वार खोलो। प्रेम से कुछ यार बोलो।। साथ जो मिल जाय तेरा। सुख भरा हो फिर सबेरा।। उर भरा... Hindi · कविता 1 276 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक ?????मुक्तक????? पीर अन्तरमन की छूपा कब पाते हैं। वेदना हृदय की बरबस बह जाते है। है दर्द प्रीत का कठिन इस जगत में- जाने वाले जाकर भी दर्द छोड़ जाते... Hindi · मुक्तक 1 225 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Sep 2019 · 1 min read मनोरम छंद (बीभत्स रस) विधान ? 【 २१२२ २१२२ 】 ************************* युद्ध भीषण हो रहा था। मनुज मति तब खो रहा था।। मांस के चिथड़े पड़े थे। आँख गिद्धों के गड़े थे।। पिशित मानुष... Hindi · कविता 1 244 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना गणेशोत्सव की आप सभी को आनंतशः अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं।।?????✍️✍️✍️✍️✍️✍️ गणेश वंदना ************************** जय गणेश गणपति गणनायक। मंगलकर्ता हे सुखदायक।। रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता। हे गणनायक भाग्यविधाता।। तीहुँ लोक... Hindi · कविता 2 250 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Sep 2019 · 1 min read दोहावली ??.?✍️✍️??दोहा??✍️✍️???? नाम जपे भव से तरे, और मिले प्रभु धाम। सत्य यही स्वीकारिये, जपो राम का नाम।। ???????????? ललना मुख तब देखिके,यशोमति भयी निहाल। नंद नगर ऊत्सव बड़ा, जन जन... Hindi · दोहा 1 526 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Sep 2019 · 1 min read दोहा दोहे ======== रचे महावर पाव में, गजब किया श्रृंगार। एक बार तो देख लो, ऐ मेरे सरकार।। मैं विरहन बनकर फिरूं, तुम बैठे परदेश। नहीं दरश को आ रहे, ना... Hindi · दोहा 1 233 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक {मात्राभार १४} चले आओ चले आओ। सजन अब घर चले आओ। विरह में मैं न मिट जाऊं- दरश देने चले आओ।। ✍️पं.संजीव शुक्ल "सचिन" Hindi · मुक्तक 1 211 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Aug 2019 · 1 min read कृषक 【लावणी छंद गीत】 सूखे से संतप्त कृषक हैं, पड़ी बेड़ियां पावों में। अति वृष्टि से बाढ़ का खतरा, रुदन पड़ा है गावों में। माह आषाढ़ पल में बीता, इन्द्र देव तब रूठे थे।... Hindi · गीत 1 289 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Aug 2019 · 1 min read तुम्हारा ही सहारा (मुक्तक) ???????????? इनायत है हरी तेरा, सभी से प्यार मिलता है। तुम्हारे ही भरोसे पर, सकल संसार चलता है। सदा आशीष देना तुम, सभी में प्रेम हो पूरित- तुम्हारे ही भरोसे... Hindi · मुक्तक 1 448 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमें जिसने यहां भेजा , वही हमको खिलाता है। जगत में जीव हैं जितने, वही सबको जिलाता है। मिला हमको यहाँ जो भी, उसी ईश्वर की मर्जी से- जगाता है... Hindi · मुक्तक 1 218 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2019 · 1 min read सावन #सादर_समीक्षार्थ सावन आस लाता है, सुखद बरसात लाता है। गमों के पीर से बोझिल, विरह की रात लाता है। समझ पाता नहीं कोई, सावन की है क्या- मंशा - कही... Hindi · कविता 279 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Aug 2019 · 1 min read मेरे खेवनहार *********************?************************ मेरे खेवनहार ____=====____ ऐ मेरे सरकार, तुम ही खेवनहार। नैया है मजधार, नाथ लगाओ पार।। मैं बालक मतिमंद, हूँ पर गैरतमंद। कर दो बेड़ा पार, जीवन हो साकार।। सुन... Hindi · गीत 1 211 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Aug 2019 · 1 min read विडम्बना सावन के संगीत गये खो, कहाँ दिखे अब सावन। सावन की वह बात पुरातन, जो दिखता मनभावन। कॉल विडीयों युग मे गर जो , हुये पिया परदेशी- नित्य बात करती... Hindi · मुक्तक 1 431 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Aug 2019 · 1 min read मनुहार #विधा - गीत ++++++++++++++++ मनुहार ********* सजन आओ चले आओ। मिलन के गीत अब गाओ।। कि सावन आस देता है। सुखद बरसात देता है। गमों के पीर से बोझिल- विरह... Hindi · गीत 1 508 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Aug 2019 · 1 min read विधाता छंद विधा - विजात छंद विषय - उर्मिल व्यथा ********#सादर_समीक्षार्थ************* कहूँ पीड़ा लखन प्यारे। तुम्हें ढूंढे नयन हारे।। गये तुम संग रघुवर के। कि सेवक हो सिया वर के।। सभी रहते... Hindi · गीत 1 374 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Aug 2019 · 1 min read मनुहार प्रभु मेहमान बन आओ। साक घर मेरे भी खाओ।। विदुर के घर गये थे तुम। चखे थे बेर सबरी तुम। अहिल्या तार आये थे। दैत्य संहार आये थे। नाथ दुख... Hindi · गीत 1 216 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Aug 2019 · 1 min read तिलका छंद शिल्प? सगण, सगण (११२ ११२) ६ वर्ण दो - दो चरण समतुकान्त घनश्याम भजो। सब पाप तजो।। उर ज्ञान भरो। भव पार करो।। जय श्याम हरे। घनश्याम हरे।। मन मीत... Hindi · कविता 1 684 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Aug 2019 · 1 min read तिलका छंद शिल्प .? सगण, सगण ११२ ११२ छः वर्ण (दो दो चरण समतुकान्त) शिव को जप लो। तुम भी तप लो।। उर में भर लो। भव से तर लो।। शिव शंकर... Hindi · कविता 2 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Aug 2019 · 1 min read अखबार (सरसी छंद) #तिथि - २/८/२०१९ #विधा - सरसी छंद #विषय - अखबार ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ अखबारों से नाता अपना, है बचपन से यार। बिना पढे अखबार सुबह को, लगता सब बेकार।। छोटे थे तब... Hindi · गीत 1 350 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Aug 2019 · 1 min read हंसगति छंद #स्वैच्छिक_छंद_लेखन #तिथि - ३/८/२०१९ #दिवस - शनिवार ******************************** छ्न्द – हंसगति ( २0 मात्रा ) शिल्प विधान — 11,9= 20 प्रथम चरण ११ मात्रा ,चरणान्त २१ से अनिवार्य । (इस... Hindi · कविता 2 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Aug 2019 · 1 min read विधाता छंद #विधा-विधाता छन्द आधारित गीत #विधाता छन्द विधान-1222 1222 1222 1222+28 मात्रा1,7,15,22वीं मात्रा लघु अनिवार्य __________________________________________ सजन से ये मिलन अपना, सुखद अहसास लाया है। बहारे आ गई देखो, फिजॉं में... Hindi · गीत 1 856 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jul 2019 · 1 min read चौपाई दिवस - बुधवार तिथि - २४/७/२०१९ विधा - चौपाई विषय - चित्राधारित ***************************** जय शिवशंकर डमरू धारी। जय नंदीश्वर जय त्रिपुरारी।। तीहु लोक के तुम हो स्वामी। हे जगदीश्वर अंतर्यामी।।... Hindi · कविता 1 391 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jul 2019 · 1 min read एकावली छंद शिल्प -- ५-५ पर यति, १० मात्रिक छंद, दो - दो चरण समतुकान्त!! लोभ से, दूर हो । धर्म मेंँ, चूर हो।। त्याग का , भान हो। तभी तो मान... Hindi · कविता 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jun 2019 · 1 min read नारी का सम्मान होना चाहिए!! विषय- नारी के प्रति सामाजिक विषमता विधा- गीत (मुक्तछंद) ------------------------------------- 【मुखड़ा】 कुप्रथा कुरीतियों का ,अंत होना चाहिये। इस जहाँ में नारी का , सम्मान होना चाहिये। [अंतरा] माँ बने बेटी... Hindi · गीत 1 513 Share Previous Page 7 Next