सुनील कुमार 202 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read झूठन को झूठा लगै------ झूठन को झूठा लगै, सत्य समझ नहिं आई। नदी किनारे वृक्ष जैसे, उल्टी प्रतिबिम्ब बनाई।। Hindi · दोहा 3 2 426 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read हिय में सुमिरन जो करै----- हिय में सुमिरन जो करै, सो तो साधु होय। पाहन सुमिरन जो करै, साधु ना कहिए सोय।। Hindi · दोहा 1 152 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read प्रभु सुमिरन जो जन न करै------ प्रभु सुमिरन जो जन न करै, करै ना भक्ति विवेक। मूरख दर-दर फिरि रहा, अधम बगुला भक्त अनेक।। Hindi · दोहा 1 314 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मृदु वचन है बोलि रहा------ मृदु वचन है बोलि रहा, समन्वय भाव फैलाय। हरि को जो समझ लिया,साँच पंडित कहलाय।। Hindi · दोहा 2 2 382 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक प्रभु की है यह सम्पदा------- एक प्रभु की है यह सम्पदा, जीव-जगत एवं नीर। प्राणि में प्राण संचार करै, चार तत्व संग समीर।। Hindi · दोहा 1 206 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read दुख में हरि को जपि रहा----- दुख में हरि को जपि रहा, सुख में दिया बिसारि। शीतलहर सिर चढ़ि गयो, चादर लियो चढ़ाई।। Hindi · दोहा 1 204 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा----- वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा, प्रभु ने दिया बनाय। एक पताका प्रेम का, रहा सज्जन फहराय।। Hindi · दोहा 1 217 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मात कहै बैनी कहै------ मात कहै बैनी कहै, दोनों नारि कै रूप। राम कहै रहीम कहै, नीर-वारि एकरूप।। Hindi · दोहा 1 206 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मैं को हिय से निकालिया------ मैं को हिय से निकालिया, अब है प्रभु का वास। रजनी के पल बीत गयो, आया मधुरिम प्रभात।। Hindi · दोहा 1 239 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सब गुन ताहि बसि रहै------ सब गुन ताहि बसि रहै, हिय में तुम्हारे समाहि। कस्तूरी को खोजत फिरै, मूरख मृग वन जाहि।। Hindi · दोहा 1 423 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक तरफ माँहि मैं रहै------ एक तरफ माँहि मैं रहै, दूजे हरि माँहि नाथ। मिलन कबहुँ न हो सकै, रजनी कै संग प्रभात।। Hindi · दोहा 1 254 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read गुजरे पल फिर ना मिलैं------ गुजरे पल फिर ना मिलैं, देवहिं ताहि बिसारि।। करम आज ही कर लेवहिं, नाहि करौ विचारि।। Hindi · दोहा 2 218 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सेवक करम है करि रहा------ सेवक करम है करि रहा, करम से नाता जोड़ि। मानुष जैसी करनी करै, सो वैसा ही फल पाहि।। Hindi · दोहा 1 465 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read साधु प्रीति है बाँट रहा----------- साधु प्रीति है बाँट रहा, नित घूमि दिशि चहुँओर। जाके रही भावना जैसी, खोलि कै भरे पिटार।। Hindi · दोहा 1 203 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं------- मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं, मिला न अल्लाह-राम। हृदय में जाके खोजि ल्यौ, तामे प्रभु करै विश्राम।। Hindi · दोहा 1 187 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read दुर्जन-निर्दय सब मिले---- दुर्जन-निर्दय सब मिले, सज्जन मिला ना कोय। जो प्राणी को प्रेम बाँटै, सो लाख पुण्य कमाय।। Hindi · दोहा 1 199 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read काया खूब सँवारि रहा काया खूब सँवारि रहा, करकै हिय दुत्कार। सब यही छूट जाएगा, होगा जग अँधियार।। Hindi · दोहा 1 418 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read भाई-भाई देखो लड़ि रहा भाई-भाई देखो लड़ि रहा, द्वेषभाव अपनाय। एक चला जग छोड़ि कै, दूजा मोती टपकाय।। Hindi · दोहा 1 410 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read मानुष हैं सब एक सा साधु गृह-गृह घूमि कै, रहै प्रेम बरसाय। मानुष हैं सब एक सा, अपना लियो बनाय।। Hindi · दोहा 1 173 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read सीप में पानी ज्यौं पड़ा सीप में पानी ज्यौं पड़ा, पानी-पानी होय। स्वाति नखत में देखि ल्यौ, पानी मोती होय।। Hindi · दोहा 1 187 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ सदा ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ, जाति न पूँछै कोय। तोड़ मधुर फल खाइ ल्यौ, वृक्ष न कबहुँ गिनाए।। Hindi · दोहा 1 392 Share सुनील कुमार 26 Sep 2021 · 1 min read मादक मृगनयनी मधुर-मधुर और सुमधुर सुखकर, मद्य से मादक तेरे अधर प्रिये। कटाक्ष दृष्टिपात से वार करे, जो मृगनयनी सा तेरे नेत्र प्रिये। तू है मेघ की मनमोहक छटाएँ, मैं घनघोर बरसता... Hindi · कविता 3 2 247 Share सुनील कुमार 6 Sep 2021 · 1 min read झूठा ठहरै एक पल------ झूठा ठहरै एक पल, साच तो अनन्त बार। साच हमेशा बोलिये, जीवन बने अमृतधार।। Hindi · दोहा 1 2 239 Share सुनील कुमार 6 Sep 2021 · 1 min read समय गवाएँ क्या मिला----- समय गवाएँ क्या मिला, किया न कुछ भी काम। एक दिन तू पछतायेगा, होगा जब नाकाम।। Hindi · दोहा 1 2 541 Share सुनील कुमार 11 Aug 2021 · 1 min read एकता में शक्ति एक दिन एक लड़का घूमने जा रहा था तो रास्ते में उसे दो लड़के लड़ते हुए दिखाई दिए। वह लड़का उन दोनों के पास गया दो-दो थप्पड़ लगाया। दोनों लड़के... Hindi · लघु कथा 2 286 Share सुनील कुमार 24 Jul 2021 · 1 min read मनभावन सावन रिमझिम-रिमझिम फुहारें लेकर, मनभावन सावन आया है ठंडी-ठंडी पवन के झकोरों, ने तन-मन को महकाया है घनघोर-घटाओं की बारिस से, धरा-धुलकर निखरी लगती है नीलगगन में उगा इंद्रधनुष, बच्चों के... Hindi · कविता 1 930 Share सुनील कुमार 23 Jul 2021 · 1 min read झूम-झूम के आया सावन झूम-झूम के आया सावन मोह लिया; मनभावन-सावन मदमस्त हवाएँ; मदमस्त फ़िजाएँ तन-मन को यह ऋतु महकाए काली घटाएँ और तड़ित का गर्जन कर देती है; रोम-रोम का आकुंचन भीनी-भीनी; झीनी-झीनी... Hindi · कविता 1 2 533 Share सुनील कुमार 22 Jul 2021 · 1 min read सावन की घटा घटा हूँ; घटा मैं, सावन की घटा हूँ। सुनो बात मेरी; निराली छटा हूँ। बड़ी ही सयानी; बड़ी ही सुहानी। बहुत हूँ; मैं चंचल, अजब सी मैं कोमल। न किसी... Hindi · कविता 2 218 Share सुनील कुमार 15 Jul 2021 · 1 min read एक हमारी प्यारी बेगम------ एक हमारी प्यारी बेगम, मस्ती भरे; इस यौवन में करती है अनुराग बहुत वो, यथा प्रसून पर भ्रमर का गुंजन चेहरे पर चमक हो जैसे, चन्द्र सी नील-गगन में। पुष्पित... Hindi · कविता 2 2 373 Share सुनील कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read मदमस्त अवस्था सोलह की मुग्ध हुआ, में सौन्दर्य पर उसकी मदमस्त अवस्था सोलह में तीक्ष्ण बाणों से हुआ, मैं घायल कतार सी उसके नेत्रों से पास मिले हम, सुन्दर सी एक सोलह वृक्षों के... Hindi · कविता 1 309 Share सुनील कुमार 4 Jul 2021 · 1 min read हुआ स्नेह संचार बहुत--- हुआ स्नेह संचार बहुत, किया था जब मधुरिम आलिंगन रोम-रोम में उत्साह भरा, हाथों में थामे; हाथ तेरा, संग भ्रमण व संग रमण हुआ, जब तन-मन का संगम। शीतल पवन... Hindi · कविता 2 303 Share सुनील कुमार 2 Jul 2021 · 1 min read वक्त वक्त की बात--- वक्त है तो सुखद है, वक्त नही तो दुःखद है। वक्त वक्त की बात है कि वक्त ही बेवक्त है।। Hindi · दोहा 2 429 Share सुनील कुमार 1 Jul 2021 · 1 min read रति के दिन वो बड़े सुहाने--- रति के दिन वो बड़े सुहाने, चाहत के थे नए अफ़साने हृदय में थे उमंग भरे, गाते थे नित नए तराने आकांक्षा थी उन्हें पाने की, हृदय में उन्हें बसाने... Hindi · कविता 1 191 Share सुनील कुमार 30 Jun 2021 · 1 min read गुजरे पल की यादें---- गुजरे पल याद आते हैं वो, जब हम संग में होते थे मुलाकातों की यादें ताज़ी थीं, हृदय में आशाओं की शहजादी थी झुकी नजरें ; मुस्कान मधुर, भ्रमर को... Hindi · कविता 2 2 724 Share सुनील कुमार 28 Jun 2021 · 1 min read गुजरे दिन वो बचपन के-- गुजरे दिन वो बचपन के, जब खेलते संग हमजोली के मिट्टी के अनोखे खिलौने बनाना, खेल-खेल में धमा-चौकड़ी छोटी-मोटी बातों पर क्रोधित होना, दोस्तों के संग मारामारी शायद दिन वो... Hindi · कविता 1 222 Share सुनील कुमार 24 Jun 2021 · 1 min read मन समर्पित, तन समर्पित मन समर्पित, तन समर्पित प्रियतम को जीवन समर्पित प्रेम का पंछी उड़े गगन में पपीहे का वो राग समर्पित। शशि बिन जैसे व्याकुल रैना, तेरे दरश को आतुर नैना मन... Hindi · कविता 2 2 365 Share सुनील कुमार 20 Jun 2021 · 1 min read कोमल-कोमल पुष्प खिले हैं कोमल-कोमल पुष्प खिले हैं, ख्वाबों के अनोखे उपवन में सुन्दर-सुन्दर स्वप्न सँजोए, बसे हो जैसे-तुम मेरे मन में। पवन वेग सी गतिमान है, साँसों की ग्रीष्म तरंगें पास तेरे हम... Hindi · कविता 2 257 Share सुनील कुमार 18 Jun 2021 · 1 min read गुजरा वो जमाना याद आये गुजरा वो जमाना याद आये जो बीत गया मेरे बचपन का हाथ पकड़कर मां का चलना पांव के नन्हे कदमतालों से। बालसखा संग खेलने जाते लड़ते-झगड़ते, हम इठलाते भूख-प्यास की... Hindi · गीत 1 216 Share सुनील कुमार 1 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात का यह माह सुगन्धित, ऋतुओं में है सबसे अद्भुत घनघोर घटाओं से सुसज्जित बादल, धरा ने है पहने मोती के पायल बारिस की पहली बूँद गिरी तो हो गया... Hindi · कविता 1 304 Share सुनील कुमार 12 May 2021 · 1 min read सुबह को शाम लिखता हूँ सुबह को शाम लिखता हूं रात पैगाम लिखता हूं। तू मुझे अस्वीकार भी कर दे तुझे एहतराम करता हूं। सूना-सूना बीत जाएगा,भले जीवन का हर लम्हा। तेरे बिना जीने को... Hindi · कविता 3 2 727 Share सुनील कुमार 12 May 2021 · 1 min read ठहरा हुआ हूँ ठहरा हुआ हूँ मैं, वृक्षों के जैसे पर चल रहा हूँ मैं, समीर के जैसे मै एक तरंग हूँ, लहरों का जैसे तू एक किरण है, चन्दा की जैसे। तू... Hindi · कविता 3 2 288 Share सुनील कुमार 10 May 2021 · 1 min read मेरे अल्फ़ाज़ मेरे अल्फ़ाज़ कहते हैं कि क्यों उदास रहता है! कभी तू दूर रहता है, कभी मजबूर लगता है। सजी है मेरे हृदय में, चाहत की हसीन महफिलें। दिया हूँ प्रणय... Hindi · कविता 3 2 328 Share सुनील कुमार 25 Apr 2021 · 1 min read चितचोर पिया हे चितचोर पिया ! काहे छोड़ मुझे तू गया? पल-पल आँखें, दरश को तरसे। सावन की बारिश, सी आँखें बरसे। हिय का मेरे चैन चुराकर, आखिर, छोड़ मुझे तू गया।... Hindi · कविता 2 4 297 Share सुनील कुमार 25 Apr 2021 · 1 min read गुजरे दिन वो बचपन के गुजरे दिन वो,बचपन के जब खेलते संग,हमजोली के मिट्टी के अनोखे खेल-खिलौने खेल-खेल में धमा-चौकड़ी छोटी बातों पर क्रोधित होना और यारों के संग मारामारी शायद दिन वो न आये,अब... Hindi · कविता 3 2 305 Share सुनील कुमार 24 Apr 2021 · 1 min read बेरोजगारी हिमालय से ऊंचा, हमने लक्ष्य बनाकर समुंदर से गहरा, हमने सोच बनाकर होगी एक न एक दिन जीवन में तरक्की ज्ञान-विद्या का,अर्जित किये जा रहे हैं। दूर शहर में कमरे... Hindi · कविता 1 2 234 Share सुनील कुमार 24 Apr 2021 · 1 min read गुजरे पल याद आते हैं गुजरे पल याद आते हैं वो जब हम साथ तुम्हारे होते थे। मुलाकातों की यादें ताज़ी थीं हृदय में आशाओं की शहजादी थी झुकी नजरें,मुस्कान मधुर भ्रमर को परागपान की... Hindi · कविता 2 363 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read बसंत बसंत आया, बहार लाया नवप्रभात संग हिय हर्षाया अरुण की किरणें चमक रही वन में चिड़िया चहक रही मौसम ने नया चादर है बिछाया कोयल ने नवगीत सुनाया बसंत आया,... Hindi · कविता 1 2 555 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read बुद्ध का आलोक हुई मानवता तार-तार जब प्रकृति ने आलोक फैला दिया। अज्ञान से डूबे, इस जग में ज्ञान का दीप जला दिया शुद्धोधन-भार्या महामाया के घर सिद्धार्थ सा जलज खिला दिया निशाकाल... Hindi · कविता 2 301 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read ज्ञान का आविष्कार मैं ऐसा क्यों सोचता हूँ,कि धरा के आगोश में सो जाऊँ? नश्वर इस ब्रह्मांड से सदा के लिए खो जाऊँ। प्रकृति की अद्भुत कृति हूँ तो अवगुणों की विकृति भी... Hindi · कविता 3 4 514 Share सुनील कुमार 23 Apr 2021 · 1 min read मदमस्त अवस्था सोलह की मुग्ध हुआ मैं, सौन्दर्य पर उसके मदमस्त अवस्था सोलह में तीक्ष्ण बाणों से हुआ मैं घायल कटार सी उसके नेत्रों से पास मिले हम,सुन्दर सी एक पुष्पों से सुसज्जित उपवन... Hindi · कविता 1 2 248 Share Previous Page 4 Next