VINOD CHAUHAN 446 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read जिस नारी ने जन्म दिया जिस नारी ने जन्म दिया उसकी कोंख लजाते क्यों जिस ऑ॑चल में बचपन बीता उसी से मुॅ॑ह छिपाते क्यों जिस नारी ने जन्म दिया............... शर्म हया काफूर हुई सब लाज... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 72 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read हर तरफ खामोशी क्यों है दिल हैरान है हर तरफ खामोशी क्यों है लोग सहमें और चेहरों पर उदासी क्यों है------दिल बुझे-बुझे से लगते हैं खयालात सबके मेरे जैसे ही क्यों लगते हैं हालात सबके... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 105 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read कोई मंझधार में पड़ा है कोई तुफान में घिरा है तो कोई मंझधार में पड़ा है आदमी आदमी से न जाने कौन सी तकरार में पड़ा है जिसे भी देखिए बस खोया है अपनी ही... Poetry Writing Challenge-2 2 68 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना वक्त तुम्हारा साथ ना दे तो पीछे कदम हटाना ना विकट समय में रख हौसला अपने होश गंवाना ना अच्छा माॅ॑झी नांव कभी भी बीच मंझधार नहीं छोड़े आंधी और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 152 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read कहाॅ॑ है नूर कहाॅ॑ है नूर कहाॅ॑ अब नूर-ए-जिंदगी है हद हो चुकी है पार हया न शर्मिंदगी है रोज होते हैं उपवास और रोज़े यहां पर मगर न तो खुदा न खुदा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 86 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अरे कोई बताएगा-क्या कोई बताएगा कहीं महफ़िल तो कहीं ये तन्हाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑......... कौन किसका क्या ले जाता है झूठा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 87 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read यह नफरत बुरी है ना पालो इसे यह नफरत बुरी है ना पालो इसे दिलों में खलिश है निकालो इसे--यह नफरत न तेरा न मेरा न इसका न उसका है सबका वतन ये बचा लो इसे--यह नफरत... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 127 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read कोई भोली समझता है कोई भोली समझता है कोई कोमल समझता है कोई औरत को बस ममता की एक मूर्त समझता है जन्म जिसने दिया मुझको तुम्हें और इस सृष्टि को उसी देवी को... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 112 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read वक्त नहीं है दो घड़ी मुस्कुरा लूं पर वक्त नहीं है दो घड़ी खिलखिला लूं पर वक्त नहीं है दो घड़ी मुस्कुरा लूं.......... काम है बहुत से ये जिंदगी दो पल की पल... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 101 Share VINOD CHAUHAN 18 Feb 2024 · 1 min read मैं पीपल का पेड़ मैं पीपल का पेड़ मैं पीपल का पेड़ पवित्र पूजनीय प्रफुल्लित छायामयी हरित हर्षित मैं पीपल का पेड़ कितने ही युग हैं गए गुजर मैं जिंदा यूॅ॑ खड़ा अमर मैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 143 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read परिंदा खुश किस्मत आजाद परिंदा बेघर पर आबाद परिंदा आसमान में उड़ने वाला सबको आता याद परिंदा पिंजरे में कोई कैद ना करना करता है फरियाद परिंदा भोर का तारा ज्यों... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 182 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे मैं जो कहता हूॅ॑ खुदा कसम मान जाओगे ये जिंदगी है तुम्हारी सुनो एक अबुझ पहेली आसान दिखती है मगर नहीं आसान... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 141 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑ ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑ ना मुरीद रखता हूॅ॑ ना मेहरबान रखता हूॅ॑ अगर कुछ रखता हूं-अगर कुछ रखता हूॅ॑ देखो अलग सोच है अलग पहचान रखता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 1 126 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं डूबता सूरज हूॅ॑ या कोई टूटा हुआ ख्वाब हूॅ॑ मैं बंद कमरे में अकेला जलता हुआ चिराग हूॅ॑ मैं महफिलों में हॅ॑सता रहा धड़कनों में बसता रहा लबलबाते जाम से... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 127 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते कौन कहता है कि इनके अरमाॅ॑ नहीं होते छुपा लेते हैं ओंश के रूप में ये ऑ॑सू दर्द दिल के इनके कभी भी बयाॅ॑... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 104 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read है नसीब अपना अपना-अपना किसको क्या मिले हैं नसीब अपना-अपना खुशियां मिले या गम है नसीब अपना-अपना राहें जुदा-जुदा हैं सुख-दुख की जिंदगी में मिले कौन सी डगर ये है नसीब अपना-अपना कोई पूजता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 1 92 Share VINOD CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read जज्बात लिख रहा हूॅ॑ ये ग़ज़ल नहीं मैं अपने जज्बात लिख रहा हूॅ॑ एक बात है ज़ुबां पर एक बात लिख रहा हूॅ॑ ये ग़ज़ल नहीं मैं अपने.......... कभी संग चला जमाना कभी रह... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता/ग़ज़ल 2 122 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी ना कोई राजा है ना कोई रानी सुनो सुनाऊं.......... प्रकृति का तो ह्रास हो रहा चारों तरफ सर्वनाश हो रहा है दूषित हो रही हवा और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 98 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read संस्कारों को भूल रहे हैं आडंबर की होड़ लगी है संस्कारों को भूल रहे हैं गैरों की गलबहियाॅ॑ होकर मात पिता को भूल रहे हैं-आडंबर की होड़ मानवता का फर्ज निभाते औरों को नित्य राह... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 3 64 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read ना वह हवा ना पानी है अब नित रोज ही नई कहानी है अब ना वह हवा ना वह पानी है अब लोग भटक रहे हैं भ्रम के सायों में ना वह बचपन ना वो जवानी है... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 90 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑ अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑ हालात सुधरे हैं या बिगड़े आज तोल रहा हूॅ॑ अफसोस है मैं............ मैंने संकल्प लिया था गरीबी को मिटाने का पर अफसोस... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 78 Share VINOD CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे छा गए आसमाॅ॑ के परिंदे - आ गए कोई भी इनमें कम नहीं कोई भी इनको गम नहीं बतला रहे आसमाॅ॑ के परिंदे - आ... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 106 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना यही इच्छा है मेरी जिसे हरगिज ना ठुकराना जलाना आग में ना ही........... किसी के काम आ जाए सुनो मिट्टी की... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 73 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें भीगा है मन बारिश में भीगा आसमाॅ॑ भीगी धरा भीगा है तन बारिश में ----- भीगे अरमाॅ॑ घनघोर घटाएं गिर-घर आएं हर्षित मन को खूब लुभाएं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 76 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव यह कैसा धर्म युद्ध है केशव अपनों का सॅ॑हार हुआ अपनों के हथियार चले अपनों पर अत्याचार हुआ-ये पूत पिता पितामह खोए खोया सब रिश्ते नातों को भाई बंधु और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 70 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read मेरा गुरूर है पिता मेरा हर्ष मेरा गर्व या कहूॅ॑ मेरा गुरूर है पिता मेरी सजल इन अंखियों का कोहिनूर है पिता मेरे पिता को फक्र मुझ पर और फिक्र है मेरी इसीलिए मैं... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 123 Share VINOD CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑ जमाने के रंगों में मै ढ़लने लगा हूॅ॑ ना चाहकर भी खुद को बदलने लगा हूॅ॑ जमाने के रंगों में............ हकीकत समझ आ रही जिंदगी की सपनों से भी आगे... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 111 Share VINOD CHAUHAN 1 Feb 2024 · 1 min read यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा नाराजगी पड़ोसी से, पड़ोसन पे यूॅ॑ फिदा यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा यह कौन सी तहजीब है........... देखा नहीं कि हमको तुम यूॅ॑ मुॅ॑ह को फेरते... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 124 Share VINOD CHAUHAN 1 Feb 2024 · 1 min read छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा तेरे चेहरे में छिपा है बता ये मंज़र कैसा ऑ॑॑ख कातिल और नजर में ये खंजर कैसा तेरे चेहरे में छिपा है.......... लोग कहते हैं तुमसा नहीं कोई जमाने में... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 3 120 Share VINOD CHAUHAN 1 Feb 2024 · 1 min read करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए करो सम्मान पत्नी का.......... अगर रुठे तो मना लो रिझाकर प्यारी बातों से ना खिंचो लम्बी कहानी अगर तकरार हो जाए करो... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 125 Share VINOD CHAUHAN 31 Jan 2024 · 1 min read पड़ोसन के वास्ते अपने भी क्यूॅ॑ खफा हुए पड़ोसन के वास्ते हमसे ही क्यूॅ॑ रुसवा हुए पड़ोसन के वास्ते हम पर जुनून पड़ोसन का ऐसे चढ़ा हुजूर लो क्या से जानें क्या हुए... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 111 Share VINOD CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा हर भ्रम तुम्हारा सुनो एक दिन मिटा देगा तुम्हारा दिल ही तुम्हें आईना दिखा देगा-तुम्हारा दिल कौन अपना है कौन पराया आज मालूम नहीं कल ये वक्त तुम्हें असलियत बता... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 208 Share VINOD CHAUHAN 29 Jan 2024 · 1 min read ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए अपनों में आज कैसे हम अंजान हो गए सब जानते हैं हमको मगर बेनाम हो गए रह गई धरी की धरी समझधारियां सभी नासमझों की नजरों में हम नादान हो... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 92 Share VINOD CHAUHAN 29 Jan 2024 · 1 min read मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो मैं शब्द हूॅ॑ मगर उसकी आवाज तुम्ही हो मैं जिंदगी हूॅ॑ उसका कल और आज तुम्ही हो मैं कुछ नहीं हूॅ॑ बिन तेरे स्वीकार है मुझे मै सुर हूॅ॑ किसी... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 74 Share VINOD CHAUHAN 28 Jan 2024 · 1 min read मेरे अल्फाज याद रखना जब तुम खुद से दूर कहीं निकल जाओ जिंदगी की जद्दोजहद में उलझ जाओ मेरी गुजारिश मेरी फरियाद याद रखना मैं ना रहूॅ॑ तो मेरे अल्फ़ाज़ याद रखा----मैं ना रहूॅ॑... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 105 Share VINOD CHAUHAN 28 Jan 2024 · 1 min read माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है लगती है चोट बच्चे को तो माॅ॑ ही रोती है मानो हमेशा कहना उनकी बात ना टालो आंचल में माॅ॑ के जिंदगी महफूज... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 117 Share VINOD CHAUHAN 2 Jan 2024 · 6 min read असली अभागा कौन ??? मैं हूँ संजय माँ का दुलारा,पिता का सहारा और बहनों का प्यारा । मैं आज आपको जिंदगी की कड़वी सच्चाई,अपनी कहानी,अपनों की वेदना और अपनों की पीड़ा को जिंदगी न... Hindi · V9द चौहान · सच्ची घटना 4 6 175 Share VINOD CHAUHAN 17 Dec 2023 · 1 min read पढ़ो और पढ़ाओ पढ़ो और पढ़ाओ शिक्षा की लौ जगाओ शिक्षा अधूरी जीवन अधूरा शिक्षा नहीं सम्मान नहीं पढ़ो और पढ़ाओ Quote Writer 2 227 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही खुद को जाना ही नहीं पर खुदा को ढुँढ रहे Quote Writer 2 1 148 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की तुमको पाने की ख्वाहिश मगर ख्वाहिश ही रही Quote Writer 1 202 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read जिंदगी की राहों पे अकेले भी चलना होगा जिंदगी की राहों पे अकेले भी चलना होगा हर घड़ी हमसफर की ख्वाहिश ना रख सफर अंजान है बेशक मगर चलना होगा हर घड़ी रहगुज़र की ख्वाहिश ना रख Quote Writer 1 178 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read खाक मुझको भी होना है खाक मुझको भी होना है खाक तुझको भी जरा ये तो बता तेरा-मेरा खुदा अलग क्यों है ख़ाक मुझको भी होना है............ मैं हिन्दू हूं तूं मुस्लिम है बता कहां... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 213 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read बड़े ही फक्र से बनाया है बड़े ही फक्र से बनाया है खुदा ने दुनिया को फेर कर मुंह अपना खुदा की तौहिन न कर Quote Writer 1 235 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read मौत के डर से सहमी-सहमी मौत के डर से सहमी-सहमी जिंदगी यूँ ही गुजारा ना करो खिजां को आना है आ जाए फिजाओं से किनारा ना करो Quote Writer 1 210 Share VINOD CHAUHAN 5 Dec 2023 · 1 min read हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था मगर रब का दिया हर रंग फिका निकला Quote Writer 2 2 193 Share VINOD CHAUHAN 24 Oct 2023 · 1 min read जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना राम मिलेगा खुद के अंदर गुण ह्रदय में धारो ना जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 198 Share VINOD CHAUHAN 8 Oct 2023 · 1 min read मैं तो महज इतिहास हूँ मैं तो महज इतिहास हूँ कुछ तो लिखा हूँ कुछ अनलिखा हूँ मैं तो महज इतिहास हूँ देखे हैं पूर्वज सभी हुए जो अग्रज कभी मैं तो महज इतिहास हूँ... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 224 Share VINOD CHAUHAN 8 Oct 2023 · 1 min read न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ अगर कुछ रखता हूँ --2 तो अलग पहचान रखता हूँ लोग समझते हैं मैं बदनसीब हूँ बड़ा वो क्या जानें हुजूर मुझको--2... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · V9द चौहान 2 255 Share VINOD CHAUHAN 13 Sep 2023 · 1 min read कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया जिंदगी तेरे सफर में क्या-क्या न रह गया कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया बचपन था खुशनुमा वो खुशियाँ बटोरते थे सपनों भरा वो बचपन गुमनाम रह गया... Hindi · V9द चौहान · कविता 3 209 Share VINOD CHAUHAN 2 Jul 2023 · 1 min read मेरी फितरत तो देख मैं लड़खड़ा के यूँ चलता हूँ मेरी किस्मत ना देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ मेरी फितरत तो देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ................ जीवन के इन रास्तों में,डग-डग पर... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 7 391 Share Previous Page 5 Next