लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next लक्ष्मी सिंह 22 Jan 2021 · 1 min read दिव्य पुष्प सा दिखा दिव्य पुष्प सा दिखा,चाँद आसमान में। है घटा घनी घिरी, आज उस मकान में। छा गई निशा विकट,ठंड रात शीत की, तारकें चली गयी, कौन सी दुकान में। डोलती हवा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · शिव छंद 1 201 Share लक्ष्मी सिंह 22 Jan 2021 · 1 min read सर्दी ठंडी है आई निकालो रजाई ओ! मेरी माई ।१ धुंध ले आई, परेशानी बढ़ाई, खामोशी छाई। २ पीड़ा बढ़ाई, कोहरे घिर आई, आफ़त लाई ।३ सूई चुभाई, पवन पुरवाई, है... Hindi · हाइकु 1 191 Share लक्ष्मी सिंह 22 Jan 2021 · 1 min read फेरे चाहे फेरे लीजिए,चाहे कहो कबूल । प्यार अगर दिल में नहीं,सब कुछ लगे फिजूल। सब कुछ लगे फिजूल,फँसा दलदल में जीवन। टूटे दिल के तार, झड़े नयनों से सावन। चलते... Hindi · कुण्डलिया 2 2 507 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2021 · 1 min read सच्चाई की राह सच्चाई की राह,सदा हमको गहना है । हृदय प्रेम के दीप, जलाते ही रहना है। मानवता का फूल,खिले मन में आशाएँ- सुखमय हो संसार,नदी बनकर बहना है। लक्ष्मी सिंह नई... Hindi · मुक्तक 1 2 187 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2021 · 1 min read मोबाइल मोबाइल में है भरा ,मनोकामना मंत्र। जब चाहो आदेश दो, खुल जायेगा यंत्र।। १ लगा एक टक फोन पर, बचपन बैठा मौन। मात पिता भी व्यस्त हैं, इसे बचाये कौन... Hindi · दोहा · मोबाइल 2 284 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2021 · 1 min read आया है वासंती मौसम आया है बासंती मौसम,पुष्प खिला मन उपवन में । प्रेम-गंध पा मुग्ध भ्रमर-सा,थिरक रहा मन आँगन में। मादकता सुरभित साँसों में,प्रेम कोंपलें महक रही- प्रणय बद्ध होने को आतुर,भरी प्रीत... Hindi · मुक्तक 1 1 269 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jan 2021 · 1 min read चला रहें शिव साइकिल आयोजन -- सुनो कहानी : चित्र जुबानी चला रहें शिव साइकिल,बसहा गया विदेश। मूषक वाहन छोड़ कर,बैठे संग गणेश। पैंट-शर्ट जूता पहन, बाँध गले में टाय, लिए गजानन हाथ में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · भजन 1 1 555 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jan 2021 · 1 min read बचपन सबसे सुखमय कल है बचपन। मधुर सुनहरा पल है बचपन। बैर- द्वेष चिंता फिक्र नहीं- निर्मल गंगा जल है बचपन। -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 1 285 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2021 · 1 min read घाव इस जीवन के राह में,मिला हमें जो घाव। कविता बन उगने लगे,मेरे सारे भाव।। वक्त हमें देता रहा, तरह-तरह के घाव। धीरे-धीरे कुछ भरे, कुछ का रहा प्रभाव।। चुभे तीर... Hindi · दोहा 1 283 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jan 2021 · 1 min read सर्दी जुकाम का आयुर्वेदिक उपचार विधा-दोहा छंद रोज रात में पीजिए, हल्दी वाला दुग्ध। सर्दी से आराम दे,नहीं नींद हो क्षुब्ध।।१ काली तुलसी पात का, राम वाण है काम। सर्दी खाँसी दूर कर, देता है... Hindi · दोहा 1 2 275 Share लक्ष्मी सिंह 18 Jan 2021 · 1 min read मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया । गीतिका-आधार छंद चौपाई मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया । सब कहते जादू की पुड़िया। तुतला कर करती हूँ बातें, हिन्दी लगती है तब उड़िया। छोटे-छोटे बाल घनेरे, छोटी-छोटी मेरी चुटिया।... Hindi · कविता · चौपाई · बाल कविता 2 654 Share लक्ष्मी सिंह 18 Jan 2021 · 1 min read याद में तुमको बसा कर छंद:रजनी छंद 2122 2122 2122 2 याद में तुमको बसा कर प्यार करती हूँ। जिन्दगी कुछ इस तरह गुलज़ार करती हूँ । ख्वाब में तुम ही बसे हो धड़कनों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · रजनी छंद · विरह 1 2 191 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2021 · 1 min read चतुर चित चपला चंचल चतुर,पकड़ न पाऊँ डोर। मैं खींचूँ इस ओर तो, वो भागे उस ओर।। १ खुदगरजी की आड़ में, चतुर हुए हैं लोग। रखते रिश्ते झूठ के, केवल... Hindi · दोहा 1 299 Share लक्ष्मी सिंह 16 Jan 2021 · 1 min read तुम दूर गये हमसे जब से। तोटक छंद प्रदत्त मापनी- 112 112 112 112 तुम दूर गये हमसे जब से। सुख चैन नहीं मिलता तब से। अब अंतर षुष्प नहीं खिलता, हर मंजर बंजर है कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · तोटक छंद · विरह 1 177 Share लक्ष्मी सिंह 12 Jan 2021 · 1 min read भात पकने वाला है नहीं, इस हांडी में भात । किस्मत ने धोखा दिया, लगी पेट पर लात।। १ हाय गरीबी भूख से,सोच रहा दिन रात। ठंडा हो या हो गरम,मिले... Hindi · दोहा 4 340 Share लक्ष्मी सिंह 11 Jan 2021 · 1 min read उमंग उठो सवेरा हो गया, स्वर्ण किरण के संग । काम शुरू अब कीजिये, लेकर जोश उमंग।। नई सुबह की रोशनी, लाई नई उमंग। कुसुमित पुलकित है धरा, छाया है नव... Hindi · दोहा 1 1 370 Share लक्ष्मी सिंह 10 Jan 2021 · 1 min read ओ! प्राण प्यारे विधान - 30 मात्रा = 16,14 पर यति, अंत में गुरु वाचिक अनिवार्य आधार छंद - लावणी /ताटंक ओ! प्राण प्यारे आज सारे, पीड़ा हृदय की बोल दो। अश्रु से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · लावणी /ताटंक छंद 1 1 262 Share लक्ष्मी सिंह 9 Jan 2021 · 1 min read प्रेम आधार छंद - लावणी /ताटंक विधान - 30 मात्रा = 16,14 पर यति, अंत में गुरु वाचिक अनिवार्य. प्रेम पले उन्मुक्त हृदय में,नहीं स्वार्थ का बंधन है । जिसके माथे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · लावणी /ताटंक छंद 1 361 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2021 · 1 min read नियति खेल नियति का कहाँ सरल है। कभी सुधा तो कभी गरल है। मुश्किल पदचिन्हों पर चलना- काल चक्र चलता अविरल है । -लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 3 3 167 Share लक्ष्मी सिंह 7 Jan 2021 · 1 min read फूल खिलकर फूल सदा उपवन में,भू की गोद सजाता है। फैला कर सुगंध समीर में, तन मन को महकाता है। सफल अल्प जीवन को करता,देकर यह सबकुछ अपना- टूटे बिखरे डाली... Hindi · मुक्तक 3 2 166 Share लक्ष्मी सिंह 6 Jan 2021 · 1 min read आया मौसम सर्द। दबे पाँव चलता हुआ, आया मौसम सर्द। लदी ओस से डालियाँ, झड़ते पत्ते जर्द।। १ दिन अंधेरा शीत का, काली लगती रात। दुग्ध झाग सा हर तरफ, बरस रहा हिमपात।।... Hindi · दोहा 1 3 181 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jan 2021 · 1 min read हुई रात काली फलक पे सितार। आधार छन्द-सगुन 122 122 122 121 हुई रात काली फलक पे सितार। हृदय में बजे तब गमों के गिटार। खुदा जानता है किये क्या गुनाह, दबे पाँव आते चले गम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विरह · सगुन छंद 1 447 Share लक्ष्मी सिंह 4 Jan 2021 · 1 min read सुन लो बच्चों चौपाई छंद सुन लो बच्चों ध्यान लगाकर, पीलो अमिय ज्ञान का गागर । जल्दी उठना जल्दी सोना , केवल सपनों में मत खोना। नित्य नियम से जीवन जीना, रसना आदर्शों... Hindi · कविता · चौपाई · बाल कविता 1 1 360 Share लक्ष्मी सिंह 3 Jan 2021 · 1 min read समय/काल 2122 2122 21 लौट कर आता नहीं है काल। ये नहीं ठहरा न बदली चाल। वक्त होता है बड़ा बलवान, खींच लेता ये सभी की खाल। घूमता है चक्र करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share लक्ष्मी सिंह 3 Jan 2021 · 1 min read मंगल हो दिल में प्रेम भाव प्रतिपल हो| ऋद्धि-सिद्ध सुख शांति अमल हो| कर्म धर्म इतिहास मधुरमय- जग के जन-जन का मंगल हो| लक्ष्मी सिंह नई दिल्ली Hindi · मुक्तक 3 200 Share लक्ष्मी सिंह 2 Jan 2021 · 1 min read स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा । मुक्तक आओ नवल प्रभात लिये, स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा । सुख की सब सौगात लिए,स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा। व्याधि मुक्त जीवन सुखमय,हो विकास का पथ मंगलमय- खुशियों की... Hindi · मुक्तक 1 1 262 Share लक्ष्मी सिंह 1 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष विधा - वीर छंद आओ स्वागत करें तुम्हारा, हे नवल वर्ष के नवल प्रभात। स्वर्ण किरण की साये में भर,लाना खुशियों की सौगात ।। १ वर्ष दो हजार इक्कीस की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · वीर छंद 1 3 186 Share लक्ष्मी सिंह 1 Jan 2021 · 1 min read नया साल आया गीतिका आधार छन्द-सगुन 122 122 122 121 नया साल आया लिए स्वप्न द्वार। हृदय से लगा लो नजर लो उतार। करो कामना सब मिटे हर मलाल, नयन में सजे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 239 Share लक्ष्मी सिंह 30 Dec 2020 · 1 min read अंग ओ कृष्णा रँग लो मुझे,अब तो अपने रंग। सारे जग को भूल कर,लगी तुम्हारे अंग।। १ रंग लगा दे रे मुझे, और लगा लो अंग। फगुआ मद की है चढ़ी,... Hindi · दोहा 3 467 Share लक्ष्मी सिंह 29 Dec 2020 · 1 min read धूप में छाँव में साथ देना सदा। आधार छंद- वास्रग्विणी (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगा गालगा गालगा गालगा गीतिका 212 212 212 212 धूप में छाँव में साथ देना सदा। देख भाने लगी प्रेम की ये अदा। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share लक्ष्मी सिंह 29 Dec 2020 · 1 min read जीभ/जिह्वा जिह्वा पर माँ शारदे, लब पर बसें गणेश । हर-पल शुभ-शुभ बोलिये,मिलता शुभ संदेश ।। १ मृदुल वचन रसना सरस,जीवन का श्रृंगार। जीत जीभ को लीजिए, हो उत्तम व्यवहार।। २... Hindi · दोहा 2 2 1k Share लक्ष्मी सिंह 28 Dec 2020 · 1 min read घने बादलों बीच रोला छंद आधारित गीतिका.,.. घने बादलों बीच, झांकती हूँ मैं अक्सर। हम दोनों के बीच, नहीं कोई है अंतर। पीड़ा हृदय अपार,भरा हैं विस्तृत कोना, क्रंदन करती नित्य, झड़ी पलकों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 197 Share लक्ष्मी सिंह 27 Dec 2020 · 1 min read शीत लहर शीत लहर अपनी डगर, चलती भृकुटी तान। सूरज डर कर छुप गया, चंदा है हैरान।। १ हुई रात्रि स्तब्ध सी, विहग पड़े है मूक। थरथर करते गात सब, तुहिन- कणों... Hindi · दोहा 2 2 154 Share लक्ष्मी सिंह 27 Dec 2020 · 1 min read शिशिर की रात कुण्डलिया यादें मधुरिम ओढ़ कर, गई शिशिर की रात। सपनों की तकिया तले,बिखर गये जज्बात।। बिखर गये जज्बात,जमी हिमकण की परतें। मन के गीले घाव,नहीं जो ऐसे भरतें। बहे अश्रु... Hindi · कुण्डलिया 2 245 Share लक्ष्मी सिंह 25 Dec 2020 · 1 min read आदमी जन्म से आयु का यौवन सदा ही ढ़लता जाता है । सोख कर भावनाओं को मगर वो चलता जाता है। हाड़-मांस का तन निचुड़ा हुआ खाली हो जाता है- हाय... Hindi · मुक्तक 1 1 164 Share लक्ष्मी सिंह 25 Dec 2020 · 1 min read धूप गीतिका आधार छंद : बरवै मात्रिक विधान : १९ मात्राएँ, १२ एवं ७ सुबह सबेरे जब भी, आई धूप। सबके मन को कितना , भाई धूप। जगमग जगमग करती, आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 418 Share लक्ष्मी सिंह 24 Dec 2020 · 1 min read सर्दी गीतिका आधार छंद : बरवै मात्रिक विधान : १९ मात्राएँ, १२ एवं ७ नित्य दिवस सर्दी का, ऐसा वार। चलती रहती तन पर, ज्यों तलवार। मोजे, स्वेटर, पहने, सारे लोग,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 327 Share लक्ष्मी सिंह 23 Dec 2020 · 1 min read नीति युक्त दोहे चमको सूरज की तरह, लाना नवल प्रभात| रौशन कर सारा जगत, मिटे अँधेरी रात|। १ सारा जग जिसके लिए, होता एक समान। ऊँच नीच को त्याग दे, मानव वहीं महान।।... Hindi · दोहा 2 236 Share लक्ष्मी सिंह 22 Dec 2020 · 1 min read रसना रसना रसमय हो सरस,हो उत्तम व्यवहार । वह सायक संधर्ष बिन, जीत लिया संसार।। जीत लिया संसार,अमृत के जैसी वाणी। हर मुश्किल आसान,आत्म संयम से प्राणी। परहित के अनुरूप, कर्ण... Hindi · कुण्डलिया 2 200 Share लक्ष्मी सिंह 22 Dec 2020 · 1 min read वाणी वाणी वीणा सी मधुर, करें हृदय पर राज। दुश्मन भी अपना बने, पूर्ण सभी हो काज।। पूर्ण सभी हो काज, बने मंगलमय जीवन। होता मुग्ध समाज,रखें जिह्वा को पावन।। वशीकरण... Hindi · कुण्डलिया 1 1 170 Share लक्ष्मी सिंह 21 Dec 2020 · 1 min read धरना धरना देकर राह में, बैठे सभी किसान। फिर बोलो कैसे कहे, भारत देश महान।। भारत देश महान,धरा से उगता सोना। राजनीति की शोर,दबा हलधर का रोना।। रहे शिशिर में काँप,पड़े... Hindi · कुण्डलिया 3 2 169 Share लक्ष्मी सिंह 20 Dec 2020 · 1 min read कोरोना विधा -मुक्तक एवं दोहा सर पर चढ़ कर नाच रहा है, चीन का जादू-टोना। पूरे जग में फैल रहा है,शुरू है रोना ढोना। कुछ सावधानियां अपनाना, धैर्य से नाता रखना-... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 45 74 1k Share लक्ष्मी सिंह 19 Dec 2020 · 1 min read शिशिर चादर ओढ़े बर्फ की, शिशिर खड़ा है द्वार। जल को छूने से लगे, ज्यों बिजली की तार। । ज्यों बिजली की तार, बर्फ गिरती रहती है। ले हाथों में तीर,हवा... Hindi · कुण्डलिया 1 1 206 Share लक्ष्मी सिंह 19 Dec 2020 · 1 min read दिसंबर का ठंड माह दिसम्बर ठंड का, बहुत बुरा है हाल । गरम लबादा ओढ़ना,स्वेटर ,मफलर ,शाॉल।। १ दिवस दिसंबर दैत्य-से, बहुत अधिक है ठंड। जिस के सर पर छत नहीं,उसको लगता दंड।।... Hindi · दोहा 5 2 386 Share लक्ष्मी सिंह 10 Dec 2020 · 1 min read धान आँखों में सैलाब है, सीने में तूफान। कृष्क नित्य ही रोपता , आसमान में धान।। १ सावन की बूँदें पड़ी,खुश हैं सभी किसान। अमृत भरा है बूंद में,अब रोपेगें धान।।... Hindi · दोहा 2 3 412 Share लक्ष्मी सिंह 8 Dec 2020 · 1 min read जाने क्यों? जाने क्यों उनकी बात से, मुझे पहुँचती ठेस। बात बात में वो मुझे, जब देते उपदेश। घर केवल मुझ से चले, मैं लाता हूँ कैश। मैं तेरे जैसा नहीं, घर... Hindi · गीत · दोहा · दोहा गीत 2 354 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2020 · 1 min read कभी चाहो मुझे भी तुम विधाता छंद 1222 1222 1222 1222 कभी चाहो मुझे भी तुम, कभी मेरे लिए सोचो । हमारा दिल बड़ा नाजुक ,इसे ऐसे नहीं नोचो। बिखर कर टूट जाती हूँ, सँभल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · प्रेम · विधाता छंद 4 4 279 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2020 · 1 min read देव दीपावली दिव्य देव दीपावली,शरद सुधा निधि द्वार। दमके दीपक दीप्ति से,बही ज्योति की धार।। १ लहरों में रौनक नई, मस्ती में पतवार। गंगा दुल्हन सी सजी, कर सोलह श्रृंगार।। २ बरस... Hindi · दोहा 1 321 Share लक्ष्मी सिंह 21 Nov 2020 · 1 min read मधुर मिलन मधुर मिलन की पूर्णता,भरे हृदय में प्रीतl जीवन मधुमय हो गया,गूँज उठा संगीत ll१ कुन्द कुसुम खिलने लगे, जब आये तुम द्वार l फूट -फूट बहने लगी, मादक मधु की... Hindi · दोहा · प्रेम 1 1 245 Share लक्ष्मी सिंह 20 Nov 2020 · 1 min read लेखनी करुण हृदय का वंदना, कमल नयन का नीर। भाव भरी हो लेखनी,बंजर भू दे चीर।।१ जब अंतर व्याकुल हुआ, फूटें भाव हजार । निज छंदों से सींच कर, बहे काव्य... Hindi · दोहा 1 415 Share Previous Page 7 Next