Bhupendra Rawat Language: Hindi 323 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी दिल ने दी हिदायत भी बहुत थी इश्क़ की गलियों में दिल ने की आज़माईश भी बहुत थी इश्क़ में जुदाई की रातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 218 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में रुलाया भी बहुत है बहती रही कश्ती पानी में कश्ती को डुबाया भी बहुत है आग को लगाया भी बहुत है जंगल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 340 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read दर्द का ज़ाम पीना नही आया ज़िन्दगी को ज़ीना नही आया दर्द का ज़ाम पीना नही आया दर बदर भटकते रहे ज़ालिम दुनिया में पर लोगों को समझना नहीं आया नक़ाब तो हज़ार थे इस जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 437 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read अश्क़ देने यार फिर आ गए अश्क़ देने यार फ़िर आ गए लबों की हँसी चुराने आ गए मीठी मीठी बाते करके ज़हर पिलाने आ गए शांत बहती हुई धारा में कश्ती यार डुबाने आ गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 343 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read खो गया बचपन किसी कोने में खो गया बचपन किसी कोने में खेलने के दिन नसीब नही झोली में पढ़ाई के दिनों काम में लग गए बचपन के दिन यूं ही गुज़र गये नदां हम बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 329 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read आओ बच्चो खेले खेल आओ बच्चो खेले खेल घोडा,बिल्ली और ये है रेल बड़े अज़ब के है ये खेल किस्म किस्म के है सब खेल आओ मिलकर खेले खेल बचपन के है ये सब... Hindi · कविता 1 1k Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read कर यार बस ज़ख्म दिए इतने उसने कहा अब तू कर यार बस ग़म जदा हो गए वो अब ग़म देकर गये वो यार बस तोहमत थी उनकी क़ल्ब (दिल)में दर्द देकर गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 413 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read फिर नसीब होगा तू बडा खुश नसीब होगा वो तेरे दिल के करीब होगा जब भी होगा नाम तेरा लबों पर उस दिन तेरा नसीब होगा जिस दिन पिएंगे ज़ाम नाम का तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 492 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read मेरे जीने का तू ही तो सहारा है जब जहां सोता सारा है नदां दिल ने तुझे पुकारा है चादं तारों के छाव में आवारा दिल हुआ बेचारा है बीमार दिल का तू ही सहारा समुंद्र का तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 468 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read इरादा कर लिया क्या इश्क़ करने का इरादा कर लिया क्या बर्बाद होने का इरादा कर लिया क्या कश्ती अपनी तूफानों में ले चले डूबने का इरादा कर लिया क्या मरहम नही है इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 451 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read दर्द है फिर भी जिए जा रहा हूँ तुम्हारे बगैर भी जिए जा रहा हूँ दर्द है फिर भी पिए जा रहा हूँ लबों को अपने सिये जा रहा हूँ ग़म जुदाई का पिए जा रहा हूँ क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 468 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read दर्द समझ में आया छत में खिलखिलाती गुलाब की कलियों ने एक सवाल किया जब मुझे तुमने तोडा था मेरे दर्द का कभी ख्याल किया मैं भी उनसे सहम कर बोला दर्द को तुम्हारे... Hindi · कविता 1 416 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read अब तुम आती भी हो तो बताती नही अब तुम आती भी हो तो बताती नही एहसास अपने आने का कराती नही हवा के झरोख़ों सी आती हो चुपके से छूकर जाती नही फ़लक से दोस्ती कर ली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 417 Share Bhupendra Rawat 18 Aug 2017 · 1 min read जिंदगी ने मुझे पाठ पढ़ाया है जिंदगी ने मुझे पाठ पढ़ाया है ठोकरों ने मुझे जीना सीखाया है कदम कदम पर भटकता रहा मैं हर पल ठोकरों ने मुझे समय के अनुरूप ढलना सीखाया है समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share Bhupendra Rawat 18 Aug 2017 · 1 min read मैं, ने ही मैं को मारा है मैं, ने ही मैं को मारा है हम, ही तो रहा शेष रहा सारा है मैं, ने ही तो मैं का संहार किया हम, ने ही तो मिलकर सबका उद्धार... Hindi · कविता 1 318 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read मैं जो भी हूँ तेरी ही तो मेहरबानी है मैं जो भी हूँ तेरी ही तो मेहरबानी है हालातों से लड़कर पहचान बनानी है कल तक तेरे सहारे खड़ा था मैं अब अपने सहारे जिंदगी बितानी है दर्दों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 414 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read ज़िन्दगी तेरी होने लगी है ज़िन्दगी तेरी होने लगी है सपनों में तेरे खोने लगी है लब भी नाम तेरा बुदबुदाते है अब तेरी आदत सी होने लगी है कोरे पन्नो में नाम तेरा नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 294 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read खिलिंगे फूल गुलशन में खिलेंगे फूल गुलशन में तुम पास आओ तो जरा गुल फिर होगा गुलज़ार प्यार जताओ तो जरा तुम्हारी मेहरबानी में जिंदा है माली बन प्यार दिखाओ तो जरा मुरझा गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 280 Share Bhupendra Rawat 16 Aug 2017 · 1 min read बेटी हाइकु 1 बेटा या बेटी ना करो अपमान एक समान 2 बेटी भी होती परिवार की जान नहीं सामान 3 एक नहीं दो आँगन है रोशन बढाती मान 4 कई... Hindi · हाइकु 1 605 Share Bhupendra Rawat 16 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाया ना होता दिल ने धोखा खाया ना होता नदां दिल तुझसे लगाया ना होता अगर समझता तेरी चालाकियों को तेरे पास दिल कभी आया ना होता बदलते मौसम की तरह बदल गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 324 Share Bhupendra Rawat 15 Aug 2017 · 1 min read रात बाकी है अभी आज की पूरी रात बाकी है तेरे मेरे बिच की मुलाकात बाकी है तेरे इंतज़ार में गुज़ार दी है कई रातें आज भी मेरी तुझ से बात बाकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 530 Share Bhupendra Rawat 14 Aug 2017 · 1 min read भारत माँ भारत माँ को भी आ गयी शर्म देख कर अपने बच्चों के क्रम अब नही रही बच्चो को लाज़ कर दिया देश का नाम ख़ाक जिस थाली में खाया था... Hindi · कविता 1 798 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read माँ मेरी भाग्य विधाता है मैं तेरे चरणों की धूल माँ मेरी भाग्य विधाता है इस जहाँ में मेरा माँ से जन्मों का नाता है माँ ने मुझको जन्म दिया बना मैं माँ का साया... Hindi · कविता 1 779 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read एक बार दिल लगाते तो जरा एक बार दिल लगाते तो जरा । दिल लगा कर पास आते तो जरा। तुम तो मुस्कराए और चल दिए। कभी पास आकर हमें भी हंसाते तो जरा। हंस कर... Hindi · मुक्तक 1 385 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read ज़िन्दगी भर मैं सफ़र में रहा ज़िन्दगी भर मैं सफ़र में रहा तन्हा रहा फिर भी जिंदा रहा ज़िन्दगी बशर कर दी उनके इंतज़ार में उनके आने की आस लिये जिन्दा रहा हमनें कब माना था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 362 Share Bhupendra Rawat 13 Aug 2017 · 1 min read शहर में उड़ती हुई ख़बर आयी है शहर में उड़ती हुईएक ख़बर आयी है कुछ मासूमों ने अपनी जान गवाई है कही सफ़ेद कपड़ो में दाग ना लग जाए इसलिए आपातकाल में मीटिंग बुलाई है आज तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 425 Share Bhupendra Rawat 11 Aug 2017 · 4 min read सीमा का संघर्ष पार्ट – 1 हर रोज़ की तरह सीमा आज भी अपने घर से स्कूल के लिए निकली | घर से स्कूल चंद क़दमों की ही दूरी पर था . सीमा अपनी सहेलियों के... Hindi · कहानी 1 390 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2017 · 1 min read पेश वो अदब से आते नही पेश अदब से वो अब आते नही दुखड़ा अपना अब सुनाते नही दोस्ती फरिश्तों से कर ली है अपना अब वो हमें बताते नही मुस्करा कर वो दूर जाते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 320 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2017 · 4 min read सीमा का संघर्ष पार्ट 2 सीमा ने जैसे ही फांसी का फंदा गले में लगाया था, वैसे ही कमरे के दरवाजे से खट-खट की आवाज़ आई, बाहर दरवाजे पर सीमा की माँ खड़ी थी, सीमा... Hindi · कहानी 1 338 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ तो माँ ही होती है जब भी देखो अपने बच्चों की चिंता में होती है सोए हुए बच्चे होते है वो नींदे अपनी खोयी होती है माँ तो माँ... Hindi · कविता 1 807 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read क्या मेरे बिना भी जिंदा रहे पा रहे हो तुम उन्होंने मुझसे एक सवाल पूछा मेरे बिना भी क्या जिंदा रह पा रहे हो तुम हमनें भी मुस्कुराते हुए उनके दिए ज़ख्मो के दर्द को सिया वो ताज्जुब हो गए... Hindi · कविता 1 528 Share Bhupendra Rawat 9 Aug 2017 · 1 min read वो मेरे जर्रे जर्रे में बस्ती है मुझे अब हिचकी आती नही याद उसकी मुझे सताती रही वो मेरे जर्रे जर्रे में बस्ती है हर एक जर्रे में दर्द समाती रही गमज़दा है वो अब सदा के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share Bhupendra Rawat 8 Aug 2017 · 2 min read कभी मुझे पढ़ लेना तुम कभी मुझे पढ़ लेना तुम कभी मैं तुम्हे पढ़ लूँगा पढ़ कर तुम्हारे जज़्बातों को मैं कोरे पन्नो में लिख दूँगा कभी जो मेरे सपने में तुम चोरी से आ... Hindi · कविता 1 524 Share Bhupendra Rawat 8 Aug 2017 · 1 min read राखी रेशम की डोरी बाँध दी रेशम की डोरी बहना ने भाइयों की कलाई में भईया ने उपहार दिया दो शब्दों में इज़हार किया मैं तेरा रक्षक हूँ ऐसा क़रार किया क़रार किया था... Hindi · कविता 1 457 Share Bhupendra Rawat 7 Aug 2017 · 1 min read हम तो उनकी रवानी लिख रहे है हम तो उनकी रवानी लिख रहे है तेरी और मेरी कहानी लिख रहे है वो पढ़े उनकी महेरबानी लिखे रहे है उसके कर्मों की ज़बानी लिख रहे है उनके दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 505 Share Bhupendra Rawat 6 Aug 2017 · 1 min read तुम तो ठेहरे प्रदेशी तुम तो ठेहरे प्रदेशी यूं साथ छोड़ चले अपने किये वादों से क्यों मुंह मोड़ चले हमनें किया था वादा साथ निभाने का यूं मेरी दुनिया में तुम ख्वाब छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 385 Share Bhupendra Rawat 6 Aug 2017 · 1 min read मुझे चाँद में मेरा मेहबूब नज़र आता है मुझे चाँद में मेरा महबूब नजर आता है उसकी सूरत देख चाँद भी क्या खूब नज़र आता है तन्हा बैठे रहते है अक्सर जब से चाँद निकल आता है पलके... Hindi · कविता 1 269 Share Bhupendra Rawat 6 Aug 2017 · 1 min read ग़म ऐ दौर में भी सदा मुस्कुराते रहो ग़म ऐ दौर में भी सदा मुस्कुराते रहो अँधेरा हो, जुगनुओ की तरह जगमागते रहो कांटो में रह कर भी सदा फूलों की तरह महकाते रहो तूफानों में रहकर, कश्ती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 488 Share Bhupendra Rawat 5 Aug 2017 · 1 min read दिल है मेरा,धड़कन तू है दिल है मेरा,धड़कन तू है देख मेरे दिल में बस्ती तू है कैसे दिखाऊ,क्या मैं बताऊ ऐसी मुझको उलझन क्यों है दिल है बेचारा ,ये है हारा कैसी मुश्किल में... Hindi · गीत 1 463 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ है कभी भूली जाती नही माँ की याद हमेशा सताती रही। बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही। माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 828 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read माँ माँ है कभी भूली जाती नही माँ की याद हमेशा सताती रही। बिन माँ के लोरी गाए नींद भी आती नही। माँ सपनों में आ लोरी गाकर सुलाती रही रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 691 Share Bhupendra Rawat 4 Aug 2017 · 1 min read कदम लडखडाये तो भी आगे चलना होता है क़दम लडखडाये तो सम्भलना होता है मंज़िल हो दूर फिर भी आगे चलना होता है हर कदम पर गिराने वाले मिल ही जाते है उनको पछाड़ मंज़िल की और बढ़ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 652 Share Bhupendra Rawat 3 Aug 2017 · 1 min read बहाने तो हमेशा होते है बहाने तो हमेशा होते है कभी सच भी बोल जाया करो दिल है मेरा अभी भी बच्चा सा दिल से ना यूं खेल जाया करो हर बार मज़बूरी तुम्हारी ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share Bhupendra Rawat 3 Aug 2017 · 1 min read मैं तेरा दीवाना हूँ ,,तू मेरी दीवानी है मैं तेरा दीवाना हूँ तू मेरी दीवानी है मेरे लबों पर तेरी, ही रवानी है बिन तेरे अब याँ जीना, है नही आसां तेरा साथ निभाने की मैंने भी ठानी... Hindi · कविता 1 348 Share Bhupendra Rawat 1 Aug 2017 · 1 min read झूठा निकला क़रार तेरा झूठा निकला क़रार तेरा अब कैसा इंतज़ार तेरा रात भर मोती आते रहे ऐसा है आज इंकार तेरा मयकदे से दोस्ती कर ली अब नही हूँ मैं यार तेरा मौसम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share Bhupendra Rawat 31 Jul 2017 · 1 min read जन्नत माता पिता के रूप में ही मुझे मेरा खुदा नज़र आया है माता पिता के चरणों में ही मैंने जन्नत को पाया है | माता पिता के चरणों में ही... Hindi · कविता 1 571 Share Bhupendra Rawat 28 Jul 2017 · 1 min read दर्द ऐ दिल अब तो बताना होगा दर्द ऐ दिल अब......तो बताना होगा जख्म जो दिया है......उसे दिखाना होगा | आशिक़ है याँ सब.........प्यार के मारे हुए कोरे पन्नो पर उनको......दर्द जताना होगा | बिखर जाते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 571 Share Bhupendra Rawat 22 Jul 2017 · 1 min read दो गज़ ज़मीन दो गज़ ज़मीन याँ किसे नसीब होती है ज़िन्दगी हमेशा मौत के करीब होती है दफ़न हो जाते है याँ लाशों के ढ़ेर में ज़िन्दगी सदा याँ गरीब होती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 581 Share Bhupendra Rawat 22 Jul 2017 · 1 min read ज़िन्दगी रोती और बिलखती हुई सी हो गयी ये ज़िन्दगी। ख़ुद जीने के लिए तरसती रह गयी ये ज़िन्दगी अमन, चैन की तलाश में खुशियों की आस में सिमट कर रह... Hindi · कविता 1 394 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read मैं आज जो भी हूँ मैं आज जो भी हूँ वो मेरे पापा की ही तो कमाई है। क्योंकि ख़ुद धूप में तपकर मुझे मेरी मंजिल बताई है। मैं जब भी चैन से सोता था... Hindi · कविता 1 332 Share Previous Page 6 Next