DR.MDHU TRIVEDI 893 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read क्या दोष था मेरा क्या दोष था मेरा माँ कचरे के ढेर पटक दिया भ्रूण हत्या से बढ़ कुकर्म कचरे के ढ़ेर पटक दिया नौ माह कोख में कष्ट झेला शीत , ताप ,बारिश... Hindi · कविता 76 558 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read बोझ आँख खुली , फिर बोझ तले दबा था जिस बोझ को ले सोया जागने पर ज्यों का त्यों अनवरत कोशिश की कुछ हल्का कर लूँ मन का गुबार निकाल दूँ... Hindi · कविता 77 527 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read शिव डम डम डमरू का अनहद तांडव का सृष्टि और विनाश में शिव ही साधक है गरल सुधा जो पीए जटा में गंग वो धारे शुभ और अशुभ में शिव ही... Hindi · कविता 76 353 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read पत्थर राह पाषाण अब तक धरा रह गया मन्दिरों में वही बन दुआ रह गया मार ठोकर बढ़ा जा रहा आदमी रोज देवालयों जा झुका रह गया मान भगवां जिसे पूजता... Hindi · कविता 77 328 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read हूक एक हूक उठती है उठ उठ दीपक लौं सदृश गिरती जानते हो तुम ! वो क्या है फरवरी माह का भीना प्रणय स्पर्श याद तुमको भी तो आता होगा सुषुप्त... Hindi · कविता 77 1 548 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read शिकारी और प्रेम प्यासी हिरनी वन वन को झूमै अम्बु चाह में धरा से नभ तलक पसरता घोर तम है निर्विकार सी आकृति बनाती जो उड़ी रेत से देख उसको आतुर डालने को... Hindi · हाइकु 76 2 359 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read मेरै देश की कश्ती न जाने क्यों थम गई मेरे देश की कश्ती । हँसता खेलता प्यारा बच्चा क्या जाने क्या करे डर है कोई अन्जान और अज्ञात सा मन में माँ के मना... Hindi · कविता 77 1 551 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read मौत का मंजर एक तरफ मौत का मंजर दूसरी ओर युद्ध की ललकार ऊपर वाले तू सृष्टा औ हन्ता तो चारों ओर कैसी हाहाकार मानवता चीत्कार कर रही सिस्टम पर प्रश्न खडा कर... Hindi · कविता 76 2 412 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 2 min read लाकडाउन ? .. दुनियाँ की पूरी अर्थ व्यवस्था जिन मजदूरों पर निर्भर करती है पर लाकडाउन के साथ मजदूरों के साथ स्व वतन वापसी को ले जो घटनाएं घटीं वे बहुत... Hindi · लेख 76 376 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read बचपन 1. बचपन था नादान कितना ये हम सबका 2. याद करिए शरारत से भरा मस्ती से भरा 3. मम्मी की परी पापा की मैं लाडंली कहलाती थी 4. जिद करती... Hindi · हाइकु 77 626 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read मास.सावन 1- दी है दस्तक मास श्रावन ने आ शिव औ शक्ति भू उतर है आये करने दिव्य यात्रा 2- जन- मन हो खुश ह़ोकर झूमे हो शुभारम्भ शिव जलाभिषेक मंदिर-... Hindi · कविता 75 462 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read साहित्य में सकारात्मक पक्ष के स्थान पर नकारात्मक पक्ष वर्तमान परिवेश में साहित्य में सकारात्मक पक्ष के स्थान पर नकारात्मक पक्ष को अधिक महत्व देने की प्रासंगिकता । साहित्य समाज का दर्पण कहलाता है जैसा समाज में घटित होता... Hindi · लेख 77 735 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read हे प्रभो प्रभो फिर से धरा पर तू उतर आ , कष्ट हरने को । यहाँ चहु ओर बैठे नाग काले , रोज डसने को ।। इरादें नेक हो सकते न ,... Hindi · कविता 77 1 482 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read आदमी क्यों फँसा कर के झुकाया जा रहा है आदमी दर्द दे कर क्यों सताया जा रहा है आदमी ध्यान उसकी हर खुशी रखते न जो कोई तभी तेज नश्तर सा... Hindi · कविता 75 590 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read चाँदनी गजल ******* हर पल तू संग संग चली साथ चाँदनी चली गई क्यूँ किसी ओर हाथ चाँदनी बचपन में हर पल संग -संग खेली बिंदियाँ बन ओर के सजी माथ... Hindi · कविता 77 630 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Aug 2021 · 1 min read जश्न मनाए आजादी का आओ मिल जश्न मनाए आजादी का आवश्यकता है मान रखे खादी का सात दशक बीत चुके है स्वतंत्र हुए जरा विचारिए कितने सीने छलनी हुए आजाद , भगत , राजगुरु... Hindi · कविता 73 2 348 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Aug 2021 · 1 min read आजादी तोड़ पराधीनता की बेड़ी नयी सुबह का आगाज हुआ उन्मुक्त गगन में चहचहाये पंछीं जन - मन में उल्लास का हास हुआ आता जब दिन पन्द्रह अगस्त खून मेरा खोल... Hindi · कविता 71 311 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 3 min read बस्तों के बोझ तले दबता बचपन बस्तों के बोझ तले दबता बचपन ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ जब सुकुमार छोटे बच्चों को बस्ते के बोझ से झुका स्कूल जाते देखतीं हूँ तो सोचती हूँ कि देश मेरांआजाद हो गया पर... Hindi · लेख 76 1 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 2 min read बहू बेटी की तरह होती है यह कथन सत्य है या असत्य " ---------------------------------------------------------------------- " बहू बेटी की तरह होती है यह कथन सत्य है या असत्य " ---------------------------------------------------------------------- बहू और बेटी " में समानता और असमानता केवल सोच की है जो बेटी है... Hindi · लेख 77 381 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 1 min read सभ्यता आदि मानव बन्दर ही थे हमारे पूर्वज जिनसे विकसित हो हम मानव बने ।पत्थर से पत्थर घिस आग उत्पन्न की अपनी उपलब्धियाँ हमको अर्पण की । वो आदि सभ्यता कितनी... Hindi · लेख 76 369 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 3 min read स्त्री देह और बाजारवाद हर घंटे बलात्कार होते हैं, सिर्फ बलात्कार नहीं होते, बाॅडी की चीरा फाड़ी होती है लड़कियों के शरीर की फजीहत की जाती है स्तन काटे जाते हैं वेजाइना में कांच,... Hindi · लेख 79 2 967 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Aug 2021 · 1 min read प्रीत मेरी प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो एक रोज जिन्दगी महकेगी सोचा न था आगमन तेरा महकाए मुझे सोचा न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 80 1 476 Share DR.MDHU TRIVEDI 29 Jul 2021 · 1 min read तट नदी बैठा रहा जब तट नदी बैठा रहा सुरभि बसंत तकता रहा बहने लगी धीमे पवन वातावरण महका रहा खिलने लगे पंखुड़ी कमल मैं देख कर खोया रहा आयी नवोढ़ा इक तभी तब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 78 1 526 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2021 · 1 min read गुरू आये जब आषाढ तो, गुरू पुर्णिमा जान आदि गुरु का अवतरण, जिसे सदा ही मान वेदों का लेखन किया , ऐसा है विश्वास गुरू शिरोमणि बढ़ाये, गुरू जनों की शान Hindi · मुक्तक 76 1 415 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Jul 2021 · 1 min read पावस 1 वर्षा सुन्दरी झूम रही है बाँध पैरों पायल 2 पड़े नभ से अवनि पर कुछ सकुचा कर 3 कभी खेलती केश घटाएं फैला उच्च गगन में 4 झनन झन... Hindi · हाइकु 79 607 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Jul 2021 · 1 min read प्रकृति पोषित कर प्रकृति हरा भरा बनाती है रोपित कर प्रकृति हमें खाना खिलाती है इसलिये खिलवाड़ प्रकृति से मत करिए ऐसा कर जीवन अभिशापित मत करिए इसलिये प्रकृति है जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 79 2 593 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Jul 2021 · 1 min read जीने की चाह जागी है देख मौत का खौफनाक तांडव जीने की चाह फिर से जगी है है मारा मारी आक्सीजन की हास्पीटल की मनमर्जी चली है खांसी , जुखाम , बुखार से पीड़ीत कोरोना... Hindi · कविता 78 366 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Jul 2021 · 1 min read महफिलें सजती नहीं महफिलें सजती नहीं पायलें बजती नहीं हो रहे बर्बाद हम मुख हँसी दिखती नहीं दौर जो ऐसा चला बुद्धि भी चलती नहीं खूब बदला वक्त को पर तनिक चलती नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 79 2 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Jul 2021 · 1 min read अंकुश भावों का अंकुश लगा दिल तुम्हारा बाँध लेता दुर्गम राहों पर चल कर कटघरे में कैसे रखता बाँध कर पिजड़े रखा पर स्वच्छन्द सा घूमता जैसे केसरी हो उन्मुक्त निर्जन... Hindi · कविता 78 362 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read सभ्यता नगरीकरण का द्योतक सभ्यता उत्थान पतन की सूचक सभ्यता भौतिक प्रगति को बतलाती निरक्षर से अक्षर ज्ञान करवाती प्रतिभा का परचम मनवाती ऐसी रही है अब तक मेरी सभ्यता सिन्धु... Hindi · कविता 79 2 713 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read तीसरी लहर क्या कम थी दो लहर जो आनी है तीसरी लहर क्या कम विनाश हुआ है जो आनी है तीसरी लहर रोजगार छिने गरीब जनता के मस्त बस सरकारी अमला के... Hindi · कविता 79 360 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read रिमझिम रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे सावन के पड़ गये है झूले खेत खलिहानों में हरियाली छाई नाच उठे तटिनी के कूले अवनि पहने धानी चूनरी मद मस्त हो अम्बर तक झूली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 77 452 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read वर्षा मेरे अंगना आओ वर्षा मेरे अंगना आओ आकर फिर न जाओ पिया मेरा पर देश मेघा जा पिया को ले आओ पैरों में बांध कर पायल वर्षा नाचो चप्पे चप्पे कभी फुदको गली... Hindi · गीत 76 826 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read नैन की रस्ते उतरे नैन की राह उतरे दिल में धीरे से मन की बगियाँ संवरे Hindi · कविता 78 338 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Jul 2021 · 1 min read तुझे सुलाऊँ लोरी गा तुझे सुलाऊ । निदिया रानी के संसार पहुचाऊँ । बहारो के झूले में तुझे झूला। प्यार की थपकी दे तुझको मैन झुलाऊँ। मंद पवन के झालने से करू... Hindi · कविता 79 479 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Jul 2021 · 1 min read अर्धनारीश्वर संगम अलौकिक शक्ति शक्तिमान अर्धनारीश्वर रूप में विधमान अद्भुत अनूप अनूठा हे रूप समस्त जगत है जो जो भूप अवनि से अम्बर को बांधता जड़ चेतन का संगम दिखता मोहनी... Hindi · कविता 78 2 412 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Jul 2021 · 1 min read बरखा पावस पावनी बरखा ,बाँधै है पैरों घुघरूँ मस्त फुहारों में झूमती , बाधे है पैरों घुघरूँ मेघ मल्हार गाओ रे बरखा ऋतु सुखदायिनी चप्पा चप्पा आह्लादित है ऋतु जीवनदायिनी काली... Hindi · कविता 78 2 366 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jul 2021 · 1 min read Endless Desires ENDLESS DESIRES. LIFE IS LIMITED, MONEY IS UNLIMTED, RELATIONS ARE LIMITED, BUT ENDLESS DESIRES, GOODS ARE LIMITED, BUT EVILS ARE UNLIMITED, JUST ARE LIMITED , UNJUST ARE UNLIMITED, SELF ARE... English · Poem 62 1 520 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jul 2021 · 1 min read No All is Well NO ALL IS WELL SORROW IS HERE, UNHAPPINESS.IS THERE., NO SMILE ON LIPS, NO CHARM ON FACE, LIKE FADE FLOWERS. IN MY GARDEN, BEAUTY IS LOST, FRIENDSHIP IS LOST, RELATIONS... English · Poem 61 490 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jul 2021 · 1 min read Unfulfill RUN NOT TO UNFULFILLED DESIRES. PATIENCE ,KEEP PATIENCE UPTO ENDS. NEVER BE HOPELESS TILL TO GET GOAL. PATH OF DOING EFFORTS GO TO SUCCESS. English · Poem 60 456 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jul 2021 · 1 min read Come Upon Come upon come upon , Come from hot summer, Take shelter of the trees. Drink chill and cool water, Go to sun , not wearing glass, Go to sun ,... English · Poem 59 1 583 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jul 2021 · 1 min read Go To A Sleep Sweet and slow, go to sleep. Sweet with flow, go to deep Sweet and charm, see dream Meet the power, that's supreme Sweet and cool , lay in night. Sweet... English · Poem 62 605 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jul 2021 · 1 min read क्षणिकाएं दर्द दर्द ने कलेजा भर दिया तुम मरहम लेकर बैठे मरहम भी लगा घाव पर पर तासीर वही रही जिन्दगी जिंदगी रेत सी फिसली पकडंना चाह , हाथ न लगी... Hindi · कविता 77 518 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Jul 2021 · 1 min read कबीर सामाजिक अन्तर्विरोधों , रूढियों तथा कुत्सित मान्यताओं से जर्जरित समाज को दिशा देने में कबीर का व्यक्तित्व ही सक्षम था । वे किसी एक धर्म , सम्प्रदाय के न होकर... Hindi · लेख 77 475 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Jul 2021 · 1 min read जब सूरत आयने संवारी है जब सूरत आयने संवारी है नैनों में तस्वीर तुम्हारी है मेरी तेरी ऐसा कुछ न कहो घर में अब हर चीज हमारी है Hindi · मुक्तक 76 636 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Jul 2021 · 1 min read सुन पिय सबसे अच्छी यारी है सुन पिय सबसे अच्छी यारी है थोड़ी सी कभी लगी खारी है इश्क रचाते जब साथ हमारे ये जिन्दगी निछावर सारी है तू -तू मैं -मैं जब होती अपनी सीने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 76 1 381 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Jul 2021 · 1 min read इक मुहब्बत भरी कर नजर इक मुहब्बत भरी कर नजर आज स्वीकार की दे खबर यह जहाँ छोड़ दोनों अभी अब चले हम बसेंगे शहर जिन्दगी आज तन्हा मिरी हो गया प्यार अब इस कदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 78 1 362 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Jul 2021 · 1 min read इज्जत इज्जत सरे बाजार नीलाम होती वो दुकान शायद मुझमें ही है साँझ पक्षी वापस घर लौटते है वो घोसला शायद मुझमें ही है सावन के मास सूने सूने से होते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 78 394 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Jul 2021 · 1 min read संस्कार बीज बपन करो , बीज बपन करो संस्कारों के बीज बपन करो मानवता की डगर हो सुगम सारे काज होये तेरे सफल हो न खौफ तुमको अपनों से काया को... Hindi · गीत 78 517 Share DR.MDHU TRIVEDI 2 Jul 2021 · 1 min read दिल दिल उसको ढूँढता कहाँ है शीशे सा दीखता कहाँ है घाव हुए है जो दिल मेरे आज उसे पौंछता कहाँ है दर्द देकर जब तू चला गया जेहन अब झेलता... Hindi · कविता 76 2 368 Share Previous Page 7 Next