Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

एक तरफ माँहि मैं रहै——

एक तरफ माँहि मैं रहै, दूजे हरि माँहि नाथ।
मिलन कबहुँ न हो सकै, रजनी कै संग प्रभात।।

Language: Hindi
1 Like · 226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां की शरण
मां की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
डोर रिश्तों की
डोर रिश्तों की
Dr fauzia Naseem shad
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
माचिस
माचिस
जय लगन कुमार हैप्पी
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
अति-उताक्ली नई पीढ़ी
अति-उताक्ली नई पीढ़ी
*Author प्रणय प्रभात*
3266.*पूर्णिका*
3266.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
‌‌‍ॠतुराज बसंत
‌‌‍ॠतुराज बसंत
Rahul Singh
चन्द्रशेखर आज़ाद...
चन्द्रशेखर आज़ाद...
Kavita Chouhan
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
Ravi Prakash
कांटा
कांटा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
शायर देव मेहरानियां
सत्य केवल उन लोगो के लिए कड़वा होता है
सत्य केवल उन लोगो के लिए कड़वा होता है
Ranjeet kumar patre
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
कवि दीपक बवेजा
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्राण vs प्रण
प्राण vs प्रण
Rj Anand Prajapati
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
सब्र का फल
सब्र का फल
Bodhisatva kastooriya
"ये कैसी चाहत?"
Dr. Kishan tandon kranti
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
Loading...