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गाँवों के नष्ट होते स्वरूप एवं ग्रामीण संस्कार एवं मूल्यों के ह्रास पर आपकी व्यथा अनुभूती सामयिक गंभीर दशा का सूचक है। धन्यवाद !
जी सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री
गाँवों के नष्ट होते स्वरूप एवं ग्रामीण संस्कार एवं मूल्यों के ह्रास पर आपकी व्यथा अनुभूती सामयिक गंभीर दशा का सूचक है।
धन्यवाद !
जी सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री