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आरक्षी योद्वाओं को नमन
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नदियों में बहता पानीू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्याज के बढते दाम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं तुम हम अभी जवां जवां
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम आ भी जाओ एक बार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गम के छाये बादल खुशी की धूप खिली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गृहस्थ जीवन सरलार्थ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आ जाओ यारों लगाते हैं जाम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नवोदयी जिगरी यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
औरत आबरु अपमान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मानव जाति पर.धब्बा क्यों लगा रहा है पुरूष
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सपनों में आ कर यूँ नींदें चुरा जाना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हे भगवान दे यह वरदान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आओ अजनबी बध जाएं.हम तुम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यार.पुराने दिलदार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गम ए जिंदगी जुदाई है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कितना बदल गया राजनीतिक आचार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पिता पुत्री मार्मिक रिश्ता
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बरसती बरसात की बूँदें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नभ से बरसता बादल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गम-ए-बरसात फिर से होने वाली है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम अजनबी हुए तेरे शहर में
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गुरु तेगबहादुर जी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घर संसार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मदिरा गुणगान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आज मयखाने में रौनक आई है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अनुराग प्रेम प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गमगीन हूँ मैं सजन बगैर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंजान हूँ मैं अभी तक उसके ख्याल में
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तब से तुम्ही नूर ए नजर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नर्म लाल लहू से अधर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब तो जाग उठो इंसान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सतगुरु नानक जग ते आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल जीते तन हार गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माता सुन्दरी दे लाल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चाचा नेहरू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चिड़िया रानी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आँसुओं की जो बदली बनी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धन धन बाबा गुरूनानक देव जी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बसा तुम्ही में.हमारा जहान है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हारा अपने आप से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चंद्रमा से सीख
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंग्रेजी व्याकरण
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं और मेरा दिल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल के हो पार चली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे देश का विकास देखो.घोड़ी है चढ रहा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुलगे कहीं धुँआ तो जलती है आग
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रिमझिम रिमझिम है बारिश
सुखविंद्र सिंह मनसीरत