Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2019 · 1 min read

गृहस्थ जीवन सरलार्थ

हाथ में लिए हुए तलवार
हो करके घोड़ी पर सवार
बारातियों की सैना साथ
ढोल, नगाड़ों,बाजों साथ
रीति रिवाज क्रियान्वयन
दुल्हा जाए दुल्हन आंगन
संग बैंड,बाजा और बारात
लेने फेरे उसके संग सात
लगने लगता तब जब ऐसे
करने गया है शिकार जैसे
सब उल्टा तब हो है जाता
दुल्हा ही शिकार हो जाता
जब सब कुछ है लुट जाता
बुद्धू लौटके घर को आता
दुल्हन उस दिन है शर्माती
वाणी मुख से नहीं है आती
लगती ऐसे जैसे हो अबोध
जैसे नहीं किसी का बोध
अकेली नहीं है चल पाती
सहेलियाँ सहायतार्थ आती
दुल्हा होता उस दिन खुश
दुल्हन रोने से नही हो चुप
लेकिन यह सब है दिखावा
जब दिखाती वह निज रंग
वहम हो जाता सबका भंग
अकेली वह है लाख समान
खुलने नहीं देती है जुबान
सारी शर्मा दूर चली जाती
तीखी वाणी मुख छा जाती
अबोध खोलती पूरी सुबोध
बिल्कुल भी नहीं वो अबोध
वह अकेली बहुत ही भारी
आने ना दे किसी की वारी
आरी सी जुबान है चलती
तब किसी की नहीं चलती
वो बैंड ,बाजा और बारात
विदाई संग ही थे बस साथ
विदाई समय जितनी रोई
पश्चाताप नहीं तनिक कोई
अब वो बिल्कुल ही है खुश
दुल्हा बिल्कुल अब है फुस
उसके सब रंग हैं चरितार्थ
दुल्हा मांगता अब परमार्थ
शायद यही जीवन की भूल
जब रिश्ता किया था कबूल
यह गृहस्थ जीवन सरलार्थ
यह गृहस्थ जीवन सरलार्थ

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
2 Comments · 421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
// तुम सदा खुश रहो //
// तुम सदा खुश रहो //
Shivkumar barman
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
मैं धरा सी
मैं धरा सी
Surinder blackpen
सोशल मीडिया पर
सोशल मीडिया पर
*Author प्रणय प्रभात*
*असीमित सिंधु है लेकिन, भरा जल से बहुत खारा (हिंदी गजल)*
*असीमित सिंधु है लेकिन, भरा जल से बहुत खारा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
ईमानदारी, दृढ़ इच्छाशक्ति
ईमानदारी, दृढ़ इच्छाशक्ति
Dr.Rashmi Mishra
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
2786. *पूर्णिका*
2786. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
.....★.....
.....★.....
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
A setback is,
A setback is,
Dhriti Mishra
देती है सबक़ ऐसे
देती है सबक़ ऐसे
Dr fauzia Naseem shad
वक्त से वकालत तक
वक्त से वकालत तक
Vishal babu (vishu)
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
किरायेदार
किरायेदार
Keshi Gupta
"दरपन"
Dr. Kishan tandon kranti
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
Sarfaraz Ahmed Aasee
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Mukesh Kumar Sonkar
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
Ms.Ankit Halke jha
कहानी - आत्मसम्मान)
कहानी - आत्मसम्मान)
rekha mohan
वतन
वतन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...