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यह जो मेरी वीरान सी आंखें है..
यह जो मेरी वीरान सी आंखें है..
कवि दीपक बवेजा
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
कवि दीपक बवेजा
कच्ची उम्र के बच्चों तुम इश्क में मत पड़ना
कच्ची उम्र के बच्चों तुम इश्क में मत पड़ना
कवि दीपक बवेजा
अपनी सीमाओं को लांगा
अपनी सीमाओं को लांगा
कवि दीपक बवेजा
ठोकरे इतनी खाई है हमने,
ठोकरे इतनी खाई है हमने,
कवि दीपक बवेजा
Har subha uthti hai ummid ki kiran
Har subha uthti hai ummid ki kiran
कवि दीपक बवेजा
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
कवि दीपक बवेजा
माँ
माँ
कवि दीपक बवेजा
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
कवि दीपक बवेजा
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कवि दीपक बवेजा
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
कवि दीपक बवेजा
रात के अंधेरे में नसीब आजमाना ठीक नहीं है
रात के अंधेरे में नसीब आजमाना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
उतर के आया चेहरे का नकाब उसका,
उतर के आया चेहरे का नकाब उसका,
कवि दीपक बवेजा
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
कवि दीपक बवेजा
उसने कौन से जन्म का हिसाब चुकता किया है
उसने कौन से जन्म का हिसाब चुकता किया है
कवि दीपक बवेजा
इतना हल्का लगा फायदा..,
इतना हल्का लगा फायदा..,
कवि दीपक बवेजा
रातों पर अब कोई शिकवा नहीं है
रातों पर अब कोई शिकवा नहीं है
कवि दीपक बवेजा
मेरी सादगी को देखकर सोचता है जमाना
मेरी सादगी को देखकर सोचता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
आसमानों को छूने की जद में निकले
आसमानों को छूने की जद में निकले
कवि दीपक बवेजा
चमकना है सितारों सा
चमकना है सितारों सा
कवि दीपक बवेजा
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
कवि दीपक बवेजा
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
कवि दीपक बवेजा
व्यवहार कैसा होगा बोल बता देता है..,
व्यवहार कैसा होगा बोल बता देता है..,
कवि दीपक बवेजा
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
कवि दीपक बवेजा
बड़ी मुश्किल से लगा दिल
बड़ी मुश्किल से लगा दिल
कवि दीपक बवेजा
हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं.........
हर कसौटी पर उसकी मैं खरा उतर जाऊं.........
कवि दीपक बवेजा
खुशी के माहौल में दिल उदास क्यों है,
खुशी के माहौल में दिल उदास क्यों है,
कवि दीपक बवेजा
"हर रास्ते में फूलों से ना होगा सामना
कवि दीपक बवेजा
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
इश्क मुकम्मल करके निकला
इश्क मुकम्मल करके निकला
कवि दीपक बवेजा
रात के अंधेरे के निकलते ही मशहूर हो जाऊंगा मैं,
रात के अंधेरे के निकलते ही मशहूर हो जाऊंगा मैं,
कवि दीपक बवेजा
दिल जानता है दिल की व्यथा क्या है
दिल जानता है दिल की व्यथा क्या है
कवि दीपक बवेजा
मुझसे पूछा उसने तुमने मां पर भी कुछ लिखा
मुझसे पूछा उसने तुमने मां पर भी कुछ लिखा
कवि दीपक बवेजा
किसी पत्थर पर इल्जाम क्यों लगाया जाता है
किसी पत्थर पर इल्जाम क्यों लगाया जाता है
कवि दीपक बवेजा
"Har Raha mukmmal kaha Hoti Hai
कवि दीपक बवेजा
दिल की दहलीज पर कदमों के निशा आज भी है
दिल की दहलीज पर कदमों के निशा आज भी है
कवि दीपक बवेजा
न गिराओ हवाओं मुझे , औकाद में रहो
न गिराओ हवाओं मुझे , औकाद में रहो
कवि दीपक बवेजा
यह रूठना मनाना, मनाकर फिर रूठ जाना ,
यह रूठना मनाना, मनाकर फिर रूठ जाना ,
कवि दीपक बवेजा
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
कवि दीपक बवेजा
मन हो अगर उदास
मन हो अगर उदास
कवि दीपक बवेजा
उम्मीदों का उगता सूरज बादलों में मौन खड़ा है |
उम्मीदों का उगता सूरज बादलों में मौन खड़ा है |
कवि दीपक बवेजा
बेरोजगारों को वैलेंटाइन खुद ही बनाना पड़ता है......
बेरोजगारों को वैलेंटाइन खुद ही बनाना पड़ता है......
कवि दीपक बवेजा
इतना घुमाया मुझे
इतना घुमाया मुझे
कवि दीपक बवेजा
इतना तराशेंगे खुद को
इतना तराशेंगे खुद को
कवि दीपक बवेजा
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
कवि दीपक बवेजा
रात चाहें अंधेरों के आलम से गुजरी हो
रात चाहें अंधेरों के आलम से गुजरी हो
कवि दीपक बवेजा
"अगर तू अपना है तो एक एहसान कर दे
कवि दीपक बवेजा
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
कवि दीपक बवेजा
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