Anamika Singh 380 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Anamika Singh 19 May 2022 · 1 min read बेटी का पत्र माँ के नाम (भाग २) ससुराल की पहली सुबह अलार्म की घंटी बजी माँ बंद करो, माँ बंद करो अध की नींद मे रोज की तरह, मैं तुमसे कहने लगी। अध पलक आँखो तुम्हे ढूंढा... Hindi · कविता 4 581 Share Anamika Singh 19 May 2022 · 1 min read बेटी का पत्र माँ के नाम माँ जब डोली चढ़ कर आई, मैं अपने ससुराल । सबका हाल पूछने में भूल गई मैं अपना हाल । माँ एक - एक कर के मैं रखती हूँ सबका... Hindi · कविता 8 6 888 Share Anamika Singh 19 May 2022 · 2 min read मिसाइल मैन युगों- युगों ऐसा लाल कभी-कभी ही इस धरती पर आता है। जो अपनी पहचान नाम से नही, अपने कर्म से बनाता है। कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है, यह सीख... Hindi · कविता 4 3 338 Share Anamika Singh 19 May 2022 · 1 min read ऐ जिन्दगी ऐ जिन्दगी तुम चाहती थी, मेरी मुस्कुराहट को छिन कर मुझे घुटनों पर लाना। मुझे नीचा दिखाना। बार-बार मुझे सपने दिखाकर मुझे चोट पहुंचना। मुझको रूलाना। पर देखो फिर से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 287 Share Anamika Singh 18 May 2022 · 2 min read पानी का दर्द आज पानी रो रही है आज पानी रो रही है सिसक सिसक दम तोड़ रही है और हमसे पूँछ रही हैं। सोचो कैसा लगता है जब अपने करे अपनों पर... Hindi · कविता 2 4 419 Share Anamika Singh 17 May 2022 · 1 min read बेजुबान देख बेजुबान जानवर को आज मन में ख्याल आया। कितना तेजी से बदल रहा है समय, आज जुबान वाले से तो अच्छा, ये बेज़ुबान वाले होते जा रहे हैं। हम... Hindi · कविता 3 2 1k Share Anamika Singh 17 May 2022 · 1 min read चिड़ियाँ सुरज के निकलने से पहले ही उठ जाती है सारी चिड़ियाँ। ची- ची करके अपने स्वरों से हम सब को भी उठाती है चिड़ियाँ । जोश भरकर अपने अन्दर यह,... Hindi · कविता 6 2 522 Share Anamika Singh 17 May 2022 · 2 min read ये चिड़िया ये चिड़िया तुम कहाँ से आती और कहाँ को जाती हो। अच्छा है तेरा कोई मजहब धर्म नही है। मंदिर - मस्जिद और गुरूद्वारा में तुम बटी नही हो। अच्छा... Hindi · कविता 5 6 1k Share Anamika Singh 16 May 2022 · 1 min read बुद्ध पूर्णिमा पर तीन मुक्तक। 1: सच्चाई का साथ निभाना अच्छा करना ,अच्छा सोचना प्रेम की धारा मे डूब कर, सबके लिए गहरा प्रेम बहना, यही बुद्ध का पैगाम है । जिसे खुद समझना है... Hindi · मुक्तक 5 8 526 Share Anamika Singh 16 May 2022 · 1 min read खुद को तुम पहचानो नारी [भाग २] सुनो नारी, सुनो नारी! सुनो एक पैगाम। परम्परा के नाम पर न दो खुद का बलिदान । जो परम्परा तेरे पैरो को बाँधे, वह बेड़ियाँ अब खोल दो। जो तुम्हें... Hindi · कविता 6 4 421 Share Anamika Singh 16 May 2022 · 3 min read खुद को तुम पहचानों नारी ( भाग १) हे नारी तुम सुन लो,सुन लो सुन लो यें पैगाम । अपने जीवन की डोर को, न दो किसी और के हाथों में लगाम । अपने हक को तुम पहचानों।... Hindi · कविता 6 6 862 Share Anamika Singh 15 May 2022 · 1 min read बिछड़न [भाग ३] जिस दिन तुम छोड़कर , चले गए थे हमें। उस दिन पूरी तरह टूटकर बिखर गई थी मैं । तुम ही थे मेरा हौसला। तुम ही थे मेरी हिम्मत। तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 925 Share Anamika Singh 14 May 2022 · 2 min read कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग८] आप कहते हो मेरे पापा, यह रस्म बहुत पुराना है। मैंने ही नहीं सदियों से लोगों ने इसको माना है। सतयुग में भी जनक जी ने सीता का कन्यादान किया... Hindi · कविता 3 2 425 Share Anamika Singh 14 May 2022 · 5 min read समय और रिश्ते। यह कहानी अर्चना नाम की एक महिला की है।वह एक घरेलु महिला थी।उसकी पढ़ाई किसी कारणवश बारहवी तक ही हुई थी। अर्चना अपने परिवार में बहुत खुश थी। उसके पति... Hindi · कहानी 3 4 655 Share Anamika Singh 13 May 2022 · 1 min read राम नाम ही परम सत्य है। काल ने कहा, क्यों मुझको देखकर तुम सब लोग हो जाते हो हताश। जबकि मुझसे ही शुरू होती है तेरी जिन्दगी, और मुझ पर ही खत्म होती है तेरी तलाश।... Hindi · कविता 5 4 618 Share Anamika Singh 13 May 2022 · 1 min read परिस्थितियों के आगे न झुकना। हालातों के आगे घुटने टेककर, न अपनी इच्छा को मिटने दिया। न मिला मखमली सिंहासन तो क्या हुआ! ईंटो का सिंहासन बना खुश हो लिया। कम से कम अपनी इच्छा... Hindi · मुक्तक 6 721 Share Anamika Singh 13 May 2022 · 1 min read बचपन छोटे-छोटे खुशियों में खुशियाँ ढुँढ कर खुश रहे, और उसी में झूमता रहे, बचपन इसी का नाम है। न किसी बात की चिन्ता न किसी बात का फिक्र, न ज्यादा... Hindi · कविता 4 1k Share Anamika Singh 13 May 2022 · 1 min read बिछड़न [भाग २] सात जन्म का वादा करके बीच मे क्यों चल दिए हमें छोड़। जाते-जाते तुमने यह भी न बताया, कहाँ चल दिए और किस ओर। अब तुम ही बताओं हमें मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 377 Share Anamika Singh 12 May 2022 · 1 min read बिछड़न [भाग१] जब ईश्वर आए होंगे धरती से तुम्हें लेने के लिए, उन्हें देख अपने सामने तुम भी भौंचक रह गए होगे। हमें दिये गये वचन ने तुम्हें कई बार रोका होगा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 400 Share Anamika Singh 12 May 2022 · 2 min read मेरा पहला प्यार। आज बरसों बाद मैं , अपने पहले प्यार से मिली । देख उसे मेरी आँखें, है झलक पड़ी। उसको एक नजर देख कर, दिल को बड़ी सकून है मिली। रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 372 Share Anamika Singh 11 May 2022 · 1 min read सेक्लुरिजम का पाठ सेक्लुरिजम का पाठ पढ़ाने वालों, हमें न अब तुम सब पढाओ। बहुत ज्ञान दे दिए हमें अब ज्यादा ज्ञान न बरसाओ। इतिहास उलटकर देखो अपना, फिर हमें तुम बताओ। यह... Hindi · कविता 2 464 Share Anamika Singh 11 May 2022 · 1 min read प्रार्थना इतनी विनती सुन लिजिए हे मेरे प्रभू श्री राम । किया है आपने मेरा निर्माण तो दे दिजीए हमें कोई नाम। लाए है इस जग मे तो दे दिजीए हमे... Hindi · कविता 3 2 309 Share Anamika Singh 11 May 2022 · 2 min read हे गुरू। शब्द नही है मेरे पास ,हे गुरू! कैसे करूँ आपका गुणगान, कुछ छन्द पेश कर आपके चरणों में करती हूँ मैं शत-शत बार प्रणाम। आप दिया हो मैं बाती हूँ,... Hindi · कविता 3 2 415 Share Anamika Singh 11 May 2022 · 1 min read मैं बेटी हूँ। मैं बेटी हूँ! मुझ पर करो नही आप सब अत्याचार । नही मारो मुझे कोख में , मुझको भी दो जीने का अधिकार। मुझे भी प्यार का हक दो, मुझको... Hindi · कविता 3 893 Share Anamika Singh 10 May 2022 · 3 min read पिता की सीख एक कहानी सुनाती हूँ मै, अपने बचपन की।जो हर रोज सुना करती थी मैं अपने पापा के मुख से। एक था पिता जो बुढ़ा होने को चला था। पढ़ा लिखा... Hindi · लघु कथा 3 1 3k Share Anamika Singh 9 May 2022 · 1 min read मैं हूँ किसान। मैं हूँ एक किसान , मिट्टी है मेरे लिए भगवान । वह है मेरी शान, और मैं उसका हूँ सन्तान। जब पसीना मेरा बहता है, तब जाकर भोग मिट्टी पर... Hindi · कविता 5 4 411 Share Anamika Singh 9 May 2022 · 1 min read टूटता तारा आसमान से एक तारा टूटकर, जमीं पर गिड़ रहा था। आसमान से बिछड़ने के गम में वह रोते हुए जमीं पर आ रहा था। आज हो रही थी उसकी शक्ति... Hindi · कविता 4 2 913 Share Anamika Singh 9 May 2022 · 1 min read प्रश्न! प्रश्न लिए खड़ा है! आज हमारे देश को क्या हो गया है। इसका पुराना प्रश्न कहाँ पर खो गया है। बेरोजगारी और मंहगाई के प्रश्न लेकर, क्यों नही देश आज आवाज उठा रहा है।... Hindi · कविता 3 2 489 Share Anamika Singh 8 May 2022 · 2 min read नाथूराम गोडसे भारत के इतिहास विभाजन के समय को , काला समय के रूप में हमेशा देखा जाएगा। जब कुछ अपने ही मिलकर भारत माता को बाँट रहे थे। अपने स्वार्थ के... Hindi · कविता 3 4 804 Share Anamika Singh 8 May 2022 · 5 min read सच्चा प्यार कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं,जो सबके दिल को छू जाते हैं। गढकर एक नई कहानी सबको नई सीख दे जाते हैं ।यह कहानी सुस्मिता की है।वह एक मध्यम वर्गीय परिवार... Hindi · कहानी 4 2 602 Share Anamika Singh 8 May 2022 · 1 min read माँ तुम्हें सलाम हैं। माँ तेरे प्यार को कैसे करूँ बयान, और तेरे द्वारा किए गए मुझ पर एहसानों का, किस-किस चीजों का लू मैं नाम । कोई भला तेरे एहसानों का मोल कैसे... Hindi · कविता 3 2 612 Share Anamika Singh 8 May 2022 · 1 min read माँ तेरी जैसी कोई नही। सारी दुनियाँ देखी मैने, देखी नही तेरी जैसी मूरत। तेरे जैसी निस्वार्थ प्यार करे जो, दिखा नही मुझे कोई इस धरती पर। तुम जिस मिट्टी की बनी हो, नही देखी... Hindi · कविता 2 665 Share Anamika Singh 6 May 2022 · 1 min read रावण - विभीषण संवाद (मेरी कल्पना) विभीषण राम का भक्त था, यह बात रावण भी जान रहा था। फिर क्यों रावण, विभीषण को , राम से मिलने दिया था। मार सकता था वह विभीषण को, फिर... Hindi · कविता 6 6 1k Share Anamika Singh 5 May 2022 · 1 min read आ जाओ राम। राम तेरी नगरी बस रही है। बस तेरी ही कमी हमें खल रही है। आ जाओ राम ,लगाओ फिर दरबार। जन-जन तुम्हें अब ढूंढ़ रही है। जन-जन तुम्हें अब ढूंढ... Hindi · गीत 3 730 Share Anamika Singh 5 May 2022 · 3 min read विभाजन की व्यथा मैं भारत माँ हूँ ! मैं आज अपनी व्यथा सुनाने आई हूँ । धर्म के नाम पर लड़ते देख अपने बच्चों को फिर, देश के विभाजन की याद दिलाने आई... Hindi · कविता 4 8 1k Share Anamika Singh 4 May 2022 · 2 min read सुभाष चंद्र बोस आसमान का एक तारा, जो धुव्र तारा बनकर हमारे इस जमीं पर आया था। दिशाहीन आजादी की लड़ाई की उसने एक दिशा दिखाया था। तुम मुझे खुन दो, मैं तुम्हे... Hindi · कविता 3 277 Share Anamika Singh 4 May 2022 · 3 min read दिल्ली की कहानी मेरी जुबानी [हास्य व्यंग्य! ] आओ चलो बीते कुछ सालों की दिल्ली की कहानी सुनाती हूँ। दिल्ली में रहती हूँ मैं, दिल्ली की हाल बताती हूँ। दिल्ली में इन कुछ सालों में काफी बदलाव देखने... Hindi · कविता 4 2 986 Share Anamika Singh 2 May 2022 · 2 min read बदल रहा है देश मेरा बदल रहा है देश मेरा, मिल रहा विदेशों से सम्मान। भारतीय होने पर मुझको हो रहा है बड़ा अभिमान। अब हमारे देश को किसी की पहचान की जरूरत नहीं है।... Hindi · कविता 4 7 775 Share Anamika Singh 2 May 2022 · 1 min read बदलती परम्परा साल दर साल बितता जा रहा है। हम नये भेष -भुषा, नये आचार-विचार में, अपने आप को ढालते जा रहे हैं। पुरानी सारी परम्पराओं को त्यागते हुए, अपने ही संस्कारों... Hindi · कविता 4 271 Share Anamika Singh 2 May 2022 · 1 min read ऐ वतन! ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ मेरे प्यारे वतन! तू सलामत रहे सदा, इतना ही मांगे मेरा मन। ऐ वतन॥ मेरे खून का एक-एक कतरा तुझ पर कुर्बान है ,वतन मेरा... Hindi · गीत 3 4 982 Share Anamika Singh 1 May 2022 · 1 min read अभिलाषा जब भी मरूं,देश के लिए मरूं, ऐसा देना तुम मुझे वरदान। मेरी मौत ऐसा देना ईश्वर, हो जाऊँ देश के लिए कुर्बान। आऊँ तिरंगे में लिपटकर, धुन बज रहा हो,राष्ट्र... Hindi · कविता 6 4 678 Share Anamika Singh 1 May 2022 · 2 min read हे ईश्वर! हे ईश्वर!इतना भी दर्द न दो कि हमें सहना मुश्किल हो जाए और हम तुम्हारे सामने घुटनों के बल बैठना ही भुल जाएँ। माना कि तुम हो अन्तर्यामी और मैं... Hindi · कविता 4 2 1k Share Anamika Singh 1 May 2022 · 2 min read मैं मजदूर हूँ! मैं मजदूर हूँ ,मैं मजदूर हूँ । हमने अपने इन हाथों से बड़े ,बड़े पत्थर तोड़े हैं। पर कहाँ मै अपनी किस्मत की रेखा को, बदल पाता हूँ। कहाँ अपने... Hindi · कविता 4 1k Share Anamika Singh 1 May 2022 · 1 min read रावण का प्रश्न एक दिन रावण को लोग ले जा रहे थे जलाने। रावण बोल पड़ा, लगा जोर-जोर से चिल्लाने । रावण बोला हर साल मुझे यहाँ क्यो ले आते हो, क्यों सजा-सँवार... Hindi · कविता 10 10 498 Share Anamika Singh 1 May 2022 · 1 min read धरती की फरियाद गर्मी आई, सुखी धरती उगल रही है आग, सुखी पड़ी धरती आज रो-रो कर रही फरियाद। मत काटो तुम पेड़ को, उजड़ गया है मेरा सारा बाग। नदी - नाले... Hindi · कविता 3 309 Share Anamika Singh 1 May 2022 · 1 min read मजदूरों की दुर्दशा मजदूरों की दुर्दशा देख , आज रोना हमें आ रहा है। बड़ी - बड़ी इमारतों के नीचे, सड़कों पर वह जाग रहा है। भूख के मारे उस बेचारे को, आज... Hindi · कविता 4 3 634 Share Anamika Singh 30 Apr 2022 · 2 min read मेरे पापा शब्द नहीं है मेरे पास , पापा! कैसे करूँ आपको व्याख्यान। ऐसी कोई कलम नहीं बनी, जो लिख सके आपका पुरा गुणगान। कैसे रंग भरूँ मैं, आपके प्यार को पापा,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 18 24 1k Share Anamika Singh 30 Apr 2022 · 2 min read रावण का मकसद, मेरी कल्पना रावण था लंका का राजा । वह था बड़ा शक्तिशाली। बुद्धि बल का अदभुत मिश्रण। वह बड़ा था हटशालीl जप-तप में उसकी तुलना में इस संसार में कोई नहीं था।... Hindi · कविता 4 4 758 Share Anamika Singh 30 Apr 2022 · 3 min read और कितना धैर्य धरू और कितना धैर्य धरू, और कितना धैर्य धरू , गर्भ से लेकर मरने तक हम स्त्रियाँ धैर्य ही तो रखती आई हैं। जब माँ के कोख में भी रहती हूँ,... Hindi · कविता 5 5 395 Share Anamika Singh 30 Apr 2022 · 2 min read आज की पत्रकारिता आजकल समाचार पत्र और टीवी पत्रकारिता को क्या हो गया है , देश की जो असली मुद्दा है उससे आजकल सबने किनारा कर लिया है। सब अपने -अपने फायदे के... Hindi · कविता 5 7 911 Share Previous Page 7 Next